भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के बारे में:
Legit Meaning In Hindi
सरल उदाहरणों और परिभाषाओं के साथ Legit का वास्तविक अर्थ जानें।.
1 . नियमों के अनुसार; कानूनी।
1 . conforming to the rules; legal.
2 . extremely good.
1 . क्या किट वैध है?
1 . is the team legit?
2 . क्या यह कार वैध है?
2 . is this car legit?
3 . इस बार यह वैध है।
3 . this time its legit.
4 . सुनिश्चित करें कि यह वैध है।
4 . make sure it's legit.
5 . आप वैध हैं, आप सुरक्षित हैं।
5 . you legit, you're safe.
6 . यह वास्तव में सुपर वैध है।
6 . it's actually super legit.
7 . उसने सही मायने में उसे एक मनोरोगी कहा।
7 . she legit just called her a psycho.
8 . दोनों ने वैध टीम होने का दावा किया;
8 . both claimed to be the legit squad;
विकीएफएक्स समीक्षा: क्या ऑप्टियम समूह में निवेश करना ठीक है?
Optimum Global | 2022-09-23 23:03
एब्स्ट्रैक्ट:ऑप्टियम ग्रुप एक ऑनलाइन विदेशी मुद्रा दलाल है जो विश्व स्तर पर अपने ग्राहकों को कुछ वित्तीय साधन प्रदान करता है। इस लेख में हम एक प्रश्न का उत्तर देने जा रहे हैं, "क्या यह ब्रोकर विश्वसनीय है?"
ऑप्टियम ग्रुप के बारे में
ऑप्टियम ग्रुप एक ऑनलाइन फॉरेक्स ब्रोकर है जिसे एक साल के भीतर स्थापित किया गया है। इस ब्रोकर का भौतिक पता ग्रेसचर्च सेंट, लंदन EC3V 0AG, यूके है। विकीएफएक्स के अनुसार, यह ब्रोकर यूके में पंजीकृत था, और संयुक्त राज्य अमेरिका में एक नियामक लाइसेंस रखता है। हम इस दलाल को एक घोटाला मानते हैं। लेकिन क्यों?
निवेशकों के क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है पावर ऑफ अटॉर्नी के गलत इस्तेमाल पर लगेगी रोक, SEBI ने जारी किया सर्कुलर
सर्कुलर में सेबी ने कहा कि 18 नवंबर से स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) के प्लेटफॉर्म के जरिए म्यूचुअल फंड यूनिट्स की खरीद बिक्री के लिए भी डीमैट डेबिट प्लेज इंस्ट्रक्शन (DDPI) की जरूरत होगी.
निवेशकों के पावर ऑफ अटॉर्नी (PoA) का दुरुपयोग रोकने के लिए सेबी (SEBI) क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है ने डीमैट डेबिट प्लेज इंस्ट्रक्शन स्लिप (Demat Debit क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है Pledge Instruction) का दायरा बढ़ा दिया है. यह एक्सचेंज प्लेटफॉर्म से म्यूचुअल फंड्स यूनिट के सौदों पर भी लागू होगा और एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर ओपन ऑफर टेंडर में शेयर टेंडर भी इसके दायरे में आएंगे. सेबी ने गुरुवार को जारी एक सर्कुलर में यह बात कही.
18 नवंबर से प्रभावी होंगे नियम
सर्कुलर में सेबी ने कहा कि 18 नवंबर से स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) के प्लेटफॉर्म के जरिए म्यूचुअल फंड यूनिट्स की खरीद बिक्री के लिए भी डीमैट डेबिट प्लेज इंस्ट्रक्शन (DDPI) की जरूरत होगी. साथ ही अगर कोई एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के जरिए ओपन क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है ऑफर टेंडर में शेयर टेंडर करता है, तो उसके लिए भी DDPI जरूरी होगा.
DDPI आने के बाद पावर ऑफ अटार्नी का दुरुपयोग रुकने की उम्मीद क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है है. सेबी ने जुलाई में इसे लागू का आदेश दिया था, लेकिन बाद में थोड़ा और मौका देते हुए इसे सितंबर से लागू करना जरूरी क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है किया था. DDPI में निवेशक, ब्रोकर और डिपॉजिटरी को 2 चीजों में उपयोग के लिए ही अधिकार देता है. जैसे- सौदों के बदले पे इन ऑब्लिगेशन की देनदारियां पूरा करने के लिए और मार्जिन की जरूरत पड़ने पर शेयरों को गिरवी रखने का ही अधिकार है. जबकि पॉवर ऑफ अटार्नी (PoA) में एक तरह से ब्रोकर के पास खाते को चलाने का पूरा अधिकार मिल जाता था. इसी वजह से दुरुपयोग की आशंका भी बढ़ जाती थी.
Flat खरीदने से पहले इन 6 मह्त्वपूर्ण प्वाइंट्स को जानें, कम पैसे में ले पाएंगे अच्छी डील
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: September 27, 2022 16:10 IST
Photo:INDIA TV Flat buying
Highlights
- ब्रोकर को 2 से 5 फीसदी तक कमीशन लेता है
- अलग-अलग ब्रोकर से संपर्क करना बेहतर
- बिल्डर हमेशा खरीददार को फ्लैट का बेस रेट बताता है
Flat खरीदने जा रहे हैं। क्या आप रियल एस्टेट सेक्टर से अवगत है? हां या नहीं। अगर हां, तो रियल्टी सेक्टर में बिल्डर, प्रॉपर्टी, प्रोजेक्ट, कीमत, लोकेशन, ब्रोकर आदि के रोल से परिचित होंगे। अगर नहीं या आधी-अधूरी जानकारी है तो हम आपको दे रहे हैं कुछ मह्त्वपूर्ण जानकरी। ये आपको रियल्टी की दुनिया को समझने और सही प्रॉपर्टी चुनने में मदद करेंगे।
1. प्रॉपर्टी का चयन
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले वैध प्रॉपर्टी का चुनाव बहुत मह्त्वपूर्ण होता है। वैध प्रॉपर्टी चुनाव में ऑनलाइन पोर्टल की भूमिका काफी अहम हो गई है। प्रॉपर्टी के विषय में जानकारी ऑनलाइन जुटाएं। इसके बाद प्रोजेक्ट की कनेक्टिविटी और बिल्डर के विषय में जानकारी इकट्ठी करें। फिर फ्लैट का कारपेट एरिया, प्रोजेक्ट में मिलने वाली सुविधाएं, कीमत आदि का आकलन करें। अगर, आप खुद ये बातें नहीं समझ पाते हैं तो किसी क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है विशेषज्ञ की मदद लें।
क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है
SEBI ने शेयर गिरवी रखने के लिए POA से बदलने के लिए DDPI की शुरुआत की; म्यूचुअल फंड उद्योग द्वारा NFO पर 3 महीने के लिए प्रतिबंध लगाया
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है ने ‘डीमैट डेबिट और प्लेज इंस्ट्रक्शन (DDPI)’ नामक एक नया दस्तावेज पेश किया है जो 1 जुलाई, 2022 से प्रभावी होगा। DDPI मार्जिन उद्देश्य के लिए स्टॉक को गिरवी रखने और गिरवी रखने के उद्देश्य से पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) की जगह लेगा। यह ग्राहक के डीमैट अकाउंट में पंजीकृत होगा।
DDPI की जरूरत:
ग्राहकों द्वारा स्टॉक ब्रोकरों को POA के संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए दिए गए।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 250