बिटकॉइन को वैध मुद्रा का दर्जा मिलने के पूरे क्रिप्टो मार्केट के लिए क्या मायने हैं?
बिटकॉइन दुनिया की सबसे पहली डीसेंट्रलाइज्ड क्रिप्टोकरेंसी या कहें कि डिजिटल कॉइन है। इसका आविष्कार 2008 में हुआ लेकिन मुख्य इस्तेमाल 2010 से शुरू हुआ। पहले बिटकॉइन को संदेह की नजरों से देखा गया लेकिन अब ये दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी है। दुनिया में हजारों कंपनियां लेनदेन के लिए क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है बिटकॉइन को अपना चुकी हैं। अब मध्य अमेरिकी देश अल-साल्वाडोर में बिटकॉइन को वैध मुद्रा की मान्यता भी मिल गई है।
इतने कम समय में ही बिटकॉइन ने काफी लंबी दूरी तय कर ली है। इसकी वैधता का प्रभाव भारत और दूसरे देशों में भी महसूस हो रहा है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि BTC से INR गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला खोज शब्द है।
बिटकॉइन को वैध मुद्रा का दर्जा मिलने के क्या मायने हैं?
दुनिया के कुछ देशों में बिटकॉइन के उपयोग को वैधता मिली हुई है, लेकिन अपने अस्तित्व के महज 12 सालों में किसी देश में वैध मुद्रा का दर्जा मिलना इसकी लोकप्रियता का एक और उदाहरण है। पिछले साल, 7 सितंबर 2021 को अल-साल्वाडोर ने बिटकॉइन को वैध मुद्रा का दर्जा देकर प्रचलित फिएट यानी कागजी मुद्रा और डिजिटल करेंसी के बीच के भेद को खत्म कर दिया है। वैध मुद्रा बनने का अर्थ है कि इसे सरकार द्वारा टैक्स, सार्वजनिक या निजी शुल्कों और व्यापारिक लेनदेन के लिए स्वीकार किया जाएगा।
अल-साल्वाडोर ने बिटकॉइन को वैध मुद्रा माना
बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है के बाद अल-साल्वाडोर की अर्थव्यवस्था में काफी बदलाव आए हैं। देश का 14% से ज्यादा व्यापार बिटकॉइन के जरिए होने लगा है। वहां के पर्यटन क्षेत्र में उत्साह का वातावरण है वहीं बिटकॉइन स्वीकार करने वाले संस्थान खुश हैं। अल-साल्वाडोर ने 1 अरब डॉलर मूल्य के बिटकॉइन बॉन्ड जारी किए हैं।इस फंड का उपयोग एक बिटकॉइन सिटी की स्थापना में किया जाएगा जहां पर जियोथर्मल एनर्जी का उपयोग करके डिजिटल एसेट की माइनिंग की जाएगी। बिटकॉइन और क्रिप्टो के प्रति जागरूकता लाने के लिए शैक्षणिक संस्थान शुरू हुए हैं।
अन्य देश और क्षेत्र भी बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने की राह पर
अल-साल्वाडोर के नक्शे कदम पर चलते हुए कुछ अन्य देश और क्षेत्र भी बिटकॉइन को वैध मुद्रा का दर्जा देने की राह पर हैं। इनमें पुर्तगाल के ऑटोनॉमस रीजन होंडुरास और मदेरिया शामिल हैं। यहां प्रोस्पेरा के निवासियों को बिटकॉइन पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा और वे बिटकॉइन का उपयोग टैक्स और अन्य शुल्क का भुगतान करने में कर सकेंगे। इसके अलावा एक दक्षिण प्रशांत महासागर के देश टोंगा ने बिटकॉइन को कानूनी मुद्रा बनाने के अलावा भविष्य में नेशनल ट्रेजरीज को भी बिटकॉइन में ले जाने का चार चरणों वाला प्रस्ताव बनाया है। मैक्सिको की संसद में भी बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने के प्रति दिलचस्पी दिखाई गई है।
बिटकॉइन के वैध मुद्रा बनने से क्रिप्टो मार्केट को क्या फायदे होंगे
- चूंकि बिटकॉइन का पूरे क्रिप्टो मार्केट में 42% हिस्सेदारी के साथ दबदबा है इसलिए इससे क्रिप्टो मार्केट में मजबूती आएगी।
- रीयल-टाइम भुगतान और व्यावसायिक लेनदेन के लिए बिटकॉइन के उपयोग में वृद्धि होगी।
- अल-साल्वाडोर इसका उदाहरण है।
- लोग बिटकॉइन के अलावा अन्य क्रिप्टो प्रोजेक्ट पर भी अब विचार करना शुरू करेंगे। क्योंकि हो सकता है कि बिटकॉइन के उपयोग से सारे वित्तीय समाधान न हो पाएं।
- बिटकॉइन की इन उपलब्धियों की वजह से पॉलीगॉन जैसे क्रिप्टो भी भारत में लोकप्रिय होने लगे हैं और MATIC से INR जैसे खोज शब्द इस बात की पुष्टि करते है। यानी लोग सर्च करते हैं कि MATIC से INR में कैसे कन्वर्ट किया जाए।
- अब अधिक से अधिक लोग केंद्रीय बैंकों की डिजिटल करेंसी (CBDC) को आजमाने पर भी विचार करेंगे। इससे बाजार में आम प्रचलित मुद्रा यानी फिएट करेंसी के साथ डिजिटल मुद्रा का भी सह-अस्तित्व कायम होगा।
- क्रिप्टो माइनिंग के लिए अधिक से अधिक ग्रीन माइनिंग यानी पर्यावरण हितैषी साधनों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।
अभी तक केवल फिएट करेंसी यानी कागजी मुद्रा को ही मुद्रा समझा जाता था लेकिन अब कागजी और डिजिल मुद्रा के बीच का अंतर समाप्त हो रहा है। उपयोग को मान्यता मिलने के अलावा बिटकॉइन को तेजी से दुनिया के कई देशों में वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार किया जा रहा है। यह पूरे क्रिप्टो मार्केट के लिए भविष्य का सुनहरा संकेत है।
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Bitcoin: क्रिप्टो करेंसी पर जल्द आएगा कानून, सरकार ने किया ये ऐलान
Bitcoin: क्रिप्टो करेंसी क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है पर केंद्र सरकार (Central Government) जल्द ही बिल ला सकती है. राज्य सभा में जानकारी देते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने जानकारी दी.
सरकार जल्द ही क्रिप्टो करेंसी पर बिल लेकर आएगी (फोटो - जी बिजनेस)
Bitcoin: क्रिप्टो करेंसी पर केंद्र सरकार (Central Government) जल्द ही बिल ला सकती है. राज्य सभा में जानकारी देते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने जानकारी दी. रॉयटर्स की खबर के मुताबक सरकार का मानना है कि देश में क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) के लिए पर्याप्त कानून नहीं है. ऐसे में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर कुछ और कानून बनाने पर विचार कर रही है.
Elon Musk की कंपनी Tesla ने Bitcoin में पैसे लगाए
गौरतलब है कि एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी Tesla ने सोमवार को जानकारी दी है कि उसने Bitcoin में 1.5 बिलियन डॉलर इन्वेस्ट किया है. ये खबर आते ही बिटक्वाइन की कीमतों क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है में 15 फीसदी तक की तेजी देखी गई. पहली बार ऐसा हुआ है कि Bitcoin का रेट 44,000 डॉलर से ज्यादा हो गया. दरअसल एक रेगुलेटरी के सामने टेस्ला ने इस बात का खुलासा किया. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडीटर अनिल सिंघवी के मुताबिक Elon Musk के पैसे लगाने के बाद आने वाले दिनों में दुनिया के कई देशों में Bitcoin को मान्यता मिल सकती है. दुनिया में आने वाले दिनों में क्रिप्टोकरेंसी का फैशन बढ़ेगा. भारत समेत कई अन्य देश Bitcoin पर कर विचार कर सकते हैं . उन्होंने कहा कि हम दुनिया से अलग नहीं चल सकते. सरकार को ये साफ करने की जरूरत है कि भारत के लोगों को क्रिप्टो करेंसी में पैसे लगाने चाहिए या नहीं.
बिटकॉइन की कीमतों में जबरदस्त उछाल bitcoin prices
Tesla Inc के खुलासा करते ही कि उसने बिटकॉइन में 1.5 बिलियन डॉलर का इन्वेस्ट किया है, बिटकॉइन की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया. यह 44,000 डॉलर पर पहुंच गया जो All time High है. टेस्ला ने यह भी कहा कि वह अपनी इलेक्ट्रिक कारों के पेमेंट के तौर पर वह डिजिटल टोकन को स्वीकार करना शुरू करेगी. दुनिया की सबसे प्रभावशाली कंपनियों में से एक और बिलियेनर एलन मस्क के बिटकॉइन में निवेश से पता चलता है क्रिप्टोकरेंसी को लोगों का कितना सपोर्ट मिल रहा है. जबकि मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी की वजह से पॉलिसी मेकर्स ने क्रिप्टोकरेंसी की काफी आलोचना भी की है.
'बिटकॉइन में और बढ़ेगा निवेश' ('Bitcoin and investment will increase')
लंदन में नेक्सो के मैनेजिंग पार्टनर और को-फाउंडर एंटोनी ट्रेंशेव ने कहा कि- बिटकॉइन के लिए अपनी कंपनी के खजाने का 1.5 बिलियन डॉलर देने से पता चलता है कि इसने कितने बड़े पैमाने पर institutional adoption (संस्थागत स्वीकृति ) हासिल कर ली है. उन्होंने आगे कहा कि 'टेस्ला ने अब रास्ता साफ कर दिया है'. वहीं ट्रेंशेव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 2022 के अंत तक S&P 500 कंपनियों में से कम से कम 10% का इन्वेस्टमेंट बिटकॉइन में होगा.
क्रिप्टो करेंसी के रेगुलेशन के लिए मौजूदा कानून अपर्याप्त, सरकार संसद में जल्द बिल लाएगी- अनुराग ठाकुर, वित्त राज्य मंत्री#Bitcoin #CryptoCurrency @AnilSinghvi_ pic.twitter.com/bgSvcG53jX
— Zee Business (@ZeeBusiness) February 9, 2021
कई कंपनियों ने लगाए हैं पैसे (Many companies have invested money)
वहीं दूसरी कंपनियों ने भी बिटकॉइन में इन्वेस्ट किया है. MicroStrategy Inc. ने इसपर करीब 1.1 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं. अक्टूबर में लंबे समय से क्रिप्टो के समर्थक रहे जैक डोर्सी की अध्यक्षता में Square Inc ने घोषणा कि थी उन्होंने 2020 की दूसरी तिमाही (second quarter) में अपनी कुल संपत्ति का लगभग 50 मिलियन डॉलर टोकन में बदल दिया. वहीं मिलर वैल्यू पाटनर्स के बिल मिलर ने कहा है कि यह तो महज शुरुआत है. बिटकॉइन के साथ विवाद और तारीफ दोनों जुड़े हुए हैं. जिसमें सबसे बड़ी चीज है इसकी अनिश्चितता. कुछ लोग इसे बुलबुले की तरह देखते हैं. वहीं बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जो कहते हैं कि ये लंबे समय तक चलेगा.
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क्या बिटक्वाइन के रूप में सैलरी लेना पसंद करेंगे आप! जानें एक्सपर्ट की राय
डिजिटल सिक्के ने पिछले साल अप्रैल में 1 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप को पार कर लिया.
बिटकॉइन ने लोकप्रियता हासिल की 2017 की शुरुआत में, और यह हकीकत में इस्तेमाल में आने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी बन गई. बिट . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : April 03, 2022, 14:04 IST
Digital Currency News: क्रिप्टोकरेंसी बाजार (cryptocurrency market) के लीडर बिटकॉइन (Bitcoin) ने डिजिटल ट्रेडिंग सिस्टम में कई रिकॉर्ड कायम किए हैं. आभासी यानी डिजिटल सिक्के, जिनका ने कोई केंद्रीय बैंक है और न ही कोई कंट्रोलर, ने जल्दी पैसा बनाने के द्वार खोल दिए. अब, यह डिजिटल सिक्का ब्लॉकचेन उद्योग में एक अभिनव भुगतान नेटवर्क और एक नए प्रकार की मुद्रा है. इस रहस्यमय बिटकॉइन का आकर्षण ऐसा है कि कई लोग इसे वेतन के रूप में प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं. हालांकि, क्या यह एक अच्छा ऑप्शन है, यह कई वजहों पर निर्भर करता है.
बिटकॉइन में ट्रेडिंग 2009 में शुरू हुई थी. इस डिजिटल सिक्के का आविष्कार किसने किया, यह किसी को पता नहीं है, हालांकि, कई अटकलें और नाम सामने आए हैं. सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) को बिटकॉइन के आविष्कारक के रूप में छद्म नाम वाला व्यक्ति या जापान में रहने का दावा करने वाले व्यक्ति माना जाता है. हालांकि, अभी तक इनकी पुष्टि नहीं हुई है.
2017 में शुरुआत
बिटकॉइन ने लोकप्रियता हासिल की 2017 की शुरुआत में, और यह हकीकत में इस्तेमाल में आने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी बन गई. बिटकॉइन डिसेंट्रलाइज्ड है और आसानी से उपलब्ध है. हालांकि, बिटकॉइन को सामान और सेवाओं को खरीदने के साधन के रूप में अपनाने का विचार अभी भी बड़े पैमाने पर स्वीकार नहीं किया गया है, लेकिन कई कंपनियां, खुदरा विक्रेताओं और प्लेटफॉर्म हैं जो बिटकॉइन को सेवाओं और भुगतानों के लेन-देन के माध्यम के रूप में क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है उपयोग करने में विश्वास रखते हैं.
CoinMarketCap डेटा के अनुसार, आज बिटकॉइन की कीमत 46,644.46 डॉलर है और 24 घंटे की ट्रेडिंग मात्रा 32,264,225,286 डॉलर है. पिछले 24 घंटों में बिटकॉइन में 1.49 प्रतिशत का उछाल आया है. बिटकॉइन की सप्लाई सीमा 21 मिलियन बीटीसी सिक्कों (BTC coins) की है, जबकि वर्तमान में, आपूर्ति 19 मिलियन बीटीसी सिक्कों से अधिक है.
डिजिटल सिक्के ने पिछले साल अप्रैल में 1 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप को पार कर लिया है. हालांकि, विशेषज्ञ बिटकॉइन के आगे बढ़ने को लेकर आशान्वित हैं.
क्या बिटकॉइन को सैलरी के रूप में स्वीकार किया जा सकता है
बिटकॉइन एक प्रक्रिया के लिए बनाए गए हैं जिसे माइनिंग के रूप में जाना जाता है. उन्हें अन्य मुद्राओं, उत्पादों और सेवाओं के लिए आदान-प्रदान करने की अनुमति है. हालांकि, डिजिटल सिक्के की इसके अवैध लेनदेन के लिए भी आलोचना की जाती है. इतना ही नहीं, बिटकॉइन की खनन, मूल्य अस्थिरता और एक्सचेंजों पर बड़ी मात्रा में चोरी की बिजली इस्तेमाल करने के लिए भी आलोचना की गई है.
सट्टे का बुलबुला
कई विशेषज्ञों ने बिटकॉइन को एक सट्टे का बुलबुला कहा है जो आखिर में फट जाएगा. इसका सीधा सा मतलब है, कि बिटकॉइन की कीमत में उच्च अस्थिर आवृत्ति होती है, और साबुन के बुलबुले की तरह ही यह तेजी से फट सकता है. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने बिटकॉइन को क्रिप्टोकरेंसी बाजार के लिए गेम-चेंजर के रूप में देखा है और ब्लॉकचेन उद्योग के विस्तार के साथ व्यापारिक दुनिया में एक नए युग की शुरुआत कहा है.
कुछ स्थानीय और राष्ट्रीय सरकारों ने आधिकारिक तौर पर कुछ मामलो में बिटकॉइन का उपयोग करना शुरू कर दिया है. अल सल्वाडोर (El Salvador) नामक देश ने बीटीसी को कानूनी निविदा के रूप में अपनाया है.
भारत सरकार सख्त
2017 में रफ्तार पकड़ने के बाद, बिटकॉइन ने कई लोगों को सामान और सेवाओं के भुगतान के रूप में सिक्के का चयन करने के लिए प्रेरित किया, लेकिन यह विचार जल्द ही खारिज कर दिया गया क्योंकि, दुनिया भर के नियामकों ने क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग (cryptocurrency trading) पर लगाम कसने का फैसला किया है.
पिछले महीने, भारत सरकार ने क्रिप्टो ट्रेडिंग पर कड़े कर नियम जारी किए थे. लोकसभा ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) या “क्रिप्टो टैक्स” पर कराधान नियमों को मंजूरी दी. ये नए कर नियम 01 अप्रैल, 2022 से प्रभावी हो गए हैं.
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कई नई चुनौतियों का सामना कर रहा आर्थिक संकट से घिरा पाकिस्तान
शेयर बाजार 19 जुलाई 2022 ,15:15
कई नई चुनौतियों का सामना कर रहा आर्थिक संकट से घिरा पाकिस्तान
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने न केवल यूरोप बल्कि व्यापक मध्य पूर्व में भी आर्थिक आघात पहुंचाया है।अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के एक सीनियर फेलो माइकल क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है रुबिन ने लिखा है कि पाकिस्तान, जिसकी अर्थव्यवस्था दशकों के भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और अस्थिर शासन के कारण पहले से ही कमजोर है, उस पर विशेष रूप से प्रभाव पड़ा है।
जबकि कई देश यूक्रेनी या रूसी गेहूं या विदेशी ऊर्जा आयात पर निर्भर हैं, वहीं पाकिस्तान को दोनों की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 के बीच, इंडोनेशिया और मिस्र के बाद पाकिस्तान यूक्रेनी गेहूं के निर्यात का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता था।
रुबिन ने लिखा है कि तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है और इसके आयात की लागत 85 प्रतिशत से अधिक बढ़कर लगभग 5 अरब डॉलर हो गई है।
एक के बाद एक पाकिस्तानी नेताओं की ओर से सुधारों से परहेज करने के कारणों में से एक यह रहा है कि उनका मानना था कि चीन द्वारा बनाई गई परियों की कहानियों (दिखाई गए झूठे सपने) को स्वीकार करना आसान है। पाकिस्तान के लिए आर्थिक रक्षक होने की बात तो दूर, अब यह स्पष्ट है कि बीजिंग ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का इस्तेमाल पाकिस्तान को गुलाम बनाने के लिए एक तंत्र के रूप में किया है, जिसे शरीफ के भाई नवाज ने मूर्खता से स्वीकार कर लिया था।
उन्होंने उन शब्दों में अपनी बात कही है जिन्हें लेकर आज के समय में ज्यादातर पाकिस्तानी परेशान हैं। इसे याद करते हुए रुबिन ने लिखा, हमारी दोस्ती हिमालय से भी ऊंची और दुनिया के सबसे गहरे समुद्र से भी गहरी और शहद से भी मीठी है।
उन्होंने कहा, पाकिस्तान में विकास को बढ़ावा देने के बजाय, सीपीईसी इस्लामाबाद के लिए एक दायित्व बन गया है। चीनी स्वतंत्र बिजली उत्पादकों को सॉवरेन काउंटर गारंटी पाकिस्तानी सरकार के राजस्व को खा जाती है, भले ही पाकिस्तान को लंबे समय तक बिजली की कटौती का सामना करना पड़ रहा है। सीपीईसी परियोजना का कार्यान्वयन छिटपुट है, हालांकि, पिछले चार वर्षों से, पाकिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा चीनी अनुदान और सहायता प्राप्त करने वाला देश है।
विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान जल्द ही व्यापक आर्थिक अस्थिरता का सामना कर सकता है। सामाजिक अस्थिरता जल्द ही पीछा करेगी। पाकिस्तान के निजी क्षेत्र ने भी कर्मचारियों एवं लेबर क्लास के काम के लिए भी पर्याप्त नौकरियां पैदा नहीं की हैं। रुबिन ने कहा कि क्रोध उबलते बिंदु पर पहुंच रहा है और बढ़ती आपराधिकता सामाजिक ताना-बाना टूटने का संकेत देती है।
रुबिन ने कहा, श्रीलंका का पतन क्षेत्र को चिंतित करता है, लेकिन पाकिस्तान के पतन से दुनिया को चिंता होनी चाहिए। दशकों से, पाकिस्तान में सरकार की विफलता एक बुरा सपना रही है। पाकिस्तान और व्यापक दुनिया दोनों ने उस परि²श्य को करीब से देखा है, जिसमें हिंसा, उग्रवाद और गरीबी व्याप्त रूप से है। कराची की पूर्व राजधानी और वाणिज्यिक केंद्र और पाकिस्तानी अधिकारियों ने अफगानिस्तान सीमा के साथ कई क्षेत्रों पर नियंत्रण खो दिया है।
उन्होंने आगे कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और ईरान का पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार की सुरक्षा के बारे में चिंता करना लाजिमी है, क्योंकि सैन्य अधिकारी भी इसे पाने के लिए संघर्ष करना शुरू कर देते हैं। पाकिस्तानी अभिजात वर्ग यह मानने से इनकार की स्थिति में रहता है कि व्यापक समाज से अलग एक समृद्ध जीवन जीने के लिए यथास्थिति स्थायी है। हालांकि ऐसा नहीं है। बुलबुला अब फूट रहा है और परिणाम सुंदर नहीं होगा।
पाकिस्तान के लिए, यह एक आदर्श तूफान है। 30 जून, 2022 को पाकिस्तान के वित्तीय वर्ष के अंत में, उसका व्यापार घाटा 50 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 57 प्रतिशत अधिक है। यदि शहबाज शरीफ सरकार ने मई 2022 में 800 से अधिक गैर-जरूरी विलासिता की वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाया होता, तो यह आंकड़ा और भी अधिक हो सकता था।
सिटीग्रुप के इमजिर्ंग मार्केट डिवीजन के पूर्व मुख्य रणनीतिकार युसूफ नजर का अनुमान है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार फरवरी के बाद से आधे से घटकर केवल 6.3 अरब डॉलर रह गया है, जो क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है ईरान को तथाकथित अधिकतम दबाव अभियान के तहत झेलना पड़ा था। रुबिन का कहना है कि पाकिस्तान को किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की खैरात मिली है। रुबिन ने लिखा, यह गंभीर सुधारों को लागू करने के लिए शरीफ, भुट्टो और खान की अनिच्छा या अक्षमता को दर्शाता है।
मध्यम वर्ग भी महंगाई को झेल नहीं पा रहा है। जून में मुद्रास्फीति (महंगाई) बढ़कर 20 प्रतिशत से अधिक हो गई, जो हाल के दिनों में सबसे अधिक है। एक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा निर्देशित सब्सिडी को समाप्त करने से बिजली और गैस दोनों की कीमतें बढ़ गई हैं, यहां तक कि यह दुनिया भर में तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई बढ़ोतरी से भी ज्यादा है। इसके साथ ही खाद्य असुरक्षा व्याप्त है।
इस बीच, अमेरिकी डॉलर की तुलना में पाकिस्तानी रुपये का मूल्य लगातार गिर रहा है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत से अधिक है। इसके विपरीत, भारतीय रुपया सिर्फ छह प्रतिशत से अधिक लुढ़का है।
रुबिन ने लिखा, अंतर्राष्ट्रीय धैर्य कम हो गया है। आईएमएफ अब सुधार के पाकिस्तानी वादों पर भरोसा नहीं करता है और वह अच्छी खासी खैरात देने को तैयार नहीं है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा मांगे गए सुधारों के संचालन के लिए इस्लामाबाद की अनिच्छा इस बात को रेखांकित करती है कि इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस एजेंसी पाकिस्तानी वित्त के संदिग्ध क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है पहलुओं के साथ कैसे जुड़ी हुई है।
उन्होंने कहा, कुछ पाकिस्तानी उदारवादियों द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ रुके हुए व्यापार और निवेश फ्रेमवर्क समझौते को फिर से शुरू करने के प्रयास कुछ नहीं कर पाए, विशेष रूप से खराब पाकिस्तानी नियामक प्रथाओं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, डेटा संरक्षण और बौद्धिक संपदा अधिकारों के साथ वाशिंगटन की चिंताओं को देखते हुए यह कहा जा सकता है।
क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है
डॉलर इंडेक्स इतना जरूरी क्यों है, इसका जवाब है कि दुनिया में ज्यादातर कमोडिटीज का ट्रेड डॉलर में ही होता है. दुनिया भर के देश अपने आर्थिक आंकड़े डॉलर में ही जारी करते हैं
क्रिप्टो करेंसी की टक्कर में भारत की अपनी डिजिटल करेंसी! जानिए क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है कब होगी लॉन्च
CBDC एक मुद्रा है जो रेगुलेटर से समर्थित है और डिजिटल रूप में स्टोर है. इसको पेपर करेंसी में भी बदला जा सकता है और रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट में दिखाया जा सकता है
आजादी@75: पाकिस्तान में चलते थे भारत में छपे नोट, आरबीआई गवर्नर के होते थे हस्ताक्षर
आरबीआई ही पाकिस्तान में नोट छापकर भेजती थी. ये सिलसिला 1953 तक चला, जब पाकिस्तान ने अपने सेंट्रल बैंक की स्थापना कर ली.
WazirX के बाद अब इस क्रिप्टो-एक्सचेंज पर क्यों हुई ED की कार्रवाई? ये है पूरी कहानी
हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने क्रिप्टो-एक्सचेंज प्लेटफॉर्म वजीरएक्स (WazirX) पर कार्रवाई की थी, अब 'वॉल्ड (Vauld)' के खिलाफ एक्शन हुआ है.
WazirX पर ED के छापों में नया मोड़, Binance ने कहा WazirX को कभी खरीदा ही नहीं
ईडी ने अपनी जांच में पाया कि लोन ऐप कंपनियों ने क्रिप्टोकरेंसी में बड़े पैमाने पर निवेश किया और एक्सचेंस की मदद लेकर उन्हें विदेशों में ट्रांसफर कर दिया.
डॉलर के मुकाबले और कितना गिरेगा रुपया, बाकी करेंसी का हाल भी समझिए
जुलाई 2022 में डॉलर करीब करीब सभी बड़ी ग्लोबल करेंसीज पर भारी पड़ा. DXY इंडेक्स जुलाई में अबतक 3.7% तक बढ़ चुका है
आखिर क्यों गिर रहा है रुपया, बिल्कुल आसान भाषा में समझिए
ऐसा नहीं है कि रुपया हमेशा से ही इतना कमजोर रहा है. 1947 में एक डॉलर की कीमत सिर्फ 3.33 रुपये थी, जो 1985 में बढ़कर 12.38 रुपये हो गई.
रुपये की गिरावट पर इतना हो-हल्ला क्यों? दूसरे देशों की करेंसीज के हाल तो जान लीजिए
रुपए में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज हुई है. रुपया आज डॉलर के मुकाबले 79.58 डॉलर तक लुढ़क गया है. डॉलर इंडेक्स भी अब 108.3 की ऊंचाई तक पहुंच चुका है, जो कि अक्टूबर 2002 के बाद सबसे ऊंचा लेवल है.
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से इस राज्य के लोग बहुत खुश, यह है बड़ा कारण
भारतीय रुपया तीन साल में 22.15 फीसदी गिर गया है. जहां 2019 में एक दिरहम की कीमत 17.6 रुपये थी, वहीं अब यह 21.5 पर व्यापार कर रहा है.
Cryptocurrency आधारित प्लेटफॉर्म Celsius ने बाहर किए 150 कर्मचारी, इस वजह से लिया ये फैसला
क्रिप्टोकरेंसी का विश्वव्यापी बुलबुला अब फूटने लगा है. बिटकॉइन (Bitcoin) और एथेरियम (Ethereum) जैसे प्रसिद्ध क्रिप्टोटोकन, आर्थिक मंदी के बीच अपने रिकॉर्ड उच्चतम वैल्यू से लगभग 70 फीसदी गिर गए हैं.
हजारों इन्वेस्टर्स का सुख-चैन छीनने वाली इस क्रिप्टो क्वीन को जानते हैं आप?
रुजा इग्नातोवा नाम की एक महिला को क्रिप्टो क्वीन कहा जाता है और अमेरिकी जांच एजेंसी FBI को उसकी तलाश है.
कहीं आपके पास अनफिट नोट तो नहीं? आसानी से करें पता, RBI ने बताए 11 पैरामीटर्स
Currency Notes: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 11 पैरामीटर्स भी तय किए हैं. इन 11 पैरामीटर्स पर खड़े होने वाले नोट ही फिट कहला पाएंगे.
क्रिप्टो के फेर में फंसकर 1000 करोड़ रुपए गंवा बैठे भारतीय
साइबर-सुरक्षा कंपनी CloudSEK की रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रिप्टो से जुड़े घोटालों की संख्या बढ़ रही है.
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