शेयर बाजार में गिरावट आने पर बिना सोचे समझे शेयर बेचने से बड़ी गलती कोई नहीं है. हालांकि ये भी सही नहीं है कि आप कुछ न करें. बेहतर है कि आ रही खबरों से ज्यादा दिमाग उन डे ट्रेडिंग से लगातार पैसा कमाना मुश्किल क्यों है कंपनियो पर लगाएं जिसमें आपने निवेश किया है. अगर आपको पता है कि आपने सिर्फ स्टॉक के प्रदर्शन को देखकर जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में कहीं निवेश किया है तो तुरंत निवेश की समीक्षा करें . हालांकि अगर आपने किसी कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर सोच समझकर निवेश किया है तो शांत रहें, मजबूत कंपनियों में संभावना होती है कि वो रिकवरी के संकेत दिखते ही न केवल अपने नुकसान की भरपाई करती हैं वहीं इस गति के साथ वो और बढ़त भी दर्ज करती हैं.
Penny Stocks में एक हजार रूपये इन्वेस्ट करके एक लाख कैसे कमाए?
शेयर मार्केट के अंदर काम करने वाला प्रत्येक व्यक्ति जल्दी से जल्दी पैसा कमा कर अमीर बनना चाहता है। अच्छी खासी वेल्थ जेनरेट करने के लिए Stock market सबसे अच्छा माध्यम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रत्येक बड़े से बडे इन्वेस्टर ने भी पेनी स्टॉक्स में निवेश करके ही अपार धन कमाया है। अगर राकेश झुनझुनवाला जी का उदाहरण दिया जाए तो उन्होंने भी टाइटन (Titan) कंपनी में तब इन्वेस्ट किया था। जब उसके 1 शेयर का प्राइस 3 रूपये था, यह 2003 की बात है।
आज टाइटन के 1 शेयर का प्राइस ढाई हजार से भी ऊपर है। आप इससे अनुमान लगा सकते हैं कि stocks कितना ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं और आपको कितना अमीर बना सकते हैं। लेकिन यह इतना भी आसान नहीं है। Penny stocks का प्राइस जितना ज्यादा आकर्षक होता है, उनसे पैसा कमाना उतना ही रिस्की होता है।
Penny stock अगर चल गया तो आपको अरबपति भी बना सकता है। यदि पेनी स्टॉक्स का प्राइस डूब गया तो आपका इन्वेस्टमेंट जीरो भी हो सकता है। पेनी स्टॉक में पैसा इन्वेस्ट करने से पहले आपको उनके बारे में गहन रिसर्च करना चाहिए। यदि पेनी स्टॉक्स के प्राइस में ऊपर जाने का पोटेंशियल दिखाई दे तभी उसमें पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए। NIFTY VIX/INDIA VIX Calculate कैसे करें? कल NIFTY कहाँ जायेगा?
पैनी स्टॉक्स किसे कहते हैं?
पैनी स्टॉक्स वे शेयर जो बहुत कम कीमत पर ट्रेड करते हैं। जिनका बाजार पूंजीकरण बहुत कम होता है। इन शेयरों में वॉल्यूम कम होता है। ज्यादातर Penny stocks का प्राइस 10 रूपये से कम होता है। पैनी स्टॉक्स ज्यादातर छोटी कंपनियों के होते हैं और जिनमें ट्रेडिंग के दौरान वॉल्यूम कम होता है, जिसके कारण इन्हें बेचना मुश्किल हो सकता है।
कम वॉल्यूम के कारण निवेशकों को इनकी stock market के अनुरूप सही कीमत नहीं मिल पाती है। पैनी स्टॉक्स को खरीदने और बेचने वाले लोग कम होने के कारण, इन्हे बहुत ज्यादा स्पेक्युलेटिव माना जाता है। जिसके कारण इन शेयरों में नुकसान होने की आशंका बहुत ज्यादा होती है इसलिए ही Penny stocks को बहुत ज्यादा रिस्की माना जाता है। फंडामेंटल एनालिसिस ऑफ़ स्टॉक्स क्या है ?
पैनी स्टॉक्स की कीमत में उतार-चढ़ाव
पैनी स्टॉक्स अक्सर उन कंपनियों के होते हैं, जिनके पास नकदी की कमी और सीमित संसाधन होते हैं। ये अक्सर ग्रोइंग (growing) कंपनियों के शेयर होते हैं। ये मुख्य रूप से छोटी कंपनियां हैं इसलिए जो इन्वेस्टर रिस्क ले सकते हैं। उनके लिए Penny stocks में पैसा इन्वेस्ट करना।
सामान्यतः इनमें वोलेटिलिटी बहुत ज्यादा रहती है इसलिए इनमें कम समय में बहुत अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना भी रहती है। इन्हें हाई रिस्क हाई रिवार्ड वाले शेयर भी कहा जाता है। इनमें इन्वेस्टर अपने सम्पूर्ण इन्वेस्ट किये पैसे को खो सकते हैं और यदि इनमें मार्जिन मनी से ट्रेडिंग की तो आप इनमें अपने लगाए पैसे से अधिक का नुकसान भी कर।
Penny stocks में रिस्क बहुत ज्यादा होता है इसलिए इनमें इन्वेस्ट करने से पहले सावधान रहना चाहिए। यानि इनमें इन्वेस्ट करने से पहले स्टॉप-लॉस जरूर लगाना चाहिए। स्टॉप-लॉस की वजह से, ट्रेड के विपरीत दिशा में चलने पर होने वाले अत्यधिक नुकसान से बचाव हो जाता है। हालाकिं Penny stocks बहुत ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं। Stop Loss कहाँ तथा कैसे लगायें - Stop loss in trading पैनी स्टॉक्स से यथार्तवादी अपेक्षाएं रखनी चाहिय्ये क्योंकि इनमें कम वॉल्यूम के साथ हाई रिस्क,हाई रिटर्न जुड़ा ा है।
पैनी स्टॉक्स में अधिक जोखिम के क्या कारण हैं?
जिन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण कम होता है, उनके शेयरों को पैनी स्टॉक्स कहा जाता है। ये कंपनियां बहुत कम कीमत पर अपने शेयर बेचती है इसलिए कंपनी की ग्रोथ के साथ, इनके शेयर के ऊपर जाने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। हालांकि कुछ कारण पैनी स्टॉक्स को बहुत अधिक जोखिम भरा बना देते हैं जैसे, जिन कंपनियों के फंडामेंटल खराब ा हैं।
ऐसी कंपनियों के शेयर भी बहुत ज्यादा गिरकर पैनी स्टॉक्स की श्रेणी में आ जाते हैं। ऐसी कंपनियों के पैनी स्टॉक्स बहुत ज्यादा रिस्की होते हैं। इसलिए भी Penny stocks में पैसा इन्वेस्ट करने से पहले अच्छी तरह रिसर्च कर लेना चाहिए। इनमें Blue chip कंपनियों के मुकाबले इन्वेस्टमेंट ज्यादा जोखिम भरा माना जाता है।
ब्लू चिप कंपनी राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त, आर्थिक रूप से मजबुत और अच्छे से स्थापित कंपनी होती है। ब्लू चिप कंपनियां सामान्यतः हाई क्वालिटी प्रोडक्ट और सेवाएं को बहुत बड़े स्तर पर बेचती हैं। इन कंपनियों का विपरीत आर्थिक परिस्थितियों में भी, कंपनी के अच्छे से संचालित होने का इतिहास होता है। जिसकी वजह से भविष्य में इनकी विश्वसनीय और स्थिर ग्रोथ की संभावनाएं ब्लू चिप कंपनी में, पैनी स्टॉक्स की कंपनी से बहुत ज्यादा होती हैं।
Education Loan: एजुकेशन लोन चुकाने में हो रही है मुश्किल? इन आसान तरीकों से कर्ज का बोझ कर सकते हैं कम
आज के समय में बच्चे की पढ़ाई के पीछे पेरेंट्स की पूरी जमा-पूंजी खर्च हो जाती है.
Education Loan: आज के समय में बच्चे की पढ़ाई के पीछे पेरेंट्स की पूरी जमा-पूंजी खर्च हो जाती है. देश में हायर एजुकेशन लगातार महंगी होती जा रही है. इतना ही नहीं, अगर आप अपने बच्चे को पढ़ाई के लिए विदेश भेजते हैं तो डे ट्रेडिंग से लगातार पैसा कमाना मुश्किल क्यों है वहां भी आपको काफी पैसों की जरूरत पड़ेगी. बढ़ती महंगाई के चलते भी ऐसा हो सकता है कि इसमें आपके अनुमान से अधिक खर्च हो. रुपये में गिरावट की वजह से भी विदेशी विश्वविद्यालयों में हायर एजुकेशन महंगी होती जा रही है. इन्ही वजहों से ज्यादातर लोग पैसों की जरूरत को पूरा करने के लिए एजुकेशन लोन लेते हैं. हालांकि, एजुकेशन लोन के अलावा भी कई ऐसे तरीके हैं जिनकी मदद से आप हायर एजुकेशन के लिए फंड की जरूरत को पूरा कर सकते हैं. इन तरीकों की मदद से या तो आपको लोन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी या आपको कम लोन लेना पड़ेगा.
एजुकेशन लोन पर निर्भरता ऐसे कर सकते हैं कम
Kuhoo फिनटेक के फाउंडर प्रशांत ए भोंसले ने कहा, “वर्तमान समय में हायर एजुकेशन महंगी है. छात्रों को अक्सर अपने एजुकेशन के लिए लोन पर निर्भर रहना पड़ता है. इसलिए, यह जरूरी है कि वे अपने फाइनेंशियल प्लानिंग और उसका प्रबंधन करना सीखें ताकि वे इन लोन का भुगतान कर सकें और सही मायने में आत्मनिर्भर हो सकें.” भोंसले ने कुछ तरीके बताए हैं जिनकी मदद से स्टूडेंट्स एजुकेशन लोन पर अपनी निर्भरता को कम कर सकते हैं. ये तीन तरीके हैं-
Pension Plan: रिटायरमेंट पर एकमुश्त मिलेगा 1.5 करोड़, साथ में 75 हजार रु पेंशन, 28 की उम्र हो गई तो क्या करें?
- बचत/निवेश
- स्कॉलरशिप
- लोन
खर्चों का लगा लें अनुमान और उठाएं ये जरूरी कदम
आपको पढ़ाई के दौरान होने वाले खर्चों का सटीक अनुमान होना जरूरी है. खर्चों में ट्यूशन फीस समेत रहने, खाने से जुड़े अन्य खर्च शामिल हो सकते हैं. उपलब्ध फंड के अलावा जो अतिरिक्त फंड की जरूरत पड़ेगी उसे आप लोन लेकर पूरा कर सकते हैं. इसके साथ ही, आपको यह अनुमान भी लगा लेना चाहिए कि पढ़ाई के बाद उस फील्ड में आपकी सैलरी कितनी हो सकती है. इससे आपको यह समझने में आसानी होगी कि आप कितनी EMI वहन कर सकते हैं. यह ठीक नहीं है कि आप लोन की EMI के लिए भविष्य का इंतजार करें. इसके बजाए आपको वर्तमान में भी लोन चुकाने के लिए प्रयास शुरू कर देना चाहिए. आप अपने ही फील्ड में पैसा कमाने के लिए इंटर्नशिप / प्रोजेक्ट वर्क / पार्ट टाइम टीचिंग जॉब / रिसर्च असिस्टेंट जॉब जैसे विकल्पों पर विचार कर सकते हैं. दुनिया भर में कई मास्टर्स / पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन विकल्पों की पेशकश करते हैं ताकि यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सके कि स्टूडेंट्स को अपनी पैसों की जरूरत को पूरा करने में आसानी हो.
शेयर बाजार में आई गिरावट के बीच न करें ये गलतियां, उठाना पड़ेगा तगड़ा नुकसान
विदेशी बाजारों से मिले संकेतों की वजह से शेयर बाजार (Stock Market) में फिलहाल गिरावट देखने को मिल रही है. घरेलू बाजारों में महंगाई, कच्चे तेल और रूस यूक्रेन संकट (Russia Ukraine Crisis) का दबाव देखने को मिल रहा है. इससे निवेशकों खास तौर पर छोटे निवेशकों के बीच हलचल मच गई है. बाजार में नुकसान उठाने वाले निवेशकों के सामने सवाल है कि वो अपने निवेश का क्या करें. वहीं दूसरी तरफ बाजार में आई गिरावट का फायदा उठाने की कोशिश में जुटे छोटे निवेशक भी ‘क्या करें’ वाली स्थिति में हैं. अक्सर देखने को मिलता है कि ऐसी स्थिति में निवेशक (Small Investor) ये भूल जाते हैं कि उन्हें क्या नहीं करना डे ट्रेडिंग से लगातार पैसा कमाना मुश्किल क्यों है चाहिए. Groww ने एक ब्लॉग के जरिए समझाया है कि छोटे निवेशकों को बाजार में गिरावट के समय क्या नहीं करना चाहिए.
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खर्चों का लगा लें अनुमान और उठाएं ये जरूरी कदम
आपको पढ़ाई के दौरान होने वाले खर्चों का सटीक अनुमान होना जरूरी है. खर्चों में ट्यूशन फीस समेत रहने, खाने से जुड़े अन्य खर्च शामिल हो सकते हैं. उपलब्ध फंड के अलावा जो अतिरिक्त फंड की जरूरत पड़ेगी उसे आप लोन लेकर पूरा कर सकते हैं. इसके साथ ही, आपको यह अनुमान भी लगा लेना चाहिए कि पढ़ाई के बाद उस फील्ड में आपकी सैलरी कितनी हो सकती है. इससे आपको यह समझने में आसानी होगी कि आप कितनी EMI वहन कर सकते हैं. यह ठीक नहीं है कि आप लोन की EMI के लिए भविष्य का इंतजार करें. इसके बजाए आपको वर्तमान में भी लोन चुकाने के लिए प्रयास शुरू कर देना चाहिए. आप अपने ही फील्ड में पैसा कमाने के लिए इंटर्नशिप / प्रोजेक्ट वर्क / पार्ट टाइम टीचिंग जॉब / रिसर्च असिस्टेंट जॉब जैसे विकल्पों पर डे ट्रेडिंग से लगातार पैसा कमाना मुश्किल क्यों है विचार कर सकते हैं. दुनिया भर में कई मास्टर्स / पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन विकल्पों की पेशकश करते हैं ताकि डे ट्रेडिंग से लगातार पैसा कमाना मुश्किल क्यों है यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सके कि स्टूडेंट्स को अपनी पैसों की जरूरत को पूरा करने में आसानी हो.
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