Safety Tips For Driving in Fog: कोहरे में गाड़ी चलाते समय समय जरूर फॉलो करें ये सेफ्टी टिप्स
लगभग पूरा उत्तर भारत घने कोहरे की चपेट में हैं. जिससे सामान्य जन-जीवन अस्त-व्यस्त होने के अलावा सड़क पर एक्सीडेंट भी काफी बढ़ा है. यहां जानें कि कैसे इस मौसम में हम ड्राइविंग करते हुए खुद को एवं दूसरों को दुर्घटना का शिकार होने से बचा सकते हैं.
Safety Tips For Driving in Fog: लगभग पूरा उत्तर भारत घने कोहरे की चपेट में हैं. जिससे सामान्य जन-जीवन अस्त-व्यस्त होने के अलावा सड़क पर एक्सीडेंट भी काफी बढ़ा है. यहां जानें कि कैसे इस मौसम में हम ड्राइविंग करते हुए खुद को एवं दूसरों को दुर्घटना का शिकार होने से बचा सकते हैं. नीछे कुछ टिप्स दिए गए हैं जिन्हें फॉलो कर आप सुरक्षित गाड़ी चला सकते हैं. सर्दियां शुरू होते ही बढ़ गए हैं स्ट्रोक के मामले, समय-समय पर करते रहें BP की जांच.
कोहरे में एक्सिडेंट्स बढ़ जाते हैं और इसकी वजह होती है खराब विजिबिलिटी में भी तेज रफ्तार और जल्दबाजी. याद रखें कि कोहरे में कभी भी लापरवाही से गाड़ी न चलाएं. अपना पूरा ध्यान सिर्फ गाड़ी चलाने पर ही रखें और कभी भी स्पीड हमेशा कंट्रोल में रखें. दूसरी गाड़ियों को ओवरटेक करने की कोशिश न करें.
02. कोहरे में साफ देखने के अलावा यह भी जरूरी है कि आपको भी दूसरे गाड़ी वाले अच्छी तरह देख सकें। कोहरे में हेडलाइट्स बंद करके सिर्फ फॉग लाइट्स जलाना खतरनाक है क्योंकि दूर से आने वाले को फॉग लाइट्स दिखाई नहीं देतीं, जबकि लो बीम पर हेडलाइट्स को दूसरे ड्राइवर्स आसानी से देख सकते हैं।
— NCIB Headquarters (@NCIBHQ) December 22, 2022
04. कोहरे में चलने का अच्छा तरीका है कि आगे वाली कार या बस वगैरह के पीछे अपनी गाड़ी लगा दें। आम दिनों के मुकाबले थोड़ी ज्यादा दूरी बनाए रखें, ताकि गीली सड़को पर इमरजेंसी में ब्रेक लगाने के लिए वक्त मिल जाए। अगर कहीं मुड़ना है तो काफी पहले से इंडिकेटर दे दें।
— NCIB Headquarters (@NCIBHQ) December 22, 2022
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Bajaj की इस बाइक ने तोड़े सारे रिकार्ड ब्लूटूथ सिस्टम और Duel chennal ABS के साथ बनी युवावो के दिलो की धड़कन
Bajaj की इस बाइक ने तोड़े सारे रिकार्ड ब्लूटूथ सिस्टम और Duel chennal ABS के साथ बनी युवावो के दिलो की धड़कन बजाज पल्सर N160 रुपये की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध एक स्ट्रीट बाइक है। बजाज कंपनी की अधिकतर बजट बाइक्स लोगों को पसंद आ जाती हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली बाइक्स की लिस्ट में बजाज पल्सर एन 160 शामिल है।
भारत में Bajaj Pulsar N160 2 वेरिएंट और 4 रंगों में उपलब्ध है,इसके शुरुआती वेरिएंट की कीमत 1,23,011 एवं इसके टॉप वेरिएंट की कीमत 1,29,317 में आती है। Bajaj Pulsar N160 में 164.82cc BS6 इंजन लगा है जो 15.68 bhp की पावर और 14.65 Nm का टॉर्क पैदा करता है।
Bajaj की इस बाइक ने तोड़े सारे रिकार्ड ब्लूटूथ सिस्टम और Duel chennal ABS के साथ बनी युवावो के दिलो की धड़कन
Bajaj की इस बाइक ने तोड़े सारे रिकार्ड ब्लूटूथ सिस्टम और Duel chennal ABS के साथ बनी युवावो के दिलो की धड़कन
बजाज पल्सर n 160 में एलसीडी स्क्रीन में स्पीडोमीटर, गियर पोजिशन इंडिकेटर, फ्यूल लेवल रीड आउट और ट्रिप मीटर देख सकते हैं. सभी लाइट एलईडी होने के साथ ही इसमें स्मार्टफोन चार्जिंग के लिए एक यूएसबी पोर्ट दिया गया है। बजाज पल्सर n 160 में सिंगल-सिलेंडर, एयर ऑयल कूल्ड 164.8 सीसी का इंजन दिया गया है। ये 16PS की पावर के साथ अधिकतम 14.65Nm का टॉर्क उत्पन्न करने में सक्षम है। अगर इसकी तुलना ns160 से करें तो ये थोड़ी सी कम है। NS160 बाइक की 1.2PS और 0.05Nm टॉर्क अधिक उत्पन्न करने में सक्षम है।
Bajaj की इस बाइक ने तोड़े सारे रिकार्ड इंडिकेटर क्या है? ब्लूटूथ सिस्टम और Duel chennal ABS के साथ बनी युवावो के दिलो की धड़कन
बजाज पल्सर n 160 में ब्रेकिंग को दोनों सिरों पर डिस्क द्वारा नियंत्रित किया जाता है। डुअल-चैनल ABS वैरिएंट के लिए आपको फ्रंट में 300mm डिस्क मिलती है जबकि सिंगल-चैनल वाला 280mm डिस्क प्रदान करता है। बाइक में अब NS160 की तुलना में मोटे टायर हैं, जिसमें फ्रंट में 100-सेक्शन और रियर में 130-सेक्शन हैं।बजाज पल्सर n 160 दो वेरिएंट्स में उपलब्ध हैं। इनमें सिंगल चैनल और डुअल चैनल एबीएस शामिल है। सिंगल चैनल की कीमत की शुरुआत 1,23,011 रुपये से होती है। डुअल-चैनल एबीएस के साथ इसे खरीदने के लिए आपको कम से कम 1,29,317 रुपये खर्च करने होंगे।
रोजगार के सवाल पर बेरोजगारी का आंकड़ा दे रही सरकार लेकिन उसमें भी कई खामियां हैं
India Unemployment Data Gap: भारत के सामाजिक वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं इंडिकेटर क्या है? के सामने 3 प्रमुख मुद्दे हैं
राज्यसभा में AAP सांसद अशोक कुमार मित्तल ने सरकार से सवाल किया कि पिछले 8 इंडिकेटर क्या है? सालों में सरकारी और निजी क्षेत्र में कितनी नौकरियां पैदा हुईं हैं. जवाब में नौकरियों की संख्या के जगह केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने सदन को बेरोजगारी का आंकड़ा (India Unemployment Data) दे दिया और इसकी मदद से दावा किया कि देश में बेरोजगारी घट रही है.
डेटा तक बिना किसी बाधा के हमेशा पहुंच ही सामाजिक विज्ञान से जुड़ीं रिसर्च के लिए आधार है. किसी भी देश की ग्रोथ और विकास में डेटा स्टोरी महत्वपूर्ण होती है. खास तौर पर भारत जैसे देशों के लिए जहां गरीबी, असमानता और बेरोजगारी के बीच सतत विकास संबंधी मुद्दों के साथ-साथ विकास क्षमता पर्याप्त है.
विकास के मामले में स्वतंत्रता के 75 वर्षों के बाद हम कितनी दूर तक पहुंचे हैं, इसका वस्तुनिष्ठ उत्तर देने के लिए आंकड़ों की जरूरत है.
लेकिन विकास मापने से जुड़ें ऐसे सवालों का जवाब देने में सामाजिक वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के सामने 3 प्रमुख मुद्दे हैं
पहला- बेरोजगारी पर डेटा के मौजूदा स्रोतों को बंद कर दिया गया है.
दूसरा- हाल ही में प्रकाशित आंकड़ों को जमा करने की प्रक्रिया में बदलाव और संदिग्ध गुणवत्ता.
तीसरे- बदलती रोजगारों की प्रकृति के अनुसार नए अनुमान प्रकाशित करने की आवश्यकता.
भारत में विकास मोर्चे पर आज कई ऐसे विरोधाभास मौजूद हैं जिनपर शैक्षणिक विमर्श होते हैं- जैसे जनसांख्यिकीय लाभांश के बावजूद बिना रोजगार वाला विकास, उच्च GDP विकास के बीच बढ़ती आय असमानता और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के बावजूद स्थायी गरीबी.
बढ़ती आय असमानता और गरीबी के लिए बेरोजगारी मूल कारण है. शहरी भारत में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए बेरोजगारी दर 30 सितंबर को समाप्त दूसरी तिमाही के दौरान 9.8 प्रतिशत से घटकर 7.2 प्रतिशत हो गई.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के 16वें आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के आंकड़ों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में महिलाओं (15 वर्ष और उससे अधिक आयु) में बेरोजगारी दर जुलाई-सितंबर में घटकर 9.4 प्रतिशत हो गई, जबकि ठीक एक साल पहले इसी तिमाही में 11.6 प्रतिशत थी. जबकि इस साल अप्रैल-जून में यह 9.5 फीसदी थी.
बेरोजगारी की स्थिति में सुधार के इस सकारात्मक संकेत का श्रेय केवल बाजारों के खुलने को जाता है. लेकिन इसके साथ ही, इस आंकड़े की गुणवत्ता से जुड़े सवाल शोधकर्ताओं को परेशान करते हैं.
आंकड़ों के मोर्चे पर विफलता: भारत की बेरोजगारी के आंकड़ों में असंगति
भारत के बेरोजगारी के आंकड़ों की दुनिया एक अबूझ पहेली है और यह चिंताजनक है. साल 2016 के बाद से श्रम और रोजगार मंत्रालय ने अपने कई सर्वे को बंद कर दिया है. ऐसा ही डेटा सोर्स साल में एक बार आने वाला एम्प्लॉयमेंट-अनएम्प्लॉयमेंट सर्वे (EUS) था जो 2010 से 2016 तक प्रकाशित हुए लेकिन उसके बाद बंद हो गए. 2016 में क्वाटरली रोजगार सर्वे (तीन महीने में एक बार) लागू हुआ जिसमें आंकड़े केवल उन्हीं उद्योगों से आते हैं जहां दस से अधिक संख्या में श्रमिक काम करते हैं.
इसके साथ परेशानी यह है कि रोजगार के आंकड़े पेश करने में इसकी प्रकृति स्वाभाविक रूप से प्रतिबंधात्मक है और बेरोजगारी के आंकड़े के बारे में इसमें पूर्ण चुप्पी है. कुल मिलकर कहा जाए तो बेरोजगारी की कथित पराजय पर उत्सव मानाने का यह बहाना मात्र है.
2018 में एक इंटरव्यू में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि “नौकरियों की कमी से अधिक, समस्या नौकरियों पर डेटा की इंडिकेटर क्या है? कमी है.” इसके बावजूद मोदी सरकार इस मोर्चे पर पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रही है.
इसके अलावा रोजगार पर प्रकाशित डेटा के सोर्सेज की संदिग्ध गुणवत्ता स्थिति को और गंभीर बना रही है. हाल ही में प्रकाशित EPFO पेरोल डेटा को कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
आलोचना इन आरोपों के आधार पर हो रही है कि यह डेटा वास्तविक पेरोल डेटा नहीं है, यह केवल पंजीकृत,रजिस्टर्ड संगठित क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है जो कुल रोजगार का 10% से कम है. यह स्वरोजगार की अनदेखी करती है. यही कारण है कि देश में रोजगार के एक इंडिकेटर के रूप में और रिसर्च में इसकी उपयोगिता के संदर्भ में भी इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं.
यूनिवर्सल इंडिकेटर क्या है?
संकेतक एक पदार्थ है जो विभिन्न पीएच वातावरण में रंग बदलता है। यूनिवर्सल इंडिकेटर एक भूरे रंग का घोल होता है – जिसमें संकेतकों का मिश्रण होता है – जिसे किसी भी पदार्थ के पीएच को निर्धारित करने के लिए जोड़ा जा सकता है। सभी संकेतकों की तरह, सार्वभौमिक संकेतक विभिन्न पीएच वातावरण में रंग बदलता है। कम पीएच पर, यह लाल दिखाई देता है, और उच्च पीएच पर, यह नीला या बैंगनी दिखाई देता है। तटस्थ pH पर, यह हरा दिखाई देता है। यूनिवर्सल इंडिकेटर रंगों का एक सतत स्पेक्ट्रम बना सकता है जो एक नमूने में प्रोटॉन की एकाग्रता का अनुमानित रीडिंग देता है।
पानी और प्रोपेन-1-ओल सॉल्वैंट्स के रूप में उपयोग किए जाते हैं। वे दोनों ध्रुवीय हैं और समाधान में अन्य सभी अवयवों को भंग कर देते हैं। सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) एक क्षारीय घोल है जो यह सुनिश्चित करने के लिए सार्वभौमिक संकेतक के पीएच को समायोजित करता है कि प्रत्येक रंग सही पीएच मान पर दिखाया गया है। सार्वभौमिक संकेतक में NaOH जोड़ना आवश्यक है क्योंकि कुछ संकेतक यौगिक (जैसे मिथाइल रेड) स्वयं अम्लीय होते हैं, जो मौजूद अन्य संकेतकों के रंग को प्रभावित करेंगे। समाधान को बेअसर करने के लिए NaOH जोड़ा जाता है।
Hero ने लॉन्च की 1.25 लाख की शानदार बाइक, Royal Enfield को देगी टक्कर
Hero XPulse 200T 4V Specifications: हीरो कम्पनी ने अपनी लेटेस्ट बाइक Hero XPulse 200T 4V को लांच कर दिया है. जो की एक टूरर सेगमेंट की बाइक है। और हिमालयन की कंपटीटर के तौर पर देखी जाएगी और उसका सस्ता विकल्प भी है। Hero XPulse 200T 4V को तीन न्यू कलर ऑप्शंस में लांच किया गया है, जो की स्पोर्ट्स रेड, मैट फंक लाइम येलो और मैट शील्ड गोल्ड में अवेलेबल है। आइये Hero XPulse 200T 4V से जुड़ी बातों को जानते हैं।
Hero XPulse 200T 4V Engine Performance
नई Hero XPulse 200T 4V, 200 सीसी के बीएस 6 इंजन के साथ आती है। जो की 19.1ps की मैक्सिमम पावर 8500 आरपीएम पर जनरेट करती है। वहीं 17.3Nm इंडिकेटर क्या है? का पीक टॉर्क 6500 आरपीएम पर प्रोड्यूस करती है। 5 स्पीड गियरबॉक्स के साथ आती है। कम्पनी दावे के अनुसार गेयर रेशियो को अपग्रेड किया गया है.
Hero XPulse 200T 4V Features
फुली डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर विथ स्मार्टफोन कनेक्टिविटी एंड कॉल अलर्टस टर्न बाय नेविगेशन, यूएसबी चार्जर, गेयर इंडिकेटर, सैंड साइड स्टैंड इंजन कट ऑफ से लैस है।
Hero XPulse 200T 4V Design
बोल्ड ग्राफिक्स और नियो रेट्रो स्टाइलिंग के साथ आती है. फूल स्पोर्ट्स सर्कुलर फुल LED हेडलैम्प विथ क्रोम रिंग एंड LED पोजीशन लैम्प्स देखने को मिलते हैं। ट्यूब टाइप रेट्रो पिलियन ग्रैब और रिलैक्स सीटिंग पोजीशन मिलता है।
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