सोमवार को उतार-चढ़ाव के बीच 171 अंक टूटकर बंद हुआ सेंसेक्स
घरेलू शेयर बाजार सोमवार को उतार-चढ़ाव के बीच हल्की गिरावट पर बंद हुआ। सेंसेक्स 171 अंक गिरकर 61,624 पर और निफ्टी 21 अंकों की गिरावट के साथ 18,329 पर आ गया। विश्लेषकों के मुताबिक, अक्टूबर में थोक और रिटेल महंगाई घटी हैं। इससे बाजार का भरोसा मजबूत होगा क्योंकि महंगाई पर नियंत्रण के लिए आरबीआई नीतिगत दरें बढ़ाना बंद कर सकता है।
'शेयर बाजार'
Best Pharma Stocks In India: शेयर बाजार (Share Market) के जानकारों का कहना है कि दुनियाभर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते फार्मा कंपनियों (Pharma Companies) के शेयरों में एक बार फिर शानदार तेजी देखी जा रही है.
Stock Market Closing Bell Today: आज फार्मा को छोड़कर बाकी सभी सेक्टोरल इंडेक्स ने तेजी के साथ कारोबार का अंत किया है.
Dollar vs Rupee Rate Today: घरेलू शेयर बाजार में आई शानदार तेजी के साथ-साथ डॉलर के कमजोर होने से रुपये में बढ़त देखने को मिली है.
Stock Market Opening Updates: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक यानी एफपीआई (FPIs) ने 1 से 23 दिसंबर 2022 के दौरान करीब 11,557 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
Stock Market Updates: बीते सप्ताह बीएसई (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) 1,492.52 अंक यानी 2.43 प्रतिशत के नुकसान के साथ 59,845.29 पर और निफ्टी (Nifty) 462.2 अंक यानी 2.52 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,806.8 के स्तर पर बंद हुआ.
भारतीय बाजार को सुरक्षित मान रहे विदेशी निवेशक: चीनी शेयर बाजार में गिरावट का फायदा यहां के बाजार को मिला
इस साल दुनियाभर के बाजारों में भारी गिरावट के बीच भारतीय शेयर बाजार सेफ हैवन यानी निवेश के लिहाज से सुरक्षित माने जा रहे हैं। घरेलू शेयर बाजार का प्रदर्शन अन्य बाजारों से बेहतर रहने का अनुमान है। दिसंबर 2022 सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं।
दरअसल विदेशी निवेशकों की वापसी बाजार को रफ्तार दे रही है। इस बीच बाजार में नए रिटेल निवेशकों का आना जारी है। भारतीय बाजार को चीनी शेयर बाजार एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार में गिरावट का फायदा मिला है। ग्लोबल फंडों ने अक्टूबर में चीन में एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार बिकवाली करके भारतीय बाजार में पैसा लगाया।
विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 250 करोड़ डॉलर लगाए
इस तिमाही अब तक विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में करीब 250 करोड़ डॉलर (20.34 हजार करोड़ रुपए) लगा चुके हैं। पिछली तिमाही उन्होंने 600 करोड़ डॉलर (48.83 हजार करोड़ रुपए) निकाले थे।
2023 में इन 14 स्टॉक्स में होगी शानदार कमाई, फोकस में रहेंगे ये सेक्टर; तैयार कर लें मजबूत पोर्टफोलियो
New Year 2023 Stocks Picks: ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि 2023 में दो थीम्स क्रेडिट ग्रोथ और कैपेक्स की उम्मीद है. ऐसे में BFSI, कैपिटल गुड्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सीमेंट, हाउसिंग, डिफेंस और रेलवेज जैसे सेक्टर फोकस में रह सकते हैं.
New Year 2023 Stocks Picks: नया साल पोर्टफोलियो में क्वालिटी और पावरफुल स्टॉक्स को शामिल करने का अच्छा मौका है. पूरे साल अपने निवेश, बाजारों और सेक्टर्स की नाप-तौल के बाद पोर्टफोलियो में बदलाव करने की सोच रहे हैं, नए साल से यह नई शुरुआत कर सकते हैं. घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) ने नए साल के लिए अलग-अलग सेक्टर्स से क्वालिटी शेयर चुने हैं, जो 2023 में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि 2023 में दो थीम्स क्रेडिट ग्रोथ और कैपेक्स की उम्मीद है. ऐसे में BFSI, कैपिटल गुड्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सीमेंट, हाउसिंग, डिफेंस और रेलवेज जैसे सेक्टर फोकस में रह सकते हैं.
भारतीय बाजारों ने दिखाया दम
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 देश-दुनिया के बाजारों के लिए काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. हालांकि, वैश्विक बाजारों के मुकाबले भारतीय बाजारों की स्थिति थोड़ी-बहुत बेहतर रही. घरेलू बाजार महंगाई की ऊंची दर, बढ़ती ब्याज दरें, करेंसी में भारी उतार-चढ़ाव, जियोपॉलिटिकल टेंशन और विदेशी निवेशकों (FIIs) की एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार भारी बिकवाली जैसे हालात का मजबूती से सामना किया. भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद इस साल (12 दिसंबर तक) निफ्टी करीब 7% चढ़ा है. इसके उलट ज्यादातर एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार ग्लोबल इंडेक्स में 10-20% गिरावट आई है. सरकारी (PSU) बैंकों का प्रदर्शन सबसे शानदार रहा. इस साल अब तक इनके शेयरों में 72% तेजी दर्ज की गई.
ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि वैश्विक बाजारों के मुकाबले भारतीय बाजारों एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार की बेहतर प्रदर्शन की कुछ बड़ी वजहें रही. पहला, केंद्र सरकार की तरफ एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार से कैपिटल एक्सपेंडिचर में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली, जिसके चलते भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड महामारी की चुनौतियों से उबर पाई. दूसरा, मजबूत कंज्यूमर डिमांड, जिसकी झलक घरेलू अर्थव्यवस्था के शानदार आंकड़ों में मिलती है. लगातार आठवें महीने 1.4 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहना और मार्च 2022 से अब तक ई-वे बिल जेनरेशन 7 करोड़ से ऊपर रहना इसकी बानगी है.
कई सेक्टर्स में दिखा साइक्लिकल अपटर्न
मोतीलाल ओसवाल का कहना है, इस साल कई सेक्टरमें साइक्लिकल अपटर्न देखने को मिला. यानी, ये एक निश्चित अवधि में सामान्य उतार-चढ़ाव से उबरे हैं. इनमें रीयल एस्टेट, ऑटोमोबाइल, बैंकिंग और टेलिकॉम शामिल हैं. इस बीच इंडस्ट्री कंसॉलिडेशन के चलते उत्पादन क्षमता का इस्तेमाल लंबी अवधि के औसत के 75% एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार स्तर पर पहुंच गया. इससे निजी निवेश को बढ़ावा मिलने की संभावना है. इन सबके बीच चाइना+1 और यूरोप+1 के चलते आउटसोर्सिंग बढ़ने की गुंजाइश बढ़ी है.
इसके अलावा, आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया जैसी सरकारी पहल की बदौलत जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग का कंट्रीब्यूशन बढ़ने की संभावना है, जो अभी 15% है. यही नहीं, अब महंगाई से भी राहत मिलने लगी है जो कुछ महीनों से चिंता की सबसे बड़ी वजह बनी हुई थी. नवंबर-22 में यह घटकर 11 महीनों के निचले स्तर 5.88% पर आ गई. रिटेल महंगाई की ये दर रिजर्व बैंक के टारगेट 2-6% से कम है.
2023 में किस सेक्टर में बनेंगी संभावना
ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक, निफ्टी अब 1 साल आगे के 20x पी/ई पर ट्रेड कर रहा है. नए साल और उसके बाद केंद्र सरकार कैपेक्स बढ़ाने की दिशा में काम करेगी. इस बात की संभावना भी है कि निजी निवेश बढ़ेगा. ऐसे में निफ्टी अर्निंग शानदार बने रहने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2022-24 के बीच इसमें 17% की जोरदार CAGR ग्रोथ की संभावना है.
2023 में मंदी की आशंका, जियोपॉलिटिकल टेंशन और चीन में कोविड के बढ़ते मामलों जैसे ग्लोबल कारणों से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है. 2023 में RBI के साथ-साथ US Fed की पॉलिसीज का भी बाजार की चाल तय करने में अहम रोल होगा. पॉलिसी रेट्स के मामले में कोई ढिलाई बाजार को रफ्तार देगी. 2023 में हम दो थीम्स क्रेडिट ग्रोथ और कैपेक्स की उम्मीद करते हैं. इसलिए BFSI, कैपिटल गुड्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सीमेंट, हाउसिंग, डिफेंस और रेलवेज फोकस में रह सकते हैं.
भारतीय बाजार को सुरक्षित मान रहे विदेशी निवेशक: चीनी शेयर बाजार में गिरावट का फायदा यहां के बाजार को मिला
इस साल दुनियाभर के बाजारों में भारी गिरावट के बीच भारतीय शेयर बाजार सेफ हैवन यानी निवेश के लिहाज से सुरक्षित माने जा रहे हैं। घरेलू शेयर बाजार का प्रदर्शन अन्य बाजारों से एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार बेहतर रहने का अनुमान है। दिसंबर 2022 सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं।
दरअसल विदेशी निवेशकों की वापसी बाजार को रफ्तार दे रही है। इस बीच बाजार में नए रिटेल निवेशकों का आना जारी है। भारतीय बाजार को चीनी शेयर बाजार में गिरावट का फायदा मिला है। ग्लोबल फंडों ने अक्टूबर में चीन में बिकवाली करके भारतीय बाजार में पैसा लगाया।
विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 250 करोड़ डॉलर लगाए
इस तिमाही अब तक विदेशी निवेशक भारतीय एक साल में शेयर बाजार में भारी उतार शेयर बाजार में करीब 250 करोड़ डॉलर (20.34 हजार करोड़ रुपए) लगा चुके हैं। पिछली तिमाही उन्होंने 600 करोड़ डॉलर (48.83 हजार करोड़ रुपए) निकाले थे।
Moneycontrol की और खबरें
ग्रीन हाइड्रोजन इंडस्ट्री को मिलेगा बड़ा तोहफा, बजट में ₹18,000 करोड़ का इनसेंटिव देने की तैयारी में सरकार
Weather Updates: देहरादून और नैनीताल से भी ज्यादा ठंडी रही दिल्ली, 5.6 डिग्री तापमान के साथ पहाड़ों से ज्यादा ठिठुरी राजधानी
USB Type-C Port: एक ही चार्जर से चार्ज हो जाएंगे सभी डिवाइस, मार्च 2025 से कंपनियों के लिए यूएसबी टाइप-सी पोर्ट देना अनिवार्य
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 583