EXCHANGE TRADED FUND
ETF क्या होता है ? ETF और सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड में क्या समानता और क्या अंतर है? ETF कितने प्रकार का होता है ? ETF के क्या फायदे है? और ETF इतना पोपुलर क्यों है? ETF में कैसे निवेश किया जा सकता है ?आइए सबसे पहले बात करते है?
ETF क्या होता है ?
EXCHANGE TRADED FUND यानी ETF एक ऐसे BASKET OF SECURITES की तरह होता है, जो STOCK EXCHANGE में सामान्य स्टॉक की तरह ट्रेड होता है,
ETF में निवेश, निजी स्टॉक ट्रेडिंग और म्यूच्यूअल फण्ड, दोनों से मिलता जुलता निवेश का बेहतरीन विकल्प है,
ETF किसी स्टॉक एक्सचेंज के INDEX में शामिल ,अलग अलग स्टॉक में उसी अनुपात में निवेश करता है, जिस अनुपात में अलग अलग स्टॉक उस इंडेक्स में शामिल किये गए है,
जैसे – NIFTY 50 एक INDEX है , और इस तरह NIFTY 50 ETF एक निफ्टी इंडेक्स ETF काम कैसे करता है पर आधारित फण्ड है, जो केवल NIFTY INDEX में शामिल 50 स्टॉकस में से किसी स्टॉक में निवेश करेगा, और जिस अनुपात में कोई स्टॉक निफ्टी 50 के इंडेक्स में शामिल है, उसी अनुपात में फण्ड का पैसा, उस स्टॉक में लगाया जायेगा,
और इस तरह निफ्टी 50 ETF में उतार चढाव उसी अनुपात में होगा, जिस अनुपात में निफ्टी 50 के इंडेक्स में होगा,
ETF एक स्टॉक मार्केट के शेयर की तरह LISTED, म्यूच्यूअल फण्ड होता है, जिसकी डेली बेसिस पे ट्रेडिंग होता है,
नार्मल म्यूच्यूअल फण्ड में दिन के ख़तम होने पर स्टॉक का प्राइस या UNDERLYING ASSET की वैल्यूएशन के बेसिस पे NAV को कैलकुलेट किया जाता है, और उस NAV के BASE पर म्यूच्यूअल फण्ड की खरीद और विक्री होती है,
लेकिन ETF की सुविधा द्वारा आप REALTIME में स्टॉक मार्केट में चल रहे भाव के आधार पर उस ETF को खरीद और बेच सकते है, अगर किसी दिन मार्केट में 5% का उतार चढाव आता है, तो जब भाव कम है तभी निवेशक उस ETF को खरीद सकता है, और जैसे ही भाव बढ़ जाता है, वो उसे बेचकर लाभ कमा सकता है,
ETF (EXCHANGE TRADED FUND) और म्यूच्यूअल फण्ड में समानता
1. एक तरफ EXCHANGE TRADED FUND एक म्यूच्यूअल फण्ड की तरह है ,जो निवेशको से लिए गए पैसो को किसी खास इंडेक्स के शेयर्स या किसी दुसरे Asset class में निवेश करता है,
2. जिस तरह आप म्यूच्यूअल फण्ड में छोटे छोटे निवेश करके एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो में निवेश का लाभ ले पाते है, वैसे ही ETF में निवेश से भी आपको इस तरह के DIVERSIFED पोर्टफोलियो का लाभ मिलता है,
ETF (EXCHANGE TRADED FUND)और म्यूच्यूअल फण्ड में अंतर
1.सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड को स्टॉक मार्केट में बेचा और ख़रीदा नहीं जा सकता लेकिन ETF की खरीद और विक्री किसी स्टॉक की तरह ही स्टॉक मार्केट पर किया जा सकता है,
- सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश के लिए आपको DEMAT ACCOUNT की आवश्यकता नहीं होती लेकिन ETF में निवेश के लिए आपको ट्रेडिंग और DEMAT अकाउंट की जरुरत होती है,
- म्यूच्यूअल फण्ड किसी फण्ड मेनेजर द्वारा ACTIVE रुप से खूब सारा रिसर्च करके स्टॉकस में निवेश किया जाता है, इस तरह सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड एक ACTIVLY MANAGED FUND है,
जबकि ETF को किसी एक्टिव फण्ड मेनेजर की आवश्यकता नहीं होती, ETF किसी खास INDEX के अन्दर आने वाले ASSET में INDEX की बनावट के अनुसार ही काम करता है, और इस तरह ETF एक PASSIVE MANGAED FUND है,
- ETF में निवेश करने के ऊपर लगने वाली फीस यानी खर्च, किसी अन्य सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड में लगने वाले खर्च से काफी काम होता है,
- ETF को खरीदने और बेचने, दोनों समय हमें ब्रोकरेज फीस देना होता है, जबकि म्यूच्यूअल फण्ड खरीदने पर हमें EXIT FEES देना होता है, और फण्ड को मैनेज करने के लिए म्यूच्यूअल फण्ड फीस भी देना होता है,
- ETF को हम रियल टाइम स्टॉक मार्केट प्राइस पर खरीद और बेच सकते है, जबकि सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड को हम DAY TRADING नहीं कर सकते है, और इसमें हमें NAV के मूल्य पर ही खरीदना और बेचना होता है,
ETF (EXCHANGE TRADED FUND)कैसे खरीदते है?
मान लीजिए आप, देश के सबसे लोकप्रिय ETF GOLDMAN SACHS NIFTY BeEs खरीदना चाहते है,
तो आपको अपने ब्रोकर को GS NFITY BeEs ETF खरीदने का आर्डर देना होगा,
और ब्रोकर स्टॉक से खरीदेगा और एक बार लेन देन पूरा हो जाने पर, वो ETF आपके DEMAT ACCOUNT में आ जायेगा,
लेकिन इस ETF में आने वाले स्टॉक का स्वामित्व गोल्डमन सैक के पास ही रहेगा,जो ETF का स्पोंसर कहलाता है,
ETF (EXCHANGE TRADED FUND) के प्रकार
ETF तीन प्रकार के होते है-
- EQUITY ETF – LargeCap ETF, Midcap ETF, Mutlicap ETF,
- DEBT ETF
- COMMODITY ETF- GOLD ETF
ETF (EXCHANGE TRADED FUND) के क्या फायदे है?
- Diversification
- TRADED ON STOCK MARKET
- LOW FEES
- REAL TIME NAV (MARKET PRICE)
- TAX BENEFITS
- BENETIS OF INDEX INVESTMENT
- TRANSPARENCY IN HOLDINGS – DAILY
ETF (EXCHANGE TRADED FUND)इतना पोपुलर क्यों है?
ETF एक कम खर्च में किसी भी देश के स्टॉक इंडेक्स में किया जाने वाला निवेश का विकल्प है, किसी देश का इंडेक्स उस देश के सबसे अच्छे और मजबूत कंपनी के शेयर से मिलकर बना होता है,
और इस तरह ETF में निवेश से पुरे स्टॉक मार्केट के सबसे अच्छे कंपनी में निवेश का लाभ मिल जाता है, जो कि एक आम निवेशक या बड़ी निवेशक कंपनी सभी को अच्छा लगता है,
Index Fund क्या होते हैं ?
Mutual fund में कई तरह के फण्ड होते हैं Index fund एक Equity Mutual fund होता हैं। इंडेक्स फण्ड शेयर बाज़ार के किसी इंडेक्स में शामिल कंपनियों के शेयर में निवेश करते हैं।index में शामिल जितने कंपनियों का weightage होता हैं उसी अनुपात में उन कंपनियों के शेयर्स खरीदे जाते हैं ये फण्ड किसी विशेष इंडेक्स की सिक्योरिटीज में समान अनुपात में निवेश करता है। ये विशेष इंडेक्स NIFTY,Auto,Pharma ,IT , FMCG आदि हो सकते हैं।
मुख्यत रूप से इंडेक्स सूचकांक NSE का निफ़्टी और BSE का सेंसेक्स हैं इनके अलावा Sectorial Index भी होते हैं जैसे की Banks का बैंक निफ़्टी , ऑटो , फार्मा आदि सेक्टर इंडेक्स हैं जो अपनी सेक्टर की कनियो को रिप्रेजेंट करते हैं । इंडेक्स कई कंपनियों को मिलके बनाया जाता हैं जैसे की Nifty 50 टॉप 50 कंपनियों का एक बेंचमार्क इंडेक्स हैं।
Index Fund कैसे काम करता हैं ?
इंडेक्स फण्ड लगभग उसी तरह का प्रदर्शन करता हैं जिस तरह से इंडेक्स बर्ताव करता हैं अगर इंडेक्स में तेजी हैं तोःindex फण्ड में भी तेजी रहेगी और मंदी हैं तो इंडेक्स फण्ड में भी मंदी रह सकती हैं इसलिए जिस भी इंडेक्स में निवेश किया जाता हैं वैसा ही उस फण्ड का नफा नुक्सान रहता हैं अन्य फंडों की अपेक्षा इंडेक्स फंडों के चार्ज और ट्रांजैक्शन की लागत कम होती है।
Passively Managed Fund होने के कारण Fund manger को भी किसी विशेष इंडेक्स में शामिल stock का ही इंडेक्स फण्ड बनाना होता हैं जिसमे ज्यादा Research की जरूरत नहीं होती । केवल इंडेक्स के अनुसार ही स्टॉक खरदीने पड़ते हैं।
Index Fund में कैसे निवेश करें ?
इंडेक्स फण्ड में आप ऑफलाइन या ऑनलाइन के माध्यम से भी निवेश कर सकते हैं । Index Fund में पैसा लगाने के लिये आप सिप या लुम्प्सम अमाउंट के माध्यम से भी निवेश कर सकते हैं आप विभिन बैंक्स की वेबसाइट पर जाकर mutual फण्ड (Index fund) के बारे में जानकारी पा सकते हैं या किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट भी चेक कर सकते हैं। इंडेक्स फण्ड में निवेश एक बेहतरीन विकलप हो सकता हैं क्यूंकि इसका परफॉरमेंस इंडेक्स बेंचमार्क से मिलता है। इंडेक्स फंडों के चार्ज और ट्रांजैक्शन की लागत कम होती है। लम्बे समय के लिया पूंजी निर्माण का एक अच्छा विकलप हैं और इसमे अच्छी कंपनियों का diversification शामिल होता हैं जिससे की रिस्क कम होता हैं।
ETF (Exchange Traded Fund) क्या होते हैं ?
ETF-Exchange Traded fund Share Market में लिस्ट और ट्रेड होने वाले फण्ड होते हैं ETF एक प्रकार का निवेश हैं जिसे स्टॉक मार्किट पर ख़रीदा और बेचा जाता हैं ETF में वैसे ही काम किया जाता हैं जैसे की शेयर बाज़ार में शेयर खरीदें और बेचे जाते हैं ETF पहले NFO की तरह पेश किए जाते हैं फिर उसके बाद ये शेयर बाज़ार मैं लिस्ट होते हैं जहाँ से इन्हे खरीद बेच सकते हैं।
ETF शेयरों के एक सेट में निवेश करते हैं। ये आमतौर पर एक खास इंडेक्स को ट्रैक करते हैं ETF में स्टॉक्स ,बांड्स, खरीदे जा सकते हैं और ट्रेडिंग डे के दौरान आसानी से बेचे जा सकते हैं
Types of ETF | ETF के प्रकार
Index ETF -Index ETF का Return और रिस्क निफ़्टी या सेंसेक्स जैसे इंडेक्स के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। क्यूंकि इंडेक्स ETF में निफ्टी या सेंसेक्स जैसे इंडेक्स होते हैं।
Bond ETF -Bond ETF के पैसे को उन बॉन्ड्स में इन्वेस्ट किए जाते हैं, जो उसके अन्तर्निहित इंडेक्स के घटकों से जुड़े होते हैं। जैसे की गवर्नमेंट, कॉर्पोरेट और पब्लिक सेक्टर यूनिट बांड्स। कुच्छ बांड ETF Maturity specific भी हो सकते हैं भारत बांड एक Maturity पीरियड के साथ आता हैं ।
Gold ETF -Gold ETF ke माध्यम से निवेशक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं Gold ETF स्टॉक एक्सचेंज में एक ग्राम के यूनिट आकार में ट्रेड किए जाते हैं। इसकी कीमत में होने वाला बदलाव मार्केट में फिजिकल गोल्ड की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव से जुड़ा होता है। ये एक सुरक्षित तरीका हो सकता हैं गोल्ड में निवेश करने का।
इन सबके अलावा सेक्टर स्पेसिफिक ETF भी होते हैं ETF पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने का एक अच्छा विकल्प हैं। क्यूंकि इसमें इंडेक्स, सेक्टर और एसेट क्लास कवर होती हैं।
ETF(Exchange Traded Fund) में कैसे निवेश करें
ETF में निवेश के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए और बैंक अकाउंट से लिंक होना चाहिए । स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से भी आप ETF में निवेश कर सकते हो। उधारण के लिए कोटक AMC का Kotak NIFTY ETF और SBI AMC का SBI ETF NIFTY.
Q-Index Fund क्या होते हैं ?
Ans- Index fund एक Equity Mutual fund होता हैं। इंडेक्स फण्ड शेयर बाज़ार के किसी इंडेक्स में शामिल कंपनियों के शेयर में निवेश करते हैं
Q- Index Fund में कैसे निवेश करें
Ans- ऑफलाइन या ऑनलाइन के माध्यम से भी निवेश कर सकते हैं । Index Fund में पैसा लगाने के लिये आप सिप या लुम्प्सम अमाउंट के माध्यम से भी निवेश कर सकते हैं
Q- ETF (Exchange Traded Fund) क्या होते हैं ?
Ans- Share Market में लिस्ट और ट्रेड होने वाले फण्ड होते हैं ETF एक प्रकार का निवेश हैं जिसे स्टॉक मार्किट पर ख़रीदा और बेचा जाता हैं ETF में वैसे ही काम किया जाता हैं जैसे की शेयर बाज़ार में शेयर खरीदें और बेचे जाते हैं
ETF काम कैसे करता है
गोल्ड ईटीएफ्स
गोल्ड ई टी एफ एक एक्स्चेन्ज ट्रेडेड फन्ड (ई टी एफ) है जिसका उद्देश्य डोमेस्टिक फ़िज़िकल गोल्ड प्राईज की नियमित जानकारी रखना है।
एक गोल्ड ई टी एफ युनिट एक ग्राम गोल्ड के बराबर होती है और इसमें उत्तम शुद्धता का फ़िज़िकल गोल्ड होता है। गोल्ड ई टी एफ को नैशनल स्टॉक एक्स्चेन्ज ऑफ इन्डिया (एन एस ई) और बॉम्बे स्टॉक एक्स्चेन्ज लिमिटेड (बी एस ई) में लिस्टेड किया गया है और किसी भी अन्य कंपनी के सिंगल स्टॉक की तरह इसकी ट्रेडिंग होती है। गोल्ड ई टी एफ को खरीदने का अर्थ है आप गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक ETF काम कैसे करता है फॉर्म में खरीद रहे हैं। आप जैसे स्टॉक्स में ट्रेड करते हैं, वैसे ही गोल्ड ई टी एफ को खरीद या बेच सकते हैं। जब आप वास्तव में गोल्ड ई टी एफ को रिडीम करते हैं, तब आपको फ़िज़िकल गोल्ड नही मिलता लेकिन उसके मूल्य की नकद राशि मिलती है। अगर आप गोल्ड में ई टी एफ के ज़रिए निवेश करना चाहते हैं तो इस बात की पुष्टि कर लें कि वह पूरी तरह से फ़िज़िकलि बैक्ड ई टी एफ है।
गोल्ड ई टी एफ की ट्रेडिंग एक डीमटेरियलाईज़ड अकाउन्ट (डीमैट) और ब्रोकर के माध्यम से होती है जो गोल्ड का इलेक्ट्रॉनिक इन्वेस्टमेन्ट सरल बनाते हैं।
यह कैसे काम करता है?
- प्योरिटी और प्राईज़:
इसमें गोल्ड की प्योरिटी को लेकर किसी ETF काम कैसे करता है प्रकार की चिन्ता करने की ज़रुरत नहीं होती क्योंकि ये फन्ड्स 99.5% प्योर गोल्ड को दर्शाते हैं। गोल्ड ई टी एफ की प्राईज़ेस एनएसई की वेबसाइट पर दी जाती हैं और इन्हें ब्रोकर के द्वारा कभी भी बेचा या खरीदा जा सकता है। यहां पर एक बात ध्यान में रखने लायक यह है कि ज्वेलरी से थोड़ा अलग, गोल्ड ई टी एफ को पूरे भारत में एक ही कीमत पर बेचा और खरीदा जा सकता है। - कहां से खरीदा जाए:
गोल्ड ई टी एफ को डीमैट और ट्रेडिंग अकाउन्ट के द्वारा, ब्रोकर की मदद से स्टॉक एक्स्चेन्ज से खरीदा जा सकता है। इसमें ब्रोकरेज फ़ीस और आपके द्वारा ई टी एफ को खरीदने और बेचने के दौरान फन्ड मैनेजमेन्ट के कुछ शुल्क लगते हैं। - क्या किसी प्रकार की कोई रिस्क है:
गोल्ड ई टी एफ को स्टॉक एक्स्चेन्ज में ट्रेड किया जाता है इसीलिए इनमें इन्वेस्ट करना बड़ा ही सुरक्षित होता है, साथ ही यह आपके इन्वेस्टमेन्ट पोर्टफोलियो में आवश्यक वेरियेशन्स भी लाने में मदद करता है। जब भी गोल्ड के दाम बढ़ते हैं तब इन्वेस्टर के लिये रिस्क होता है, इसीलिए आपका अपने इन्वेस्टमेंट एडवाइज़र की सल्लाह लेना आवश्यक है। गोल्ड ई टी एफ आपको इस रिस्क को कम करने में मदद करता है। इसकी गतिविधियाँ पर सिक्युरिटीज़ एक्स्चेन्ज बोर्ड ऑफ इन्डिया (एस ई बी आय) द्वारा नियंत्रित किया जाता है और इसी वजह से गोल्ड इन्वेस्टमेन्ट से संबंधित रिस्क कम हो जाती है। फन्ड हाउसेस द्वारा खरीदे जाने वाले गोल्ड का नियमित ऑडिट सरकारी एजेन्सियों द्वारा भी किया जाता है।
क्या यह मेरे लिये है?
यदि आप ऎसे व्यक्तियों में से हैं जिन्हें संचयन की समस्या के कारण फ़िज़िकल गोल्ड में इन्वेस्ट नहीं करना है और आपको इस इन्वेस्टमेन्ट में टैक्स के लाभ भी चाहिये, तब यह आपके लिये है। इसके अलावा आप सिर्फ एक बटन के क्लिक पर अपनी ई टी एफ को बेच और खरीद सकते हैं।
क्या अब भी आप यह सोच रहे हैं कि गोल्ड ई टी एफ एक बेहतरीन इन्वेस्टमेन्ट टूल क्यों है?
- अगर आप गोल्ड में ई टी एफ के ज़रिए निवेश करना चाहते हैं तो इस बात की पुष्टि कर लें कि वह पूरी तरह से फ़िज़िकलि बैक्ड ई टी एफ है। आप कम से कम एक युनिट भी खरीद सकते हैं, जो एक ग्राम है।
- आपको किसी प्रकार का प्रीमियम या मेकिंग चार्जेस नहीं देने होते, इसलिये आपका पैसा बचेगा यदि आपकी इन्वेस्टमेन्ट बड़ी भी है।
- आपके गोल्ड की प्योरिटी की एकदम ETF काम कैसे करता है गारंटी होती है और हर युनिट के साथ हाय प्योरिटी के फ़िज़िकल गोल्ड का आश्वासन होता है।
- पारदर्शी और रियल टाईम गोल्ड प्राईज़ेस।
- आप स्टॉक एक्स्चेन्ज में लिस्ट और ट्रेड कर सकते हैं।
- यह गोल्ड को अपने साथ रखने का एक टैक्स एफिशियन्ट तरीका है जिससे प्राप्त आय को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। आपको टैक्स के लाभ मिल सकते हैं जैसे वैल्थ टैक्स, सिक्युरिटी ट्रांज़ैक्शन टैक्स, वैट तथा सेल्स टैक्स से छुटकारा।
- यह सुरक्षित है क्योंकि डीमैट होल्डिंग में चोरी का कोई डर नहीं होता और आपको किसी प्रकार के लॉकर के चार्जेस नही देने होते।
- ई टी एफ को लोन के एवज़ में कोलैटरल के रुप में भी स्वीकार किया जाता है।
- गोल्ड ई टी एफ के लिये कोई एन्ट्री और एग्ज़िट लोड नहीं होता।
म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट्स, मार्किट रिस्क्स की विषय वस्तु हैं, कृपया निवेश करने से पहले सभी दस्तावेज़ ध्यान से पढ़ें।
इसे रिडीम कैसे किया जाता है?
गोल्ड ई टी एफ को डीमैट और ट्रेडिंग अकाउन्ट के द्वारा, ब्रोकर की मदद से स्टॉक एक्स्चेन्ज से बेचा जा सकता है। आप भले ही ई टी एफ में इन्वेस्ट करते समय फ़िज़िकल गोल्ड भी साथ होता है, लेकिन याद रखिये कि गोल्ड की प्राईज़ का सबसे ज़्यादा फ़ायदा फ़िज़िकल गोल्ड लेने के बजाय ई टी एफ टूल का उपयोग करने में होता है। इसलिए जब आप इसे लिक्विडेट करते हैं, तब आपके ई टी एफ में मौजूद गोल्ड की स्थानीय मार्केट प्राईज़ के मूल्य की नकद राशि मिलती है। यदि आपके पास ई टी एफ में एक किलो या उसके समकक्ष गोल्ड होता है, तब असेट मैनेजमेन्ट कंपनियां आपको अपने ई टी एफ को फ़िज़िकल गोल्ड में बदलने की अनुमति दे सकती है।
EPFO द्वारा ETF में किए गए निवेश पर मिला बेहतर रिटर्न, सरकारी प्रतिभूतियों को छोड़ा पीछे
सरकार ने EPFO द्वारा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश करने के डर को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि इसके प्रदर्शन को लंबी अवधि में देखा जाना चाहिए।
Abhishek Shrivastava
Published on: August 03, 2016 15:43 IST
EPFO द्वारा ETF में किए गए निवेश पर मिला बेहतर रिटर्न, सरकारी प्रतिभूतियों को छोड़ा पीछे
नई दिल्ली। सरकार ने आज कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश करने के डर को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि इसके प्रदर्शन को लंबी अवधि में देखा जाना चाहिए। सेवानिवृत्ति कोष संस्थान को पहले ही इस पर एक साल के भीतर 12 फीसदी से अधिक का रिटर्न प्राप्त हुआ है, जो सरकारी प्रतिभूतियों में मिले रिटर्न से अधिक है।
श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने कहा, यदि आप कुशलता के साथ मिली जुली शेयर पूंजी में निवेश करते हैं तो निश्चित रूप से बहुत ज्यादा जोखिम नहीं रहता। हम शेयर के प्रदर्शन का आकलन एक, दो या तीन महीनों में नहीं कर सकते। जब हम शेयरों में निवेश करते हैं तो यह 20 या 30 सालों के लिए होता है। यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, हमने 31 जुलाई 2016 तक शेयरों में निवेश पर 12 फीसदी का रिटर्न पाया है, जो सरकारी प्रतिभूतियों पर मिले आठ या साढ़े सात फीसदी के रिटर्न से बेहतर है।
ईपीएफओ ने पिछले साल अगस्त में ईटीएफ में निवेश करना शुरू किया था और 30 जून 2016 तक 7,465 करोड़ रुपए का इसमें निवेश किया जा चुका है। ईपीएफओ अपने निवेश लायक जमा का 15 फीसदी ही शेयर या उससे जुड़ी योजनाओं में लगा सकता है और संगठन ने अपने उपलब्ध कोष का पांच फीसदी ईटीएफ में निवेश करने का निर्णय किया है। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने भी संकेत दिए हैं कि ईटीएफ में निवेश को मौजूदा पांच फीसदी के स्तर से बढ़ाकर 12 फीसदी तक किया जा सकता है।
क्रिप्टो etf क्या है ? जानिए देश के पहले etf के बारे में | what is crypto ETF full details in hindi.
क्रिप्टो etf क्या है ? जानिए देश के पहले etf के बारे में | what is crypto ETF full details in hindi.
ETF क्या है ? CRYPTO ETF क्या होता है ? Crypto Etf लाने वाली कंपनी , Crypto Etf कब आने वाली है ? ,Crypto etf मे निवेश कैसे करे ? जाने देश के पहले etf के बारे में सब कुछ | (what is crypto ETF ? What is crypto etf ? who is crypto etf compony ? how to invest in etf and full details in hindi. )
पिछले कुछ सालो में देखा जाय तो निवेशक का रुझान etf की तरफ बहुत ज्यादा रहा है । इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की कुछ ही समय में etf में निवेश की बढ़ोतरी 27% से ज्यादा दर्ज की गयी है । यहां हम बात करने वाले है क्रिप्टो etf के बारे में उस से पहले हम etf के बारे में जान लेते है ।
Table of Contents
ETF क्या होता है?
ETF का पूरा नाम exchange traded fund होता है । यह एक ऐसी सिक्योरिटी है जो इंडेक्स ,कमोडिटी या आँय अससेट्स को ट्रैक करती है |जैसे ETF काम कैसे करता है की नाम से ही पता चल रहा है .यह एक्स्चँगे पर आधारित निवेश की प्रक्रिया है, जो काम mutual fund के ठीक विपरीत करता है ।
अब यह क्रिप्टो में भी लाने की तैयारी हो रही है जो देश का पहला क्रिप्टो ETF होगा ।
CRYPTO ETF क्या है?
क्रिप्टो करेंसी की राह आसान नहीं रही है उल्लास व डर दोनों पहलू क्रिप्टो के साथ लगे हुए हैं इन बहुत सारी उलझनों के बावजूद मार्च 2022 तक पहला क्रिप्टो ETF लाने की तैयारी हो रही है। ETF कुछ सरल तरीके से जानने के लिए हम यह कह सकते हैं, कि यह एक प्राइस ट्रैकिंग-ट्रेंडिंग कॉन्ट्रैक्ट है।
एक कंपनी जिसका नाम टॉरेंट लिंक ब्लॉकचेन है, इसने etf को लाने की घोषणा की है।
CRYPTO ETF को लाने वाली कंपनी कौन है ?
जी हां एक कंपनी जिसका नाम टॉरेंस क्लिग ब्लॉकचेन (TKB) है,IFSC ने देश का पहला क्रिप्टो एक्सचेंज फंड यानी etf लॉन्च करने का ऐलान किया है।
कंपनी का कथन है कि यह etf मार्च 2022 तक आ सकता है ।यह गुजरात की गिफ्ट सिटी में है।
Taurus clink blockchain (IFSC) मैं इस ईटीएफ को लॉन्चिंग के लिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज(BSE) की अंतर्राष्ट्रीय इकाई indian INX से मिलकर एक एम ओ यू साइन किया है। यह कंपनी डिजिटल ऐसेट (क्रिप्टो करेंसी) बेस्ड सामानों को लॉन्च करेगी, तथा गुजरात में गिफ्ट सिटी में इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर पर व्यापार किया जा सकेगा।
यह कंपनी मुंबई की कॉस्मिया फाइनेंशियल होल्डिंग्स और हैदराबाद की क्लिग ट्रेडिंग इंडिया के बीच का एक करार है।
CRYPTO ETF कब तक आने वाला है ?
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, क्रिप्टो करेंसी ए कछुआ पैसा है ।और यह बहुत तेजी से पॉपुलर हो रहा है। यह एक डिजिटल मनी है। इसको एक्सचेंज द्वारा लिया या बेचा जा सकता है।
क्रिप्टो करेंसी पर अभी तक सरकार द्वारा कोई भी कानून पारित नहीं हुआ है। सेबी(sebi) ने भी इससे जुड़े प्रोडक्ट लाने पर प्रतिबंध लगाया है।
लेकिन अब(TKB) टोरस क्लीन ब्लॉक IFSC ने मार्च में पहला क्रिप्टो ETF लाने को कहा है।
हम आप को साफ तौर पर यह कहना चाहते हैं कि क्रिप्टो करेंसी पर चाहे वह बिटकॉइन, एथेरियम या डॉजिकाइन कोई भी नाम की क्रिप्टो करेंसी हो, इनमें से किसी के भी भविष्य की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है।
लेकिन इन सब बातों की परवाह किए बिना TKB टोरस क्लींग ब्लॉक चेन IFSC ने देश का पहला क्रिप्टो एक्सचेंज ट्रेन डेट फंड यानी ETF के लॉन्चिंग का मार्च में पूरी तरह से मन बना लिया है और यह मार्च 2022 तक आ सकता है।
इससे पहले भी कुछ कंपनियों ने इसी प्रकार की योजना को अंजाम देने की कोशिश की थी ,पर सफलता उनके हाथ नहीं लगी। लेकिन इंवेस्को कॉइन शेयर्स ग्लोबल ब्लॉकचेन ETF फंड को सेबी ने मंजूरी मिलने के बावजूद भी ,उसने खुद ही इसकी लॉन्चिंग को किन्हीं कारण वश स्थगित कर दिया था।
एक ब्लॉकचेन इंडेक्स FOF की मंजूरी के लिए मिस्टर सचिन बंसल ने (भावी म्युचुअल फंड )भी आवेदन दिया है।
क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा कोई भी न्यू फंड ऑफर पर मनाही क्यों है ?
सेबी ने किसी भी प्रकार के म्यूच्यूअल फंड की क्रिप्टो करेंसी से जुड़े प्रोडक्ट पर रोक लगा रखी है । इसका मतलब यह हुआ, कि म्यूचल फंड किसी भी प्रकार के क्रिप्टो करेंसी में निवेश नहीं कर सकता।
सेबी का मानना है कि, सर्वप्रथम सरकार को इसके बारे में कोई कानून बनाना चाहिए ।उसके बाद ही कोई न्यू फंड ऑफर स्वीकार किया जाए।
सरकार क्रिप्टो करेंसी पर सख्ती का रवैया अपना सकती है इस पर इनकार नहीं किया जा सकता पर इस बात से निडर होकर गुजरात के GIFT सिटी में पहला क्रिप्टो ETF लाने का दावा पेश किया जा चुका है।
INX जो कि BSE की इंटरनेशनल इकाई है तथा टॉरेंस लिंक ब्लॉकचेन IFSC ने इसके लिए डील कर ली है।
इसका मतलब हम यह कह सकते हैं कि क्रिप्टो करेंसी मे निवेश का बहुत ही नया तरीका निवेशकों के समक्ष आने वाला है।
Crypto ETF मे निवेश कैसे करे ?
इस ETF की सैंडबॉक्स के साथ में पूरी सुरक्षा के साथ लॉन्च किए जाने का विचार है परंतु कुछ बातों पर अभी मंजूरि मिलना शेष है भारत में इस etf में रिजर्व बैंक की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस (LRS) का सदुपयोग करके इसमें निवेश किया जा सकता है ।आरबीआई की इस योजना के अंतर्गत हर साल ,एक निश्चित राशि में विदेश से लेनदेन किया जा सकता है।
क्रिप्टो फ्यूचर इटीएफ की लॉन्चिंग की अनुमति के साथ ही यह एशिया का पहला क्रिप्टो फ्यूचर ईटीएफ होगा यह एक प्रकार की ETF काम कैसे करता है सिक्योरिटी है। जो किसी भी स्पेशल सेक्टर में प्राइस व रिटर्न को ट्रैक करती है। और साथ ही इसे शेयर बाजार में खरीद या बेच सकते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि जिस तरह गोल्ड ईटीएफ में होता है, उसी प्रकार क्रिप्टो ETF को भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश के बिना इसके उतार-चढ़ाव को ट्रैक करते हुए इससे लाभ कमाया जा सकता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
1, यह ईटीएफ फाइनेंसर प्रोडक्ट है जो रेगुलेटेड है।
2, बिटकॉइन फ्यूचर्स एक प्राइस ट्रैकिंग ट्रेंडिंग कॉन्ट्रैक्ट है।
3, दो पार्टियां इसमें शामिल होती है।
4, एक ईटीएफ ऐसैट्स की कीमत में उतार-चढ़ाव को ट्रैक करता है। जिससे लोगों को एसेट के चल रहे प्राइस ट्रेंड में से बिना इसकी एक भी यूनिट खरीदे मुनाफा कमाने का मौका मिलता है।
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