कमोडिटी ट्रेडिंग आपको अपने लाभ का फायदा उठाने का विकल्प देती है लेकिन यदि आप कुछ सावधानियां नहीं बरतते हैं तो नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है

Stock Market Holiday: आज शेयर मार्केट में छुट्टी! BSE और NSE में नहीं होगा कारोबार, कमोडिटी और फॉरेक्स मार्केट भी रहेगा बंद

By: ABP Live | Updated at : 26 Oct 2022 11:02 AM (IST)

शेयर मार्केट में छुट्टी

Share Market Holiday: भारत में दिवाली का सीजन चल रहा है. आज त्योहारी सीजन के बीच बुधवार यानी 26 अक्टूबर 2022 को शेयर मार्केट बंद रहेंगे. आज दिवाली बलिप्रतिपदा (Diwali Balipratipada) के मौके पर शेयर मार्केट में अवकाश रहेगा. आज के दिन देश को प्रमुख शेयर मार्केट बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर ट्रेडिंग पूरी तरह से बंद रहेगा. BSE और NSE के अलावा आज के दिन करेंसी मार्केट और कमोडिटी मार्केट में भी सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक अवकाश रहेगा, लेकिन 5 बजे के बाद से 11:30 यह दोनों बंद रहेगा. आपको बता दें कि हिंदू कैलेंडर की कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष तिथि को गोवर्धन पूजन किया जाता है. इस बार सूर्य ग्रहण के कारण भैया दूज (Bhai Dooj 2022) का त्योहार 26 और 27 अक्टूबर दोनों ही दिन मनाया जा रहा है.

Commodity Trading क्या है

किसी कमोडिटी को एक्सचेंज के माध्यम से खरीदने व बेचने के काम को कमोडिटी ट्रेडिंग कहते हैं | कमोडिटी ट्रेडिंग सामान्य ट्रेडिंग की तरह नही होती है , यहा पर की जाने वाली ट्रेडिंग भविष्य के लिए की जाती है | ट्रेड का दिन आने पर ट्रेडर ,ट्रेड काट सकता है या फिर वह चाहे तो उसकी डिलीवरी भी ले सकता है | कमोडिटी बाजार के माध्यम से एग्री प्रोडक्ट्स ( जैसे – गेहूं , ऑयल , कपास , सोयाबीन ) व नॉन-एग्री प्रोडक्ट्स ( बेस मेटल , सोना-चाँदी ) आदि का कारोबार करते है |

Commodity trading कैसे शुरू करें

Commodity बाजार में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए हमारे पास ट्रेडिंग खाता होना चाहिए | ट्रेडिंग खाता उसी ब्रोकर के साथ खोलना चाहिए , जिनके पास प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों जैसे एमसीएक्स ( MCX ) , एनसीडीईएक्स आदि की सदस्यता ले रखी हो | इन एक्सचेंजों की वेबसाइट पर इनसे जुड़े ब्रोकरों की सूची मिल जाएगी | भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है कई कमोडिटी एक्सचेंज हैं , जिनके माध्यम से कमोडिटी का कारोबार होता है | इनमें एमसीएक्स ( MCX ) , एनसीडीईएक्स , एनएमसीई प्रमुक है |

  • Commodity market भी शेयर बाजार की तरह होता है कमोडिटी बाजार में शेयर की जगह कमोडिटी को खरीदा और बेचा जाता है |
  • कमोडिटी किसी भी रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाले सामान को बोलते हैं जो लोगों की बुनियादी जरूरत होते हैं | जैसे की चना , गेहूं , सोना या चाँदी इत्यादि |
  • कमोडिटी बाजार में डिलीवरी होती है पर ज्यादातर लोग डिलीवरी न लेकर दुबारा से सामान को कमोडिटी बाजार में ही बेच देते हैं |
  • कमोडिटी बाजार में कच्चे माल की खरीद और बिक्री होती है |
  • कमोडिटी बाजार में सामान के पैसे वर्तमान स्थिति से लगते है , चाहे डिलीवरी कभी भी लो या न लो |
  • कमोडिटी बाजार में सामान की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जाता है बस पैसे देखे जाते है |

Commodity बाजार के लिए टिप्स

कुछ भी खरीदने के लिए पूरी रकम देनी होती है , पर कमोडिटी ट्रेडिंग में कुछ पैसे देकर ट्रेडिंग की जा सकती है । कमोडिटी बाजार में इस को मार्जिन ट्रेडिंग कहा जाता है । ये मार्जिन किसी भी ट्रेडिंग का 3-5 प्रतिशत होता है ।

  • कमोडिटी बाजार में कुछ प्रतिशत मार्जिन देकर ट्रेडिंग कर सकते है , तो हमें ज्यादा ट्रेडिंग एक साथ नहीं करनी चाहिए ।
  • कमोडिटी बाजार में निवेश अपने बजट के हिसाब से करना चाहिए ।
  • शेयर बाजार में हम अपने निवेश को कुछ साल तक रख सकते है पर कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग 2-3 महीने में कारोबार होता है तो इसमें निवेश कम समय के लिए होता है ।
  • कमोडिटी बाजार में शुरुआत में थोड़े निवेश से ज्यादा फायदा हो सकता है । जब कमोडिटी बाजार को पूरी कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है तरह से समझ जाएं तो ज्यादा पैसे निवेश कर सकते है ।
  • शेयर बाजार की तरह कमोडिटी बाजार में भी वैश्विक घटना से फर्क पड़ता है , ये समझ कर भी कमोडिटी बाजार में पैसे निवेश कर सकते है ।
  • लिक्विड कमोडिटी में ज्यादा फायदा रहता होता है । लिक्विड कमोडिटी जैसे की कच्चा तेल , आधार धातु इसमें नुकसान कम होता है और बाजार में बहार आने का मौका हमेशा खुला रहता है ।
  • शेयर बाजार की तरह कमोडिटी बाजार में बोनस या डिविडेंड नहीं मिलता है । जब भी कमोडिटी बेचते है , तभी फ़ायदा होता हैं ।
  • कमोडिटी बाजार में डिमांड-सप्लाई का भी ध्यान रखें ।

Commodity Trading क्या है शेयर मार्केट में कमोडिटी ट्रेडिंग क्या होता है

शेयर मार्केट में हम शेयर ट्रेडिंग के अलावा अक्सर एक शब्द और सुनते हैं Commodity Trading बहुत सारे लोग कई बार कंफ्यूज रहते हैं कि शेयर ट्रेडिंग और कमोडिटी ट्रेडिंग में क्या फर्क होता है इसीलिए आज हम इस जानकारी में यही जानेंगे कि कमोडिटी क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे किया जाता है हम इसमें किन चीजों की ट्रेडिंग कर सकते हैं।

Commodity-क्या-है-कमोडिटी-ट्रेडिंग-क्या-है

Commodity क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे करते है।

Commodities का मतलब होता है ऐसी चीजें जिन्हें हम डेली लाइफ में यूज करते हैं और उन चीजों को कोई भी प्रोड्यूस करें हम उसे एक जैसा ही मानते हैं उदाहरण के लिए चावल, गेहूं, तेल, एलपीजी, सोना और सिल्वर और जिस तरह शेयर मार्केट में हम शेयर पर डेरिवेटिव ट्रेडिंग करते हैं ठीक उसी तरह हम कमोडिटी मार्केट में कमोडिटीज डेरिवेटिव ट्रेडिंग कर सकते हैं।

कमोडिटी मार्केट में 4 तरह के कमोडिटीज में ट्रेडिंग होती है।

  1. Agri Commodity (एग्री कमोडिटीज क्या है)- जिसमें चीनी दाल सरसों का तेल चना सोयाबीन इलायची आते हैं
  2. Base Metals (बेस मेटल्स)- जैसे एलमुनियम कॉपर लेड निकेल और जिंक
  3. Precious Metals (प्रेशियस मेटल्स)- इसमें मिली दो कमोडिटी जाती है सोना और चांदी
  4. Anergy Commodity (एनर्जी कमोडिटीज)- जिसमें क्रूड आयल नेचुरल गैस आते हैं।

कमोडिटी ट्रेडिंग कितना रिस्की है

कमोडिटी में ट्रेडिंग करना शेयर्स में ट्रेनिंग करने से ज्यादा रिस्की होता है क्योंकि किसी भी कमोडिटी का प्राइस काफी कम समय में जल्दी से चेंज होता है इसकी वजह यह है कि कमोडिटीज में ऐसे प्रोडक्ट है जो फिजिकल सप्लाई डिमांड पर बेचने हैं जैसे सऊदी अरेबिया में तेल को लेकर कोई इशू हो जाए तो क्रूड ऑयल की कीमत पर इसका बहुत प्रभाव पड़ सकता है। ठीक इसी तरह अगर भारत में शुगर की प्रोडक्शन जरूरत से काफी कम हो जाए तो शुगर की प्राइस इंडियन कमोडिटी मार्केट में काफी तेजी से बढ़ सकती है।

दोस्तों कमोडिटीज में ट्रेडिंग डेरिवेटिव में होती है और डेरिवेटिव की ट्रेडिंग मार्जिन पर होती है। इस वजह से अगर हमारा ट्रेड गलत जगह हो गया तो हमें काफी नुकसान हो सकता है। पर अगर हमारा ट्रेड सही हुआ हमें मारजिंग की वजह से काफी ज्यादा प्रॉफिट भी हो सकता है। अगर हम कमोडिटी मार्केट में ट्रेड होने वाली किसी भी कमेटी में अच्छा नॉलेज है तो हम उसम ट्रेडिंग जरूर कर सकते हैं।

Types of Commodity Trading in Hindi | जानिए कमोडिटी ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

Types of Commodity Trading in Hindi | जानिए कमोडिटी ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

Types of Commodity Trading in Hindi: अगर आप कमोडिटीज में निवेश करने का प्लान बना रहे है तो पहले आपको कमोडिटी ट्रेडिंग के प्रकारों (Types of Commodities in Hindi) पर एक नजर डालने की जरूरत है जो भारत में सबसे लोकप्रिय है।

Types of Commodity Trading in Hindi: भारत में ऑनलाइन कमोडिटी ट्रेडिंग ने एक लंबा सफर तय किया है और पिछले कुछ वर्षों में यह और अधिक बढ़ा है। वर्तमान में भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग हार्ड और सॉफ्ट दोनों कैटेगरी में फैली हुई है। हार्ड कमोडिटीज में धातु, कच्चा तेल, कीमती वस्तुएं शामिल हैं जबकि सॉफ्ट कमोडिटीज, जिनकी सीमित शेल्फ लाइफ होती है, में कृषि वस्तुएं जैसे गेहूं, सोयाबीन, कपास, मक्का आदि शामिल हैं।

कमोडिटी ट्रेडिंग के नुकसान

लीवरेज से जितना फायदा होता है उतना ही नुकसान होता है. लीवरेज से आप छोटी पूंजी चुका कर बड़ी पोजिशन ले सकते हैं, लेकिन, कान्ट्रैक्ट की कीमत में थोड़ा सा भी बदलाव आपको भारी नुकसान करा सकता है.

क्योंकि लॉट साइज 100 है और आप 1,000 कान्ट्रैक्‍ट खरीदे जा रहे हैं. कम मार्जिन की वजह से जोखिम बढ़ जाता हैं, जो आपके पूरे निवेश को जोखिम में डाल सकता हैं.

वोलेटिलिटी का जोखिम

वस्तुओं की कीमतें काफी वोलेटाइल हैं और सप्लाई-डिमांड पर निर्भर करती है. पेट्रोल या डीजल से चलने वाले वाहनों को घटाकर इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर जाना आसान नहीं है.

कोयले से चलने वाली बिजली जैसे ऊर्जा स्रोतों से सौर ऊर्जा जैसे स्रोतों की ओर मुड़ने में काफी समय लगता है.

इसलिए संचयी बेलोचदार मांग और बेलोचदार आपूर्ति ऐसी स्थिति की ओर ले जाती है जहां बाजार की बुनियादी बातों में मामूली बदलाव कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है कीमतों में बड़े उतार-चढ़ाव पैदा कर सकता है.

विविधीकरण के अनुकूल नही

जब स्टॉक की कीमतें गिर रही होती हैं, तो कमोडिटी की कीमतें आसमान की ओर बढ़ती हैं. वर्ष 2008 के वित्तीय संकट में, वस्तुओं की कुल मांग में गिरावट आई.

जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर बेरोजगारी हुई, जिसने उत्पादन को और रोक दिया. इसका मतलब है कि कैश ने कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है कम अस्थिरता वाली वस्तुओं की तुलना में बेहतर रिटर्न प्रदान किया है.

इसलिए, कमोडिटीज प्रमुख रूप से इक्विटी वाले पोर्टफोलियो के विविधीकरण के लिए आदर्श उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं.

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