SEBI ने बीएसई और एनएसई पर लगाया करोड़ों का जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला?

Penalty on BSE-NSE: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने बॉम्बे स्टॉक ऑफ एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक ऑफ एक्सचेंज पर करोड़ों का जुर्माना लगाया है. जानिए क्या है पूरा मामला-

By: ABP Live | Updated at : 13 Apr 2022 04:42 PM (IST)

Penalty on BSE-NSE: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने बॉम्बे स्टॉक ऑफ एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक ऑफ एक्सचेंज पर करोड़ों का जुर्माना लगाया है. बता दें कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (KSBL) ने अपने ग्राहकों की 2,300 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों के दुरुपयोग को पकड़ने में ‘लापरवाही’ की गई थी, जिसकी वजह से सेबी ने बीएसी और एनएसई पर जुर्माना लगा दिया गया है.

जानें कितना लगा किस पर जुर्माना?
आपको बता दें सेबी ने इस बारे में दो अलग-अलग आदेश जारी किए हैं. बीएसई (BSE) पर तीन बीएसई और एनएसई क्या हैं? करोड़ रुपये और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

जानें क्या है पूरा मामला?
यह मामला केएसबीएल द्वारा 2,300 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों के दुरुपयोग से संबंधित है. ये प्रतिभूतियां 95,000 से अधिक ग्राहकों से संबद्ध थीं. केएसबीएल ने इन प्रतिभूतियों को सिर्फ एक डीमैट अकाउंट से गिरवी रख दिया था. प्रतिभूतियों को गिरवी रखकर जुटाई गई राशि का इस्तेमाल केएसबीएल ने खुद के लिए और अपने समूह की इकाइयों के लिए किया.

8 बैंकों से जुटाए थे रुपये
केएसबीएल ने गिरवी रखी प्रतिभूतियों के जरिये आठ बैंक/गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) से 851.43 करोड़ रुपये जुटाए थे.

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जारी किया आदेश
एक्सचेंजों द्वारा मंगलवार को जारी आदेश के मुताबिक, ‘‘इस बात में कोई संदेह नहीं है कि वह केएसबीएल थी जिसने अनधिकृत तरीके से ग्राहकों की प्रतिभूतियों को गिरवी रखा. ऐसे में नुकसान के लिए वह खुद जिम्मेदार थी. उसने ऐसी प्रतिभूतियों को गिरवी रखा जिनका स्वामित्व उसके पास नहीं था. इससे निवेशकों के साथ केएसबीएल को कर्ज देने वाले बैंकों और एनबीएफसी को नुकसान हुआ.’’

KSBL बीएसई और एनएसके हैं सदस्य
सेबी ने कहा कि केएसबीएल बीएसई और एनएसई की सदस्य होने की वजह एक्सचेंजों की नियामकीय निगरानी में थी. दोनों एक्सचेंजों ने केएसबीएल द्वारा कोष के दुरुपयोग को पकड़ने में ‘लापरवाही’ बरती उसके लिए उनकी जिम्मेदारी बनती है.

Published at : 13 Apr 2022 04:42 PM (IST) Tags: NSE SEBI bse Karvy stock broking Karvy scam NBFCs हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

अमेरिकी बाजार में रौनक के बाद आज बीएसई-एनएसई हो सकते हैं गुलजार

वॉल स्ट्रीट का प्रमुख संवेदी सूचकांक डाऊ जोंस सोमवार को 550 अंक यानी 1.86 पर्सेंट की तेजी के साथ 30185 के स्तर पर बंद हुआ था। अमेरिकी शेयर बाजार का एक अन्य सूचकांक नैस्डैक कंपोजिट भी 3.43 पर्सेंट उछला

अमेरिकी बाजार में रौनक के बाद आज बीएसई-एनएसई हो सकते हैं गुलजार

पिछले कई दिनों से गिरावट का सामना कर रहे अमेरिकी शेयर बाजारों में सोमवार को रौनक रही। अगर इसका असर आज घरेलू शेयर बाजार पर पड़ा तो लगाता तीसरे सत्र में सेंसेक्स-निफ्टी में तेजी देखने को मिल सकती है। सोमवार को सेंसेक्स 491 अंक ऊपर 58410 और निफ्टी 126 अंकों की बढ़त के साथ 17311 के स्तर पर बंद हुआ था।

दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों की संपत्ति में उछाल

अमेरिकी और घरेलू शेयर बाजारों का असर दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों की संपत्ति पर भी पड़ी। एक ही दिन में करीब 38 अरब डॉलर का इजाफा हुआ। दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क की संपत्ति 9.76 अरब डॉलर बढ़कर एक बार फिर 200 अरब डॉलर के पार पहुंच गई है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के ताजा रैंकिग के मुताबिक सोमवार को सबसे अधिक कमाई करने वाले टॉप-10 अरबपतियों में जेफ बेजोस रहे। एलन मस्क की संपत्ति में कुल 6.96 अरब डॉलर का इजाफा हुआ। वह इस लिस्ट में 137 अरब डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर हैं। दूसरे स्थान पर बर्नार्ड अर्नाल्ट हैं। भारत के गौतम अडानी 120 अरब डॉलर के साथ चौथे नंबर पर हैं। वहीं, मुकेश अंबानी इस लिस्ट में 11वें नंबर पर हैं।

तेजी के बाद झूमा बाजार

वॉल स्ट्रीट का प्रमुख संवेदी सूचकांक डाऊ जोंस सोमवार को 550 अंक यानी 1.86 पर्सेंट की तेजी के साथ 30185 के बीएसई और एनएसई क्या हैं? स्तर पर बंद हुआ था। अमेरिकी शेयर बाजार का एक अन्य सूचकांक नैस्डैक कंपोजिट भी 3.43 पर्सेंट या 354 अंकों की उछाल के साथ 10675 के स्तर पर बंद हुआ। जबकि, एसएंडपी में लिवाली के चलते 2.65 पर्सेंट की या 94 अंकों की तेजी के साथ 3677 के स्तर पर बंद होने में कामयाब रहा। उधर, अधिकतर यूरोपीय मार्केट भी तेजी का रुख रहा। डाक्स में 1.70 फीसद की उछाल रही तो CAC 40 में 1.83 फीसद की। घरेलू शेयर बाजार भी बढ़त के साथ बंद हुए थे।

इन शेयरों में बढ़त

सेंसेक्स-निफ्टी लगातार दूसरे कारोबारी दिवस पर बढ़त लेने में सफल रहे। शुक्रवार को भी दोनों सूचकांकों में बढ़त दर्ज की गई थी। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से एसबीआई, एनटीपीसी, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और इंडसइंड बैंक अच्छी बढ़त लेने में सफल रहे। दूसरी तरफ लार्सन एंड टुब्रो, एचसीएस टेक्नोलॉजीज, विप्रो, टाटा स्टील, नेस्ले, पावर ग्रिड और भारती एयरटेल के शेयरों को नुकसान उठाना पड़ा। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.07 फीसद गिरकर 91.57 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया।

इन बाजारों में गिरावट

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त लेने में सफल रहे जबकि जापान का निक्की गिरावट के साथ बंद हुआ।विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में भी शुक्रवार को शुद्ध बिकवाली की थी। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने शुक्रवार को 1,011.23 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

क्या है सेंसेक्स और कैसे घटता-बढ़ता है शेयर बाजार?

(Economy) और इससे जुड़े तथ्यों को आम जीवन से जोड़कर नहीं देख पाते. यही कारण है कि इन तथ्यों को बिजनेस की बातें समझकर हम ज्यादातर ध्यान नहीं देते हैं. हां, पर जब कोई न्यूज ब्रेकिंग न्यूज बनकर अखबारों, न्यूज चैनलों की सुर्खियों में होती है तो हम समझना जरूर चाहते हैं कि आखिर यह है क्या और इतना महत्वपूर्ण क्यों है? ऐसी ही खबरों में आजकल सेंसेक्स (Sensex) की खबर है. सेंसेक्स (Sensex) की खबरें यूं तो हर दिन होती हैं, किंतु आजकल लगभग हर अखबार और न्यूज चैनल पर इसकी खबरें प्रमुखता से आ रही हैं. रुपया गिरा तो सेंसेक्स गिरा, नारायण मूर्ति(Narayan Murthy) ने इंफोसिस (Infosys) दुबारा ज्वाइन किया तो सेंसेक्स उठा आदि. आखिर क्या है यह सेंसेक्स (Sensex) और इसके गिरने-उठने के कारण क्या हैं?

सेंसेक्स (Sensex) या संवेदी सूचकांक भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) का एक महत्वपूर्ण कारक है. सेंसेक्स (Sensex) का सामान्य अर्थ है सेंसिटिव इंडेक्स (sensitive index) या संवेदी सूचकांक. भारत में इसके अंतर्गत दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज मुंबई शेयर बाजार (Bombay Stock Exchange या BSE) तथा एनएसई (National Stock Exchange या NSE) आते हैं. सामान्यतया यह बीएसई (BSE) के लिए जाना जाता है. बीएसई (BSE) के अंतर्गत 30 प्रमुख भारतीय कंपनियां आती हैं. ये कंपनियां एक प्रकार से भारतीय बाजार का ट्रेंड सेट करने का काम करती हैं. सरल शब्दों में भारत की बड़ी कंपनियों के शेयरों की कीमतों (Shares Price) को आंकने के लिए एक सूचकांक बनाया गया है जो बाजार में इन कंपनियों के शेयरों की बढ़ती-घटती कीमतों पर नजर रखता है. यही सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) कहलाता है.

कैसे बढ़ते-घटते हैं शेयरों के मूल्य?

(Shares Price) गिर रहे हैं, तो सेंसेक्स (Sensex) गिर जाता है.

शेयरों की कीमतों के गिरने-उठने का महत्वपूर्ण कारण होता है कंपनी का प्रदर्शन. अगर कंपनी ने बाजार में कोई नया, बड़ा, हिट प्रोजेक्ट लांच किया, तो कंपनी के शेयरों के दाम (Shares Price) बढ़ जाते हैं. इसी प्रकार कंपनी अगर किसी क्राइसिस या मुश्किल से गुजर रही हो, तो इसके शेयर के दाम (Shares Price) घट जाते हैं. अभी कुछ दिनों पहले इंफोसिस (Infosys) के भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों में दूसरे पायदान पर आने से उसके शेयरों के दाम (Shares Price) लगातार गिर रहे थे. इसी दबाव में इसके फाउंडर नारायण मूर्ति (Narayan Murthy) ने दुबारा कंपनी ज्वाइन की. लेकिन उनके ज्वाइन करते ही इंफोसिस (Infosys) के शेयर मूल्य (Shares बीएसई और एनएसई क्या हैं? Price) बढ़ गए. शेयरों के दाम घटना ‘सेंसेक्स में गिरावट’ कहलाता है और शेयरों के दाम (Shares Price) बढ़ना ‘सेंसेक्स में उछाल’ कहलाता है.

सेंसेक्स मापने का तरीका

(Free Float Market Capitalisation) विधि के द्वारा सेंसेक्स (Sensex) मापा जाता है.

सेंसेक्स का महत्व

शेयर बाजार किसी भी देश की अर्थव्यवस्था (Economy) के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह बाजार में आवश्यक मनी फ्लो को बनाए रखता है. दूसरे शब्दों में बाजार तथा अर्थव्यवस्था (Economy) की तरलता को बनाए रखने में शेयर बाजार का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है.

BSE और NSE क्या है? और इन दोनों के बीच अंतर क्या है? यहां जानिए सभी सवालों के जवाब

Difference Between NSE and BSE: बीएसई और एनएसई ये दोनों टर्म ही शेयर मार्केट से जुड़े है। अगर आप Share Market में रुचि रखते है तो आपको दोनों स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) के बारे में पता होगा। इस पोस्ट में हम बीएसई और एनएसई (BSE and NSE Difference in Hindi)

BSE vs NSE: भारत में वैसे तो कई स्टॉक एक्सचेंज है, लेकिन इनमें से दो प्रमुख हैं, पहला बीएसई (BSE) और दूसरा एनएसई (NSE) है। जहां बीएसई का मतलब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) है, वही एनएसई का मतलब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) है। स्टॉक एक्सचेंज आम तौर पर निवेशकों के बीच सिक्योरिटीज, डेट और डेरिवेटिव के निष्पक्ष व्यापार के लिए एक मार्केट प्लेस है। BSE सबसे पुराने में से एक है और NSE एक एडवांस इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम के रूप में उनके बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। लेकिन इससे पहले कि हम दोनों के बीच कोई अंतर करें, आइए पहले यह समझने की कोशिश करें कि BSE और NSE क्या है।

BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) क्या है? | What is BSE in Hindi

वर्ष 1875 में स्थापित होने के बाद, BSE को द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के रूप में जाना जाता था। तब से, यह निवेशकों के विशाल पूल, दैनिक व्यापार आदान-प्रदान और गुणवत्ता सेवाओं के मामले में मजबूती से मजबूत होता गया है। स्वतंत्रता के बाद, इसे पहली बार भारत सरकार द्वारा 1957 में सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट, 1956 के तहत मान्यता दी गई थी। हालांकि सेंसेक्स को पहले इक्विटी इंडेक्स के रूप में 1986 में पेश किया गया था, ऑनलाइन ट्रेडिंग लगभग एक दशक बाद शुरू की जा सकती थी। बीएसई और एनएसई क्या हैं? 1995 को बोल्ट (बीएसई ऑनलाइन ट्रेडिंग सिस्टम) के रूप में जाना जाता है। BSE में कुल 5650 सूचीबद्ध कंपनियां होने का दावा किया गया है, जो 1.68 ट्रिलियन से अधिक का बाजार पूंजीकरण कर रही है। और यह विश्व स्तर पर 10 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। BSE को दलाल स्ट्रीट के नाम से जाना जाता है।

NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) क्या है? | What is NSE in Hindi

निवेशकों के बढ़ते आधार और व्यापार में दक्षता लाने के लिए, देश में पहली एडवांस इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम शुरू की गई जिसे National Stock Exchange (NSE) के रूप में जाना जाने लगा। NSE को शुरू करने का एक अन्य उद्देश्य कागज आधारित सेटलेमेंट सिस्टम को समाप्त करना था। 1995 में, निफ्टी को मुख्य सूचकांक के रूप में शुरू किया गया था। इसके तुरंत बाद, इसने 2000 से अधिक शहरों में फैलते हुए अपने नेटवर्क का विस्तार किया। NSE के तहत कुल 1740 कंपनियां सूचीबद्ध हैं, जिनका बाजार पूंजीकरण 1.5 ट्रिलियन से अधिक होने का अनुमान है। और यह ग्लोबल स्टॉक एक्सचेंज के बीएसई और एनएसई क्या हैं? दिग्गजों की सूची में 11वें स्थान पर है।

बीएसई और एनएसई के बीच अंतर | Difference between BSE and NSE

पॉपुलर इंडेक्स - BSE के लिए पॉपुलर इंडेक्स सेंसेक्स है जबकि NSE के लिए यह निफ्टी है।

स्थापना का वर्ष- BSE की स्थापना 1875 में हुई थी जबकि NSE की स्थापना 1992 में हुई थी।

बाजार पूंजीकरण - BSE का बाजार पूंजीकरण 1.68 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है जबकि NSE का लगभग 1.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है।

सूचीबद्ध कंपनियों की संख्या - वर्तमान में, BSE के तहत कुल 5650 कंपनियां सूचीबद्ध हैं जबकि 1740 कंपनियां NSE के तहत सूचीबद्ध हैं।

वेबसाइट - BSE की आधिकारिक वेबसाइट www.bseindia.com है जबकि NSE की आधिकारिक वेबसाइट www.nseindia.com है

उपस्थिति - BSE 400 से अधिक शहरों में अपने व्यापक नेटवर्क के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है जबकि NSE भारत के 2000 शहरों में फैला हुआ है।

ग्लोबल रैंकिंग - ग्लोबल रैंकिंग में BSE 10वें स्थान पर है जबकि BSE 11वें स्थान पर है।

Stock Market Holiday: दिवाली बलिप्रतिपदा पर आज शेयर बाजार बंद, बीएसई-एनएसई में नहीं होगा कारोबार

Stock Market Holiday: बुधवार यानी 26 अक्टूबर 2022 को बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर ट्रेडिंग पूरे सत्र के लिए बंद रहेगी।

शेयर बाजार एनएसई

भारतीय शेयर बाजार बुधवार को दिवाली बलिप्रतिपदा के कारण बंद रहेगा, इसलिए आज स्टॉक मार्केट में कोई व्यापारिक गतिविधि नहीं होगी। बीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार बुधवार यानी 26 अक्टूबर 2022 को बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर ट्रेडिंग पूरे सत्र के लिए बंद रहेगी।

बीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर 2022 के लिए शेयर बाजार की छुट्टियों की सूची के अनुसार, आज शेयर बाजार के इक्विटी सेगमेंट, इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट और एसएलबी सेगमेंट में कोई खरीद-बिक्री नहीं होगी। इस बीच करेंसी डेरिवेटिव्स सेगमेंट और इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स सेगमेंट में ट्रेडिंग भी आज निलंबित रहेगी।

कमोडिटी सेगमेंट की बात करें तो मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के तीनों मार्केट में पहले हाफ में ट्रेडिंग नहीं होगी, जबकि 26 अक्टूबर, 2022 को दूसरे हफ में शाम 5 बजे (शाम के सत्र) में ट्रेडिंग होगी।

इससे पहले बेंचमार्क इंडेक्स मंगलवार को लगातार सात दिनों तक बढ़त के बाद लाल निशान पर बंद हुए। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स 287.70 अंक गिरकर 59,543.96 के लेवल पर आ गया, जबकि निफ्टी 74 अंकों की गिरावट के साथ 17,656 के स्तर पर बंद हुआ। शेयर बाजार में अगली छुट्टी आठ नवंबर को गुरुनानक जयंती बीएसई और एनएसई क्या हैं? के दिन रहेगी।

विस्तार

भारतीय शेयर बाजार बुधवार को दिवाली बलिप्रतिपदा के कारण बंद रहेगा, इसलिए आज स्टॉक मार्केट में कोई व्यापारिक गतिविधि नहीं होगी। बीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार बुधवार यानी 26 अक्टूबर 2022 को बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर ट्रेडिंग पूरे सत्र के लिए बंद रहेगी।

बीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर 2022 के लिए शेयर बाजार की छुट्टियों की सूची के अनुसार, आज शेयर बाजार के इक्विटी सेगमेंट, इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट और एसएलबी सेगमेंट में कोई खरीद-बिक्री नहीं होगी। इस बीच करेंसी डेरिवेटिव्स सेगमेंट और इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स सेगमेंट में ट्रेडिंग भी आज निलंबित रहेगी।

कमोडिटी सेगमेंट की बात करें तो मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के तीनों मार्केट में पहले हाफ में ट्रेडिंग नहीं होगी, जबकि 26 अक्टूबर, 2022 को दूसरे हफ में शाम 5 बजे (शाम के सत्र) में ट्रेडिंग होगी।

इससे पहले बेंचमार्क इंडेक्स मंगलवार को लगातार सात दिनों तक बढ़त के बाद लाल निशान पर बंद हुए। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स 287.70 अंक गिरकर 59,543.96 के लेवल पर आ गया, जबकि निफ्टी 74 अंकों की गिरावट के साथ 17,656 के स्तर पर बंद हुआ। शेयर बाजार में अगली छुट्टी आठ नवंबर को गुरुनानक जयंती के दिन रहेगी।

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