आप क्या करें
निवेश के कुछ विकल्प शेयर बाजार से संबद्ध हैं तो कुछ निश्चित ब्याज वाले हैं. आप जोखिम लेने की अपनी क्षमता के हिसाब से ही रिटर्न की उम्मीद रखें.

एक ही निवेश पर हो सकती है दो तरह से इनकम, समझे डिविडेंड स्टॉक के फायदे

एक ही निवेश पर हो सकती है दो तरह से इनकम, समझे डिविडेंड स्टॉक के फायदे

Dividend Stock: डिविडेंड देने वाले शेयर निवेश के लिए सुरक्षित माने जाते हैं.

Dividend Stocks: क्या आपने कभी सोचा है कि एक ही जगह निवेश करें और उस पर 2 तरह से आपको मुनाफा हो. बहुत से लोगों को इस बारे में ज्यादा अंदाजा नहीं होगा. लेकिन यह दो तरह के निवेशक संभव है और वह भी शेयर बाजार में. शेयर बाजार में निवेश का एक तरीका ऐसा भी है कि उस पर दो तरह से कमाई की जा सकती है. ऐसा लाभ आप ज्यादा डिविडेंड देने वाले शेयरों में निवेश कर उठा सकते हैं.

शेयर बाजार की चाल हर समय एक जैसी नहीं रहती है. बाजार में कभी तेजी आती है तो कभी छोटे सेंटीमेंट से भी बाजार नीचे आने लगता है. जब बाजार में गिरावट शुरू होती है तो कई शेयरों का भाव भी गिरने लगता है और निवेशकों का रिटर्न निगेटिव हो सकता है. ऐसे में निवेशकों दो तरह के निवेशक के मन में डर भी बैठने लगता है. जो निवेशक ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, कई बार वे इस कंडीशन में शेयर भी बेचने लगते हैं. अगर आप भी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो डिविडेंड स्टॉक बेहतर विकल्प है.

क्या है डिविडेंड?

कुछ कंपनियां अपने शेयरधारकों को समय-समय दो तरह के निवेशक पर अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा देती रहती हैं. मुनाफे का यह हिस्सा वे शेयरधारकों को डिविडेंड के रूप में देती हैं. इन्हें डिविडेंड यील्ड स्टॉक भी कहते हैं. गर इन कंपनियों के शेयर खरीदते हैं तो इसमें 2 तरह से फायदा होगा.

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Dividend Stocks: 2 तरह से फायदा

-एक तो फायदा यह होगा कि कंपनी होने वाले मुनाफे का कुछ हिस्सा आपको देगी.
-दूसरी ओर शेयर में तेजी आने से भी आपको मुनाफा होगा. मसलन किसी कंपनी के शेयर में आपने 10 हजार रुपए निवेश किए हैं और एक साल में शेयर की कीमत 25 फीसदी चढ़ती है तो आपका निवेश एक साल में बढ़कर 12500 रुपये हो जाएगा.

ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश का एक फायदा यह है कि आप अपने शेयर बेचे बिना भी इनकम कर सकते हैं.

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निवेश के किसी विकल्प को चुनते वक्त आपको जोखिम उठाने की अपनी क्षमता के बारे में जानना-समझना जरूरी है. कुछ निवेश ऐसे हैं जिनमें लंबी अवधि में अधिक जोखिम के साथ अधिक रिटर्न दो तरह के निवेशक का मौका मिलता है.

निवेश के वास्तव में दो तरीके हैं-वित्तीय और गैर वित्तीय निवेश विकल्प.

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वित्तीय प्रोडक्ट में आप शेयर बाजार से संबद्ध विकल्प (शेयर, म्यूचुअल फंड) चुन सकते हैं या फिक्स्ड इनकम (PPF, बैंक FD आदि) के विकल्प चुन दो तरह के निवेशक सकते हैं. गैर वित्तीय निवेश विकल्प में सोना, रियल एस्टेट आदि आते हैं. ज्यादातर भारतीय निवेश अब तक निवेश के इसी गैर वित्तीय निवेश विकल्प का प्रयोग करते रहे हैं.

Investment Tips: पहली बार कर रहे हैं निवेश तो रिस्‍क और रिटर्न देखकर लगाएं पैसा, ज्यादा फायदे के लिए अपनाएं ये स्‍ट्रैटेजी

Investment Tips: फर्स्ट टाइम इन्वेस्टर्स को बाजार में मौजूद जोखिम और अनुमानित रिटर्न पर ध्यान देना होगा. निवेशक बाजार में निवेश को लेकर कनफ्यूजन में न रहे और लालच के चक्कर में न पड़ें. बाय एंड होल्ड की स्ट्रैटेजी की अपनानी चाहिए. तभी लॉन्ग टर्म बेहतर रिटर्न पा सकेंगे.

बाय एंड होल्ड की स्‍ट्रैटेजी है बेहतर. (File Photo)

Investment Tips: पहली बार निवेश करने वाले बहुत से निवेशक जो इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के जरिए इक्विटी बाजारों में निवेश करते हैं, अक्सर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव से डर जाते हैं. इसी वजह से इक्विटी मार्केट में उनकी भागीदारी कम रहती है. हालांकि, यह और किसी कारण से ज्यादा एक व्यवहारिक चुनौती है दो तरह के निवेशक और इसे हल करना भी आसान है. हालांकि इसके लिए बाजार में मौजूद जोखिम और अनुमानित रिटर्न पर ध्यान केंद्रित करना होगा. आइए जानते हैं फर्स्ट टाइम इन्‍वेस्‍टर्स को निवेश के पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, वे किस तरह से बाजार से ज्यादा रिटर्न हासिल कर सकते हैं, कंपाउंडिंग का कैसे लाभ ले सकते हैं?

रिस्क लेने से बचते हैं निवेशक

PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड के सीईओ अजीत मेनन ने कहा, भारत में पहली बार निवेश करने वाले बहुत से निवेशकों ने बचपन से ही एक निश्चित तरीके से निवेश करना देखा है, जिससे वे भी उसी तरह से निवेश करने के बारे में सोचते हैं. फिक्स्ड इंटरेस्ट वाले पारंपरिक निवेश का मतलब है कि यहां रिटर्न साल दर साल बहुत अनुमानित है और इसी के परिणामस्वरूप इस तरह के निवेश वाले प्रोडक्ट में जोखिम नहीं के बराबर है. कई निवेशक परंपरागत रूप से इंफ्लेशन एडजस्टेड रिटर्न के बारे में नहीं सोचते हैं. इस वजह से भले ही रिटर्न की दर कम हो, इन विकल्पों में जोखिम भी बहुत कम होती है. इसी वजह से पहली बार निवेश करने वाले बहुत से निवेशक मार्केट लिंक वाले विकल्पों में निवेश को भी फिक्‍स्‍ड इनकम वाले निवेश की तरह देखते हैं और अनुमानित रिटर्न और किसी भी निवेश में मौजूद जोखिम के बीच संबंधों को पूरी तरह से नहीं समझ सकते हैं. इसलिए गोल बनाकर निवेश करें और रिटर्न भी देख लें.

Mutual Funds vs Shares: आपके लिए क्या है निवेश का बेहतर तरीका? जानिए पूरी डिटेल

Mutual Funds vs Shares: अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं तो सीधा स्टॉक खरीद सकते हैं जिसके लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है. इसके अलावा म्यूचुअल फंड की मदद से भी बाजार में पैसा निवेश किया जा सकता है. दोनों में कौन बेहतर है, यह आपके लक्ष्य और रिस्क लेने की क्षमता पर निर्भर करता है.

Mutual Funds vs Shares: शेयर बाजार में निवेश का दो प्रमुख तरीका है. पहला तरीका है कि आप सीधा डीमैट अकाउंट से शेयर खरीदें और लंबी अवधि के निवेशक बनें. दूसरा तरीका है कि आप म्यूचुअल फंड की मदद से बाजार में SIP करें और लंबी अवधि में आपको मोटा रिटर्न मिलेगा. निवेश का दोनों तरीका बेहद पॉप्युलर है. आपके लिए इसमें कौन तरीका ज्यादा सुटेबल है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आफकी बाजार को लेकर समझ कितनी है. अगर समझदारी से निवेश का फैसला नहीं किया तो आपका पैसा डूब भी सकता है.

कब करें सीधा शेयर बाजार में निवेश?

अगर आप शेयर बाजार में दिलचस्पी रखते हैं और बाजार के उठापटक को समझते हैं तो सीधा स्टॉक में निवेश किया जा सकता है. स्टॉक में निवेश के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट अकाउंट की मदद से स्टॉक खरीद और बेच सकते हैं. आपको कहां निवेश करना, किस सेक्टर में निवेश करना है और किस कंपनी का स्टॉक खरीदना है, यह आपका निजी फैसला होगा. हालांकि, बाजार के जानकारों की राय लेना जरूरी होता है. आप सीधा स्टॉक में निवेश करेंगे तो संभव है कि आपक रिटर्न ज्यादा मिले. दूसरी तरफ स्टॉक के गिरने पर नुकसान भी मोटा होगा.

बाजार में निवेश से पहले रिसर्च करना जरूरी होता है. स्टॉक के निवेशक दो तरह के होते हैं. पहला ट्रेडर होते हैं, जिनका यहा पेशा होता है. दूसरा आप धीरे-धीरे स्टॉक में निवेश करें और लंबी अवधि के निवेशक बनें. इस बात को ध्यान में रखना जरूरी है कि स्टॉक के प्रदर्शन से आपके पोर्टफोलिय पर डायरेक्ट असर होता है, ऐसे में यह आपके लिए इमोशनल जर्नी होती है.

किनके लिए है म्यूचुअल फंड?

जो निवेशक शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें इसके बारे में कम जानकारी है या फिर वे रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प है. म्यूचुअल फंड में आपका पैसा फंड मैनेजर निवेश करता है जिसके पास निवेश और बाजार का लंबा अनुभव होता है. म्यूचुअल फंड का एक और फायदा ये है कि आपका पैसे अलग-अलग असेट्स, अलग-अलग सेक्टर और अलग-अलग स्टॉक में निवेश किया जाता है. डायवर्सिफिकेशन के कारण आपका पोर्टफोलियो बैलेंस्ड रहता है.

आपके लिए दोनों में कौन बेहतर विकल्प है? यह एक कठिन प्रश्न है. हालांकि, यह पूरी तरह आपके लक्ष्य और रिस्क पर निर्भर करता है. अगर निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प माना जाता है. म्यूचुअल फंड में भी इक्विटी फंड का रिस्क ज्यादा होता है, जबकि डेट फंड में रिस्क कम होता है. अगर आप नए हैं और कम रिस्क उठाना चाहते हैं तो एक्सचेंज ट्रेडेड फंड भी निवेश का शानदार विकल्प है. दोनों में कई समानताएं भी हैं.

7 रुपये का शेयर 2 साल में 800 रुपये का, क्या पेनी स्टॉक में लगाना चाहिए पैसा?

पेनी स्टॉक में कई गुना रिटर्न मिलता है

  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2020,
  • (अपडेटेड 20 जुलाई 2020, 9:14 AM IST)

पेनी शेयरों में एक बार फिर तेजी का रुख है. पेनी शेयर अपने जबरदस्त रिटर्न की वजह से आकर्षित करते हैं. ऐसा ही एक शेयर दो साल पहले 7 रुपये का था, लेकिन अब 800 रुपये का हो चुका है. लेकिन क्या आपको इनके आकर्षण में फंसना चाहिए? क्या हैं फायदे दो तरह के निवेशक और जोखिम? आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं

क्या होते हैं पेनी स्टॉक

आप यदि शेयर मार्केट में निवेश दो तरह के निवेशक करने वाले गंभीर निवेशक हैं तो ऐसे पेनी स्टॉक की तलाश में जरूर रहते होंगे जो आपको बेहतर रिटर्न दिला सकें. ऐसे शेयर जिनकी कीमत 10 रुपये से भी कम होती है उन्हें पेनी स्टॉक कहते हैं. 24 मार्च को निफ्टी इस साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था. उस दिन से अब तक देखें तो पेनी स्टॉक की संख्या में 479 की दो तरह के निवेशक गिरावट गई है. इसकी वजह यह है कि इन शेयरों में 1400 फीसदी की तेजी आई है. इस दौरान 166 पेनी शेयर मल्टीबैगर यानी अपने दाम से कई गुना रिटर्न देने वाले बन गए हैं. इस दौरान बिड़ला टायर्स शेयर के दाम में 1443 फीसदी की जबरदस्त उछाल आई है.

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