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What is Gender Self-Identification | लिंग स्व-पहचान सुधार क्या हैं | क्या भारत में लिंग स्व-पहचान प्रणाली है?

More recently, Scotland & Spain have passed Gay Reform Laws, according to which a person can change their (Legally Registered) gender without the need for any medical supervision. But prior to this law, any person required to undergo two ऑर्डर के प्रकार क्या हैं? years of hormone therapy and a psychological evaluation in order to change their gender on official records.

Apart from Scotland & Spain, there are other countries where such laws already exist. For example, 15 countries around the world recognize Self-ID, including Denmark, Portugal, Norway, Malta, Argentina, Ireland, Luxembourg, Greece, Costa Rica, Mexico (only in Mexico City), Brazil, Colombia, Ecuador and Uruguay.

In other words, Spain allows anyone over the age of 16 to change their legally registered gender without the need for medical supervision.

With reference to India,

In India, the Rights of Transgender persons are governed by the Protection of Rights of Transgender Persons Act, 2019 and the Protection of Rights of Transgender Persons Rules, 2020.

  1. Under the rules, the application has to be made to the District Magistrate to declare the gender.
  2. Parents can also apply on behalf of their child.
  3. There will be no medical or physical test for the procedures for issue of Certificate of Identity/Gender Change.

In the National Legal Services Authority V/S Union of India, 2014 case, the Supreme Court had declared transgender people to be the ‘3rd gender‘.

According to the Indian Constitution, The Right to Equality (Article-14) and Freedom of Expression (Article 19(1)(a)) were formulated in gender-neutral terms. Under which all persons were included.

In 2018, the Hon’ble Supreme Court decriminalized same-sex relationships as per Section 377 of the Indian Penal Code.

Note : Use newspaper and other sources for more information. Don’t completely depend on it.

Source : The Logical Indian Crew & others sources.

हाल ही में, स्कॉटलैंड और स्पेन ने, समलैंगिक सुधार कानून पारित किया हैं, इस कानून के अनुसार, व्यक्ति बिना किसी चिकित्सा पर्यवेक्षण की आवश्यकता के अपने (कानूनी रूप से पंजीकृत) लिंग को बदल सकता है। मगर इस कानून से पहले, किसी भी व्यक्ति को आधिकारिक रिकॉर्ड में अपना लिंग बदलने के लिए, पहले दो साल की हार्मोन थेरेपी और एक मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन की आवश्यकता होती थी।

स्कॉटलैंड और स्पेन के अलावा कुछ और भी ऐसे देश हैं, जहां पर इस प्रकार के कानून पहले से मौजूद हैं। जैसे – डेनमार्क, पुर्तगाल, नॉर्वे, माल्टा, अर्जेंटीना, आयरलैंड, लक्जमबर्ग, ग्रीस, कोस्टा रिका, मैक्सिको (केवल मेक्सिको सिटी में), ब्राजील, कोलंबिया, इक्वाडोर व उरुग्वे सहित दुनिया भर के 15 देश स्व-आईडी को पहचानते हैं ।

अन्य शब्दों में, स्पेन ने 16 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति को चिकित्सा पर्यवेक्षण की आवश्यकता के बिना अपने कानूनी रूप से दर्ज लिंग को बदलने की अनुमति दी है।

भारत के संदर्भ में,

भारत में, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण अधिनियम, 2019 और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण नियम, 2020 द्वारा शासित होते हैं।

  1. नियमों के तहत लिंग घोषित करने के लिए आवेदन जिलाधिकारी को करना होता है।
  2. माता-पिता भी अपने बच्चे की ओर से आवेदन कर सकते हैं।
  3. पहचान/लिंग परिवर्तन का प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रियाओं के लिए कोई चिकित्सीय या शारीरिक परीक्षण नहीं होगा ।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ, 2014 मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने ट्रांसजेंडर लोगों को ‘तृतीय लिंग’ घोषित किया था।

भारतीय संविधान के अनुसार, समानता का अधिकार (अनुच्छेद-14) और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1)(ए)) को लैंगिक-तटस्थ शर्तों में बनाया गया था। जिसके अंतर्गत सभी व्यक्तियों को शामिल किया गया।

2018 में, माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड ऑर्डर के प्रकार क्या हैं? संहिता ऑर्डर के प्रकार क्या हैं? की धारा-377 के अनुसार, समलैंगिक संबंधों को भी अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया।

नोट : अधिक जानकारी हेतु अखबार व अन्य स्रोतों का प्रयोग करें। पूर्ण रूप से इस पर निर्भर न रहें।

चेक के प्रकार: Types of Cheques कितने हैं?

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चेक एक कागज़ है. है न? कागज़ ही तो है. भले ही उसकी वैल्यू लाखों की हो सकती है….पर चेक एक कागज़ ऑर्डर के प्रकार क्या हैं? ही है…ठीक नोट की तरह….पर परीक्षा में ऐसे लिखिएगा तो आपको जीरो मार्क्स मिलेंगे. परीक्षा में ऐसे लिखना होगा:—- चेक बैंक द्वारा अकाउंट होल्डर को दिया जाने वाला वह भुगतान का साधन है जिससे ग्राहक किसी अगले व्यक्ति को अपने अकाउंट से डायरेक्ट कैश न देकर भुगतान कर सकता है. यह हुई न बात! अब मिलेंगे आपको १० में से १०. भले ही शिक्षक को समझ न आये!

चेक में आप किसे पैसे दे रहे हैं, उनका नाम लिखना होता है…वह किसी व्यक्ति का नाम भी हो सकता है या किसी फर्म का. चेक में आपको यह भी भरना होता है कि आप कितने पैसे उस व्यक्ति को दे रहे हैं (शब्द और संख्या में), कब दे रहे हैं (Date)…और अंत में आपको सिग्नेचर करना पड़ता है. आपका चेक लेकर बन्दा अपने अकाउंट में डाल देता है और आपने जितना अमाउंट उसे दिया था वो उसके अकाउंट में ट्रान्सफर हो जाता है.

संक्षेप में कह ऑर्डर के प्रकार क्या हैं? सकते ऑर्डर के प्रकार क्या हैं? हैं कि चेक बिना कैश का भुगतान है, जैसे इलेक्ट्रॉनिक ट्रान्सफर.

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चेकों का वर्गीकरण: स्थान के आधार पर

१. स्थानीय चेक – Local Cheque

यदि City A का चेक City A में ही clear हो तो इसे स्थानीय चेक कहते हैं. जैसे आपको यदि मैंने आपके नाम पर चेक दिया, तो आपको उस चेक को लेकर शहर के ही सम्बंधित ब्रांच में जाना पड़ेगा, आप शहर से बाहर ले कर उसे clear करवाओगे तो आपको अलग से पैसे लगेंगे (fixed banking charges).

२. आउटस्टेशन चेक -Outstation Cheque

यदि स्थानीय चेक को शहर से बाहर ले जाकर clear कराया जाए तो वह चेक आउटस्टेशन चेक कहलायेगा जिसके लिए बैंक फिक्स्ड चार्जेज लेती है.

३. एट पार चेक – At par Cheque

यह ऐसा चेक है जो पूरे देश में सबंधित बैंक के सभी ब्रांचों में स्वीकार्य है. और ख़ास बात यह है कि बाहर के ब्रांचों में इसे clear करने के दौरान अतिरिक्त प्रभार नहीं लगता (no additional ऑर्डर के प्रकार क्या हैं? charges).

चेकों का वर्गीकरण: मूल्य के आधार पर

१. साधारण मूल्य वाले चेक -Normal Value Cheques

1 लाख से कम मूल्य वाले चेक नॉर्मल वैल्यू चेक कहलाते हैं.

२. ऊँचे मूल्य वाले चेक -High Value Cheques

1 लाख से ऊपर वाले चेक हाई वैल्यू चेक कहलाते हैं.

३. उपहार चेक – Gift Cheques

अपने प्रिय जनों को उपहारस्वरूप दिए जाने वाले चेक गिफ्ट चेक कहलाते हैं. उपहार चेकों की राशि 100 रु. से लेकर 10,000 रु. तक हो सकती है.

चेक मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं –

1. खुला चेक – Open Cheque

खुला चेक वह चेक होता है जिसे बैंक में प्रस्तुत कर काउंटर पर ही नकद प्राप्त किया जा सकता है. Clarence के लिए आपको इंतज़ार करने की जरुरत नहीं है. गीव एंड टेक…..ओपन चेक को धारण करने वाला व्यक्ति काउंटर में जा कर, चेक दिखाकर….पैसे ले सकता है और या तो अपने अकाउंट में पैसे को ट्रान्सफर कर सकता है या चेक के पीछे हस्ताक्षर कर के किसी अन्य व्यक्ति को प्राधिकृत (authorize) कर सकता है.

2. बेयरर चेक – Bearer Cheque

बेयरर चेक वह चेक है जो खाताधारी (account holder) का कोई भी प्रतिनिधि बैंक में जाकर भुना सकता है. प्रतिनिधि को चेक देते समय चेक के पीछे हस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीं होती एवं मात्र चेक दे देने से निकासी हो जाती ऑर्डर के प्रकार क्या हैं? है. ये चेक risky भी हो सकते हैं क्योंकि अगर यह चेक अगर भुला गया तो कोई भी बैंक जा कर इसे भुना सकता है.

3. क्रॉस्ड चेक – Crossed Cheque

क्रॉस्ड चेक किसी विशेष व्यक्ति या संस्था के नाम से लिखा जाता है और ऊपर बायीं ओर दो समानांतर लाइनें खींच दी जाती हैं जिनके बीच “& CO.” or “Account Payee” or “Not Negotiable” लिखा या नहीं भी लिखा जा सकता है. इस चेक से नकद निकासी नहीं होती और सम्बंधित राशि केवल नामित व्यक्ति/संस्था के खाते में हो सकती है.

4. आदेश चेक – Order Cheque

इस चेक में “bearer” शब्द को काट दिया जाता है और उसके स्थान पर “order” लिख दिया जाता है. इसमें खुले चेक की तरह चेक से अपने अकाउंट में पैसे को ट्रान्सफर कर सकता है या चेक के पीछे हस्ताक्षर कर के किसी अन्य व्यक्ति को प्राधिकृत (authorize) कर सकता है.

चेक का वर्गीकरण: गारंटी भुगतान के आधार पर

1. सेल्फ चेक – Self Cheque

सेल्फ चेक वह होता है जिसे खाताधारी बैंक में प्रत्यक्ष भुगतान के लिए स्वयं प्रस्तुत करता है. इसमें भुगतान पाने वाले के नाम की जगह पर “Self” लिखा जाता है.

2. आगे की तारीख वाला चेक – Post-dated Cheque (PDC)

आगे की तिथि में भुगतान वाला चेक एक ऐसा क्रॉस किया हुआ बेयरर चेक होता जिसमें आगे की तिथि अंकित की जाती है. इसका अर्थ यह हुआ है कि इस चेक का भुगतान अंकित तिथि या उसके बाद हो सकता है.

3. पीछे की तारीख वाला चेक – Ante-dated Cheque (ADC)

इस चेक में बैंक में प्रस्तुत करने के पहले की तिथि होती है. यह चेक अंतिम तिथि से तीन महिना के पूरा होने के तक भुनाया जा ऑर्डर के प्रकार क्या हैं? सकता है.

4. काल बाधित चेक – Stale Cheque

हर चेक को उसमें अंकित तिथि के तीन महीने के अन्दर-अन्दर भुनाने का नियम है. यदि यह तिथि पार हो जाती है काल बाधित चेक कहलाता है जो बैंक के द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है.

ठंड बढ़ गई है. क्रिसमस पर खाएं उदयपुर के स्पेशल ड्राई फ्रूट्स वाले केक

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News18 हिंदी 2 दिन पहले News18 Hindi

रिपोर्ट-निशा राठौड

उदयपुर. क्रिसमस का फेस्टिवल हो और केक की बात न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. यीशु के जन्म को देखते हुए बाजार में कई वैरायटी के केक तैयार है. कोई चॉकलेट, कोई फ्रूट तो कोई प्लम फ्लेवर केक से मुंह मीठा कराना चाहता है. इसके लिए मसीही समुदाय ने एक महीना पहले से ही केक तैयार करना शुरू कर दिया है और कई ऐसी फैमिली भी हैं जो केक का ऑर्डर बेकरी शॉप को दे रही हैं.

उदयपुर शहर की बात की जाए तो यहां पर भी विभिन्न तरीके के केक तैयार किए जा रहे हैं. अशोका बेकरी के संचालक शेफ विक्रम ने बताया कि क्रिसमस सेलिब्रेशन के लिए विभिन्न प्रकार के केक तैयार किए जा रहे हैं. इसमें मुख्य रूप से ट्रफल केक बनाए जा रहे हैं. जो ड्राई फ्रूट्स मिलाकर बनाया जाता है. इसके साथ ही क्रीम केक भी तैयार किए जा रहे हैं. कस्टमर के ऑडर्स पर बड़ी मात्रा में केक तैयार किए जा रहे हैं.

अशोका बेकरी के संचालक ने बताया कि विभिन्न प्रकार की केक की वैरायटी तैयार की जा रही है. केक की कीमत की बात की जाए तो, 300 रुपए से 3000 तक के केक बेकरी पर मौजूद हैं. इसके साथ ही अलग-अलग वैरायटी के केक भी ऑडर्स पर बनाए जाते हैं..

उदयपुर शहर के शक्ति नगर लिंक रोड स्थित अशोका बेकरी को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से ऑडर्स दिया जा सकता है.

लोकेशन के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें. © News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त

Stock market : भूल जाइए टेक्निकल इंडिकेटर्स! 8 स्टेप्स की यह ट्रेडिंग स्ट्रैटजी देगी कमाई की गारंटी

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Moneycontrol 14 घंटे पहले Moneycontrol Hindi

© Moneycontrol द्वारा प्रदत्त Stock market : भूल जाइए टेक्निकल इंडिकेटर्स! 8 स्टेप्स की यह ट्रेडिंग स्ट्रैटजी देगी कमाई की गारंटी Trading Strategy : भारत की सदियों पुरानी ध्यान यानी मेडिटेशन की प्रक्रिया में आपके मन से फिजूल के विचार एक-एक करके निकल जाते हैं और आप शांति की स्थिति में पहुंच जाते हैं। इसे सफलतापूर्वक करने पर आपका तनाव बिल्कुल खत्म होता जाता है। शेयर बाजार में 8 स्टेप्स वाली ऐसी ही ट्रेडिंग की स्ट्रैटजी है, जो आपको सफलता ऑर्डर के प्रकार क्या हैं? की गारंटी दे सकती है। यह मुंबई बेस्ड ट्रेडर विजय ठक्कर (Vijay Thakkar) ने तैयार की है। हालांकि, यह आपकी ट्रेडिंग स्क्रीन को अव्यवस्थित करने का भी काम करती है, जिसमें आपको सभी टेक्निकल इंडिकेटर्स (technical indicators) को हटाना होगा, ताकि आप देख सकें कि पीछे क्या छिपा है। हम यहां आपकी स्ट्रैटजी के बारे में ही बता रहे हैं। ट्रेड सेटअप Trade set-up : इसमें ठक्कर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट निकालने के लिए कैंडिलस्टिक चार्ट (candlestick chart) पर लॉन्ग टर्म प्राइस मूवमेंट का इस्तेमाल करते हैं। बेसिक आइडिया मूमेंटम पर सवार होने का है। इस स्ट्रैटजी में हर हफ्ते महज 2 घंटे का समय लगता है। Stock Market : भारी गिरावट के बीच मिलेंगे कमाई के मौके, अगर इन 10 फैक्टर्स पर अगले सप्ताह रहेगी नजर स्टेप 1 : ऑर्डर के प्रकार क्या हैं? हर हफ्ते ऐसे स्टॉक्स को स्कैन करें, जिन्होंने 52 हफ्ते के हाई छूए हों। कंजर्वेटिव ट्रेडर्स इसे आगे सिर्फ एनएसई 500 स्टॉक्स (NSE 500 stocks) पर आजमा सकते हैं। स्टेप 2 : फिल्टर से निकले स्टॉक्स के लिए या तो वीकली या मंथली कैंडिलस्टिक चार्ट लोड करना शुरू करें। स्टेप 3 : आखिरी बड़ा सप्लाई जोन पता लगाइए। यह चार्ट पर एक बड़े पीक के रूप में नजर आएगा। ऐसे पीक खोजने के लिए चार्ट टाइमलाइन पर कुछ साल पहले भी जा सकते हैं। ऐसे पीक्स आम तौर पर स्टॉक्स के लिए बड़े रेजिस्टेंस जोन बनाते हैं। स्टेप 4 : देखिए, क्या प्राइस पिछले सप्लाई जोन से गिरने के बाद रेजिस्टैंस जोन में लौट आया है। यदि हां, तो यह ट्रेडिंग के लिए अच्छा स्टॉक है। यदि नहीं, तो ऑर्डर के प्रकार क्या हैं? कोई और शेयर खोजिए। Market Outlook: शेयर बाजार में अगले हफ्ते आएगी तेजी या जारी रहेगी गिरावट? जानें एक्सपर्ट्स की क्या है राय? स्टेप 5 : एक बार यदि आपने स्टॉक सलेक्ट कर लिया, तो इसके रेजिस्टैंस जोन से ऊपर निकलने का इंतजार करें। तुलनात्मक रूप से हाइयर वॉल्यूम के साथ ब्रेकआउट कैंडिल मजबूत होना चाहिए। एक बार ब्रेकआट मिलने पर, स्टॉक को रेजिस्टेंस लेवल से 4 फीसदी की दूरी के भीतर खरीदें। उदाहरण के लिए, यदि रेजिस्टैंस 100 रुपये है तो आपकी खरीद 104 रुपये पर होना चाहिए। यदि आप बाजार को रोजाना ट्रैक नहीं करते हैं तो आप इस कीमत पर गुड टिल ट्रिगर (जीटीटी) ऑर्डर भी दे सकते हैं। स्टेप 6 : पता लगाएं कि पिछले प्रमुख सप्लाई जोन के प्रभावित होने के बाद कीमत में सबसे ज्यादा गिरावट कितनी थी। प्रतिशत की गणना करिए और रेजिस्टैंस जोन के उतना प्रतिशत ऊपर टारगेट रखें। उदाहरण के लिए, यदि स्टॉक 100 रुपये के रेजिस्टेंस जोन से 40 रुपये पर गिरता है। मतलब 40 फीसदी गिरता है आपका टारगेट 140 रुपये होगा। स्टेप 7 : रेजिस्टेंस लेवल से 4 फीसदी नीचे स्टॉप लॉस लगाइए। उक्त उदाहरण में यह 96 रुपये होना चाहिए। एक बार फिर से आप स्टॉप लॉस के रूप में जीटीटी सेल ऑर्डर लगा सकते हैं। स्टेप 8 : टारगेट के हिट होने तक मूमेंटम के साथ बने रहिए। अपनी होल्डिंग्स पर आधा प्रॉफिट बुक कर लीजिए। अब, अपने स्टॉप लॉस को निकालने और इनवेस्टमेंट में बने रहने के लिए अपने चार्ट के साथ सुपरट्रेंड इंडिकेटर को जोड़ें। सुपरट्रेंड पर मिला लेवल आपका नया स्टॉपलॉस होगा। यहां पर विचार किसी भी रैली से वंचित नहीं रहने का है, यदि स्टॉक लगातार ऊपर चढ़ रहा है। एक बार प्राइस के सुपरट्रेंड इंडिकेटर हिट करने के बाद पूरी होल्डिंग्स बेच दीजिए। रिस्क मैनेजमेंट Risk management : इस सेट अब से पता चलता है कि ठक्कर 104 रुपये से ज्यादा कॉस्ट की ट्रेड पर 8 रुपये से ज्यादा गंवाने के इच्छुक नहीं हैं। इस प्रकार, उनका रिस्क टॉलरेंस लेवल लगभग 8 फीसदी है। वह कहते हैं, इसमें आम तौर पर रिवार्ड मिलने की संभावना आठ गुनी है। ठक्कर दावा करते हैं कि वह इस स्ट्रैटजी से हर साल 25-30 फीसदी रिटर्न हासिल करने में सक्षम रहे हैं। डिस्क्लेमरः यहां दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और राय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।

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RTI के जवाबों का बोझ कम करने के लिए AIIMS ने उठाया बड़ा कदम, अब हर चीज की जानकारी मिलेगी ऑनलाइन

AIIMS प्रशासन के मुताबिक इस कदम से बाकी अस्पतालों को भी रेट्स का आइडिया मिल सकेगा. इस सिस्टम का हर तीन महीने में फाइनेंस डिपार्टमेट ऑडिट भी करेगा. जिससे एम्स में वित्तीय गड़बड़ियों के खतरों को कम किया जा सके.

AIIMS ने ये फैसला पारदर्शिता लाने के लिए किया है. (File Photo)

AIIMS: एम्स में कौन सा सामान, एक्विपमेंट या टेंडर किसे मिला और किसे नहीं, इसकी जानकारी एम्स (AIIMS) अब पब्लिक डोमेन में देगा. AIIMS ने ये फैसला पारदर्शिता लाने और RTI के जवाबों का बोझ कम करने के लिए किया है. पब्लिक डिजीटल लाइब्रेरी का प्लेटफॉर्म बनाया जा रहा है. जिसके लिए pdl.aiims.edu पेज बनाया गया है. इस पेज पर सभी प्रकार के सप्लाई और वर्क ऑर्डर रहेंगे.

AIIMS प्रशासन के मुताबिक इस कदम से बाकी अस्पतालों को भी रेट्स का आइडिया मिल सकेगा. इस सिस्टम का हर तीन महीने में फाइनेंस डिपार्टमेट ऑडिट भी करेगा. जिससे एम्स में वित्तीय गड़बड़ियों के खतरों को कम किया जा सके. इस काम के लिए एक सेंट्रल प्रॉक्योरमेंट यूनिट बनाई जा रही है. जिस पर लगातार विजिलेंस भी रहेगी. हर एरिया में सीसीटीवी रहेगा और जो लोग इस टीम में नहीं हैं उनका इस एरिया में आना जाना प्रतिबंधित होगा.

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31 मार्च तक लग जाएंगे CCTV

इन जगहों पर सीसीटीवी लगने का काम 31 मार्च 2023 तक पूरा किया जाएगा . और इन कैमरों की रिकॉर्डिंग को 3 साल तक स्टोर किया जाएगा, जो सामान प्रोक्योर किया जाएगा उसकी भी वीडिय़ो रिकॉर्डिंग करनी होगी. इस विभाग में काम करने वाले व्यक्ति को तीन साल के बाद रोटेट कर दिया जाएगा. एम्स के इंटरनल ऑर्डर में कहा गया है कि जो लोग इस डिपार्टमेंट में तीन साल बिता चुके हैं उन्हें तुरंत प्रभाव से बदल दिया जाएगा.

एम्स के मुताबिक कोई अधिकारी किसी भी फाइल को बिना वजह 2 दिन से ज्यादा अपने डेस्क पर नहीं रोकेगा. किसी भी वेंडर की कोई भी पेमेंट बिना वजह 10 दिन से ज्यादा रोकी गई तो उस कर्मचारी की सैलरी पर 1 प्रतिशत प्रति माह के हिसाब से पेनल्टी लग सकती है.

AIIMS में पारदर्शिता लाने की इस पहल के पीछे एम्स में हाल ही में हुआ साइबर अटैक भी हो सकता है. AIIMS का गायब हुआ बहुत सा डाटा रिस्टोर नहीं हो पा रहा है. और शक जताया जा रहा है कि इस काम के पीछे एम्स का ही कोई अंदरुनी आदमी भी हो सकता है. हालांकि एम्स ने अपने तकनीकी विभाग के दो कर्मचारियों को सस्पेंड तो किया लेकिन ऐसी भी खबरें आई थी कि किसी वेंडर को ऑर्डर ना मिलने के बाद उसने बदला लेने की नीयत से एम्स के डाटा से खेल किया और सर्वर को हैक कर लिया.

हालांकि एम्स की साइबर हैकिंग की जांच अभी चल ही रही है. लेकिन इस सेंधमारी ने एम्स प्रशासन को जगा दिया है. एम्स का सर्वर 23 नवंबर को हैक हो गया था. हालांकि एम्स ने दावा किया है कि उसका डाटा सुरक्षित है लेकिन एम्स की साइबर सिक्योरिटी पर सवाल बने हुए हैं. अभी भी एम्स में सारे डिपार्टमेंट सर्वर से कनेक्ट नहीं हो सके हैं और काफी काम मैन्युअल मोड पर चल रहा है. हालांकि एम्स की ओपीडी और सेंट्रल एडमिशन अब कंप्यूटर पर काम कर रहे हैं.

साइबर अटैक के अलावा एम्स पर फाइनेंशियल गड़बड़ियों यानी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप भी लगते रहे हैँ. एम्स की स्टोर परचेज़ कमेटी को जुलाई 2022 में दोबारा गठित किया गया था.

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