Published - Tuesday, 06 December, 2022
हिन्दी कुंडली फ्री सॉफ्टवेयर ऑनलाइन
कुंडली का वैदिक ज्योतिष में महत्वपूर्ण स्थान है। इसे सामान्य रूप से जन्मपत्री भी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तकनीकी रूप से जन्म कुंडली या जन्मपत्री किसी भी व्यक्ति के जन्म के समय आकाश मंडल तकनीकी विश्लेषण की मूल बातें में उदित नक्षत्र, राशि और ग्रहों की स्थिति का सचित्र वर्णन है। वहीं प्रश्न कुंडली के अंतर्गत जातक के द्वारा पूछे गए प्रश्न की कुंडली बनती है जिसे प्रश्न कुंडली (होरारी चार्ट) कहते हैं। इसमें प्रश्न किस समय और किस स्थान पर पूछा गया है, इस बात को ध्यान में तकनीकी विश्लेषण की मूल बातें रखा जाता है। यह समय विशेष की कुंडली मानी जाती है।
जन्म कुंडली की सहायता से लोगों के व्यक्तित्व, भूत, वर्तमान एवं भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इसके अलावा आप इसके द्वारा विभिन्न राशियों एवं नक्षत्रों में सूर्य, चंद्रमा तथा अन्य ग्रहों की स्थिति को भी ज्ञात कर सकते हैं।
नोट: हमारा यह कुंडली सॉफ्टवेयर डी.एस.टी (DST) में स्वतः सुधार करता है।
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कुंडली सॉफ्टवेयर बनाने का उद्देश्य
भारत में यह परंपरा है कि जब किसी बच्चे का जन्म होता है तो उसके परिजन ज्योतिषी के पास जाकर उसकी तात्कालिक कुंडली बनवाते हैं जिसे टेवा कहते हैं। यदि कुंडली बनाते समय जन्मपत्री में कोई दोष (जैसे मूल दोष, बालारिष्ठ आदि) निकल आता है तो फिर उसके लिए कोई निश्चित उपाय किया तकनीकी विश्लेषण की मूल बातें जाता है। फिर बाद में इस लघु कुंडली को आधार मानकर विस्तृत कुंडली बनायी जाती है। इसमें जातक के भविष्यकथन, षोडश वर्ग एवं दोष आदि की विस्तृत गणना की जाती है। एस्ट्रोसेज पर उपलब्ध कुंडली सॉफ्टवेयर अथवा एस्ट्रोसेज कुंडली ऍप के माध्यम से आप घर बैठे अपनी विस्तृत कुंडली आसानी से बना सकते हैं और इसे तुरंत प्राप्त भी कर सकते हैं। यह सेवा आपके लिए फ्री है।
कुंडली बनाने के लाभ
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- जन्म कुंडली से आप अपनी रुचिकर क्षेत्र को बेहतर तरीके से जान पाते हैं इसलिए इस दिशा में आप सही निर्णय लेते में सक्षम होते हैं
- कुंडली मिलान के द्वारा आप अपने ऐसे जीवनसाथी को पा सकते हैं जो आपके लिए अनुकूल हो
- जन्मपत्रिका से आप अपने मंगल दोष, नाड़ी दोष, भकूट दोष या अन्य दोषों के बारे में भी जान सकते हैं
- कुंडली के द्वारा आप अपनी शारीरिक पीड़ा, रोग आदि के बारे में जान सकते हैं
- कुंडली के द्वारा आप अपनी प्रकृति को जानकर उसी के अनुसार भोजन ग्रहण कर सकते हैं
- कुण्डली आपको सही करियर, व्यवसाय, नौकरी को चुनने में मदद करती है
- कुंडली के द्वारा आप शिक्षा क्षेत्र में सही निर्णय लेते हैं
- कुंडली के द्वारा आप अपनी समस्याओं का भी समाधान जान सकते हैं
- कुण्डली के द्वारा आप स्वयं का अच्छी तरह से आंकलन कर सकते हैं
- कुंडली की सहायता से आप अपने अच्छे बुरे के बारे में जान सकते हैं
- जन्मपत्रिका के माध्यम से आत्मज्ञान को प्राप्त करना संभव है
एस्ट्रोसेज ऑनलाइन कुंडली सॉफ्टवेयर के माध्यम से आप 50 से भी अधिक पन्नों की कुंडली फ्री बना सकते हैं। इस कुंडली को आप पीडीएफ और प्रिंट आउट के ज़रिए प्राप्त भी कर सकते हैं। हमारी फ्री जन्म कुंडली हिन्दी और अंग्रेज़ी के अलावा 9 अन्य भाषाओं पर उपलब्ध है।
भाषा विश्वविद्यालय कार्यशाला: छात्रों ने जाना बाजार में मंदी और तेजी का रूझान
अमृत विचार लखनऊ। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में छात्रों ने बाजार में मंदी और तेजी के रूझान को समझा। बुधवार को यहां व्यवसाय प्रबंधन विभाग और आंतरिक गुणवत्ता मूल्यांकन सेल (IQAC) द्वारा “तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से स्टॉक मार्केट निवेश” नामक 2-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शुरू हुआ है। पहले दिन सत्र के विशेषज्ञ सीए …
अमृत विचार लखनऊ। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में छात्रों ने बाजार में मंदी और तेजी के रूझान को समझा। बुधवार को यहां व्यवसाय प्रबंधन विभाग और आंतरिक गुणवत्ता मूल्यांकन सेल (IQAC) द्वारा “तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से स्टॉक मार्केट निवेश” नामक 2-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शुरू हुआ है। पहले दिन सत्र के विशेषज्ञ सीए राज पांडे (प्रमुख शिक्षक, स्टॉकपे प्राइवेट लिमिटेड) की ओर से शेयर बाजार की मूल बातें, बाजारों के प्रकार, जापानी कैंडल स्टिक तकनीक और डॉव सिद्धांत के बारे में चर्चा की गई। उन्होंने मंदी और तेजी में बाजार के रुझान का वर्णन किया। उन्होंने छात्रों को यह भी सिखाया कि मंदी और तेजी के बाजारों को कैसे पढ़ा जाए और बाजार में निवेश करने का सही अवसर कैसे तलाशा जाए। उन्होंने डॉव सिद्धांत पर चर्चा की जहां उन्होंने वर्णित 3 प्रवृत्तियों के बारे में बताया। उन्होंने एक एप्लिकेशन का भी उल्लेख किया जहां छात्र अपने शेयर बाजार कौशल का अभ्यास करने के लिए लाइव सिमुलेशन आधारित गतिविधि हिस्सा ले सकते हैं।
धन्यवाद प्रस्ताव प्रो (डॉ) सैयद हैदर अली (संयोजक) ने दिया। डॉ. दोआ नकवी कार्यशाला की सह-संयोजक रही। कार्यक्रम में डॉ. मुशीर अहमद, साक्षी रॉय, राघवेंद्र, जूही, राहत ज़बी और व्यवसाय प्रबंधन विभाग के विभिन्न विद्यार्थियों ने भाग लिया।
30 से अधिक संगठनों ने साईबाबा और अन्य को तकनीकी विश्लेषण की मूल बातें बरी करने के आदेश को बरक़रार रखने की मांग की
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच द्वारा माओवादियों से संबंध रखने संबंधी मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और अन्य को 14 अक्टूबर को बरी कर दिया गया था, लेकिन अगले ही दिन केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी. The post 30 से अधिक संगठनों ने साईबाबा और अन्य को बरी करने के आदेश को बरक़रार रखने की मांग की appeared first on The Wire - Hindi.
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच द्वारा माओवादियों से संबंध रखने संबंधी मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और अन्य को 14 अक्टूबर को बरी कर दिया गया था, लेकिन अगले ही दिन केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी.
जेएनयू के छात्र हेम मिश्रा के पिता केडी मिश्रा और जीएन साईबाबा की पत्नी वसंता कुमारी. (फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट)
नई दिल्ली: प्रतिबंधित माओवादियों के साथ संबंध रखने के आरोप में वर्षों से जेल में बंद प्रोफेसर जीएन साईबाबा और अन्य राजनीतिक बंदियों को बिना शर्त बरी करने की मांग को लेकर सोमवार (5 दिसंबर) को दिल्ली में 30 से अधिक अधिकार संगठन ‘कैंपेन अगेंस्ट स्टेट रिप्रेशन’ (सीएएसआर) के बैनर तले एक साथ आए.
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच द्वारा माओवादियों से संबंध रखने वाले मामले में साईबाबा और चार अन्य को बरी करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को 24 घंटे के भीतर पलट दिया था.
शीर्ष अदालत की जस्टिस एमआर शाह और बेला एम. त्रिवेदी की खंडपीठ ने बरी करने के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा लगाई गई एक विशेष याचिका पर सुनवाई करते हुए 14 अक्टूबर को दिए गए बरी करने के फैसले को पलट दिया था.
अधिकार निकायों द्वारा आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते तकनीकी विश्लेषण की मूल बातें हुए साईबाबा की पत्नी वसंता कुमारी ने बताया कि 14-15 अक्टूबर को उन पर क्या गुजरी थी और कैसे बरी होने के बाद उनकी खुशी अल्पकालिक थी.
वसंता ने बताया, ‘जैसे ही हमें बरी होने के बारे में पता लगा, हम सब बहुत खुश थे. मुझे दुनिया भर से फोन आए कि आखिरकार साई और उनके साथ अन्य लोग बाहर आ जाएंगे. अधिवक्ताओं ने हमें नागपुर आने के लिए कहा, क्योंकि साई रिहा होने वाले थे. उन्होंने तकनीकी विश्लेषण की मूल बातें अपनी किताबों और कानूनी कागजों को छोड़कर अपना सारा सामान जेल में बांट दिया था. हम सब इंतजार कर रहे थे.’
वे आगे सवाल उठाते हुए पूछती हैं, ‘कानून के सामने सब बराबर हैं फिर साईं, हेम मिश्रा, प्रशांत राही और अन्य आदिवासियों को जमानत और पैरोल से वंचित क्यों किया जा रहा है? बिना किसी अपराध और बिना किसी सबूत के उन्हें उम्रकैद की सजा दी गई है.’
वसंता ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को साईंबाबा को तुरंत रिहा करना चाहिए, क्योंकि उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ रहा है.
उन्होंने कहा, ‘उनके बरी होने पर रोक लगने के बाद मैं साई से मिली. वह मांसपेशियों में ऐंठन, जकड़न और सांस फूलने की समस्याओं से जूझ रहे हैं. उन्हें अंडा सेल में रखा गया है. सेल को ऊपर से ढंका नहीं किया है, क्योंकि यह भारत में ब्रिटिश काल के समय का एक यातना कक्ष है. जो लोग स्वतंत्रता के लिए लड़ते थे, अंग्रेज उन्हें इसमें डाल देते थे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘साई जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. उन्होंने दो दिन पहले पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें काफी परेशानी हो रही है. हालांकि, कोई डॉक्टर खुलकर नहीं बोल रहा है. वह असहनीय पीड़ा में हैं. उनकी मेडिकल कंडीशन के बावजूद भी उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब बलात्कारी और हत्यारे खुलेआम बाहर घूम रहे.’
मामले में साईबाबा के साथ पुलिस ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र हेम मिश्रा, दो आदिवासी युवकों विजय तिर्की और पांडु नरोटे, पत्रकार प्रशांत राही और महेश तिर्की को भी गिरफ्तार किया था.
साईंबाबा के साथ यूएपीए के आरोपों के तहत दोषी ठहराए गए नरोटे (33 वर्ष) की इस साल अगस्त में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. नरोटे के वकीलों ने आरोप लगाया था कि जेल अधिकारियों ने समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं दी. उन्होंने कहा था कि उनकी हालत बुरी तरह बिगड़ने के बाद ही उन्हें अस्पताल ले जाया गया था.
कार्यक्रम में बोलते हुए हेम मिश्रा के पिता केडी मिश्रा ने कहा, ‘जब वे बरी होने वाले थे तो उन्हें रोकने के लिए छुट्टी के बावजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को भेजा गया था. यह किसी के स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार को निशाना बनाने के लिए किया गया था, उन्हें रोकने के लिए ही यह पीठ बनाई गई थी. ऐसा विरलतम मामलों में होता है.’
कार्यक्रम के आयोजकों ने भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों पर हिंसक तकनीकी विश्लेषण की मूल बातें हमला करने का आरोप लगाया.
द वायर से बात करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी. राजा ने कहा, ‘उन्हें जेल में रखना सरकार की ओर से क्रूर और असंवेदनशील रवैया है.’
CM अशोक गहलोत ने मुख्यधारा की मीडिया पर लगाए ये गंभीर आरोप
by समाचार4मीडिया ब्यूरो
Published - Tuesday, 06 December, 2022
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को मुख्यधारा की मीडिया से नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने मीडिया पर अपना फर्ज पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मीडिया ने राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का बहिष्कार किया है, क्योंकि संपादक और मालिक दबाव में हैं।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपना कर्तव्य निभाने में पूरी तरह से विफल रहा है। अगर वह अपना धर्म नहीं निभाता है, तो उसे इतिहास कभी माफ नहीं करेगा।
गहलोत ने कहा, ‘मेरा विशेष रूप से राष्ट्रीय मीडिया पर आरोप है कि उसने यात्रा को बहिष्कार कर रखा है। उन्होंने कहा कि यहां बैठे पत्रकारों की कोई गलती नहीं है, ये तो अपना धर्म निभाते हैं लेकिन इनके मालिक और संपादक दबाव में हैं, जिन्होंने बहिष्कार किया है।
उन्होंने कहा कि क्या गजब की यात्रा है, जो सोशल मीडिया देखते हैं, वह गर्व करते हैं कि किस प्रकार से लाखों लोग जुड़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि मीडिया चौथा स्तंभ है, इसकी अहमियत है। राहुल गांधी की सकारात्मक यात्रा है.. किसी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है। वह सबको गले लगा रहे हैं। अब बताइये इस देश को और क्या चाहिए।
गहलोत ने मीडिया को चेतावनी दी कि यदि ऐसी यात्रा को आप नहीं दिखायेंगे, तो आप अपना कर्तव्य पूरा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कान खोल कर सुन लीजिए, नेशनल मीडिया वाले भी और स्टेट मीडिया वाले भी। इतिहास आपको माफ नहीं करेगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया दबाव में है। उन्होंने सवाल किया कि पहले जब भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की यात्रा निकली थी तो क्या पूरे देश के मीडिया ने उसे नहीं उठाया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया घरानों के भी 'हाईकमान' होते हैं और मीडिया के लोग भी तबादलों और पोस्टिंग से डरते हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे मालूम है आपका स्थानांतरण एवं पदस्थापना होती है। आप भी तबादला से घबरा जाते हैं। और तो और कोरोना वायरस महामारी के नाम पर तनख्वाह एक लाख से घटाकर 70 हजार, 30 हजार कर दी गई। मुझे मालूम है कि महामारी खत्म हो जाने के बाद तनख्वाह वापस नहीं बढ़ाई गयी।'
उन्होंने कहा, ‘इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि आप अपने मालिक से कह दीजिए कि हम घबराने वाले नहीं है। राहुल गांधी का रास्ता सच्चाई का है। सत्य का रास्ता है। अहिंसा का रास्ता है। उनका कारवां चल पड़ा है।’
कांग्रेस महासचिव (संचार और मीडिया प्रभारी) जयराम रमेश ने मौके पर मौजूद पत्रकारों का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें दोष नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि वे तो अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। उनके पास भी आलाकमान हैं। उनके आलाकमान के लिये यात्रा की कोई मांग नहीं है। लेकिन कुछ पत्रकार हैं, जो कन्याकुमारी से इस यात्रा को कवर कर रहे हैं। हमें उनके स्तर पर समर्थन और कवरेज मिल रहा है। रमेश ने कहा कि यह अलग बात है कि मुख्यधारा की मीडिया में खबरों का कवरेज उम्मीद के मुताबिक नहीं होता है।
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तकनीकी विश्लेषण की मूल बातें
Technical Analysis of तकनीकी विश्लेषण की मूल बातें Stocks | Technical Analysis by SIDDHARTH BHANUSHALI in Hindi
- Post author: admin
- Post published: October 16, 2021
- Post category: Stock Market
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सभी ट्रेडर तकनीकी विश्लेषण की मूल बातें तकनीकी विश्लेषण की मूल बातें किसी भी मार्किट में इन्वेस्ट या ट्रेड करने के लिए Technical analysis का प्रयोग करते है ताकि वो स्टॉक प्राइस का पता कर सके की अब वो किस दिशा में जाने वाली है।
बेसिकली technical analysis of stocks हर निवेशक स्टॉक का विश्लेषण करने का सबसे अच्छा तरीका है ताकि वे शेयर बाजार की गतिविधियों को जान सकें और स्टॉक की कीमत का अनुमान (Prediction)लगा सकें।
यह Technical analysis Siddharth Bhanushali Sir के द्वारा प्रदत है।
Technical analysis Basics | By Siddharth Bhanushali
Table of Contents
तकनीकी विश्लेषण क्या है? What is Technical Analysis?
Technical Analysis एक तरीका है जो व्यापारियों द्वारा किसी स्टॉक की पास्ट के प्राइस गतिविधि का विश्लेषण करके स्टॉक की भविष्य की कीमत दिशा की भविष्यवाणी करने के लिए उपयोग किया जाता है। तकनीकी विश्लेषकों द्वारा चार्ट पैटर्न और आंकड़ों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
दूसरे शब्दों में
तकनीकी विश्लेषण को पिछले मूल्य की गति की जांच के आधार पर भविष्य की कीमत की भविष्यवाणी करने की कला और विज्ञान के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
1 Art & Science
2 To Predict The Future Price Movement
3 To know Future by Examining Past
तकनीकी विश्लेषण मूल रूप से कला और विज्ञान का मिश्रण है। जिसमें कला और विज्ञान के महत्वपूर्ण विषेशता शामिल हैं जो बाजार को एक शैक्षिक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
तकनीकी विश्लेषण का यह मिश्रण आपको वास्तविक समझ देगा कि बाजार कैसे व्यवहार करता है।
बाजार की संभावना क्या है और साथ ही तकनीकी विश्लेषण के इस मिश्रण का उपयोग बाजार की स्थितियों में सांख्यिकीय रूप से मान्य पैटर्न को पकड़ कर और उसके पास्ट के प्राइस मूवमेंट की जाँच करके, उसके प्राइस की दिशा को प्रिडिक्ट किया जा सकता है की प्राइस किस दिशा में जा सकता है।
किसी भी स्टॉक और उसके झुकाव (trend) का पता करने के लिए टेक्निकल एनालिसिस में हमे तकनीकी विश्लेषण की मूल बातें चार्ट पर price और volume को डालना (put) होता है। बाकि सब price और volume से लिया जाता है।ये दोनों ही हमे raw form में मिलते है।
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