फिक्स्ड डिपोजिट या रेकरिंग डिपोजिट में क्या है अंतर? जाने किसमें निवेश में है फायदा

अप्रैल-जून तिमाही के दौरान बैंक एफडी में 6.1 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 15 Aug 2020 01:09 PM (IST)

कोरोना संक्रमण की वजह से अर्थव्यवस्था के बिगड़े हालात में निवेशक हाई रिटर्न, हाई रिस्क निवेश इंस्ट्रूमेंट्स में पैसा लगाने से बच रहे हैं. इसके बजाय वे फिक्स्ड डिपोजिट और रेकरिंग डिपोजिट जैसे सुरक्षित और निश्चित रिटर्न वाले निवेश इंस्ट्रूमेंट को तवज्जो दे रहे हैं. दरअसल कोरोनावायरस के दौरान आर्थिक अनिश्चितता की वजह से एफडी की ओर निवेशकों का रुझान बढ़ता जा रहा है. अप्रैल-जून तिमाही के दौरान बैंक एफडी में 6.1 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है, वहीं आरडी यानी रेकरिंग डिपोजिट में भी इजाफा देखने को मिला है. लेकिन आपको एफडी कराना चाहिए या आरडी. आइए देखते हैं आपके लिए कौन ज्यादा फायदेमंद है?

क्यूमुलेटिव और नॉन क्यूमुलेटिव एफडी

एफडी में निवेश के दो विकल्प होते हैं. क्यूमुलेटिव और नॉन-क्यूमुलेटिव ऑप्शन. क्यूमुलेटिव ऑप्शन में मूलधन के साथ ब्याज भी इनवेस्ट हो जाता है. जबकि नॉन-क्यूमुलेटिव ऑप्शन में डिपोजिटर को हर एक, तीन या 12 महीने में इंटरेस्ट दे दिया जाता है.रेकरिंग डिपोजिट एकमुश्त डिपोजिट न हो कर एक निश्चित अंतराल में किया जाना वाले निवेश है. इससे बचत की एक निश्चित आदत बनती है. यह म्यूचुअल फंड के सिप में निवेश करने जैसा ही है.

एफडी और आरडी में ब्याज

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फिक्स्ड डिपोजिट रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश में निवेश की अवधि सात दिन से दस साल का जबकि आरडी में निवेश की अवधि छह महीने से दस साल तक होती है. एफडी एक हजार से पांच हजार रुपये और आरडी हर महीने दस हजार रुपये से शुरू हो सकता है.एफडी और आरडी के इंटरेस्ट रेट में अंतर होता है. एफडी रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश का इंटरेस्ट रेट ढाई फीसदी से लेकर दस फीसदी तक हो सकता है लेकिन आरडी का रेट चार से आठ फीसदी तक होता है.

टैक्स देनदारी

एफडी और रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश आरडी दोनों पर इनकम पर टैक्स लगता है. एफडी और आरडी पर टीडीएस लगता है. इंटरेस्ट पर आपके टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों को एक साल में 50 हजार रुपये के इंटरेस्ट इनकम पर टैक्स नहीं देना पड़ता है.एफडी और आरडी दोनों सुरक्षित निवेश हैं. आरडी हर महीने रेगुलर सेविंग्स में मदद करता है. इमरजेंसी के लिए ये दोनों निवेश माध्यम काफी मददगार है. इसलिए अपने पोर्टफोलियो में ऐसे निवेश को जरूर जोड़ें है. इनका महत्व कभी नहीं कम होगा.

Published at : 15 Aug 2020 01:09 PM (IST) Tags: fixed income recurring deposit Bank Fixed Deposit fixed deposit हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

निवेश करना सीखें

मेटा विवरण : निवेशन और निवेश करना क्यों जरूरी है, इस बारे में हम जान चुके हैं. निवेशन वह प्रक्रिया है जिसमें आपका धन आपके लिए क्रियाशील रहता है और बढ़ता जाता है. हमने निवेश के अलग-अलग विकल्पों के बारे में भी जाना है. इस पाठ में हम सबसे सबसे प्रचलित निवेशों में से एक यानी बैंक जमा (बैंक डिपॉजिट्स) को समझेंगे.

निवेशन एक ऐसा शानदार माध्यम है जिसके सहारे आपके विशेष परिश्रम के बगैर आपकी बचत राशि बढ़ती जाती है. निवेश करने से आपको ब्याज और लाभांश के माध्यम से आमदनी अर्जित करने में मदद मिलती है. अपनी बचत में वृद्धि करने और इस पर अतिरिक्त आमदनी कमाने का यह सबसे बढ़िया तरीका है. (अधिक जानकारी के लिए ‘निवेशन क्या है’ पढ़ें).

किसी भी व्यक्ति के लिए निवेश करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. निवेश करने का सबसे अधिक ज़रूरी कारण यह है कि मुद्रास्फीति यानी महँगाई के असर से पैसों का मूल्य हर साल घट जाता है. हर साल वस्तुओं और सेवाओं की लागत बढ़ जाती है. इसका सीधा मतलब यह है कि 100 रुपये में आप आज जितना सामान खरीद सकते हैं, एक साल के बात उतना नहीं खरीद पायेंगे. मुद्रास्फीति की दर के आधार पर एक साल बाद उसी 10 रुपये के उसी सामान के लिए आपको 105 या 110 रुपये देने पड़ सकते हैं. इस घाटे की भरपाई के लिए निवेश करना ज़रूरी है. (अधिक जानकारी के लिए ‘निवेश क्यों करें’ पढ़ें).

निवेश के सर्वाधिक प्रचलित तरीकों में से एक तरीका है बैंक में जमा रखना. (निवेश के अन्य विकल्पों के लिए ‘निवेश कहाँ करें’ पढ़ें). आप अपना फण्ड बैंक में विभिन्न खातों में रख सकते हैं और बैंक उसके बदले आपको ब्याज देगा. आपका खाता किस प्रकार का है, उसके आधार पर ब्याज की दर में भिन्नता होगी. हर एक खाता अलग प्रकार से काम करता है. आइये, बैंक जमा खातों के विभिन्न प्रकारों पर गौर करें.

जमा रखने के लिए बचत बैंक खाता सबसे आम बैंक खाता है. आप पैसे जमा कर सकते हैं और अपने बचत खाता से भुगतान कर सकते हैं. आप अपने बचत खाता को दूसरे निवेशों के साथ और अपने डीमैट खाते से सम्बद्ध भी कर सकते हैं. ऐसा करने से आप जो भी निवेश करते हैं उसकी राशि आपके बचत खाते से स्वतः निकल जायेगी और निवेश की अवधि पूरी होने, यानी निवेश के परिपक्व होने पर जो देय राशि होगी वह आपके बचत खाते में जमा हो रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश जायेगी. बचत खाता किसी भी व्यक्ति द्वारा खोला जाने वाला सबसे बुनियादी जमा खाता होता है. जमाकर्ता भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर अपनी रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश मर्जी से जब चाहे तब अपने बचत खाते से राशि की निकासी कर सकता है. चूंकि जमाकर्ता को बैंक यह नकदी सुविधा (लिक्विडिटी) देती है, इसलिए बचत बैंक खाता पर ब्याज की दर 3.5% से 4% तक होती है. कोटक महिंद्रा बैंक जैसे कुछ बैंक 6% की दर पर ब्याज देते हैं, बशर्ते कि बचत खाते में हर समय 1 लाख रुपये से ज्यादा का अधिशेष (बैलेंस) रहे.

बचत खाता सबसे बुनियादी और सबसे साधारण खाता होता है. इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन भी खोल सकते हैं और बैंक की शाखा में जाकर भी.

  • सावधि जमा (फिक्स्ड डिपाजिट) खाता :

सावधि जमा, जो अंग्रेज़ी भाषा के फिक्स्ड डिपाजिट के नाम से प्रचलित है, एक ऐसा खाता होता है जिसमें जमा राशि निर्धारित अवधि के लिए, यानी परिपक्वता तक बंद हो जाती है. सावधि जमा की अवधि निर्धारित रहती है और एक बार राशि का निवेश कर देने पर वह ब्लाक हो जाती है. तथापि, जमाकर्ता अवधि तय कर सकता है. यह अवधि अलग-अलग बैंकों के आधार पर 7 दिनों से लेकर 10 वर्ष तक की होती है. सावधि जमा पर, जमा अवधि के अनुसार 6% से 8% के बीच ब्याज दर होती है. सावधि जमा का ब्याज का भुगतान मासिक या त्रैमासिक हो सकता है, या इसे लेने के बजाय दोबारा निवेश किया जा सकता है. सावधि जमा के ब्याज को दोबारा निवेश कर देने से आपको अतिरिक्त आमदनी होती है क्योंकि बैंक ब्याज की गणना हर तीन महीने पर करता है. चूंकि पिछली तिमाही का ब्याज मूल में जोड़ दिया जाता है, इसलिए आप ब्याज पर ब्याज अर्जित करते रहते हैं. इसे चक्रवृद्धि कहते हैं.

सावधि जमा के बारे में एक बात याद रखनी चाहिए कि पूरी राशि परिपक्वता यानी अवधि पूरी होने पर चुकता की जाती है. आपके पास मूल धन को या पूरी की पूरी परिपक्वता राशि को पुनः निवेश में नवीकरण का विकल्प रहता है. अगर आप यह विकल्प चुनते हैं तो परिपक्वता पर बैंक अपने-आप आपके सावधि जमा का नवीकरण कर देता है. अगर आप सावधि जमा को भुनाने का विकल्प चुनते हैं तो परिपक्वता की राशि आपके बचत खाते में डाल दी जायेगी.

सावधि जमा खाता खोलने के पहले, जिस बैंक में यह खाता खोला जा रहा है, उस ख़ास बैंक में बचत बैंक खाता होना ज़रूरी नहीं है. मतलब यह कि आप किसी भी बैंक में सावधि जमा खाता खोल सकते हैं, भले ही उस बैंक में आपका बचत खाता नहीं हो. किन्तु, उस बैंक में बचत खाता हो तो अच्छा रहता है. सावधि जमा इन्टरनेट बैंकिंग के सहारे ऑनलाइन या फिर बैंक की शाखा में जाकर खोला जा सकता है.

  • आवर्ती जमा (रेकरिंग रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश डिपाजिट) खाता :

आवर्ती जमा यानी रेकरिंग डिपाजिट खाता एक ऐसा खाता है जहां पहले से तय अवधि के लिए एक निश्चित अंतराल पर खाते में एक निश्चित क़िस्त चुकता किया जाता है. ये सभी किस्तें एक ही दिन परिपक्व होतीं हैं. साधारण शब्दों में आवर्ती जमा खाता एक ही राशि के एक से अधिक सावधि जमा खातों के समान है जो एक ही दिन परिपक्व होते हैं.

कुछ बैंक लचीली किस्तों की सुविधा देते हैं, लेकिन अधिकतर बैंकों में आवर्ती जमा में जमा राशि निश्चित होती है. सबसे आम आवर्ती जमा है मासिक क़िस्त पद्धति. कुछ बैंकों में तिमाही और छमाही किस्तों की भी सुविधा उपलब्ध है.

आवर्ती जमा रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश आम तौर पर छोटी शुरुआती निवेश से आरम्भ किये जाते हैं. इस कारण से छोटी बचत करने के इच्छुक लोगों के लिए यह एक शानदार विकल्प है. आवर्ती जमा पर सावती जमा के समान ब्याज दर ही मिलता है, यानी 6% से 8% तक. किन्तु, चूंकि मूल राशि एक बार में नहीं बल्कि किस्तों में जमा की जाती है, इसलिए आवर्ती जमा पर अर्जित कुल ब्याज सावधि जमा पर अर्जित कुल ब्याज से कम होता है. इस प्रकार, आवर्ती जमा के लिए आपको नियमित मासिक अंतराल पर पैसा निवेश करना पड़ता है जिससे जमा का अनुशासन बढ़ता है. शुरुआत करने वालों के लिए यह निवेश का एक शानदार विकल्प है.

उपसंहार :

बैंक जमा, निवेश करने का सबसे आम तरीकों में से एक है. बचत खाता किसी व्यक्ति द्वारा खोला जाने वाला सबसे बुनियादी खाता होता है. सावधि जमा या आवर्ती जमा में पैसों का निवेश करना किसी ख़ास अल्पकालिक लक्ष्य के लिए धन एकत्र करने का एक शानदार तरीका है. भले ही इन सभी पर ब्याज सबसे अधिक नहीं मिलता है, तो भी ये आमदनी अर्जित करने के भरोसेमंद और सुनिश्चित माध्यम हैं.

Post Office RD VS Bank RD : पोस्ट ऑफिस आरडी या बैंक आरडी? जानें कौनसी RD में मिलेगा ज़्यादा रिटर्न

Post Office RD VS Bank RD : रेकरिंग डिपॉजिट ( Recurring Deposit ) निवेश के कई माध्यम हैं । अगर पैसा कम जोखिम वाले निवेश के माध्यम में लगाना है तो इसमें FD और RD भी शामिल है। वहीं बैंक RD यानी आवर्ती रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश जमा की सुविधा देता है। इसके अलावा डाकघर RD की सुविधा भी प्रदान करता है। डाकघर में भी आरडी (आवर्ती जमा) खोला जा सकता है। RD खोलने की सुविधा बैंक और पोस्ट ऑफिस दोनों ही देते हैं, लेकिन इनमें से कौन सा सबसे अच्छा है, इसके बारे में जानना बहुत जरूरी है ।

Post Office RD VS Bank RD

Post Office RD VS Bank RD

India Post Office RD VS Bank RD

रेकरिंग डिपॉजिट ( Recurring Deposit ) उन निवेशकों के लिए आदर्श है जो कम जोखिम वाले निवेश पसंद करते हैं, साथ ही उन लोगों के लिए भी जो पहली बार किसी योजना में पैसा जमा कर रहे हैं। वहीं अगर आप RD खाता खोलने की सोच रहे हैं और इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि पोस्ट ऑफिस आरडी खोलें या बैंक आरडी… तो उनके बीच तुलना की जा सकती है। ऐसे में हम आपको दोनों के फीचर्स बताने जा रहे हैं।

Post Office Recurring Deposit Scheme

डाकघर रेकरिंग डिपॉजिट ( Recurring Deposit ) की योजना भी प्रदान करता है। डाकघर सरकार समर्थित बचत योजनाएं प्रदान करता है, जिसमें डाकघर बचत योजना भी शामिल है। डाकघर की आरडी ( Post Office RD ) को मध्यम अवधि की बचत योजना के रूप में डिजाइन किया गया है। जमाकर्ताओं को इस योजना में अपना निवेश कम से कम पांच साल तक रखना होगा।

Post Office RD Features

  • पोस्ट ऑफिस आरडी 5 साल की अवधि के लिए मासिक निश्चित निवेश है।
  • डाकघर खाता रेकरिंग डिपॉजिट ( Recurring Deposit ) छोटे निवेशकों को 100 रुपये और 10 रुपये प्रति माह के गुणकों में निवेश करने की अनुमति देता है।
  • दो वयस्क व्यक्ति भी संयुक्त खाते खोल सकते हैं।
  • खाता ( Post Office RD Account ) खोलने के लिए नाबालिग के नाम का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एक से अधिक खाते भी खोले जा सकते हैं।
  • यदि आप मासिक निवेश करने में विफल रहते हैं, तो आपसे प्रत्येक 100 रुपये के लिए 1 रुपये का डिफ़ॉल्ट शुल्क लिया जाएगा।
  • एक साल के बाद खाते की शेष राशि के 50% तक की आंशिक निकासी की अनुमति है।

Recurring Deposit of Banks

बैंक रेकरिंग डिपॉजिट ( Recurring Deposit ) की सुविधा भी देता है. यह एक निवेश उपकरण है जो लोगों को नियमित जमा करने और उचित रिटर्न अर्जित रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश करने की अनुमति देता है ( RD Account )। नियमित जमा कारक और एक ब्याज घटक के कारण, यह अक्सर उपयोगकर्ताओं/व्यक्तियों को लचीलापन और निवेश में आसानी प्रदान करता है।

Bank RD Features

  • RD को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर करना संभव है.
  • न्यूनतम जमा अवधि छह महीने और अधिकतम जमा अवधि दस रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश वर्ष है।
  • ब्याज दर एफडी पर दी जाने वाली ब्याज दर के समान है और इस प्रकार किसी भी अन्य बचत योजना की तुलना में अधिक है।
  • आरडी जमा पर लोन लेने का विकल्प भी देता है। रेकरिंग डिपॉजिट ( Recurring Deposit ) खाता धारक को जमा राशि के 80 से 90% तक ऋण दिया जा सकता है। यह ऋणदाता के आधार पर भिन्न होता है।

Recurring Deposit Choose Wisely

ऐसे में पोस्ट ऑफिस आरडी ( Post Office RD ) और बैंक आरडी ( Bank RD ) की विशेषताओं रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश को ध्यान में रखते हुए अपने लिए सर्वश्रेष्ठ आरडी का चयन किया जा सकता है और यह देखा जा सकता है कि कौन सी रेकरिंग डिपॉजिट ( Recurring Deposit ) आपके लिए सही साबित हो सकती है ।

Post Office RD Account : इस सरकारी स्कीम में 100 रुपए का निवेश कर पाएं लाखों रुपए

Post Office RD Account : बचत समय की मांग है ! बच्चों की पढ़ाई से लेकर शादी तक बचत करना जरूरी है ! अब सवाल यह है कि आप कम निवेश ( Low Investment ) में अधिकतम ब्याज कैसे प्राप्त कर सकते हैं? इसका उत्तर विभिन्न योजनाओं में निवेश करने से है ! आमतौर पर डाकघर ( Post Office ) द्वारा कई ऐसी योजनाएं चलाई जाती हैं ! जिनमें निवेश करके आप अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं ! आज हम आपको ऐसी ही एक योजना के बारे में बताने जा रहे हैं ! जिसका नाम पोस्ट ऑफिस आरडी योजना ( Post Office RD Yojana ) है !

Post Office RD Account

Post Office RD Account

Post Office RD Account

आरडी को आवर्ती जमा योजना ( Recurring Deposit Scheme ) के नाम से बेहतर जाना जाता है ! इस योजना की कोई समय सीमा नहीं है ! इस आरडी योजना को आप अपनी सुविधा के अनुसार 1 से 3 साल के लिए खोल सकते हैं ! पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट स्कीम ( Post Office Recurring Deposit Scheme ) सुरक्षित निवेश के लिए एक शानदार बचत योजना है ! मौजूदा वक्त में Post Office की इस योजना में निवेश करने पर इन्वेस्टर्स को सालाना 5.8 प्रतिशत का रिटर्न मिल रहा है ! देश में कई लोग पोस्ट ऑफिस की इस योजना में निवेश करना पसंद करते हैं !

5.8 प्रतिशत ब्याज पाएं

पोस्ट ऑफिस ( Post Office ) की नई दर के मुताबिक आरडी स्कीम में निवेश करने पर आपको 5.8 फीसदी ब्याज दिया जाएगा ! केंद्र सरकार हर तीन महीने में अपनी बचत योजना की दर तय करती है ! बिना किसी जोखिम के अच्छा रिटर्न पाने के लिए इस योजना में निवेश ( Investment ) करना आपके लिए एक अच्छा विकल्प है !

आप इस आवर्ती जमा योजना के माध्यम से ऋण भी ले सकते हैं ! इस योजना ( Post Office RD Scheme ) में अगर आप 12 किस्त जमा करते हैं तो इस आधार पर आप बैंकों से कर्ज ले सकते हैं ! आपके खाते ( RD Account ) में जमा राशि का 50 प्रतिशत आपको ऋण ( Loan ) के रूप में मिलेगा !

ऐसे मिलेंगे 16 लाख

अगर आप कुछ सालों के लिए निवेश करना चाह रहे हैं तो आप पोस्ट ऑफिस आरडी योजना ( Post Office RD Yojana ) में निवेश कर सकते हैं ! आपको बस इतना करना है कि हर महीने 10 हजार रुपये का निवेश ( Investment ) करना है ! अगर आप 10 साल के लिए निवेश करते हैं तो आपको Maturity के बाद 16 लाख रुपये तक की राशि मिलेगी ! इस योजना ( Recurring Deposit Scheme ) में लंबे समय तक निवेश करके आप लाखों रुपये जमा कर सकते हैं !

आरडी कैसे खोलें : Post Office RD Account

आरडी ( RD ) की खासियत यह है कि आपको हर महीने 10 हजार रुपये निवेश करने की जरूरत नहीं है ! कम निवेश में भी आपको अच्छा ब्याज मिल सकता है ! आरडी खाता खोलने ( Open RD Account ) के लिए आपको अपने आस-पास के किसी भी डाकघर ( Post Office ) में जाना होगा ! खाता खोलने के बाद आपको खाते में हर महीने एक निश्चित राशि जमा करनी होती है ! जो आपको मैच्योरिटी पर ब्याज के साथ मिलेगी ! देर से राशि जमा करते समय आपको 1% का जुर्माना देना होगा !

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