वे आगे दावा करते हैं कि कई निवेशक पहले ही इसमें निवेश कर चुके हैं, और यह अचानक प्रतिबंध उन्हें प्रभावित करता है, और जैसा कि नाम से पता चलता है, क्रिप्टोकरेंसी मुद्राएं नहीं हैं, बल्कि विनिमय या मूल्य के भंडारण का माध्यम हैं। इसे स्पष्ट करें। आरबीआई का दावा है कि उनके पास अधिकार क्षेत्र है क्योंकि यह एक डिजिटल भुगतान मॉडल है और आरबीआई के पास इसे विनियमित करने का अधिकार है। SC ने 2020 में शासन किया, और जबकि RBI के पास क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए पर्याप्त अधिकार थे, RBI को सतह पर, विनियमित इकाई को हुए नुकसान के लिए कम से कम कुछ समानता दिखानी चाहिए। यह ध्यान में रखते हुए कि क्रिप्टोकरेंसी का निर्धारण करना संभव नहीं था। भारत में क्रिप्टो करेंसी प्रतिबंधित है।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है? और यह कैसे काम करती है? – What is Cryptocurrency in Hindi
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आज के इस डिजिटल युग और फ़ास्ट इंटरनेट के दौर में किसी भी जानकारी को प्राप्त करना इतना आसान हैं कि हर प्रकार की जानकारी लोगो तक इंटरनेट के माध्यम से एक दूसरे के द्वारा दूसरो तक पहुंच जाती है। क्रिप्टोकरेंसी उनमे से एक है जो काफी लोग Cryptocurrency के बारे में नहीं जानते या जानना चाहते है और Cryptocurrencies के पीछे भाग रहे हैं।
क्रिप्टो करेंसी क्या है (Cryptocurrency in Hindi)
क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल, क्रिप्टोग्राफ़ी द्वारा सुरक्षित और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित मुद्रा है।
Cryptocurrency is a digital, cryptographically secured and blockchain technology based currency.
क्रिप्टो करेंसी का मतलब | Cryptocurrency Meaning in Hindi
टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से बदल रही है जिससे लोगों के काम करने, संवाद करने, खरीदने और भुगतान करने का तरीका भी बदल गया है। यह सब समय के साथ बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ साथ बदलता रहता है।
आज के समय में लोगों ने कैश रखना बहुत कम कर दिया है जो लेनदेन हो रहे है उसमें ज्यादातर डिजिटल होते है, और यह डिजिटल लेनदेन आम जनमानस का हिस्सा बन गए है। भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है कॉर्पोरेट्स और कंस्यूमर धीरे धीरे कैश से लेनदेन कम करते जा रहे हैं और स्मार्टफोन ने इस डिजिटल लेनदेन की प्रक्रिया को आसान और तेज कर दिया है।
डिजिटल लेनदेन के साथ डिजिटल करेंसी भी पैर जमा रही है, यह डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी है।
क्रिप्टोकरेंसी शब्द की उत्पत्ति | Origin of Cryptocurrency word in Hindi
क्रिप्टोकरेंसी शब्द कह सकते हैं नया शब्द है, जो 21 वीं सदी की शुरुआत से ही आया है। यह दो शब्दों – ग्रीक शब्द ‘kryptos’ जिससे ‘क्रिप्टो’ लिया गया है जिसका अर्थ है ‘छिपा हुआ या गुप्त’ और लैटिन शब्द ‘currere’ जिससे ‘करेंसी’ लिया गया है जिसका अर्थ है ‘चलाना’ से मिलकर बना है।
क्रिप्टो करेंसी डिजिटल मनी है जिसे आप छू नहीं सकते, जेब में नहीं रख सकते यानी यह करेंसी का डिजिटल रूप है और यह पूरी तरह से ऑनलाइन है। इसे क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित किया जाता है। कई क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं और इनकी कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी नहीं है।
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक नयी डिजिटल भुगतान प्रणाली है जिसका लेनदेन का सत्यापन बैंकों पर निर्भर नहीं होता है और क्रिप्टोक्यूरेंसी का इस्तेमाल वस्तुओं और सेवाओं के भुगतान के भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है लिए ऑनलाइन आदान-प्रदान किया जा सकता है।
करेंसी किसे कहते हैं | What is Currency in Hindi
हर देश की अपनी मुद्रा (Currency) होती है जैसे कि अमेरिका की डॉलर, यूरोपियन यूनियन की यूरो, भारत की रुपया, पाकिस्तान की पाकिस्तानी रुपया, चीन की युआन है यानी एक ऐसी भुगतान प्रणाली जो किसी देश द्वारा मान्य/अधिकृत हो और वहां के लोग इसके इस्तेमाल से चीजें खरीद सकते हों, जिसकी कोई वैल्यू हो, करेंसी (Currency) कहलाती है।
ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके बनाई जाती है। ब्लॉकचेन डिजिटल कोड में लेनदेन को रिकॉर्ड करता है। यह एक काफी जटिल, तकनीकी प्रक्रिया है जिससे हैकर्स के लिए छेड़छाड़ करना मुश्किल है।
इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन के लिए two-factor authentication की प्रक्रिया भी होती है। जैसे, लेनदेन शुरू करने के लिए आपको Username और Password दर्ज करने के लिए कहा जा सकता है। या फिर, आपको एक authentication code दर्ज करना पड़ सकता है जो आपके व्यक्तिगत मोबाइल फ़ोन पर टेक्स्ट के माध्यम से आता है।
क्रिप्टोकरेंसी पर 30% टैक्स के प्रस्ताव से Binance खुश, कहा- "भारत में लीगल हो गया क्रिप्टो!"
Budget 2022: दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो-एक्सचेंज बाइनेंस (Binance) ने मंगलवार को भारत के आम बजट में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर 30 फीसदी टैक्स लगाने के प्रस्ताव पर खुशी जाहिर की है। बाइनेंस ने एक ट्वीट पर कहा, "अभी-अभी क्रिप्टो को भारत ने एक तरह से कानूनी मान्यता दे दी है। भारत सरकार ने क्रिप्टो एसेट को लेकर एक टैक्स कानून पेश किया है, जिसके जरिए भारत में क्रिप्टो को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर अब विराम लग गया है।"
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में बजट पेश करते हुए क्रिप्टोकरेंसी और नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) जैसे वर्चुअल और डिजिटल एसेट्स के लेनदेन पर टैक्स लगाने का ऐलान किया। इसी भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है टैक्स को 'क्रिप्टोकरेंसी टैक्स' कहा जा रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर या ट्रांजैक्शन से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगाने का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े हर ट्रांजैक्शन पर 1% टीडीएस लगाने का भी ऐलान किया। अगर कोई आपके खाते में क्रिप्टो ट्रांसफर करता है या आपको गिफ्ट करता है, तो भी आपको उस डिजिटल एसेट्स पर पर टैक्स देना होगा।
क्रिप्टो बैन: सही कदम या भूल
भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हरेक की जुबान पर है भले ही उसने इसमें कभी निवेश किया हो या नहीं. अब सरकार इस पर कानून लाने वाली है, लेकिन यह काम भी बड़ा उलझन भरा है. जाानिए क्यों?
भारतीय संसद के इस हफ्ते शुरू हुए शीतकालीन सत्र की खास बात कृषि या विकास संबंधी परियोजनाएं न होकर एक ऐसी करेंसी या मुद्रा रही जो न देखी जा सकती है, न छुई जा सकती है और जिसकी कीमत तेजी से घटती-बढ़ती रहती है. इसे क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी कहते हैं, जिस पर सरकार या बैंक का नियंत्रण नहीं होता है. यह करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर बनी होती है, जो किसी डेटा को डिजिटली सहेजता है.
अब जो करेंसी किसी के नियंत्रण में नहीं है, उस पर सरकार कानून कैसे ला सकती है? इसका जवाब हां और ना दोनों है. भले ही सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून न बनाया हो, लेकिन भारत का आयकर विभाग क्रिप्टो निवेश पर होने वाली इनकम पर टैक्स लेता है. हालांकि क्रिप्टो टैक्स के नियम ज्यादा साफ नहीं हैं, लेकिन अगर किसी निवेश पर टैक्स लिया जा रहा है तो इसका मतलब है कि सरकार उसे आय का स्रोत मान रही है.
नुकसानदेह हो सकता है सरकार का रवैया
सरकार की यह हिचक लंबे अर्से में नुकसान ही कराएगी क्योंकि कई छोटे-बड़े देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट का माध्यम मान लिया है. मसलन, अमेरिका स्थित दुनिया के सबसे बड़े मूवी थिएटर चेन एएमसी ने कुछ क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट किए जाने को मंजूरी दे दी है. वहीं, कोरोना महामारी से बुरी तरह तबाह हो चुके टूरिज्म बिजनेस को दोबारा खड़ा करने के भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है लिए थाइलैंड ने क्रिप्टो निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा है कि वे उनके यहां आकर क्रिप्टो के भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है जरिए सामान खरीद सकते हैं.
प्राइवेट बैंकों ने तो एटीएम भी लगा रखा हैतस्वीर: Christian Beutler/picture alliance/KEYSTONE/dpa
हालांकि, भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को एसेट क्लास यानि स्टॉक, बॉन्ड जैसा मानने को तैयार दिख रही है. इसका मतलब है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी न मानकर निवेश का माध्यम मानने को तैयार है. संसद की ओर से जारी बुलेटिन की एक अन्य टिप्पणी भी भ्रम पैदा करने वाली है. सरकार ने कहा है कि वह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा देगी. यह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी आखिर है क्या? सरकार ने इसे लेकर कोई व्याख्या नहीं दी है. क्रिप्टो जगत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसी कोई चीज होती ही नहीं है क्योंकि सारी क्रिप्टोकरेंसी ‘प्राइवेट' ही हैं, ‘पब्लिक' या सरकार के नियंत्रण में तो हैं नहीं.
ब्लॉकचेन तकनीक से परहेज नहीं
एक अन्य मुद्दा जिस पर सरकार का रुख कन्फ्यूज कर रहा है वह है डिजिटल रुपये. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है ब्लॉकचेन तकनीक भा गई है क्योंकि इसकी वजह से रिकॉर्ड को सहेजना और करेंसी को जारी करना आसान है. सरकार को भले क्रिप्टोकरेंसी से दिक्कत हो, लेकिन वह खुद रुपये को डिजिटली जारी करना चाहती है. यानि भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है हो सकता है कि भारतीय रुपया जल्द ही बिटकॉइन या डॉजकॉइन की तरह डिजिटल हो जाए.
हाल के दिनों में सरकार के रवैये ने आम भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को खूब छकाया. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वजीरएक्स और कॉइनडीसीएक्स पर निवेशकों ने जल्दबाजी में अपनी करेंसी बेच डाली. पुराने और मंझे हुए क्रिप्टो निवेशकों ने इसका फायदा उठाया और गिरे हुए भाव पर दाव लगाकर क्रिप्टोकरेंसी को अपनी झोली में डाल लिया. ऐसा ही होता है क्रिप्टोकरेंसी बाजार में, जहां कीमत के गिरने का इंतजार कर रहे निवेशक झट से पैसे लगाकर प्रॉफिट लेकर चले जाते हैं.
कंपनियों को सरकार के फैसले का इंतजार
भारत में स्थित क्रिप्टो कंपनियां फिलहाल सरकार के बिल लाने का इंतजार कर रही हैं. वह कई वर्षों से सरकार के साथ बातचीत कर रही थीं क्योंकि उन्हें मालूम है कि रेगुलेशन और कानून आने से उन्हीं का फायदा होगा और क्रिप्टो को लेकर आम लोगों में विश्वास जगेगा. यही वजह है कि क्रिप्टो बिल को लेकर तमाम अटकलों के बावजूद भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है अरबों की संपत्ति वाला क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स अब अपना आईपीओ शेयर बाजार में लाने वाला है. आईपीओ के जरिए उसे विस्तार मिलेगा और वह आम लोगों में अपने शेयर बेचकर धन की उगाही कर सकेगा.
कई देशों में बिटकॉइन के प्रचार की कोशिशें हो रही हैंतस्वीर: Salvador Melendez/AP Photo/picture alliance
भारत को लेकर बड़ी कंपनिया आश्वस्त हैं कि यहां चीन की तरह क्रिप्टो पर बैन लगाकर तानाशाही नहीं चलेगी. एनालिटिक फर्म चेनएनालिसिस ने भी भारत को क्रिप्टो का हब करार दिया है, जो बिना किसी गाइडलाइंस के देश ने हासिल किया है. यह बड़ी उपलब्धि है और सरकार को इसे गंवाना नहीं चाहिए.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का उदय: कानूनी चुनौतियां और संभावित प्रभाव।
क्रिप्टोक्यूरेंसी नेटवर्क पर काम करती है जो कई कंप्यूटरों का उपयोग करती है। नतीजतन, क्रिप्टोकरेंसी विकेंद्रीकृत हैं और धन प्रबंधन सरकारी एजेंसियों या केंद्रीय अधिकारियों तक सीमित नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी एक नई घटना है जो लोगों को उन मुद्राओं को खरीदने, बेचने, निवेश करने और व्यापार करने की अनुमति देती है जिनका कोई भौतिक रूप नहीं है, क्योंकि सब कुछ ऑनलाइन उपलब्ध है। यह सबसे अलग है क्योंकि यह विकेंद्रीकृत है और अन्य भुगतान प्रणालियों के विपरीत, इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं है। इसलिए, क्रिप्टोकरेंसी के साथ लेनदेन विफल नहीं होगा। भारत की बात करें तो क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार में अकेले भारतीयों ने 1 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है, लेकिन वैधता और क्रिप्टोकरेंसी की स्थिति अस्पष्ट बनी हुई है, जिससे लोगों के मन में बहुत भ्रम पैदा हो रहा है। सरकार के रूप में निवेशकों के पास इस बात पर एक मजबूत रुख नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी अब कहां है, सबसे महत्वपूर्ण क्या है और भविष्य में क्या होगा।
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