इस करेंसी को 2015 में विकसितकिया गया , एथेरियम एक ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म है जिसकी अपनी क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे ईथर (ईटीएच) या एथेरियम कहा जाता है। यह बिटकॉइन के बाद सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है।

क्रिप्टोकरेंसी बाजार क्यों डाउन है? क्यों क्रिप्टो बाजार नीचे है? | Why crypto market is down?

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बिजनेस एवं निवेश में हमेशा केवल फायदा ही नहीं होता। बहुत बार नुकसान भी होता है। कई बार अच्छा रिटर्न दे रही करेंसी में इन्वेस्टमेंट भी बहुत बड़ा नुकसान देकर जाता है।

ऐसा संबंधित मार्केट में उतार-चढ़ाव की वजह से होता है। इस उतार-चढ़ाव के कई कारण होते हैं। क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कितना डाउन है एवं यह क्यों डाउन है? आज इस पर हम आपको इस पोस्ट में जानकारी देंगे।

क्रिप्टोकरेंसी बाजार क्या हैं? (What is cryptocurrency market?)

सबसे पहले समझ लेते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार क्या है? सामान्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी बाजार अथवा क्रिप्टोकरेंसी मार्केट वह जगह है, जहां क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-फरोख्त एवं ट्रेडिंग होती है।

इसे अलग अलग नामों से भी जाना जाता है। जैसे- क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, डिजिटल करेंसी एक्सचेंज, काॅइन मार्केट एवं क्रिप्टो मार्केट आदि।

क्रिप्टोकरेंसी बाजार डाउन क्यों है? (Why cryptocurrency market is down?)

आम बजट में भारत सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में 30 फीसदी टैक्सेशन की घोषणा के बाद क्रिप्टो मार्केट में बिटकाॅइन के रेट नीचे पहुंच गए। टैक्सेशन की घोषणा के बाद क्रिप्टो निवेशकों में बेचैनी बढ़ गई और इसमें बिकवाली बढ़ गई। यह स्थिति पहली बार नहीं आई क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? है।

क्रिप्टोकरेंसी बाजार क्यों डाउन है? क्यों क्रिप्टो बाजार नीचे है? | Why crypto market is down?

दिसंबर, 2021 में भी सरकार के रवैये ने आम भारतीय क्रिप्टो निवेश्कों को खूब परेशान किया है। उस दौरान भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज पर निवेशकों ने जल्दबाजी में अपनी करेंसी बेच डाली। विशेषज्ञ क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों ने इसका लाभ उठाते हुए गिरे भाव पर दांव लगाया एवं क्रिप्टोकरेंसी खरीद ली। वे कीमत गिरने का ही इंतजार कर रहे थे।

क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है और यह कैसे काम करती है? | cryptocurrency in hindi meaning

क्रिप्टो करेंसी का नाम आप लोगों ने कहीं ना कहीं सुना ही होगा आज पूरी दुनिया क्रिप्टो के पीछे भाग रही है तो आखिर क्रिप्टो करेंसी क्या है?(What Is Cryptocurrency in क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? hindi) यह कैसे काम करती है और इसका उपयोग क्या है ऐसे तमाम सवालों के जवाब हम आसान भाषा में बताने जा रहे हैं।

क्रिप्टो करेंसी क्या है (Cryptocurrency in Hindi meaning)

क्रिप्टो करेंसी एक कोडिंग डाटा है जो एक करेंसी की तरह काम करती है इसको और आसान भाषा में समझे तो क्रिप्टो करेंसी डिजिटल करेंसी है यह पूरी तरह से ऑनलाइन ही उपलब्ध है इसे आप फिजिकली लेन-देन नहीं कर सकते यानी आप इसे अपने हाथ से नहीं छू सकते और ना ही अपने पॉकेट में रख सकते हैं यह केवल मोबाइल लैपटॉप और कंप्यूटर के एक डिजिटल वायलेट के द्वारा दूसरे डिजिटल वॉलेट में ट्रांसफर किया जाता है।

ताजा खबरें | भाजपा सांसद ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध की मांग लोकसभा में उठाई

ताजा खबरें | भाजपा सांसद ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध की मांग लोकसभा में उठाई

नयी दिल्ली, छह दिसंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को लोकसभा में मांग की कि देश में क्रिप्टोकरेंसी (डिजिटल मुद्रा) को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

उन्होंने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया और कहा कि ‘ब्लॉकचेन’ प्रौद्योगिकी पर आधारित इन क्रिप्टोकरेंसी के दुरुपयोग को रोक पाना संभव नहीं है क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? क्योंकि इस प्रौद्योगिकी का कोई मालिक नहीं होता।

दुबे ने कहा, ‘‘क्रिप्टो करेंसी से पूरी दुनिया परेशान है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का कोई मालिक नहीं है। ऐसे में इस पर नियंत्रण कैसे हो सकता है। क्रिप्टो को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।’’

क्रिप्टो मार्केट में गिरावट के समय क्या करना चाहिए? (What to do when Crypto market is down?)

किसी भी चीज में गिरावट का अर्थ यह कतई नहीं होता कि आप उसे छोड़ दें। खास तौर पर शेयर मार्केट के जानकार गिरावट के समय ही शेयरों में निवेश बढ़ाने की नसीहत देते हैं।

क्रिप्टो मार्केट में भी यही फार्मूला लागू होता है। यदि कोई निवेशक अच्छे से मार्केट रिसर्च करता है और उसे यह बेस मजबूत दिखता है तो यह क्रिप्टो करेंसी में निवेश का सबसे अच्छा समय कहा जा सकता है।

प्रमुख क्रिप्टो करेंसी में 24 घंटे के भीतर आई गिरावट का लेखा जोखा

अब एक नजर डाल लेते हैं पिछले 24 घंटे के भीतर प्रमुख क्रिप्टो करेंसी में आई गिरावट के स्तर पर। यह निम्नवत है-

हमने इस पोस्ट के माध्यम से आपको बताया क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार क्यों डाउन है। यदि आप भी इस करेंसी में इन्वेस्ट करने के इच्छुक हैं तो उससे पहले इस मार्केट के उतार-चढ़ाव को अच्छी तरह से समझ लें।

इस पोस्ट को लेकर आपके मस्तिष्क में कोई शक शुबहा है तो हमसे पूछ सकते हैं। करेंसी के संबंध में जागरूकता के मद्देनजर इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करना न भूलें। धन्यवाद।

‘आहत भावना’ के नाम पर

संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर जिस प्रकार के विवाद चल रहे हैं, उससे लगता है कि यह हमारे देश के कुछ क्रोधी स्वभाव के व्यक्तियों का मान-मनौती करवाने से जुड़ा ही क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? कोई प्रकरण है। ये समय-समय पर कभी फिल्म निर्माता, कभी लेखक तो कभी पत्रकारों को अपना निशाना बनाते रहते हैं, और हमारे क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? नेता नैतिकता एवं मर्यादा की रक्षा करने वाले इन तथाकथित संरक्षकों को हल्के में लेते रहते हैं। स्वतंत्रता के विरोधी इन लोगों को रोके जाने की जरूरत है। ऐसा करने के लिए ‘आहत भावनाओं’ के भ्रमजाल को दूर किया जाना पहली आवश्यकता है।

हमारे देश में जब भी किसी सिनेमा, पुस्तक या संगीत वगैरह के कारण कोई भावनाएं आहत होने की बात उठाता है, तो जनता की प्रतिक्रिया और उस पर उठाए जाने वाले प्रश्न बेमानी होते हैं। अक्सर ऐसे मसलों पर पूछा जाता है कि क्या सचमुच उस लेखक या कलाकार ने कुछ अपमानजनक किया है? क्या उसके प्रतिबंध को लेकर की जाने वाली मांग उचित है? आदि। जबकि मूल प्रश्न होना चाहिए कि आहत भावनाओं के नाम पर किसी पर प्रतिबंध लगाने या उसका बहिष्कार किए जाने की बात में कितना सार है?हमारा संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर ‘यथोचित प्रतिबंध’ लगाता है। देश की सुरक्षा, विदेशों से मित्रतापूर्ण संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था, शिष्टाचार या नैतिकता, न्यायालय की अवमानना, मानहानि या अपराध के लिए उकसाने वाली अभिव्यक्ति पर न्यायालय ऐसा प्रतिबंध लगा सकता है। संविधान में ऐसा कहीं नहीं कहा गया है कि किसी की भावनाओं को आहत करने वाली किसी अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध लगाया जाए। इसका सीधा सा अर्थ क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? यही है कि प्रतिबंध लगाने के लिए उचित कारण होना चाहिए, भावनात्मक नहीं। ऐसा केवल इसलिए नहीं कि यह संविधान में कहा गया है, बल्कि इसलिए भी कि ताकि इस पर निष्पक्ष बहस की जा सकती है, जबकि भावनाओं एवं अनुभूति पर नहीं की जा सकती।मेरियम वेबस्टर ‘भावना’ को एक ऐसा व्यवहार, विचार या निर्णय मानते हैं, जो अनुभूति से प्रेरित होता है, जबकि एक तर्कहीन धारणा या विश्वास या भावावेश की स्थिति या प्रतिक्रिया को ‘अनुभूति’ माना जाता है।

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