बचत खाते के निगम के प्रकार
इस रंग पोर्टल हाल ही में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ( Ministry Of Labor And Employment ) के द्वारा शुरू किया गया है जिस पर देश के लगभग 40 करोड़ असंगठित क्षेत्र के कामगारों का पंजीकरण करवाया जाएगा और उन्हें लाभ पहुंचाया जाएगा , e Shram Registration के बाद इन मजदूरों को 12 अंकों की एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर ( UAN NUMBER ) जारी किया जाएगा जो देश के हर एक कोने में मान्य रहेगा जिसे ई श्रम कार्ड ( E shram Card ) भी क हा जाता है । सरकार की इस पहल से देश के करोड़ों असंगठित कामगारों को एक नई पहचान मिलेगी जिसका बहुत ही जगह पर प्रयोग कर उन्हें रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे ।
ई श्रमिक कार्ड क्या है और यह कितने अंको का होता है ?
eShram Card श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा असंगठित क्षेत्र के कामगारों को जारी किया जाएगा जो उन्हें eshram portal पर पंजीकरण के पश्चात मिलेगा , eshram Card एक 12 अंकों की यूनिक आईडी होगी जो हर एक कामगार के लिए अलग रहेगा । यूनिक आईडी में श्रमिक की लगभग सारी जानकारी जैसे कि उनका नाम, उनका पता, वह कितने पढ़े लिखे हैं, श्रमिक किस काम की जानकारी रखता है और किस काम में उन्हें कितने वर्षों का अनुभव है इत्यादि जैसी जानकारी मौजूद होगी । जिसके बाद श्रमिकों को उनके अनुभव और जरूरत के हिसाब से केंद्र सरकार द्वारा आसानी बचत खाते के निगम के प्रकार से रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे । साथ ही यदि पंजीकृत श्रमिक अपने राज्य को छोड़कर दूसरे किसी राज्य में भी प्रवास करता है तो ऐसी स्थिति में भी उसे अगले राज्य में काम मिलना काफी आसान हो जाएगा ।
EShram Yojana Highlights
🔥 योजना का नाम | 🔥 ई श्रम योजना |
🔥 शुरू किया गया | 🔥 केंद्र सरकार के द्वारा |
🔥 संबंधित विभाग | 🔥 श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry Of Labor And Employment) |
🔥 लाभार्थी | 🔥 देश के सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिक |
🔥 लाभ | 🔥 पंजीकरण के पश्चात सभी सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ |
🔥 उद्देश्य | 🔥 असंगठित क्षेत्र के कामगारों का राष्ट्रीय स्तर पर डेटाबेस इकट्ठा करना |
🔥 आवेदन के प्रकार | 🔥 ऑनलाइन/ऑफलाइन माध्यम से |
🔥 योजना लॉन्च वर्ष | 🔥 2022 |
🔥 Official Website | 🔥 https://www.eshram.gov.in/ Click Here |
e shram Portal registration के बाद कैसे मिलेगा 2 लाख रुपए का फायदा ?
सरकार के द्वारा शुरू किए गए e Shram Portal Registration के बाद और संगठित क्षेत्र के कामगारों को सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाएं जैसे कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना ( PMSMY) , प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY ) , प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना ( P MJJBY ) इत्यादि जैसी योजनाओं का भी लाभ मिल सकेगा और इन योजनाओं के अंतर्गत बीमा कवरेज लगभग ₹200000 तक का होता है ।
पहली बार शुरू हो रहे पेयजल सर्वेक्षण में पांच चुनौती बिगाड़ सकती हैं रैंकिंग का खेल
गाजियाबाद। दीपक सिरोही। शहरी क्षेत्र में स्वच्छ सर्वेक्षण की तर्ज पर पहली बार शुरू.
गाजियाबाद। दीपक सिरोही। शहरी क्षेत्र में स्वच्छ सर्वेक्षण की तर्ज पर पहली बार शुरू होने जा रहे पेयजल सर्वेक्षण की आधी अधूरी तैयारी हैं। ऐसे में पेयजल से जुड़ी पांच चुनौती रैंकिंग का खेल बिगाड़ सकती है। निगम अधिकारी फंड का अभाव होने के कारण पेयजल से जुड़ी नई योजना भी नहीं ला पा रहे। फिलहाल पुरानी योजनाओं से काम चलाकर देश में टॉप-पांच में शामिल होने की तैयारी की जा रही है।
केंद्र सरकार की तरफ से देश के सभी नगर निगम में पेयजल सर्वेक्षण शुरू होना है। यह सर्वेक्षण स्वच्छ सर्वेक्षण की तर्ज पर ही होगा। यानी की इसमें अंकों के आधार पर रैंकिंग तय होगी। पेयजल सर्वेक्षण में जल आपूर्ति की स्थिति, पाइप लाइन की हालत, पानी की गुणवत्ता, रिसाइकिल और सीवरेज के इंतजाम आदि देखे जाएंगे। इन सभी के अंक दिए जाएंगे। उम्मीद है अगले साल जनवरी में सर्वेक्षण शुरू हो जाए। लेकिन निगम अधूरी तैयारी के साथ सर्वेक्षण में भागीदारी करेगा क्योंकि विजयनगर और मोहननगर जोन में पेयजल आपूर्ति की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। साथ ही सिटी जोन की कई कॉलोनी में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।
सबसे ज्यादा बेहाल इलाके
मोहननगर जोन के शालीमार गार्डन, छाबड़ा कॉलोनी, जनकपुरी, राजीव कॉलोनी, डीएलएफ कॉलोनी, तुलसी निकेतन, भोपुरा, शहीदनगर, गणेशपुरी कॉलोनी, राजेंद्र नगर, करहेड़ा सहित अन्य जगहों पर निगम पानी की सप्लाई करता है। पानी की आपूर्ति नहीं होने से लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी है। इसी तरह विजयनगर जोन में भी पानी की दिक्कत है।
यह कार्य करके सुधारी जा सकती है रैंकिंग
1- सीवरेज व्यवस्था का बुरा हाल
शहर में सीवरेज व्यवस्था अच्छी नहीं है। एसटीपी नियमित रूप से काम नहीं कर रहे। सीवर का पानी गलियों में भरा रहता है। निजी कंपनी सीवर व्यवस्था का काम देख रही है।
2-दूषित पानी बन रही परेशानी
शहर में दूषित पानी परेशानी का कारण है।100 से ज्यादा कॉलोनी में दूषित पानी आने लगता है।
यह पानी पीने से पूर्व में कई बच्चे बीमार हो चुके हैं। पानी के नमूने भी जांच में फेल हुए हैं।
3- 40 साल पुरानी जर्जर लाइन से आपूर्ति
शहर में कई जगह 40 साल पुरानी जर्जर लाइन से पानी की आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में पानी की बर्बादी हो रही है।पानी लीकेज के कारण दूसरी और तीसरी मंजिल में नहीं पहुंच पा रहा। ऐसे में लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
4- पानी का रिसाइकिल नहीं किया जा रहा
निगम पानी की रिसाइकिल नहीं कर पा रहा। इस कारण पानी की बर्बादी हो रही है। पानी नाले और नालियों में बह जाता है। पानी के रिसाइकिल के लिए अभी तक ठोस योजना भी नहीं बन सकी।
5- फीडबैक से अंक कम आने का खतरा
पेयजल सर्वेक्षण करने के लिए आने वाली टीम लोगों से पेयजल आपूर्ति और सीवरेज इंतजाम का फीडबैक लेगी। शहर के कई मोहल्ले और कॉलोनी ऐसी हैं जहां लोगों को बहुत ज्यादा दिक्कत हैं। फीडबैक से पहले निगम को व्यवस्थाओं में सुधार करना होगा।
महानगर के पानी की व्यवस्था
पानी के कनेक्शन-2,64,560
कनेक्शन रहित मकान-74,440
प्रति व्यक्ति आपूर्ति- 121 लीटर प्रति दिन
प्रति व्यक्ति जरूरत-150 लीटर प्रति दिन
पेयजल की उपलब्धता- 325 एमएलडी
पेयजल की मांग- 400 एमएलडी
छोटे नलकूप (10एचपी)- 400
बड़े नलकूप (30एचपी)- 217
पाइपलाइन- 2,232 किलोमीटर
पेयजल सर्वेक्षण की तैयारी की जा रही है। शहर में पेजयल से जुड़ी ज्यादा दिक्कतें नहीं हैं। उम्मीद है कि सर्वेक्षण में गाजियाबाद नगर निगम को रैंकिंग में अच्छा स्थान मिलेगा।
सॉफ्टवेयर खरीदे जाने के मामले में भ्रष्टाचार का आरोप, ऊर्जा मंत्री से जांच की मांग
ऊर्जा प्रबंधन ने बिजली निगमों में ईआरपी प्रणाली लागू करने के लिए लगभग 700 करोड़ रुपए खर्च किए. विभाग ने इसके लिए देश के अन्य सभी राज्यों से ज्यादा महंगा सॉफ्टवेयर खरीदा. विभाग के ही संगठनों ने सॉफ्टवेयर खरीदे जाने के मामले में बड़े भ्रष्टाचार के आरोप (Allegations of corruption in software purchase) लगाए हैं.
लखनऊ : ऊर्जा प्रबंधन ने बिजली निगमों में ईआरपी प्रणाली लागू करने के लिए लगभग 700 करोड़ रुपए खर्च किए. विभाग ने इसके लिए देश के अन्य सभी राज्यों से ज्यादा महंगा सॉफ्टवेयर खरीदा. विभाग के ही संगठनों ने सॉफ्टवेयर खरीदे जाने के मामले में बड़े भ्रष्टाचार के आरोप (Allegations of corruption in software purchase) लगाए हैं. ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा (Energy Minister Arvind Kumar Sharma) से महंगे ईआरपी सॉफ्टवेयर में हुए घोटाले को लेकर जांच कराने की मांग कर डाली है.
ऊर्जा मंत्री ने भी कहा है कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. बता दें कि इन सॉफ्टवेयर से कर्मचारियों की हाजिरी लगना, छुट्टी लेना व विभाग की खरीद फरोख्त और ठेकेदारों के भुगतान से संबंधित अन्य कार्य संपन्न किया जाना शामिल है. पेपरलेस वर्क हो इसके लिए भी ईआरपी सॉफ्टवेयर लाया गया, लेकिन अभी तक सही से कोई भी वर्क शुरू नहीं हो पाया है.
बिजली विभाग के अभियंताओं का आरोप है कि ईआरपी खरीद में भ्रष्टाचार किया गया है. महाराष्ट्र में लगभग 90 करोड़ रुपए, आंध्रप्रदेश में लगभग 25 करोड़ रुपए, तमिलनाडु में लगभग 40 करोड़ ईआरपी में खर्च किए गए, जबकि यूपी में 700 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च आया. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन की तरफ से ऊर्जा मंत्री से शिकायत की गई कि सब जगह सॉफ्टवेयर एक जैसा ही, है लेकिन पावर काॅरपोरेशन में सबसे महंगा सॉफ्टवेयर लिया है. इसकी जांच होनी चाहिए. ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने आश्वासन दिया है कि अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच कराई जाएगी. हालांकि जानकारों का मानना है कि ईआरपी से भविष्य में किसी तरह के भ्रष्टाचार पर रोक लग जाएगी, इसलिए अभियंता और कर्मचारी ज्यादा परेशान हो रहे हैं.
ईआरपी में है ये व्यवस्था : स्थानीय स्तर पर किसी भी प्रकार के भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सम्बन्धित आहरण व वितरण अधिकारी (खंड के अधिशासी अभियन्ता और नामित अधिकारी), फर्म, ठेकेदार और आपूर्तिकर्ताओं के बिलों का पूरा विवरण (बैंक खाता, बैंका का नाम आदि) ईआरपी के जरिए प्रकोष्ठ को भेजने की व्यवस्था है. प्रकोष्ठ से सीधे फर्म, ठेकेदार या आपूर्तिकर्ता के खाते में भुगतान किए जाने की व्यवस्था है.
आ रहीं ये दिक्कतें
- पहले प्रत्येक वितरण खंड के अधिशासी अभियन्ता अपने स्तर से 5 ह़जार रुपये तक और अधीक्षण अभियन्ता स्तर से 20 ह़जार रुपए तक का काम करा लेते थे, अब सम्भव नहीं.
- किसी भी लाइन के क्षतिग्रस्त होने, खम्भा बदलने, बिजली के तार बदलने और ट्रांसफॉर्मर बदलने में खर्च होने वाले श्रमिकों के वेतन में भी अब देरी हो रही है.
- केन्द्रीय स्तर पर भुगतान की संस्तुति होने के बाद ही काम शुरू हो सकेगा. इससे छोटे-बड़े आकस्मिक कार्य को पूरा करने में देरी होगी.
क्या है पदाधिकारियों की शिकायत : उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के अध्यक्ष जीवी पटेल का कहना है कि ईआरपी सॉफ्टवेयर हर राज्य में काफी कम कीमत पर खरीदा गया, जबकि बिजली विभाग में इस सॉफ्टवेयर को 700 करोड़ रुपए में खरीदने की कार्रवाई पूरी हुई है. इसमें बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है. ऊर्जा मंत्री से पूरे मामले की जांच की मांग की गई है. उम्मीद है कि इस बड़े भ्रष्टाचार पर से पर्दा जरूर उठेगा.
ईआरपी की महंगी खरीद को लेकर ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा का कहना है कि संगठन की तरफ से इस तरह की शिकायत मिली है. पूरे मामले की जांच की जाएगी. कोई भी अगर दोषी होगा तो कार्रवाई भी होगी.
गांव-शहर में bijli chori करने वालों के लिए सरकार की बड़ी प्लानिंग, अब ऐसे दबोचे जाएंगे बिजली चोर !
Bijli Chori : अगर आप गांव या शहर में बिजली लेने के लिए बिजली चोरी का प्रयोग करते हैं और चोरी से आप अपने घरों की बिजली जलाते हैं. तो आप सभी के लिए अब उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा एक विशेष मुहिम चलाई जा रही है. जिसके अंतर्गत यूपी के गांव और शहर कहीं पर भी अब Bijli Chori करना संभव नहीं हो पाएगा और आसानी से बिजली चोरों को पकड़ा जाएगा |
तो अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि सरकार बिजली चोरी रोकने के लिए क्या बैटरी अपना रही है तो यहां पर हम आपको संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं आपको भी सरकार की बिजली चोरी नहीं करनी चाहिए और दूसरों को भी रोकना चाहिए यह एक कानून अपराध है चलिए सरकार इसके लिए क्या प्लानिंग कर रही है उसके बारे में जान लेते हैं |
सरकार की bijli chori रोकने की प्लानिंग
जानकारी के अनुसार बता दें कि अब उत्तर प्रदेश के गांव या शहर कहीं पर भी 1000 से अधिक आबादी वाले क्षेत्र में बिजली के तारों को बदलने जा रही है जिससे बिजली बिल चोरी रोकने में इस प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं जो पहले बिजली के खंभों के तारों में नंगे तारों का प्रयोग किया जाता था अब वही पर एबी केबल वाले तारों को खंभों पर लगाया जाएगा |
इस कार्य को करने के लिए एशियन विकास बैंक से 1447.07 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया है आपको बता दें कि पहले चरण में यह कार्य पूर्वांचल विद्युत निगम और मध्यांचल विद्युत निगम में आने वाले सभी गांव और शहरों में संपन्न कराया जाएगा |
bijli chori के चिन्हित इलाकों में बिछाई जाएगी सबसे पहले केबल
जिन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा Bijli Chori की जा रही है और जहां पर सबसे ज्यादा लाइन लॉस हो रहा है वहां पर सरकार इस परियोजना के अंतर्गत सबसे पहले इस नई एबी केवल बिजली बिछाने की तैयारी कर रही है जिससे लाइन लॉस की समस्या दूर हो सके शहरी क्षेत्र में इसके लिए 103 करोड रुपए का कार्य किया जाएगा |
- Indian Post Payment Bank online Account Opening | पोस्ट पेमेंट बैंक में अपना खाता कैसे खोला है और इसका क्या लाभ है
लाइन लॉस को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयास
बिजली चोरी की हो रही समस्या से पावर का सबसे ज्यादा लाइन लॉस हो रहा है इसके लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन द्वारा बताया गया है कि इसके लिए कई प्रकार के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं गांव और क्षेत्रों में बिजली की चोरी को रोकने के लिए जांच बढ़ाई जा रही है और कृषि फीडर को अलग करने का काम किया जा रहा है |
Senior Citizen Saving Scheme: डाकघर की इन योजनाओं बचत खाते के निगम के प्रकार में करें निवेश मिलगी हर महीने 5 हजार से भी ज्यादा पेंशन
Senior Citizen Saving Scheme: डाकघर की छोटी बचत योजनाएं हमेशा निवेश के लिए एक बेहतर विकल्प रही हैं। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि गारंटीड रिटर्न के साथ जमा पूरी तरह सुरक्षित है। ये निवेश बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होते हैं। डाकघर विभिन्न प्रकार की जमा योजनाएं प्रदान करता है। आज हम आपको डाकघर की इन्हीं कुछ योजनाओं के बारे में बताएंगे जिससे आप घर बैठे अच्छी खासी पेंशन पा सकते है..
Senior Citizen Saving Scheme पर 7.4% मिलेगा ब्याज
डाकघर की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार इस योजना में सालाना ब्याज 7.4% होगा. इस योजना में परिपक्वता अवधि 5 वर्ष है. जमा 1000 रुपये के गुणकों में किया जा सकता है. साथ ही इसमें अधिकतम 15 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है. इसे एकमुश्त निवेश करना होगा.
कौन खुलवा सकता है एससीएसएस में खाता
एससीएसएस के तहत 60 साल या उससे अधिक उम्र का व्यक्ति खाता खोल सकता है. अगर किसी की उम्र 55 साल या उससे ज्यादा है लेकिन 60 साल से कम है और उसने वीआरएस लिया है तो वह एससीएसएस में भी खाता खुलवा सकता है. लेकिन शर्त यह है कि उसे सेवानिवृत्ति लाभ बचत खाते के निगम के प्रकार प्राप्त होने के एक महीने के भीतर यह खाता खोलना होगा और इसमें जमा की गई राशि सेवानिवृत्ति लाभ की राशि से अधिक नहीं होनी चाहिए.
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प्रधानमंत्री वय वंजना योजना में करें निवेश
जीवन बीमा निगम (LIC) के द्वारा संचालित प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहतर योजना है. इस स्कीम के तहत आप रिटायरमेंट पर पेंशन का फायदा उठा सकते हैं. इस योजना की देखरेख केंद्र सरकार भी करती है. इसलिए इसमें निवेश करना सुरक्षित माना जाता है. इस योजना में एक बार 7 लाख 50 हजार रुपये का निवेश करने पर आपको हर माह 5 हजार रुपये पेंशन के तौर पर दिए जाएंगे.
पोस्ट ऑफिस की मासिक आय योजना
पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम बेहतरीन योजना मानी जाती है. इस योजना में किसी भी तरह का जोखिम नहीं होता है. खाताधारक को नियमित मंथली इनकम मिलती है. ये योजना पांच साल के लिए होती है. योजना की अवधि पूरी होने पर जमाकर्ता धन निकाल सकता है या फिर से उस योजना में निवेश कर सकता है.
Senior Citizen Saving Scheme में नामांकन की सुविधा उपलब्ध
वरिष्ठ नागरिक बचत योजनाओं में खाता खोलने और बंद करने के समय नामांकन की सुविधा उपलब्ध है. इस अकाउंट को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर किया जा सकता है. इसमें खाताधारक समय से पहले बंद कर सकता है. लेकिन डाकघर खाता खोलने के 1 साल बाद खाता बंद करने पर ही जमा का 1.5 फीसदी काटेगा, जबकि 2 साल के बंद होने के बाद जमा राशि का 1 फीसदी काट लिया जाएगा.
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