आरबीआई ने जारी की अलर्ट लिस्ट: इन 34 फॉरेक्स ट्रेडिंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को अवैध घोषित किया
आरबीआई ने 34 विदेशी मुद्रा व्यापार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की लिस्ट जारी की है. लिस्ट जारी करते हुए आीबीआई ने कहा है कि कोई भी अनधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन न करें
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- नई दिल्ली,
- 11 सितंबर 2022,
- (Updated 11 सितंबर 2022, 2:22 PM IST)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETPs) से विदेशी मुद्रा लेनदेन को लेकर चेतावनी दी है. आरबीआई ने उन संस्थाओं की एक 'अलर्ट लिस्ट' जारी की है. जो न तो विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत विदेशी मुद्रा में सौदा करने के लिए अधिकृत हैं और न ही अपनी वेबसाइट पर विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म संचालित करने के लिए अधिकृत हैं.
एक विज्ञप्ति में, केंद्रीय बैंक ने कहा कि जारी की गई 'अलर्ट सूची' में ऐसी कंपनियों के नाम है जो आरबीआई द्वारा अधिकृत नहीं हैं. आरबीआई ने बताया कि फेमा के तहत केवल अधिकृत व्यक्तियों के साथ और कुछ उद्देश्यों के लिए ही विदेशी मुद्रा लेनदेन कर सकते हैं. सभी कंपनियों को केवल आरबीआई या मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई), बीएसई लिमिटेड और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड की तरफ से विदेशी मुद्रा में सौदा अधिकृत ईटीपी पर ही किया जाना चाहिए.
आरबीआई ने कहा कि जनता को एक बार फिर आगाह किया जाता है कि वे अनधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन न करें या इस तरह के अनधिकृत लेनदेन के लिए धन जमा / जमा न करें. आरबीआई की तरफ से प्रतिबंधित 34 विदेशी मुद्रा व्यापार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की पूरी लिस्ट यहां दी गई है.
फेमा के तहत अनुमत उद्देश्यों के अलावा या आरबीआई की तरफ से अधिकृत नहीं किए गए ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
रूस ने भारत, अन्य साझेदारों के साथ व्यापार में राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग बढ़ाने का संकेत दिया
नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को कहा कि रूस ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से जुड़ी बाधाओं को दूर करने के लिए भारत और अपने अन्य साझेदारों के साथ राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार करने की दिशा में आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। साथ ही, उन्होंने भारत को तेल, सैन्य साजो सामान और अन्य वस्तुओं की जरूरतों को भी पूरा करने का वादा किया। लावरोव ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ व्यापक बातचीत के बाद यह टिप्पणी की। उनकी बैठक में यूक्रेन संकट के भारत-रूस संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव
साथ ही, उन्होंने भारत को तेल, सैन्य साजो सामान और अन्य वस्तुओं की जरूरतों को भी पूरा करने का वादा किया।
लावरोव ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ व्यापक बातचीत के बाद यह टिप्पणी की। उनकी बैठक में यूक्रेन संकट के भारत-रूस संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव और दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और रक्षा सहित विविध क्षेत्रों में सहयोग जारी रखने के तरीके पर भी बातचीत हुई।
अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने बुधवार को कहा था कि वाशिंगटन रूस से भारत के ऊर्जा और अन्य वस्तुओं के आयात में ‘‘तेजी’’ नहीं देखना चाहेगा।
रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को "विफल करने" के प्रयासों के परिणाम भुगतने की अमेरिका द्वारा चेतावनी दिए जाने के एक दिन बाद यह वार्ता हुई है।
पत्रकारों के एक चुनिंदा समूह के साथ ब्रीफिंग में यह पूछे जाने पर कि क्या रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को कम करने में भारत मदद कर सकता है, लावरोव ने कहा कि अगर भारत अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के प्रति अपने "न्यायसंगत और तर्कसंगत दृष्टिकोण" के साथ ऐसी प्रक्रिया का समर्थन करना चाहता है, तो कोई भी इसके खिलाफ नहीं होगा।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत से इस बारे में कुछ नहीं सुना है।
इस सवाल पर कि क्या बातचीत में रूबल-रुपया भुगतान प्रणाली पर चर्चा की गई, लावरोव ने कहा कि भारत और चीन जैसे देशों के साथ व्यापार के लिए ऐसी व्यवस्था कई साल पहले शुरू की क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? गई थी और पश्चिमी (डॉलर और यूरो में) भुगतान प्रणालियों को दरकिनार करने के प्रयास अब तेज किए जाएंगे।
लावरोव ने कहा, "मुझे क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? याद है कि कई साल पहले हमने भारत, चीन (और) कई अन्य देशों के साथ अपने संबंधों में डॉलर और यूरो के उपयोग को कम करते हुए राष्ट्रीय मुद्राओं के अधिक से अधिक उपयोग की ओर बढ़ना शुरू किया था। वर्तमान परिस्थितियों में, मुझे विश्वास है कि यह प्रवृत्ति तेज होगी जो स्वाभाविक और स्पष्ट है।"
उन्होंने कहा, "हम ऐसी व्यवस्था पर निर्भर नहीं रहना चाहते जो कभी भी बंद हो जाए और हम ऐसी व्यवस्था पर निर्भर नहीं रहना चाहते जिसके मालिक रातों-रात आपका पैसा चुरा लें।"
विदेश मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक भारत और रूस ने मॉस्को पर पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद द्विपक्षीय आर्थिक, तकनीकी और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को “स्थिर और विश्वसनीय” रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, “मंत्रियों ने सहयोग की समग्र स्थिति का आकलन किया। उन्होंने व्यापार और आर्थिक संबंधों पर हाल के घटनाक्रमों के प्रभावों पर विचार किया।”
इसमें कहा गया है कि जयशंकर ने रेखांकित किया कि एक विकासशील अर्थव्यवस्था के रूप में, विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक अस्थिरता भारत के लिए विशेष चिंता का विषय है।
रूसी विदेश मंत्री ने पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद द्विपक्षीय व्यापार की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए भारत और रूस के संबंधित मंत्रालयों के बीच "बहुत अच्छे संबंधों" के बारे में बात की।
उन्होंने कहा, "हमारे व्यापार मंत्रालयों, वित्त मंत्रालयों के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं, और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि पश्चिम द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले अवैध और एकतरफा प्रतिबंधों जैसी कृत्रिम बाधाओं को दूर करने के लिए एक रास्ता खोजा जाएगा।"
उन्होंने कहा, "यह सैन्य-तकनीकी सहयोग के क्षेत्र से भी संबंधित है। हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि समाधान मिल जाएगा और संबंधित मंत्रालय इस पर काम कर रहे हैं।"
यह पूछे जाने पर कि क्या रूस से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल की खरीद के लिए भारत की इच्छा पर चर्चा की गई, लावरोव ने कहा, "हम भारत को किसी भी वस्तु की आपूर्ति करने के लिए तैयार होंगे, जो भारत खरीदना चाहता है।"
रूसी विदेश मंत्री ने यूक्रेन संकट पर भारत की स्थिति की भी सराहना की और कहा कि अधिकतर देश समझते हैं कि क्या हो रहा है और संकट का मूल कारण क्या है।
उन्होंने कहा, "पश्चिमी सहयोगियों ने इन दिनों अपना असली चेहरा उजागर किया है और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि अधिकतर देश समझ रहे हैं कि क्या हो रहा है।"
लावरोव ने कहा कि प्रतिबंधों के बावजूद रूस, भारत के साथ व्यापार के प्रवाह को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, "पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों पर निर्णय लेना हमारे लिए एक स्वाभाविक मार्ग है। इस तरह की अनुचित प्रतिक्रिया के संदर्भ में, हमें इस दिशा में निष्पक्ष और स्वाभाविक रूप से काम करना होगा, व्यापार और आर्थिक क्षेत्रों में काम करना होगा।’’
लावरोव कहा, "यह कोई कल की बात नहीं है, बल्कि कई साल से हम पश्चिमी प्रतिबंधों से निपट रहे हैं और हमें इन परिस्थितियों में जीने का अनुभव है तथा हम ठीक हैं और हमारे साथी भी इसमें ठीक हैं।"
लावरोव ने कहा कि वार्ता कई दशकों में भारत के साथ विकसित संबंधों से प्रेरित है और दोनों पक्षों के बीच विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी है।
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि भारत की विदेश नीति स्वतंत्रता और वास्तविक राष्ट्रीय वैध हितों पर ध्यान केंद्रित करने से प्रेरित है।"
लावरोव ने कहा कि रूस क्षेत्र के देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने और दक्षिण एशिया में पारस्परिक रूप से लाभकारी दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के भारत के प्रयासों का समर्थन करता है।
जयशंकर से बातचीत के बाद लावरोव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? के अनुसार रूस के विदेश मंत्री ने मोदी को यूक्रेन की स्थिति समेत मॉस्को की कीव के साथ जारी शांति वार्ता के बारे में जानकारी दी।
बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री ने हिंसा की शीघ्र समाप्ति के लिए अपने आह्वान को दोहराया और शांति प्रयासों में किसी भी तरह से योगदान करने के लिए भारत के तैयार रहने से अवगत कराया।’’
कई अन्य प्रमुख देशों के विपरीत, भारत ने अभी तक यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर रूस की आलोचना नहीं की है और उसने संयुक्त राष्ट्र में रूस की निंदा करने वाले प्रस्तावों पर मतदान से दूरी बना ली है।
Exclusive: फेक करेंसी और अवैध हथियारों का गढ़ बनता मालदा
पश्चिम बंगाल के मालदा क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? जिले के कालियाचक में तीन जनवरी को हुई हिंसा ने यहां की तस्वीर बदल दी. पुलिस की मौजूदगी में थाने को ही फूंक दिया गया.
लव रघुवंशी
- मालदा,
- 30 जनवरी 2016,
- (अपडेटेड 30 जनवरी 2016, 2:02 PM IST)
पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कालियाचक में तीन जनवरी को हुई हिंसा ने यहां की तस्वीर बदल दी. पुलिस की मौजूदगी में थाने को ही फूंक दिया गया. सुरक्षा एजेंसियों से लेकर सरकारों तक के लिए ये बड़ी चिंता का विषय बन गया. मालदा हिंसा पर इंडिया टुडे ने तहकीकात की कि आखिर वहां ऐसा क्यों हो रहा है.
तहकीकात में सामने आया कि यहां के खेतों में अवैध रूप से अफीम की खेती हो रही है. वो भी एक या दो बीघों में नहीं बल्कि अस्सी हजार बीघे में की जा रही है. इससे तीन हजार करोड़ से भी ज्यादा की काली कमाई होती है.
अवैध अफीम की तहकीकात के बाद इंडिया टुडे की पड़ताल में सामने आया कि यहां नकली मुद्रा और अवैध हथियारों का व्यापार भी खूब जोर-शोर से चालू है.
आसानी से उपलब्ध हो रही नकली मुद्रा
मालदा में जिस तरह अवैध अफीम की खेती फल-फूल रही है उसी प्रकार जाली मुद्रा क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? का व्यापार भी यहां खूब किया जा रहा है. यहां जाली मुद्रा आसानी से उपलब्ध कराई जा रही है. नकली मुद्रा का रैकेट इतने बड़े पैमाने पर है कि इसे आप उतनी आसानी से हासिल कर सकते हैं जितना रेस्तरां में खाने का ऑर्डर देने के बाद भोजन मिलना.
इंडिया टुडे के संवाददाता ने एक रेस्तरां में वेटर से पूछा कि क्या उसे जाली करेंसी मिल सकती है. वेटर ने हां में जवाब दिया. 15 मिनट के अंदर असलम नाम का आदमी संवाददाता के कमरे में आया. असलम ने कहा, '500 के नोट मिलना आसान होता है लेकिन वो 50 और 100 रुपए के नकली नोटों का भी इंतजाम कर क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? सकता है.'
एके-47 से लेकर 9एमएम पिस्टल- मालदा में सब मिलता है
ना सिर्फ फेक करेंसी बल्कि अवैध हथियार भी मालदा में आसानी से उपलब्ध हैं. असलम ने इंडिया टुडे के रिपोर्टर को आश्वासन दिया कि वह 9एमएम पिस्टल से लेकर एके-47 तक दिलवा सकता है. उसने कहा कि वह यहां से गाजियाबाद तक हथियारों की डिलीवरी करता है.
90 फीसदी नकली मुद्रा मालदा से
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अनुसार भारत में 90 फीसदी फेक करेंसी बांग्लादेश से मालदा के द्वारा आ रही है. मालदा की बांग्लादेश के साथ एक लंबी और असुरक्षित सीमा है. फर्जी मुद्रा पर रोक लगाने के लिए एनआईए द्वारा तैयार किया गया नोट बताता है कि क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? समय के साथ-साथ मालदा नकली भारतीय मुद्रा के एक प्रमुख पारगमन मार्ग के रूप में उभरा है.
14 जनवरी को क्राइम ब्रांच के साथ साझा ऑपरेशन में एनआईए ने महाराष्ट्र के बुलधाना से एक आदमी को 1 लाख 95 हजार की फेक करेंसी के साथ पकड़ा था. उसे ये राशि मालदा से कोरियर के द्वारा भेजी गई थी.
चार दिन पहले 10 जनवरी को बिहार पुलिस के साथ मिलकर एनआईए ने पश्चिमी चंपारण से 4 लाख की नकली रकम बरामद की थी. ये भी मालदा से पहुंची थी.
आरबीआई ने जारी की अलर्ट लिस्ट: इन 34 फॉरेक्स ट्रेडिंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को अवैध घोषित किया
आरबीआई ने 34 विदेशी मुद्रा व्यापार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की लिस्ट जारी की है. लिस्ट जारी करते हुए आीबीआई ने कहा है कि कोई भी अनधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन न करें
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- नई दिल्ली,
- 11 सितंबर 2022,
- (Updated 11 सितंबर 2022, 2:22 PM IST)क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETPs) से विदेशी मुद्रा लेनदेन को लेकर चेतावनी दी है. आरबीआई ने उन संस्थाओं की एक 'अलर्ट लिस्ट' जारी की है. जो न तो विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत विदेशी मुद्रा में सौदा करने के लिए अधिकृत हैं और न ही अपनी वेबसाइट पर विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म संचालित करने के लिए अधिकृत हैं.
एक विज्ञप्ति में, केंद्रीय बैंक ने कहा कि जारी की गई 'अलर्ट सूची' में ऐसी कंपनियों के नाम है जो आरबीआई द्वारा अधिकृत नहीं हैं. आरबीआई ने बताया कि फेमा के तहत केवल अधिकृत व्यक्तियों के साथ और कुछ उद्देश्यों के लिए ही विदेशी मुद्रा लेनदेन कर सकते हैं. सभी कंपनियों को केवल आरबीआई या मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई), बीएसई लिमिटेड और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड की तरफ से विदेशी मुद्रा में सौदा अधिकृत क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? ईटीपी क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? पर ही किया जाना चाहिए.
आरबीआई ने कहा कि जनता को एक बार फिर आगाह किया जाता है कि वे अनधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन न करें या इस तरह के अनधिकृत लेनदेन के लिए धन जमा / जमा न करें. आरबीआई की तरफ से प्रतिबंधित 34 विदेशी मुद्रा व्यापार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की पूरी लिस्ट यहां दी गई है.
फेमा के तहत अनुमत उद्देश्यों के अलावा या आरबीआई की तरफ से अधिकृत नहीं किए गए ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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