इन्वर्टर बैटरी की बेसिक जानकारी हिंदी में
यहां पर एक बात जान ले कि जब भी आप बैटरी का पानी चेक करे तो बैटरी के ऊपर या बैटरी के आसपास मोमबत्ती या कोई भी आग वाली चीज ना लाये. क्योकि जब आप बैटरी का पानी का ढक्कन खोलते हो तो बैटरी में से जो गैस निकलती है वो जवलनशील होती है . मतलब कि बैटरी Indicators कितने होते है आग पकड़ सकती है. बैटरी फट सकती है. बैटरी में पानी आप RO फ़िल्टर वाला डाल सकते है. याद रहे कि आप बैटरी में कुए या ट्यूबवेल का पानी मत डाले . ऐसा करने से आपकी बैटरी की लाइफ कम हो सकती है.
Inverter :- अब बात इन्वर्टर की आती है. सबसे पहले मैं यहां पर इन्वर्टर और बैटरी के कनेक्शन की बात करता हूँ. इन्वर्टर में 2 तार लाल और काली रंग की दी गए होती है जो बैटरी से जुड़ती है. यहां पर मैं बता दू कि लाल रंग कि तार बैटरी के plus (+) point से और काले रंग कि तार minus (-) point से जुड़ती है. आप इसे गलती से भी मत जोड़िएगा. अब इन्वर्टर में एक और wire दी हुई होती है जो main plug में लगती है जो इन्वर्टर को charging कि supply देने के लिए होती है . मैं आप से कहना चाहूंगा कि ये आप किसी बिजली के मिस्त्री से ही कनेक्ट करवाए तो अच्छा होगा.
अब बात आती है इन्वर्टर के indicator और problem कि. हर इन्वर्टर में लगभग 5 indicator दिए हुए होते है जिसका उल्लेख मैं यहाँ पर कर रहा हूँ.
Main on :- ये indicator आप को बताता है कि आप के घर की Main light आ रही है अगर ये indicator चालू है तो आपका इन्वर्टर भी वो सप्लाई ले रहा है
Charging :- अगर ये indicator चालू है तो आपका इन्वर्टर बैटरी को चार्ज कर रहा है . ये indicator अलग अलग कंपनी के इन्वर्टर में अलग अलग तरह से काम करता है. luminous के इन्वर्टर में ये Indicators कितने होते है indicator continue चलता है जबकि microtek के इन्वर्टर में ये blink मतलब चस बुझ करता है. अगर luminous के इन्वर्टर में ये indicator चस बुझ करता है तो इन्वर्टर के पीछे की तरफ एक fuse होता है आपको उसे बदलने की जरुरत है. अगर fuse बदलने के बाद भी ये indicator blink करता है तो आपको मिस्त्री बुलाने की जरुरत है.
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Ups :- ये indicator आपको दर्शाता है कि आपके घर कि Main light जा चुकी है और इस समय इन्वर्टर काम कर रहा है अगर आपके घर की Main light है और फिर भी इन्वर्टर का ये indicator चालू है तो इन्वर्टर की Main तार जो चार्जिंग के लिए Main प्लग में दी गयी है या वो तो सही ढंग से नहीं लगी हुई है या आपके घर की Main light में कुछ दिक्कत है . मैं आपको यहां भी एक अच्छे मिस्त्री को बुलाने की सलाह देता हूँ.
Battery low :- ये indicator तब चालू होता है जब आपकी बैटरी या तो चार्ज न हो या फिर आपकी बैटरी ख़तम हो गयी हो.
Over load :- ये indicator तब चलता है जब आपके घर का लोड इन्वर्टर की क्षमता से ज्यादा हो. जब आप इन्वर्टर की क्षमता से ज्यादा लोड इन्वर्टर पर दे देते हो तो इन्वर्टर का ये indicator चालू हो जाता है और एक beep की sound देना लगता है और आपके घर की light बंद हो जाती है . ऐसे में आपको अपने घर का लोड कम करना होगा और फिर इन्वर्टर में लगे on off के बटन को reset करना होगा. तब आपके घर की light दुबारा चालु हो जाएगी.
तो ये थी कुछ जानकारी जो मैंने आपसे शेयर कर दी है. अगर आपको भी मेरी ये जानकारी अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजियेगा. और अगर आपकी इस पोस्ट से लेकर कोई भी परेशानी है तो आप मुझे कमेंट कर सकते है मुझे आपकी मदद करने में ख़ुशी होगी. तो दोस्तों मैं एक बार फिर से हाजिर होऊंगा अपनी एक नयी पोस्ट और नयी जानकारी लेकर लेकिन तब तक के लिए जय हिन्द जय भारत
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आपकी गाड़ी की 80% प्रॉब्लम्स मीटर में आए सिग्नल से आ जाती है पकड़ में, क्या आप इन्हें इग्नोर तो नहीं कर रहे
ऑटो डेस्क। लेटेस्ट कारों को ड्राइव करना हम सब पसंद करते हैं लेकिन नए फीचर्स से लैस गाड़ी अगर टेक्निकल प्रॉब्लम आने के कारण बीच रास्तें में ही बंद हो जाए तो हमारे लिए परेशानी का सबब बन जाती है। ऐसे में गाड़ी का मीटर क्लस्टर गाड़ी में आने वाली लगभग 80% प्रॉब्लम हमें पहले ही बता देता है। मीटर क्लस्टर ही गाड़ी की हेल्थ का रिपोर्ट कार्ड बतलाता है कि गाड़ी में किसी तरह की प्रॉब्लम है या गाड़ी को कब सर्विस की जरुरत है। यह गाड़ी में होने वाली इंजन, बैटरी, एग्जॉस्ट सिस्टम, टेम्परेचर, इग्निशन सिस्टम से रिलेटेड प्रॉब्लम को अलग-अलग वार्निंग सिग्नल्स के द्वारा हमें सचेत कर देता है। ऐसे में हमें मीटर क्लस्टर पर मौजूद वार्निंग सिग्नल्स के बारे में हमें पूरी जानकारी होने जरूरी है। तो आइए एक्सपर्ट मनप्रीत सिंह से जानते हैं कि कौनसा वार्निंग सिग्नल आने पर किस तरह के प्रिकॉशन लेना चाहिए.
1. चेक इंजन Indicators कितने होते है सिग्नल (MIL) Mal-Function Indicator
यह वार्निंग सिग्नल दो कलर में जलता है। पहला रेड और दूसरीा येलो। दोनों ही तरह की लाइट जलने पर कार के ड्राइवर को प्रिकॉशन लेना जरूरी है। यह वार्निंग सिग्नल कार में कुछ सिवियर प्रॉब्लम होने पर जलता है।
रेड वार्निंग सिग्नल (Red Warning Signal): रेड लाइट गाड़ी में कुछ सीवियर प्रॉब्लम होने पर जलती है। इस कंडिशन में गाड़ी तुरंत रोक लें। रेड वार्निंग सिग्नल जलने पर कार चलाने से कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है। अगर कार का इंजन स्टार्ट हो तो उसे तुरंत बंद करें और ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर या डीलर से संपर्क करें।
येलो वार्निंग सिग्नल (Yellow Warning Signal): एमिशन रिलेटेड प्रॉब्लम होने पर येलो वार्निंग सिग्नल जलता है। इसके अलावा यह येलो वार्निंग सिग्नल इंजेक्शन सिस्टम, एग्जॉस्ट कंट्रोल Indicators कितने होते है सिस्टम और इनटेक एयर कंट्रोल सिस्टम में प्रॉब्लम होने की वजह से भी जलता है। यदि येलो वार्निंग सिग्नल आने पर पर कार स्टार्ट होने में , चलने में या किसी और प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आ रहीं है तो कुछ हद तक कार को ड्राइव कर सकते हैं।
2. टेम्परेचर इंडिकेटर या ओवर हीटिंग वार्निंग सिग्नल (Tempreature Indicator/Over Heating)
यह वार्निंग सिग्नल सिर्फ रेड कलर में ही जलता है। कुछ गाड़ियों में टेम्परेचर के लिए एनालॉग मीटर दिया होता है। वहीं कुछ कारों में एनालॉग मीटर की जगह डिजिटल मीटर दिया होता है।
क्या करें
- अगर कार के मीटर क्लस्टर में आपको यह वार्निंग सिग्नल दिखता है तो तुरंत गाड़ी रोक कर गाड़ी का कूलेंट चेक करें अगर फिर भी समस्या पकड़ में नहीं आती तो तुरंत गाड़ी के डीलर से संपर्क करें।
3. बैटरी वार्निंग सिग्नल (Battery Warning Signal)
जब इग्निशन ऑन करते ही बैटरी की लाइट जलती है और इंजन स्टार्ट होने पर यह बंद हो जाती है अगर बैटरी वार्निंग सिग्नल न बंद हो तो समझ लीजिए की बैटरी चार्जिंग सिस्टम में कोई दिक्कत है। ऐसे में हाईवे पर ड्राइव करते समय इलेक्ट्रॉनिक सामनों को कम से कम यूज करें। मुख्यत: alternetor की प्रॉब्लम होने पर बैटरी संबंधित प्रॉब्लम आती है। alternetor बैटरी को चार्ज करता है लेकिन इसके खराब होने पर यह बैटरी वार्निंग सिग्नल दिखने लगता है।
क्या करें
- ऐसी कंडिशन में गाड़ी को ज्यादा न चलाएं ज्यादा गाड़ी चलाने पर बैटरी पूरी तरह से डाउन हो जाएगी। इसलिए तुरंत सर्विस सेंटर पर संपर्क करें।
4. ऑयल प्रेशर वार्निंग सिग्नल (Oil Pressure Warning Signal)
यह वार्निंग सिग्नल रेड कलर में जलता है यह दिखने में चाय की केटली या चिराग की तरह लगता है। इंजन बंद होने पर ही यह वार्निंग सिग्नल दिखता है लेकिन इंजन के स्टार्ट होने पर नार्मल कंडिशन में यह बंद हो जाता है। अगर इंजन स्टार्ट होने पर भी यह वार्निंग सिग्नल दिखे तो समझ लीजिए की कार का इंजन ऑयल का लेवल कम है या ऑयल पंप में दिक्कत है इसके अलावा कोई इलेक्ट्रॉनिक फॉल्ट भी होने की संभावना हो सकती है।
क्या करें
- इस तरह का वार्निंग सिग्नल दिखने पर कार को ज्यादा न चलाएं तुरंत अपनी कार को सर्विस सेंटर पर ले जाएं।
5. पार्किंग ब्रेक वार्निंग सिग्नल्स (Parking Break Warning Signal)
यह वार्निंग सिग्नल रेड कलर में जलता है। यदि पार्किंग ब्रेक या हैंड ब्रेक हटाने पर भी यह वार्निंग सिग्नल मीटर क्लस्टर से नहीं जाता है तो समझ लीजिए की आपकी कार में कोई इलेक्ट्रॉनिक फॉल्ट या ब्रेक फ्यूइड की कमी हो सकती है।
क्या करें
- यदि ब्रेक ऑयल कम है तो आप घर पर भी टॉप अप कर सकते हैं यदि उसके बाद भी प्रॉब्लम न जाएं तो तुरंत ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर या डीलर से संपर्क करें। याद रहे हमेशा कंपनी स्पेसिफाइड ब्रेक ऑयल का ही उपयोग करें
नोट- कार के मीटर क्लस्टर में कोई भी रेड वार्निंग सिग्नल दिखें तो इसे इग्नोर न करें
ये हैं हवा की क्वालिटी बताने वाले डिजिटल डिस्प्ले एयर प्यूरीफायर, डील में खरीदें 6 हजार रुपये से भी कम में
Air Purifier With Digital Display: हवा में कितना पॉल्य़ूशन है ये जानना है तो डिजिटल डिस्प्ले वाला एयर प्यूरीफायर खरीदें. इन एयर प्यूरीफायर में इंडिकेटर लगे होते हैं जो हवा का रियल AQI बता देते हैं.
By: ABP Live Focus | Updated at : 12 Nov 2022 12:02 AM (IST)
अमेजन डील ऑन एयर प्यूरीफायर
Amazon Deal On Air Purifier: अमेजन पर सिर्फ 5 हजार रुपये की रेंज में HEPA फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर मिल रहे हैं जिनमें हवा की क्वालिटी भी दिखती है. डिजिटल डिस्प्ले वाले इन एयर प्यूरीफायर में हवा में कितना पॉल्यूशन है इसका लेवल पता चल जाता है और उससे एयर प्यूरीफायर चलाने में आसानी रहती है. अमेजन की डील में हवा क्वालिटी को इंडिकेटर से दिखाने पर एयर प्यूरीफायर पर 50% तक का डिस्काउंट भी मिल रहा है.
1-AGARO Pure-Wave 45W Air Purifier, True Hepa Filter, Real Time Air Quality Indicators (White)
- इस एयर प्यूरीफायर की कीमत है 11,999 रुपये लेकिन डील में मिल रहा है फ्लैट 50% का डिस्काउंट जिसके बाद इसे 5,999 रुपये में खरीद सकते हैं.
- इसमें डिजिटल टच डिस्प्ले है जिसमें रियल टाइम एयर क्वालिटी इंडिकेटर लगे हैं . इस इंडिकेटर से पता चल जाता है कि हवा की क्वालिटी कैसी है और उससे ये डिसाइड कर सकते हैं कि एयर प्यूरीफायर चलाने की जरूरत है या पता चल जाता है.
- इसमें True HEPA फिल्टर लगे हैं जो 99.95% तक हवा को क्लीन कर देते हैं. इसमें 7 लेयर फिल्ट्रेशन है और 3 स्पीड मोड हैं. ये रिमोट से चलने वाला एयर प्यूरीफायर है. ये 645 स्कायर फुट का एरिया क्लीन कर सकता है.
2-Blue Star Air Purifier BS-AP490LAN with UV Based Microbe Sterilize technology|removes 99.7% airborne viruses & bacteria|True HEPA 13 Filter|Active Carbon|Ionizer| 915 CMH|900 Sq. Ft. Coverage Area|
ब्लू स्टार के इस एयर प्यूरीफायर की कीमत है 19,990 रुपये जो डील में 46% के डिस्काउंट के बाद 10,799 रुपये में मिल रहा है. इसमें डिजिटल न्यूमेरिक इंडिकेटर दिया है जिससे इंडोर एयर की क्वालिटी उसमें मौजूद स्मैल का इंडिकेटर आता है. साथ ही इसमें 24 घंटे के लिये एयर क्वालिटी की सेटिंग कर सकते हैं .
3-Amazon Basics Air Purifier with 5-layer Filtration and Air Quality Indicator
- इस एयर प्यूरिफायर की कीमत है 11,500 रुपये लेकिन डील में पूरे 22% का ऑफ है. डिस्काउंट के बाद इस एयर प्यूरिफायर को 8,999 रुपये में खरीद सकते हैं.
- इसमें रियल टाइम PM 2.5 डिस्प्ले दिया है जिससे हवा में कितना पॉल्यूशन है ये पता चल जाता है. इसमें एयर क्वालिटी के हिसाब से इंडिकेटर दिये हैं जिसमें ब्लू अच्छी एयर क्वालिटी का इंडिकेटर है , ऑरेंज का मतलब मीडियम और रेड इंडिकेटर का मतलब बेकार एयर क्वालिटी से है.
- घर के लिए बेस्ट एयर प्यूरिफायर है और इसमें 5 लेयर फिल्टरेशन होता है. इस एयर प्यूरिफायर में HEPA फिल्टर लगे हैं जो 99.97% तक हवा को क्लीन करते हैं. ये फिल्टर हवा में से बड़े पॉल्यूटेंट, धूल, मिट्टी, बैक्टीरिया, एलर्जेंस, germs को भी पूरी तरह दूर कर देते हैं.
4-Havells Freshia AP-58 85-Watt Air Purifier with Remote (White/Black)
- प्रीमियम रेंज के एयर प्यूरीफायर में हैवेल्स प्यूरीफायर पर 53% का डिस्काउंट है. इसकी कीमत है 43,290 रुपये लेकिन ऑफर में 20,195 रुपये में मिल रहा है.
- इसमें एयर की क्वालिटी को दर्शाने वाला इंडिकेटर लगा है जिसमें 3 कलर डिस्प्ले होते हैं. ग्रीन कलर गुड एयर क्वालिटी का इंडिकेटर है, ऑरेंज मतलब मॉडरेट एयर क्वालिटी है और रेड कलर का इंडिकेटर खराब एयर क्वालिटी को दर्शाता है.
- ये रिमोट से चलने वाला एयर प्यूरीफायर है जिसमें HEPA फिल्टर लगे हैं. ये एयर प्यूरीफायर 1 घंटे में करीब 900 स्कायर फीट एरिया की हवा क्लीन कर देता है. इस एयर प्यूरीफायर में स्लीप मोड लगा है साथ ही ये कम आवाज पर चलने वाला एयर प्यूरीफायर है.
Disclaimer: ये पूरी जानकारी Amazon की वेबसाइट से ही ली गई है. सामान से जुड़ी किसी भी शिकायत के लिए Amazon पर जाकर ही संपर्क करना होगा. यहां बताए गए प्रोडक्ट की क्वालिटी, कीमत और ऑफर्स के बारे में एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है.
Published at : 12 Nov 2022 12:01 AM (IST) Tags: Technology Air Purifier Amazon Deal Amazon Offers Amazon Sale हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Lifestyle News in Hindi
माउस कितने प्रकार के होते है
माउस एक हार्डवेयर डिवाइस है जो कंप्यूटर में इनपुट डिवाइस का काम भी करता है माउस के जरिए हम अपने कंप्यूटर को ऑपरेट कर सकते हैं.माउस कर्सर से हम अपने कंप्यूटर मई से टेक्स्ट ,आइकॉन ,फाइल और फोल्डर सलेक्ट करते हैं.
इसपर राइट, लेफ्ट कीलिक दिया जाता है। साथ में एक स्क्रोल बटन होता है जिसकी मदद से हम पेज पर स्क्रॉल यानी ऊपर नीचे कर सकते हैं.माउस को शुरुआत में X-Y Position Indicator कहा जाता है माउस की खोज Douglas Engelbaet ने 1963 में की थी.
माउस कितने प्रकार के होते हैं?
1.Mechanical Mouse: यह Mouse का सबसे पुराना Type होता है। इसमें रबर की एक Ball लगी होती थी। और जब इस Mouse को Pad पर घुमाते थे तो यह Rubber Ball इसके अंदर लगी Ring को घुमाते थे, जिससे Signal Computer को भेजे जाते थे, लेकिन यह Mouse ज्यादा नहीं चला क्योंकि जो Rubber Ball इसके अंदर थी वह कभी कभी रुक जाती थी।
2.Optomechanical Mouse: इस Mouse को Mechanical Mouse से ज्यादा अच्छा बनाया गया। इसमें Mechanical Sensor की जगह Optical Sensor लगाया गया। Optomechanical Mouse में Led (Light Emitting Diode) और Photodetector मिलकर Mouse के द्वारा Distance का अनुमान लगाकर अच्छी तरह से काम करते थे।
3.Optical Mouse: आजकल जिस Mouse का उपयोग किया जा रहा है Indicators कितने होते है वह Optical Mouse होते है। ऐसे Mouse Usb, Ps2 ऐसे Port के लिए होते है, इस Mouse में नीचे की Side Light होती है और Left, Right Button होते है।
4.Trackball Mouse: rackball Mouse पर एक Ball लगी होती है। जो की एक Sensor की तरह काम करती है, Trackball Mouse में Rubber Ball उपर होता है, हम जहाँ पर Ball को घुमाते है Mouse Pointer वही चला जाता है।
Geographical indication: क्या होता है GI टैग, देश में कितने प्रोडक्ट को मिला है ये टैग, जानें हर डिटेल्स
Geographical indication: देश में सबसे पहले दार्जिलिंग की चाय को जीआई टैग मिला. अब तक करीब 325 प्रोडक्ट को यह टैग मिल चुका है.
जीआई कानून संसद में 2003 में पास हुआ. (फाइल फोटो: जी न्यूज)
Geographical indication: वोकल फॉर लोकल और स्थानीय प्रोडक्ट के प्रचार-प्रसार में जीआई टैग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आत्मनिर्भर भारत और वोकल पॉर लोकल की वजह से जीआई टैग को काफी बढ़ावा मिल रहा है. इन स्थानीय प्रोडक्ट को देश के साथ ही इंटरनेशनल मार्केट में पहचान दिलाने के लिए सरकार पूरी कोशिश कर रही है. आइए जानते हैं कि GI टैग क्या है और ये क्यों इतने महत्वपूर्ण हैं. साथ Indicators कितने होते है ही जानेंगे कि इसे कौन देता है और इंटरनेशनल मार्केट में इसके फायदे क्या हैं?
क्या होता है जीआई टैग?
GI टैग यानि जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग ये एक प्रकार का लेबल होता है, जिसमें किसी प्रोडक्ट को विशेष भौगोलिक पहचान दी जाती है. ऐसा प्रोडक्ट जिसकी विशेषता या फिर नाम खास तौर से प्रकृति और मानवीय कारकों पर निर्भर करती है.
क्यों पड़ी इसकी जरूरत?
डब्ल्यूटीओ से एग्रीमेंट के बाद ये खतरा पैदा हुआ कि दुनिया के तमाम देश भारत पर आर्थिक अतिक्रमण करना शुरू कर रहे हैं. वो यहां के उत्पादों की नकल कर नकली सामानों को बाजार में बेच रहे हैं. इससे भदोही की कालीन, बनारस की साड़ी, लखनऊ की चिकनकारी, कांजीवरम साड़ी पर खतरा पैदा हुआ. जबकि ये सभी हमारी धरोहर और विरासत हैं. ऐसे में इन नकली सामानों से बचाने का जीआई टैग एक मात्र कानूनी हथियार है. इस टैग से उत्पाद को बनाने, प्रोडक्शन करने की गारंटी उसी ज्योग्राफिकल एरिया में होती है. लेकिन सामान पूरी दुनिया में बेचा जाएगा. यही इस कानून की सबसे बड़ी खासियत है.
कब हुई शुरुआत?
जीआई कानून संसद में 2003 में पास हुआ और भारत की विरासत, समृद्धता (prosperity) और पहचान को बचाने और पूरी दुनिया में प्रसिद्ध करने में कानूनी कवायद है.
देश में कुल कितने जीआई टैग?
देश में सबसे पहले दार्जिलिंग की चाय को जीआई टैग मिला. अब Indicators कितने होते है तक करीब 325 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है. यह रोजगार और पुरानी कला को बढ़ावा भी देता है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि बनारसी साड़ी के लिए 5 जिलों Indicators कितने होते है को जियोग्राफिकल जीआई रजिस्ट्री ने लिगल सर्टिफाइड किया है. पांच जिलों के अलावा बनने वाली साड़ी को बनारसी साड़ी नहीं कह सकते हैं. मशीन की साड़ी को जीआई नहीं दिया गया है. हम कह सकते हैं कि जीआई माइग्रेशन को रोकता है और लोकल प्रोडक्ट को बढ़ाता है.
हासिल करने का प्रोसेस
वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री प्रमोशन एंड इंटर्नल ट्रेड (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) की ओर से यह टैग दिया जाता है. इसके लिए चेन्नई स्थित जीआई डेटाबेस में अप्लाई करना पड़ता है. ये इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट के अधीन है. इसकी प्रक्रिया के बारे में बात करें, तो कोई भी उत्पादक संघ या निजी व्यक्ति इसके लिए फाइल नहीं कर सकता. किसी भी इलाके की संस्था, सोसाइटी, कॉपरेटिव, ओएफपीओ (Off Farm Producer Organisation) आदि ही अप्लाई कर सकते हैं. वहीं बाहर की कोई संस्था भी लोकल जीआई के लिए आवेदन नहीं कर सकती है.
10 वर्षों तक होता है मान्य
एक बार मिल जाने के बाद 10 वर्षों तक जीआई टैग मान्य होते हैं. इसके बाद उन्हें फिर रिन्यू कराना पड़ता है. भारत में दार्जिलिंग चाय, कश्मीर की पश्मीना, चंदेरी की साड़ी, नागपुर का संतरा, छत्तीसगढ़ का जीराफूल को यह टैग मिला है. वहीं ओडिशा की कंधमाल, गोरखपुर में टेराकोटा के उत्पाद, कश्मीरी का केसर, कांजीवरम की साड़ी, मलिहाबादी आम आदि को भी ये टैग हासिल है.
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