इसके अलावा, म्यूचुअल फंड की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति 11.4 प्रतिशत बढ़कर 24 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई. वहीं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के माध्यम से लगायी संपत्ति 8.6 प्रतिशत बढ़कर 30 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच भारत में पूँजी बाजार गई. उल्लेखनीय है कि वैश्विक तथा घरेलू समस्याओं के कारण 2018-19 अपेक्षाकृत कठिन और चुनौतीपूर्ण रहा. पिछले वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान पूंजी बाजार से पूंजी जुटाने के मामले में भी वृद्धि देखी गई. बॉन्ड और इक्विटी के जरिये जुटाई गई राशि 5.3 प्रतिशत बढ़कर करीब 9 लाख करेड़ रुपये पहुंच गई.

Inflows via mutual funds SIP hit fresh high in November

सड़क परियोजनाओं के लिए धन जुटाने को जाएंगे पूंजी बाजार : गडकरी

डकरी ने कहा कि बीमा और पेंशन कोष ने भारत की सड़क परियोजनाओं में निवेश करने में रुचि दिखाई है क्योंकि ये परियोजनाएं आर्थिक रूप से व्यवहार्य हैं। उन्होंने पिछले महीने कहा था कि बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट्र (इनविट्स) के जरिये पैसा जुटाया जाएगा।

नई दिल्ली, एजेंसी: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार सड़क परियोजनाओं के लिए धन जुटाने को लेकर इस महीने पूंजी बाजार का रुख करेगी। उन्होंने गुरुवार को नई दिल्‍ली में एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) का टोल राजस्व अगले तीन साल में सालाना 40,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा, 'इस महीने सड़क परियोजनाओं के लिए मैं धन जुटाने को लेकर पूंजी बाजार का रुख करूंगा। टोल से हमारी आय बहुत अच्छी है और एनएचएआइ की रेटिंग एएए है। मुझे सौ प्रतिशत भरोसा है कि हमें पूंजी बाजार से अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी।' गडकरी ने कहा कि बीमा और पेंशन कोष ने भारत की सड़क परियोजनाओं में निवेश करने में रुचि दिखाई है क्योंकि ये परियोजनाएं आर्थिक रूप से व्यवहार्य हैं। उन्होंने पिछले महीने कहा था कि बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट्र (इनविट्स) के जरिये पैसा जुटाया जाएगा और खुदरा निवेशकों के लिए 10 लाख रुपये की निवेश सीमा होगी।

लागत पर नहीं गुणवत्ता पर ध्यान दें वाहन विनिर्माता

उधर, सियाम के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि वाहना उद्योगों को लागत की बजाय गुणवत्ता पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वाहन निर्माताओं को लागत कम करने, आयात कम करने और निर्यात बढ़ाने के लिए नई तकनीक अपनानी चाहिए। उद्योगपति साइरस मिस्त्री की सड़क दुर्घटना में मौत होने के बाद सड़क सुरक्षा को लेकर छिड़ी बहस की पृष्ठभूमि में उन्होंने यह बात कही। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के 62वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए गड़करी ने कहा कि वाहन विनिर्माताओं को लागत घटाने, ग्राहकों को और सुविधाएं देने, आयात घटाने और निर्यात बढ़ाने के लिए नई प्रौद्योगिकियां अपनानी चाहिए। गडकरी ने कहा, ‘‘वाहन क्षेत्र के अपने मित्रों से मैं कहता हूं कि उन्हें लागत के बजाय गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि लोगों की पसंद बदल रही है।’’

भारतीय पूंजी बाजार ने बड़े-बड़े दिग्गज देशों को पछाड़ा, पिछले साल रहा शानदार प्रदर्शन

Indian Capital Market : अमेरिका और भारत में पूँजी बाजार ब्रिटेन जैसे विकसित देशों एवं चीन एवं ब्राजील जैसे विकासशील देशों समेत दुनिया के प्रमुख बाजारों के मुकाबले भारतीय बाजार में निवेश पर प्रतिफल बेहतर रहा.

म्यूचुअल फंड की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति 11.4 प्रतिशत बढ़कर 24 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई. (फाइल)

भारतीय पूंजी बाजार का प्रदर्शन पिछले वित्त वर्ष कई बड़े पूंजी बाजारों से अच्छा रहा. अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों एवं चीन एवं ब्राजील जैसे विकासशील देशों समेत दुनिया के प्रमुख बाजारों के मुकाबले भारतीय बाजार में निवेश पर प्रतिफल बेहतर रहा. मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में वैश्विक और घरेलू चुनौतियों के बीच बंबई शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स ने 17.3 प्रतिशत का प्रतिफल जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी के 14.9 प्रतिशत के मुकाबले बेहतर है. यह प्रदर्शन अमेरिका (7.6 प्रतिशत), ब्रिटेन (3.2 प्रतिशत), चीन (2.5 प्रतिशत की गिरावट), ब्राजील (11.8 प्रतिशत), जापान (1.2 प्रतिशत की गिरावट), दक्षिण कोरिया (12.5 प्रतिशत की गिरावट) तथा हांगकांग (3.5 प्रतिशत की गिरावट) के मुकाबले बेहतर है.

भारतीय पूंजी बाजार में घोटालों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए, भारत सरकार ने _______ को नियामक शक्तियां सौंपी हैं।

Key Points

  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना 12 अप्रैल 1992 को हुई थी।
  • इसका गठन भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार किया गया था।
  • सेबी के मूल कार्य प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करना और प्रतिभूति बाजार को विनियमित करना और उससे जुड़े मामलों के लिए और इसके साथ जुड़े मामलों या आकस्मिक उपचार के लिए हैं।

पूंजी बाजार में सुधार, अभी भी कई कमियां: सेबी

पूंजी बाजार में सुधार, अभी भी कई कमियां: सेबी

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने माना है कि भारत में पूंजी बाजार में उल्लेखनीय रूप से सुधार हुआ है लेकिन अभी भी कई कमजोरियां हैं जिसका समाधान किया जाना जरूरी है।

अमेरिका-भारत आर्थिक तथा वित्तीय सहयोग पर आयोजित सम्मेलन में सेबी के चेयरमैन यू.के. सिन्हा ने सोमवार को कहा कि पूंजी बाजार का काफी विकास हुआ है और इसकी पहुंच भी बढ़ी है लेकिन अभी भी कई क्षेत्र हैं जहां कमियां हैं। सम्मेलन का आयोजन संयुक्त रूप से भारतीय उद्योग परिसंघ तथा वाशिंगटन स्थित ब्रुकिंग संस्थान ने किया।

उन्होंने कहा कि पूंजी बाजार देश के आठ से 10 बड़े शहरों में केंद्रित है। भारत में पूँजी बाजार ऐसे में पूंजी बाजार की पहुंच छोटे बाजार तथा ग्रामीण क्षेत्रों तक बढ़ाने की जरूरत है।

भारत मजबूत अर्थव्यवस्था के मुहाने पर, निवेश में सुधार एडेलवीस इंवेस्टमेंट रिसर्च में कहा

कम महंगाई, मुनाफा और वित्तीय बचतों में सुधार

  • 14 अगस्त 2017,
  • (अपडेटेड 14 अगस्त 2017, 4:32 PM IST)

नेशनल स्टाक एक्सचेंज के प्रमुख सूचकांक निफ्टी अगले साल 11,500 रुपये तक पहुंच सकता है इस समय भारतीय अर्थव्यवस्था अपने सबसे मजबूत दौर में प्रवेश के मुहाने पर खड़ी है साथ ही शेयर बाजारों में भी तेज़ी आनी बाकि हैं. पूंजी बाजार एवं वित्त् बाजार पर अनुसंधान एवं परामर्श आदि सेवाएं देने वाली संस्था एडेलवीस इंवेस्टमेंट रिसर्च ने कहा है कि कोई भी अर्थव्यवस्था अपने सबसे मजबूत दौर में तब कही जाती है जब शेयर बाजार, बांड और जिंस बाजार में एक साथ तेजी हो.

रेटिंग: 4.85
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 320