रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल भारत के विदेशी मुद्रा व्यापार 2023 विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। बता दें, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़त होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। FCA भारत के विदेशी मुद्रा व्यापार 2023 को डॉलर में दर्शाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं। आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 11.8 अरब डॅालर बढ़कर 482.53 अरब डॅालर रह गई है।

एसबीआई ने अपनी शाखाओं को बांग्लादेश के साथ स्थानीय मुद्रा में व्यापार करने का निर्देश दिया


भारत के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपनी शाखाओं को बांग्लादेश के साथ व्यापार सौदों को विदेशी मुद्राओं में निपटाने से बचने के लिए कहा है क्योंकि बांग्लादेश, एक बड़े आर्थिक संकट और विदेशी मुद्रा की कमी का सामना कर रहा है। इसके बजाय एसबीआई ने अपनी शाखाओं को भारतीय रुपये और बांग्लादेशी टका में व्यापार निपटाने के लिए कहा है।

एसबीआई को अंदेशा है कि, अगर बांग्लादेश की विदेशी मुद्रा की स्थिति बिगड़ती है, तो बांग्लादेशी आयातकों द्वारा बड़े पैमाने पर चूक का डर है।

महत्वपूर्ण तथ्य -

बांग्लादेश में आर्थिक संकट :

US dollar का टूटेगा दबदबा! रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देगी सरकार, कारोबारियों को मिलेंगे ये सारे फायदे

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 07, 2022 12:41 IST

US dollar vs rupee- India TV Hindi

Photo:FILE US dollar vs rupee

Highlights

  • घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर भारत के विदेशी मुद्रा व्यापार 2023 पर अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी
  • आयात के लिए डॉलर की मांग कम हो जाएगी

US dollar का दबदबा आने वाले दिनों में टूट सकता है। दरअसल, भारत सरकार विदेशी व्यापार में रुपये के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए आज अहम बैठक करने जा रही है। इसमें वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रतिनिधि समेत सभी प्रमुख बैंकों के अधिकारी शामिल होंगे। वित्तीय सेवा सचिव संजय मल्होत्रा भारत के विदेशी मुद्रा व्यापार 2023 बैठक की अध्यक्षता करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार लेनदेन की अनुमति देने से व्यापार सौदों के निपटान के लिए विदेशी मुद्रा की मांग घटने के साथ घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी। इससे रुपये को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेनदेन के लिए अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी। इस समय भारत और रूस के बीच हो रहे व्यापार के बड़े हिस्से का लेनदेन रुपये भारत के विदेशी मुद्रा व्यापार 2023 में ही हो रहा है। आइए, जानते हैं कि रुपये में विदेशी व्यापार बढ़ने से कारोबारियों को क्या फायदे मिलेंगे।

भारत को क्‍या लाभ मिलेगा

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद वैश्विक हालात बदले हैं। कई देश दिवालिया हो गए हैं तो भारत के विदेशी मुद्रा व्यापार 2023 कई फॉरेन एक्‍सचेंज रिजर्व की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इन देशों के साथ भारत का व्‍यापार प्रभावित हो रहा है। रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने से इन देशों के साथ कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारतीय कारोबारी को बड़ा बाजार मिलेगा। इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार में बैलेंस बनाने में इस प्रक्रिया से मदद मिल सकती है। रुपये में इनवॉयस और पेमेंट से ट्रांजैक्‍शन कॉस्‍ट और फॉरेन भारत के विदेशी मुद्रा व्यापार 2023 करेंसी में ट्रांजैक्‍शन से जुड़े मार्केट रिस्‍क भी कम होंगे। एक्सपोर्टर्स को रुपये की कीमत में मिले इनवॉयस के बदले एडवांस भी मिल सकेगा। वहीं, कारोबारी लेनदेन के बदले बैंक गारंटी के नियम भी FEMA (Foreign Exchange Management Act) के तहत कवर होंगे।

Rupee

भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार, जानें इसके 5 फायदे

भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार, जानें इसके 5 फायदे

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.074 अरब डॉलर बढ़कर 608.081 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसके साथ ही भारत ने रूस को पीछे छोड़ते हुए विदेशी मुद्रा रखने वाले दुनिया के देशों में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और निजी निवेशकों द्वारा शेयर बाजार में रिकॉर्ड निवेश से विदेशी मुद्रा भंडार में उछाल आया है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह सुस्‍त पड़ी भारतीय इकोनॉमी के लिए राहत की खबर है। आइए जानते हैं मुद्रा भंडार बढ़ने के मायने।

विदेशी मुद्रा भंडार के पांच बड़े फायदे

1. विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना किसी देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती का संकेते होता है। साल 1991 में देश को सिर्फ 40 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए 47 टन सोना इंग्लैंड के पास गिरवी रखना पड़ा था। लेकिन मौजूदा स्तर पर, भारत के पास एक वर्ष से अधिक के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त मुद्रा भंडार है। यानी इससे एक साल से अधिक के आयात खर्च का बोझ उठाया जा सकता है।

2. बड़ा विदेशी मुद्रा रखने वाला देश विदेशी व्यापार को आकर्षित करता है और व्यापारिक साझेदारों का विश्वास अर्जित करता है। इससे वैश्विक निवेशक देश में और अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं।

3. सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय भी ले सकती है क्योंकि भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है। इसके साथ कच्चा तेल, दूसरी जरूरी सामान की आयत में बढ़ा नहीं आती है।

विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार में इस बार भी दर्ज हुई बढ़त

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में जमा होने वाले विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा के आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जारी करता आया हैं। इस साल इन आंकड़ों में ज्यादातर गिरावट ही देखने को भारत के विदेशी मुद्रा व्यापार 2023 मिलती रही है। इस साल की शुरुआत में 2 बार बढ़त के बाद इसमें लगातार गिरावट बनी हुई है।वहीँ, पिछली बार दर्ज हुई बढ़त के बाद इस बार इसमें फिर से बढ़त दर्ज हुई है। इसके अलावा यदि स्वर्ण भंडार की बात की जाए तो उसका हाल भी कुछ कुछ विदेशी मुद्रा भंडार जैसा ही रहा है। इस बार RBI द्वारा जारी हुए आंकड़ो के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार दोनों में बढ़त दर्ज हुई है।

यह है महंगाई में गिरावट की वजह

सितंबर में थोक महंगाई दर में गिरावट, मुख्य रूप से ईंधन और बिजली व कुछ खाद्य वस्तुओं के दामों में कमी आने के कारण आई। सितंबर में खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर घटकर 11.03 प्रतिशत रह गई, जो अगस्त में 12.37 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। अंडे, मीट और मछली की महंगाई दर 7.88 फीसदी से घटकर 3.63 फीसदी पर आ गई। ईंधन और बिजली की महंगाई दर सितंबर में 32.61 प्रतिशत रही, जो अगस्त में 33.67 प्रतिशत थी। विनिर्मित उत्पादों की थोक महंगाई घटकर 6.34 प्रतिशत पर आई गई।

मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की कीमतें घटीं

इकॉनामिस्ट एस.के.सुरेश का कहना है कि थोक महंगाई दर को मापने में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट भारत के विदेशी मुद्रा व्यापार 2023 की हिस्सेदारी 63.75 फीसदी होती है। प्राइमरी आर्टिकल जैसे खाद्य उत्पादों की हिस्सेदारी 20.02 फीसदी होती है। पॉवर और फ्यूल की भागीदार 14.23 फीसदी होती है। सितंबर में थोक महंगाई दर में गिरावट का अहम कारण मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की कीमतों में कमी आना है। तकनीकी रूप से थोक महंगाई दर कम हुई है, मगर इसका ज्यादा असर रिटेल महंगाई दर पर नहीं पड़ेगा। रिटेल महंगाई दर को मापने में खाद्य वस्तुओं की हिस्सेदारी 45.86 फीसदी है। रिटेल महंगाई दर के आकलन में खाद्य वस्तुओं की वजन को ज्यादा महत्व दिया जाता है।

9 हफ्ते बाद बढ़ा विदेशी भारत के विदेशी मुद्रा व्यापार 2023 मुद्रा भंडार

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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Currency Reserve) में नौ सप्ताह से चली भारत के विदेशी मुद्रा व्यापार 2023 आ रही कमी थम गई है। बीते 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 20.4 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। देश में रखे गोल्ड रिजर्व (Gold Reserve of India) का मूल्य बढ़ने से फॉरेक्स रिजर्व में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, इस दौरान देश का फॉरेन करेंसी असेट (Foreign Currency Asset) घटा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मिली सूचना के अनुसार 7 अक्टूबर 2022 को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पहले, 30 सितंबर 2022 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर रह गया था। देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले नौ हफ्तों से लगातार गिर रहा था।

जून के बाद सबसे कम व्यापार घाटा

देश का व्यापार घाटा जून के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया है। आयात के फरवरी 2021 के बाद के सबसे कम रफ्तार से बढ़ने के चलते व्यापार घाटे में कमी आई है। वहीं, देश का निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकडों के अनुसार, सितंबर में वस्तुओं का आयात 8.7 फीसदी बढ़कर 61.2 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। तेल के आयात में कमी आने और सोने का आयात गिरने से कुल आयात में इजाफा कम रहा। वहीं, देश का निर्यात 4.8 फीसदी भारत के विदेशी मुद्रा व्यापार 2023 बढ़कर 35.5 अब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। इससे देश के व्यापार घाटे को 25.7 अरब डॉलर तक सीमित करने में मदद मिली है। व्यापार घाटा अगस्त महीने में 28 अरब डॉलर और जून में 26.2 अरब डॉलर रहा था।

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