[Swing Trading] What is Swing Trading in Hindi | Swing Trading meaning in Hindi

हेल्लो दोस्तों, आज हम इस पोस्ट में जानगे की What is Swing Trading in Hindi और ये Swing Trading Meaning in Hindi । यदि आपने कभी भी Trading के बारे में सुना होगा तो आपने कभी न कभी Swing Trading के बारे में जरुर सुना होगा । जिसका चलन Trading industry में बहुत ही ज्यादा है । ऐसे में यदि सभी Traders intraDay Trading से ज्यादा Swing Trading को पंसद किया जाता है । जिसके चलते सभी लोग आज के समय Swing Trading को बहुत ज्यादा पसंद करते है ।

ऐसे में यदि आभी Swing Trading करना चाहते हो लेकिन आपको नही पता की Swing Trading kaise ki jati hai या फिर आपको Swing Trading Meaning in Hindi क्या होता है इसके बारे में कोई भी जानकारी नही है तो ये पोस्ट आपके लिए खास होने वाली है । जहाँ पर हम आपको Swing Trading कैसे की जाती है इसके बारे में step by step आसानी से समझायेगे ।

What is Swing Trading in Hindi

आज के समय Trading करने का सबसे अच्छा विकल्प Swing Trading को ही माना जाता है। क्युकी इसमें आप अपने Share Buy कर आप Same Day नही बेच सकते है। बल्कि आपको इसमें अपने Shares को पहले दिन न बेच कर 1 हफ्ते से लेकर कुछ हफ़्तों के बिच में अपने Shares को Profit के साथ कभी भी बेच सकते है । इसका मतलब ये नही की आप इसमें कुछ हफ़्तों के बिच में आपको अपने स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है Shares Sell करने ही होंगे। बल्कि आप इसको पुरे 1 महीने के लिए स्थान्तरित भी कर सकते है । जिससे की आप आसानी से समय पर प्रॉफिट के साथ Profit के साथ Trading कर सको । जिसके चलते बहुत से Traders इस निति का उपयोग कर अपने लिए Profit Book कर लेते है । Swing Trading में ट्रेडर Trading krne ke lie Technical Analysis का उपयोग करते है । जिसे हम Swing Trading kehte hai ।

Swing Trading Meaning in Hindi

इस Swing Trading का मतलब आपको आपको अपने Share Buy कर पहले दिन न बेच कर कुछ हफ़्तों के बिच में अपने Shares को Profit के साथ Sell करना होता है । जिसे हम Swing Trading के नाम से जानते है ।

Swing Trading strategy kaise banae

जब भी आप अपने पैसे Swing Trading me invest करते हो तो सबसे पहले आपको अपनी एक strategy जरुर बना लेनी चाहिये की आप कितना Loss झेल सकते है और कितना नही । ऐसे में यदि आप बिना strategy के Trading करते है तो आप अपना सारा पैसा एक झटके में खो सकते है । इसलिए आपको ऐसे Shares Choose करना चाहिये जिसमे लगातार उतार चढाव आते रहे, क्युकी यदि महीनो महीनो शेयर में कोई उतार चढाव ही नही आएगा तो आप अपने लिए Profit कैसे कमायेगे ।

इसलिए आपको सहीStock को चुनना होगा, शेयर को चुनने के पश्च्यात आपको Every Day Share Price पर नजर रखनी होगी और इसके साथ ही साथ आपको रोजानाStock related news के साथ update रहना होगा । जिससे की आपको आसानी से पता लग जाये की आपके ख़रीदे हुए Share Prices बढ़ रहे है या घट रहे है ।

Best Swing Trade Stock Screener

Swing Trading Books

निष्कर्ष

मैं आशा करता हूँ, आप सभी को Swing Trading क्या है और Swing Trading का मतलब क्या है अच्छे से समझ आया होगा । यदि अभी भी आपके मन में कोई भी सवाल हो तो आप हमें comments में जरुर बता सकते है । हमें आपके सभी सवालों का जवाब देते हुए बहुत ख़ुशी होती है । इसी प्रकार की Share Trading related jankari , Day Trading, Swing Trading, difference between Day Trading and Swing Trading, what is Day Trading, what is Swing Trading,Stock Trading method,Stock Trading pattern अदि के बारे में अगले आने वाले articles में बताएगे। हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे Social media पर फॉलो करे। धन्यावाद।

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Syan Gyan काफी समय से Money Investment , Money Management , Finacial , Share market , Mutual Fund रिलेटेड जानकारी के लिए बुक्स स्टडी कर रहे है और Finance related आर्टिकल लिख रहे है। यह हमारा मकसद आसान भाषा में Share market , Finace रेलतद जानकारी देना है। धन्यावाद।

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है आपके मन मे भी ये सवाल जरूर आया होगा की आखिर स्टॉक मार्केट में कितने प्रकार की ट्रेडिंग होती है. मै आपको बता दू स्टॉक मार्केट में चार प्रकार की ट्रेडिंग होती है intraday trading. Swing trading. Short term trading. Long term trading. ये चार प्रकार की ट्रेडिंग कैसे की जाती है ये हम आज आपको बतायेंगे तो चलीये जानते है.शेअर मार्केट मे ट्रेडिंग कैसे होती है. और कितने प्रकार की होती है.

Intraday trading – इंट्राडे ट्रेडिंग

जब मार्केट 9 बजकर 15 मिनिट में शुरू होता है. और 3 बजकर 30 मिनिट मे बंद होता है. उस टाइम के अंदर आप जो कोई भी शेअर्स खरीद लेते है. या बेज देते है उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है. यांनी की आपको इसी टाइम के अंदर शेअर्स खरीद लेना है और बेच देना है. अब हम जानते है इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे

इंट्राडे ट्रेडिंग मे आपको शेअर बाजार के उतार-चढाव के बारे मे पता होना बेहात जरुरी है. इंट्राडे ट्रेडिंग से अगर अच्छे स्टॉक का शेअर्स आप खरीद लेते है तो आप 8000 रुपये per day से भी ज्यादा कमा सकते हो

इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान

इंट्राडे ट्रेडिंग मे जितना फायदा होता है उतना ही रिक्स और loss होता है,इस ट्रेडिंग मे आपको कोई ये नही बताएगा आखिर इंट्राडे मे ट्रेडिंग कैसे करे अगर आपके पास knowledge नही है और आप नये हो तो मेरी ये राय रहेगी आपके लिए ये ट्रेडिंग नही है. क्युकी नये लोग सबसे पहले यही ट्रेडिंग करना शुरू करते है और बाद में उनको असफलता मिलती है अब हम जानते है स्विंग ट्रेडिंग

Swing trading स्विंग ट्रेडिंग

इस ट्रेडिंग मे कोई भी स्टॉक खरीदकर कुछ दिनो मे या कुछ हप्तो के अंदर बेच सकते हो इसे स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है .इसे ट्रेडिंग किंग भी कहा जाता है. ये ट्रेडिंग इंट्राडे की तरह नही है लेकिन इसमे आप अपना टारगेट प्राईस लगाकर loss और profit को आसानी से झेल सकते हो

स्विंग ट्रेडिंग के फायदे

अगर आप नये हो तो सुरुवात मे आपको यही ट्रेडिंग करनी चाहिए तभी आप अच्छा स्टॉक select कर पाओगे और शेअर मार्केट के उतार और चढाव के बारे मे आसानी से और बारीकीसे जान पाओगे

स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान

स्विंग ट्रेडिंग मे अगर आप अच्छे स्टॉक को नही चुन, पाओगे तो आपको लॉस ही होगा क्यूकी इस ट्रेडिंग मे अच्छे स्टॉक को चूनना बेहद जरूरी है ताकी आप ज्यादा दिन तक अच्छे से स्टॉक मे invest कर सके

Short term trading शॉर्ट ट्रम ट्रेडिंग

जब कोई ट्रेडिंग कुछ हप्तो से लेकर कूछ महिनो मे complete होता है.उसे शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग मे एक active trade investment हे आपको इसमे अपने स्टॉक पर नजर रखनी पडती है तभी आप अपने स्टॉक को minimise कर सकते है

शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे

वैसे तो इस ट्रेडिंग मे आप अगर पुरी research के साथ stock स्सिलेक्ट करोगे तो आप अपने लॉस ओर प्रॉफिट को मिनिमाईज कर पावोगे

शॉर्ट ट्रेडिंग के नुकसान

अगर आप किसीके कहने पर या YouTube पर video देखकर किसी स्टॉक को खरीद लेते हो तो आपको पक्का लॉस ही होगा क्युकी आप जिस किसी भी स्टॉक को सिलेक्ट करते हो ऊस कंपनी के fundamentals के बारे मे हि आपको पता नही होता तभी आप लॉस मे जाते हो

Long term trading लॉंग टर्म ट्रेडिंग

अब आप इसके नाम से ही जान गये होंग आखिर लॉंग टर्म ट्रेडिंग क्या है. इस ट्रेडिंग में आप जो कोई स्टॉक एक साल या उससे ज्यादा के लिये खरीद लेते हो उसे लॉंग टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है

लॉंग टर्म ट्रेडिंग के नुकसान और फायदे

इसमे अगर आप कोई अच्छा स्टॉक सिलेक्ट नही कर पाओगे तो आपको नुकसान होगा .और रिसर्च करके अगर सिलेक्ट करोगे तो आपको बहुत ज्यादा प्रॉफिट भी हो सकता है

दोस्तो आशा करता हु आपको स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है यह आर्टिकल देहत पसंद आया होगा अगर आपका कोई सवाल है तो आप हमे नीचे comment मे जरूर बताये और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे

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FAQ

ट्रेडिंग कितने प्रकार कि होती है

ट्रेडिंग चार प्रकार की होती है
1, Intraday trading
2, Swing trading
3, Short term trading
4, Long term trading

नमस्ते दोस्तों आपका स्वागत है आपको इस website पर शेयर मार्केट, म्यूचल फंड, शेयर प्राइस टारगेट, इन्वेस्टमेंट,से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी रिसर्च के साथ हिंदी मे दी जाएगी

डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है ?

अगर मैं शेयर मार्केट की बात करूं तो शेयर मार्केट एक बाजार की तरह है जहां पर आप पैसे देते हैं और एक सिक्योरिटी खरीदते हैं यह अलग-अलग तरह की हो सकती है जैसे कि इक्विटी शेयर, प्रेफरेंस शेयर, बांड, डिबेंचर आदि।

शेयर मार्केट का मुख्य कार्य निवेशकों को कंपनी के अंदर पैसा लगाने के लिए आमंत्रित करना है जिससे कंपनी उस पैसे का प्रयोग अपने व्यवसाय को स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है आगे बढ़ाने के लिए कर सके और उसके पश्चात जो भी लाभ होते हैं उनको अपने अंश धारकों के साथ बांट सके।

डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है ?

मुझे इस बात पर बड़ा आश्चर्य होता है कि शेयर मार्केट के बारे में बाजार में बहुत सारी भ्रांतियां प्रचलित है और अधिकतर लोग शेयर मार्केट को सट्टे की तरह लेते हैं क्योंकि वह शेयरों ट्रेडरों के जाल में फंस जाते हैं और एक ट्रेडर हमेशा आपको ऐसी सलाह देगा जिसके द्वारा ब्रोकर का फायदा हो।

बाज़ार में मौजूद लगभग सभी लोग यही चाहते है के आप ज्यादा से ज्यादा शेयर खरीदे और बेचे क्योंकि इससे ब्रोकर को कमिशन मिलता रहत है चाहे आपको लाभ हो या हानि।

डिलीवरी ट्रेडिंग ही बाजार का वास्तविक रूप है उसके अलावा जो भी है वह सब आप को लूटने का जरिया है और ब्रोकरों को अमीर बनाने का माध्यम है।

जब भी आप कोई अंश खरीदते है और उसकी डिलीवरी लेते है तो आप उस कंपनी के सदस्य बन जाते है और आपका नाम अंशधारकों के रजिस्टर में दर्ज हो जाता है।

इसके बाद आपको कंपनी समय समय पर विभिन्न जानकारियां प्रदान करती है। आपको कंपनी के वित्तीय विवरण मिलते है, कंपनी के मीटिंग के नोटिस मिलते है, लाभांश मिलता है और कंपनी जब भी कोई नया इश्यू लेकर आती है तो आपको उसमें प्राथमिकता मिलती है यहां तक कि कभी कभी कंपनी बाय बैक भी करती है जिसमें आपको बहुत अच्छी कीमत मिलती है। क्योंकि कंपनी के वास्तविक स्वामी उसके अंशधारक ही होते है।

अगर आप किसी कंपनी के बहुत सारे अंश खरीद लेते है तो आप कंपनी के निर्णयों तक को प्रभावित करने की क्षमता हासिल कर लेते है इसलिए हर कंपनी की कोशिश रहती है के वोटिंग पॉवर हमेशा कंपनी के प्रमोटरों के पास ही रहे।

एक बार आपका नाम कम्पनी के अंशधारकों के रजिस्टर में शामिल हो गया तो उसके बाद आपको शेयर मार्केट की ऊपर या नीचे जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि उस समय आपको वास्तविक हानि नहीं होती है और केवल अंश का बाजार मूल्य में परिवर्तन होता रहता है।

इसका अर्थ है के अगर 1000 रुपए का शेयर आपके डिमेट एकाउंट में रखा गया है और भले ही बाजार में उसकी कीमत 100 रुपए हो जाए तब भी आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि बहुत सारे शेयर कुछ समय बाद रिकवरी कर लेते है और तब आप उस अंश को बेच सकते है और अपना पैसा निकाल सकते है।

इसके उलट अगर आप इंट्रा डे में ट्रेडिंग करते है तो यह बहुत खतरनाक होता है क्योंकि कोई भी शेयर गिरने के बाद 1 दिन में रिकवरी नहीं कर सकता और आपको शेयर में पैसा लगाने के बाद उसमें हुए नुकसान कि भरपाई अपने बैंक एकाउंट को खाली करके करनी पड़ती है।

में इंट्रा डे पर ज्यादा बात नहीं करना चाहता क्योंकि इंट्रा डे बहुत ही खतरनाक और जोखिम भरा है इसलिए आप जितना दूर रह सके उतना बेहतर है और किसी भी टिप के चक्कर में कभी नहीं आइए क्योंकि टिप केवल पेनी स्टॉक को धक्का देने के लिए मार्केट में फैलाई जाती है जिससे कुछ सीमित लोग बहुत सारा पैसा कमा सके।

इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

शेयर बाजार में 1 दिन केलिए ट्रेडिंग करते है तो उसको इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है। इसमें आपको शेयर को एक ही दिन में 9:15 AM से 3:30 PM तक खरीद बिक्री करना होता है। इसमें केबल ट्रेडिंग कर सकते है । मगर आपको लंबी अबधि केलिए निवेश केलिए शेयर की डिजिटल फॉरमेट के जरिए डिलीवरी लेनी होती है। इसमें आपको शेयर को डिजिटल फॉरमेट में खरीद के T +2 दिनों में आपके CDSL / NSDL एकाउंट में शेयर जमा होता है । इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको बहोत ज्यादा ब्रोकेज़ ( प्रति आर्डर ₹20/- ) का शुल्क देना होता है। मगर शेयर की डिलीवरी में ब्रोकेज़ बहोत कम लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको > 30% ज्यादा इनकम टैक्स भरना होता है। मगर डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश में आपको ( 10 % से 15 % ) तक की इनकम टैक्स लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग शेयर बाजार के अनुभवी लोगों करना चाहिए । अगर आप शेयर में नए हो तो आपको डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश करना चाहिए।

डिलीवरी ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस कैसे लगाएं?

ट्रेडिंग करने केलिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?

बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।

1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक

FAQ :-

शेयरों की डिलीवरी कितने दिन में होती है?

आपको शेयर को डिजिटल फॉरमेट में खरीद के T +2 दिनों में आपके CDSL / NSDL एकाउंट में शेयर जमा कर दिया जाता है।

Swing Trading क्या होता है

जब हम शेयर मार्केट में किसी शेयर को बहुत कम समय के लिए निवेश करते हैं तो उसे हम Swing Trading कहते हैं! जब हम Intraday Trading करते है तो हमे Share को उसी दिन बेचना होता है, लेकिन Swing Trading में आप कुछ दिनों तक रख सकते स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है है ! इसमें आप शेयर को Delivery, F &O, Cash में खरीद बेच सकते है !

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Swing Trading

इसे आप इस तरह से भी कह सकते है कि जब आप लंबे समय के लिए Trading करते है तो उसको Swing Trading कहते है !

Example:-

जैसे माना कि आपने किसी कंपनी XYZ के शेयर आज खरीदे हैं और आप उसे एक दिन से एक सप्ताह या एक-दो महिने के लिए निवेश करते हैं और उसके बाद बेच देते तो इसे हम Swing Trading कहते हैं, स्विंग ट्रेडिंग शेयर खरीदने का मकसद यह होता है कि जब शेयर कि मूल्य बढ़ जाये तब बेचना होता है!

जब हम इन्वेस्टमेंट करते हैं तब हम कंपनी के Value के बारे में पता करते हैं और कंपनी और लंबे समय में कैसा प्रदर्शन करेंगी उसे देख कर इन्वेस्ट करते हैं! तो उसे Investment कहते हैं! स्विंग ट्रेडिंग में बिल्कुल इसके उलट होता है हम शेयर को एक कम समय के लिए एक निश्चित टारगेट के साथ खरीदते या बेचते हैं!

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