स्टॉक एक्सचेंज आज 25 फरवरी यानी शुक्रवार से T+1 सेटलमेंट रूल लागू कर रहे हैं. (reuters)

NSE पर तकनीकी गड़बड़ी की वजह सामने आई, सेबी का समस्या की तह तक जाने का निर्देश

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर बुधवार को आई तकनीकी गड़बड़ी ने कारेाबार प्रभावित किया, अब एक्सचेेंज को इसका कारण पता चल गया है. फिर भी सेबी ने NSE से इसकी तह तक जाने के लिए कहा है. जानें क्या रही गड़बड़ी.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (Photo:File)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 फरवरी 2021,
  • (अपडेटेड 25 फरवरी 2021, 1:49 PM IST)
  • दूरसंचार लिंक अस्थिर होने से नहीं रुका कारोबार
  • सेबी का समस्या की तह तक जाने का निर्देश

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर कल सुबह आई तकनीकी गड़बड़ी से शेयर बाजार का कारोबार बाधित हुआ. NSE के दूरसंचार सर्विस प्रोवाइडर से मिलने वाले सभी लिंक में अस्थिरता पैदा हो गई लेेकिन एक्सचेंज पर कारोबार रुक जाने की असल वजह यह नहीं थी. अब NSE ने कई सारे ट्वीट करके इसकी वजह बताई है जानें यहां.

दूरसंचार लिंक अस्थिर होने से नहीं रुका कारोबार
NSE ने ट्वीट कर कहा कि दोनों दूरसंचार सर्विस प्रोवाइडर से उनके सभी लिंक पर आई अस्थिरता ने एक्सचेंज के ट्रेडिंग सिस्टम को प्रभावित नहीं किया. बल्कि इस अस्थिरता से उसका ऑनलाइन रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम प्रभावित हुआ.

NSE yesterday received communication of instability of all their links from both the telecom service providers. While there was no impact to the trading system, this instability had an impact to the online risk management system, also configured in a High Availability mode.

— NSEIndia (@NSEIndia) February 25, 2021

रिस्क मैनेजमेंट की खराबी ने रोकी ट्रेडिंग
NSE ने कहा कि ऑनलाइन रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम के अनुपलब्ध हो जाने से एक्सचेंज पर कारोबार सही से नहीं चल सका. इसलिए मार्केट को थोड़ी देर के लिए बंद करना पड़ा. जब इस खराबी को दूर कर लिया गया तो बाजार को फिर से खोल दिया गया.

Given that the online risk management system was unavailable, market functioning could not continue normally and hence had to be shut down. Once the issue was resolved, NSE made an announcement with respect to re-opening of the markets.

— NSEIndia (@NSEIndia) February 25, 2021

कल बाधित रहा NSE पर कारोबार
NSE पर तकनीकी खराबी की वजह से कल सुबह 11 बजकर 40 मिनट से लेकर 3 बजकर 30 मिनट तक कारोबार बंद रहा. NSE पर दोबारा कारोबार 3 बजकर 45 मिनट पर शुरू हुआ और शाम 5 बजे तक चला. BSE पर कल कारोबार सामान्य रहा और उस पर भी कारोबार का समय 5 बजे तक बढ़ा दिया गया.

We are working on restoring the systems as soon as possible. In view of the above, all the segments have been closed at 11:40 and will be restored as soon as issue is resolved.

— NSEIndia (@NSEIndia) February 24, 2021

सेबी का तह तक जाने का निर्देश
इस बीच बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) NSE को बुधवार को आई तकनीकी खराबी की तह तक जाने के लिए विस्तृत जांच और विश्लेषण करने के लिए कहा है. साथ ही NSE से पूछा है कि उसने एक्सचेंज के कारोबार को डिजास्टर रिकवरी साइट पर स्थानांतरित क्यों नहीं किया?

IPO ओपनिंग के दिन ग्रे मार्केट से मिली निवेशकों को गुड न्यूज, ₹71 के प्रीमियम पर पहुंचा भाव

डीसीएक्स सिस्टम्स (DCX Systems IPO) के आईपीओ का इंतजार आज यानी 31 अक्टूबर 2022 को खत्म हो रहा है। जो कोई निवेशक इस आईपीओ पर दांव लगाना चाह रहा है, उनके पास 2 नवबंर सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम 2022 तक मौका रहेगा।

IPO ओपनिंग के दिन ग्रे मार्केट से मिली निवेशकों को गुड न्यूज, ₹71 के प्रीमियम पर पहुंचा भाव

डीसीएक्स सिस्टम्स (DCX Systems IPO) के आईपीओ का इंतजार आज यानी 31 अक्टूबर 2022 को खत्म हो रहा है। जो कोई निवेशक इस आईपीओ पर दांव लगाना चाह रहा है, उनके पास 2 नवबंर 2022 तक मौका रहेगा। निवेशकों के लिए अच्छी बात यह है कि ग्रे मार्केट (Grey Market) में कंपनी के शेयर बढ़त के साथ ट्रेड कर रहे हैं। आइए जानते हैं डीसीएक्स सिस्टम्स आईपीओ (IPO) से जुड़ी सभी डीटेल्स -

ग्रे मार्केट का क्या है हाल? (DCX Systems GMP)

ग्रे मार्केट पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट के अनुसार सोमवार को कंपनी के शेयर 71 रुपये प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं। जोकि किसी भी आईपीओ के लिए शुभ संकेत माना जाता है। अगर ग्रे मार्केट का यही ट्रेंड बरकरार रहा तो कंपनी के शेयर 280 रुपये (207+71= 278) के आस-पास लिस्ट हो सकते हैं। बता दें, कंपनी 11 नवबंर 2022 को मार्केट में डेब्यू कर सकती है।

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क्या बोल रहे हैं एक्सपर्ट?

च्वाइस ब्रोकिंग के अनुसार, “डिफेंस सेक्टर की परिस्थितियों को देखकर लगता है कि आईपीओ आकर्षक दाम पर उपलब्ध है। हम इस इश्यू को ‘सब्सक्राइब’ करने की सलाह दे रहे हैं।’ एंजल वन के अनुसार, “पिछले दो साल के दौरान कंपनी का PAT (टैक्स भुगतान करने के बाद आमदनी) शानदार रहा है। स्ट्रांग ऑर्डर बुक अगले 2 साल की मजबूत राह सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम दिखा रहा है। सभी फैक्टर को ध्यान में रखकर लगता है वैल्युएशन सही है। हम इसे सब्सक्राइब करने की सलाह देते हैं।”

1- DCX Systems के आईपीओ का प्राइस बैंड क्या है- इश्यू प्राइस - 197 रुपये से 207 रुपये से

2- DCX Systems आईपीओ के जरिए कितना फंड जुटाना चाह रही है- कंपनी का प्लान है कि इस आईपीओ के जरिए 400 करोड़ रुपये इकट्ठा किया जा सके।

3- DCX Systems का लॉट साइज क्या है - एक निवेशक कम से कम 72 शेयरों पर दांव लगा सकता है।

4- DCX Systems के शेयर अलॉटमेंट डेट - उम्मीद है कि निवेशकों को शेयरों का अलॉटमेंट 7 सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम नवबंर 2022 को हो जाएगा।

5- DCX Systems की कब होगी लिस्टिंग - कंपनी शेयर मार्केट में 11 नवबंर 2022 को डेब्यू कर सकती है।

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DCX सिस्टम्स लिमिटेड, बेंगलुरु स्थित कंपनी मुख्य रूप से सिस्टम इंटीग्रेशन और केबल और वायर हार्नेस असेंबलियों की डिटेल चेन के निर्माण में लगी हुई है और किटिंग में भी शामिल है। कंपनी ने आईपीओ के जरिए फंड जुटाने के लिए इस साल अप्रैल में पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया था।

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

सिग्नल हिस्ट्री

Signal history is the instrument that allows the trader to monitor the signal’s behavior in the past. Statistics are collected basing on 20 previous signals. To monitor the movement of a signal, set the following filters: algorithm, expiration date, assets.

सिग्नल - कॉल या पूट

एल्गोरिथम - सिग्नल जनरेशन एल्गोरिथम

Exp. - signal’s expiration time

ओपन प्राइस - मुद्रा दर जब एक संकेत मिला था।

क्लोज प्राइस - ऑप्शन समाप्त होने पर मुद्रा दर।

Pips - the number of pips passed by the price. (the difference between Open price and Close price)

सिग्नल हिस्ट्री का पता लगाना महत्पूर्ण क्यों है ?

Signal history is the instrument that allows सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम the trader to monitor the signal’s behavior in the past. Statistics are collected basing on 20 previous signals. To monitor the movement of a signal, set the following filters: algorithm, expiration date, assets.

बाइनरी विकल्पों को ध्यान में रखते हुए टिप्पणियों पर भरोसा करने के बजाय सिग्नल हिस्ट्री को जानना महत्वपूर्ण है। सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम जब बाजार में उतार-चढ़ाव अधिक होता है, तो तकनीकी विश्लेषण के आधार पर कोई भी रणनीति या पूर्वानुमान नकारात्मक साबित हो सकता है।

सिग्नल हिस्ट्री और आर्थिक कैलेंडर का विश्लेषण करने के बाद, व्यापारी को बाजार की स्थिति को समझने में मदद मिलेगी, जो अंतत उसे नुकसान से बचाने में उपयोगी होगा ।

SEBI New Rule: आज से T+1 सेटलमेंट सिस्टम, रिटेल निवेशकों को ट्रेडिंग में कैसे होगा फायदा, एक्सपर्ट व्यू

स्टॉक एक्सचेंज आज 25 फरवरी यानी शुक्रवार से T+1 सेटलमेंट रूल लागू कर रहे हैं. यह शेयरों के सेटलमेंट का सिस्टम है. अभी यह नियम चुनिंदा शेयरों के लिए लागू हो रहा है.

SEBI New Rule: आज से T+1 सेटलमेंट सिस्टम, रिटेल निवेशकों को ट्रेडिंग में कैसे होगा फायदा, एक्सपर्ट व्यू

स्टॉक एक्सचेंज आज 25 फरवरी यानी शुक्रवार से T+1 सेटलमेंट रूल लागू कर रहे हैं. (reuters)

T+1 Settlement System: स्टॉक एक्सचेंज आज 25 फरवरी यानी शुक्रवार से T+1 सेटलमेंट रूल लागू कर देंगे. यह शेयरों के सेटलमेंट का सिस्टम (T+1 Settlement System) है. अभी यह नियम चुनिंदा शेयरों के लिए लागू हो रहा है, धीरे-धीरे बाकी शेयरों को भी इसमें जोड़ा जाएगा. अभी देश में T+2 सेटलमेंट सिस्टम लागू था. फिलहाल यह सिस्टम NSE और BSE दोनों ही स्टॉक एक्सचेंज पर लागू होगा. आखिर क्या है T+1 सेटलमेंट सिस्टम और इससे अलग अलग निवेशकों और उनके निवेश पर क्या असर होगा. आपको इसका कैसे फायदा मिलेगा.

24 घंटे में होगा सेटलमेंट

जब निवेशक या ट्रेडर शेयर बेचते या खरीदते हैं तो डीमैट अकाउंट में शेयर आने या बचत खाते में पैसे आने में कुछ समय लगता है. अभी भारत में T+2 सेटलमेंट सिस्टम लागू है, यानी बाय या सेल के ऑर्डर के 2 दिन में शेयरों का सेटलमेंट पूरा होता है. T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू होने के बाद 24 घंटे के अंदर शेयर आपके डीमैट अकाउंट में आ जाएंगे. हालांकि स्टॉक एक्सचेंज को यह ऑप्शन दिया गया सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम कि वे चाहे तो नए सिस्टम को अपना सकते हैं या मौजूदा सिस्टम के साथ बने रह सकते हैं.

कॉरपोरेट्स, FIIs, DIIs को होगा फायदा

Swastika Investmart Ltd. के चीफ इन्वेस्टमेंट आफिसर एंड DGM अमित पमनानी का कहना है कि सेबी का यह कदम कॉरपोरेट्स, FIIs, DIIs जैसे बाजार में ज्यादा निवेश करने वालों के लिए बहुत फायदेमंद होगा. एक दिन पहले सेटलमेंट से उन्हें अधिक लिक्विडिटी दे सकता है और मार्जिन आवश्यकताओं को कम कर सकता है. जबकि छोटे सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम या रिटेल निवेशकों के लिए यह T+1 डे सेटलमेंट सिसटम अधिक प्रभाव नहीं डालेगा. हालांकि, बता दें कि रिटेन निवेशक एक्सचेंज पर डेली ट्रेडिंग वॉल्यूम का 45 फीसदी योगदान करते हैं. बाकर 55 फीसदी में कॉरपोरेट, FIIs, DIIs और अन्य शामिल हैं.

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कॉमन निवेशकों के लिए नफा और नुकसान

पमनानी का कहना है कि यह निवेशकों को उनके फंड के पोस्ट-ट्रेड एग्जीक्यूशन और सेटलमेंट के पहले की अर्लियर रीसीप्ट प्रदान करेगा. इसके अलावा, कई आपरेशन और मार्केट रिस्क को कम किया जा सकता है. हालांकि यह उसी दिन सेटलमेंट प्रॉसेस का अनुपालन करने के अलावा किसी भी वर्ग के निवेशकों के लिए नुकसानदेह नहीं हो सकता है. T+1 सेटलमेंट सिस्टम के आने से पे-इन/पे-आउट डिफॉल्ट का रिस्क कम होगा. ट्रेडिंग वॉल्यूम में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी क्योंकि आपके ट्रेडिंग अकाउंट का मार्जिन सिर्फ एक दिन के लिए ब्लॉक होगा.

T+1 सेटलमेंट सिस्टम: कौन-कौन से शेयर सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम आएंगे?

शुरुआत में T+1 सेटलमेंट सिस्टम के तहत सिर्फ 100 कंपनियों के शेयर आएंगे. इन कंपनियों का सेलेक्शन मार्केट वैल्यूएशन के आधार पर होगा. सबसे कम सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम वैल्यूएशन वाली 100 कंपनियों को शुरू में इसका हिस्सा बनाया जाएगा. फिर, अगले हर महीने के शुक्रवार को 500 कंपनियों के शेयरों को इस लिस्ट में लाया जाएगा. यह तब तक जारी रहेगा, जब तक सभी शेयर नई व्यवस्था के तहत नहीं आ जाते हैं.

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