गौरतलब है कि पाकिस्तान में बेहद गरम सियासी माहौल के बीच देश की अर्थव्यवस्था के श्रीलंका की राह पर आख़िर डॉलर कैसे बना दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा जाने के संकेत मजबूत हो रहे हैं। नीति निर्माताओं को अंदेशा है कि आर्थिक हालात बिगड़ने से देश राजनीतिक अस्थिरता की तरफ जा सकता है।
Rupee vs Dollar: ऐतिहासिक स्तर पर फिसला रुपया, क्यों आ रही है गिरावट और क्या होगा इसका असर?
- भारतीय रुपये के कमजोर होने से महंगाई बढ़ सकती है।
- डॉलर की मजबूती से आयात महंगा हो जाएगा।
- इस साल की शुरुआत से ही रुपया डगमगा रहा है।
नई दिल्ली। आज भारतीय रुपया पहली बार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले (Rupee vs Dollar) 80 से भी नीचे गिर गया। शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 7 पैसे की गिरावट के साथ अब तक के सबसे निचले स्तर 80.05 पर आ गया। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत पिछले आठ सालों में 16.08 रुपये यानी 25.39 फीसदी फिसल चुकी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2014 में विनिमय दर 63.33 रुपये प्रति डॉलर थी।
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आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए छह बिलियन डॉलर का नया कर्ज मंजूर किया है। लेकिन उनसे कई शर्तें लगाई हैं, जिन्हें आख़िर डॉलर कैसे बना दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा पूरा करने के बाद ही कर्ज की किस्तें जारी होंगी। पहली किस्त के तहत नौवीं समीक्षा के बाद 1.8 बिलियन डॉलर की रकम जारी करने पर सहमति हुई थी।
Pakistan News: पाकिस्तान के आर्थिक संकट से उबरने की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान सरकार ने यह स्वीकार किया है कि ‘कई मुद्दों’ पर उसका अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ मतभेद खड़ा हो गया है।
इससे पाकिस्तान आख़िर डॉलर कैसे बना दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा के आर्थिक प्रदर्शन की नौवीं समीक्षा में देर हो रही है। इस समीक्षा में खरा उतरने से पहले पाकिस्तान को आईएमएफ से कर्ज मिलना संभव नहीं है। जबकि जल्द कर्ज नहीं मिला, तो पाकिस्तान के डिफॉल्ट करने (कर्ज चुकाने में अक्षम होने) के और करीब पहुंच जाएगा।
हालांकि पाकिस्तान सरकार ने इसे सार्वजनिक रूप से नहीं कहा है, लेकिन समझा जाता है कि मतभेद के जिन ‘कई मुद्दों’ का जिक्र उसने किया है, उनमें एक रूस से रियायती दर पर कच्चा तेल खरीदने की पाकिस्तान की कोशिश भी है।
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