Option Trading Kaise karte Hai?| Call and Put Option |

दोस्तों अभी भी बहुत सारे लोगों को ये नहीं पता की Option Trading Kaise karte Hai?| Call and Put Option क्या है ? , दोस्तों शेयर मार्किट में वैसे तो बहुत सारे माध्यम हे शेयर मार्किट में निवेश करके पैसे कमाने के , उसमे से एक हे ऑप्शन ट्रडिंग। जिसकी आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे , सही जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा क्युकी ये बहुत ही informative होगा आपके लिए।

Option Trading Kya Hai?

Option का मतलब विकल्प। example के लिए- मान लीजिये आप एक कंपनी का 500 शेयर 1500 रुपये प्रीमियम देकर 1 महीने बाद का 80 रुपये में खरीदने का Option लेते हो। ऐसे में उस कंपनी का शेयर 1 महीने बाद 50 हो गया , तब आपके पास विकल्प (Option) रहेगा उस शेयर को नुकसान में ना खरीदने का।

ऐसे में आपका प्रीमियम का पैसा डूब जायेगा। ऐसे में आप्शन ट्रेडिंग में नुकसान आपका उतना ही है जितना पैसा आपने प्रीमियम लेते समय दिया था। तो ऐसे में नुकसान कम से कम करने के लिए Option का प्रयोग होता हैं।

अभी आपको ये लग रहा होगा की ये बहुत फायदे मंद हे , पर ऐसा भी नहीं है आगे जानिए –

Option Trading Kaise karte Hai?| Call and Put Option |

Option Trading Kaise karte Hai?| Call and Put Option |

Option Trading Kaise karte Hai?

ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं , Option Trading Kaise karte Hai?

ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आप एक कंपनी का, 1 शेयर नहीं खरीद सकते आपको LOT में खरीदना पड़ेगा. Bank NIfty का एक lot 25 का और Nifty50 का एक Lot 75 का होता है लेकिन शेयर में ज्यादा होता हैं। किसी भी शेयर और Nifty50, Bank NIfty का Option खरीदने के लिए आपको जाना होगा आपके Demat Account में। उसके बाद जो भी खरीदना है वो आपको सर्च बार में देखना होगा फिर आपको Call या Put जो भी खरीदना है खरीद सकते हैं।

Call and Put Option In Hindi

Call and Put Option In Hindi , कॉल और पुट Trading क्या है?

Option Trading दो तरह पुट ऑप्शन कब खरीदें? का होता है एक है Call और दूसरा Put। ऑप्शन ट्रेडिंग में आप दोनों तरफ पैसा लगा सकते हैं। आप यदि Call खरीद रहे हो तो तेजी की तरफ पैसा लगा रहे हो मतलब अगर शेयर का प्राइस ऊपर जायेगा तो आपको फ़ायदा होगा –
ठीक उसी तरह Put खरीदते हो तो मंदी की तरफ पैसा लगा रहे हो।मतलब अगर शेयर का प्राइस निचे जायेगा तो आपको फ़ायदा होगा। Price Action Trading Strategy In Hindi का Use आपको फ़ायदा होगा |
आप जिस प्राइस के ऊपर Call खरीदा उसके ऊपर का प्राइस जाने के बाद ही आपको फ़ायदा होगा। ठीक उसी तरह Put खरीदा तो जिस प्राइस के ऊपर खरीदा उसके नीचे गया तो ही आपको फ़ायदा होगा।

कॉल ऑप्शन क्या है in Hindi –

कॉल ऑप्शन क्या है in Hindi,

Option Trading दो तरह का होता है एक है Call और दूसरा Put। ऑप्शन ट्रेडिंग में आप दोनों तरफ पैसा लगा सकते हैं। आप यदि Call खरीद रहे हो तो तेजी की तरफ पैसा लगा रहे हो मतलब अगर शेयर का प्राइस ऊपर जायेगा तो आपको फ़ायदा होगा –

for Example

मान लीजिये Spot Price Hai 30000
Banknifty 21jan 31000 CE
अपने Banknifty का कॉल ऑप्शन लिया है 31000 का तो जैसी ही price 100 point ऊपर जायेगा तो आपको फ़ायदा मिलगा , लेकिन अगर ऐसा न हो कर प्राइस निचे चला जाता है तो आपको नुकसान झेलना पड़ेगा। लेकिन सिर्फ उतना ही जितना अपने प्रीमियम दिए होगा।

Put ऑप्शन क्या है in Hindi –

Put ऑप्शन क्या है in Hindi –

ठीक उसी तरह Put खरीदते हो तो मंदी की तरफ पैसा लगा रहे हो।मतलब अगर शेयर का प्राइस निचे जायेगा तो आपको फ़ायदा होगा।
आप जिस प्राइस के ऊपर Call खरीदा उसके ऊपर का प्राइस जाने के बाद ही आपको फ़ायदा होगा। ठीक उसी तरह Put खरीदा तो जिस प्राइस के ऊपर खरीदा उसके नीचे गया तो ही आपको फ़ायदा होगा।

For Example

मान लीजिये Spot Price Hai 30000
Banknifty 21jan 29000 PE
अपने Banknifty का पुट ऑप्शन लिया है 29000 का तो जैसी ही price 100 point निचे जायेगा तो आपको फ़ायदा मिलगा , लेकिन अगर ऐसा न हो कर प्राइस ऊपर चला जाता है तो आपको नुकसान झेलना पड़ेगा। लेकिन सिर्फ उतना ही जितना अपने पुट ऑप्शन कब खरीदें? प्रीमियम दिए होगा।

Option Trading का Expiry day कब होता है?

Option Trading में दो तरह का Expiry होता है एक होता है सप्ताह( Weekly ) और दूसरा होता है महीना ( monthly ) में। सप्ताह (Weekly Expiry) में हर गुरूवार को ही NIFTY 50 और BANK NIFTY का expiry Day होता हैं। और ( monthly ) महीना में शेयर का अंतिम गुरूवार को expiry day होता है, जो शेयर Option Trading में लिस्टेड हैं।

ठीक सी तरीके से weekly days सिर्फ 5 दिन की होती हे Saturday , Sunday बंद होता है मार्किट।

दोस्तों अगर आप अभी नए हो मार्किट में , आपको ज्यादा knowledge नहीं हे शेयर मार्किट की तो ये ऑप्शन ट्रेडिंग आपके लिए जोखिम हो सकता है। इसलिए सबसे पहले knowledge ले और समझे मार्किट के बारे में तभी निवेश करे।
अगर आप beginner हे तो आप ऑप्शन ट्रेडिंग न करे।

Options Trading से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें –

एक बात का ध्यान रखें options trading Greeks .
किसी ऑप्शन ट्रेड के सफल होने के लिए कई चीजों को एक साथ मिलकर काम करना होता है।
अगर यह सारी ताकतें एक साथ ट्रेडर के पक्ष में काम करेगी तो उसका ट्रेड सफल होगा। ऑप्शन ट्रेड में इन ताकतों को ऑप्शन ग्रीक्स कहते हैं।

यह ताकतें हर option contract पर हर मिनट असर डाल रही होती हैं और इसकी वजह से प्रीमियम बढ़ता या घटता है।

अगर आपने ग्रीक्स के बारे में सही से जानकारी ले ली और ग्रीक्स को सही से समझ लिया तो आपको ट्रेडिंग में सफलता आसानी से मिल सकती हे।

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कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा

यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।

कॉल और पुट की जानकारी, ऑप्शन ट्रेडिंग की जानकारी

कॉल और पुट क्या होती है, निफ़्टी की कॉल और पुट का मतलब, ऑप्शन ट्रेडिंग

What is Options trading, information about Options trading in Hindi

ऑप्शन (Option) दो प्रकार के होते है – कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन. इन्हें आम भाषा में कॉल और पुट कहते है, (Call or Put). ऑप्शन अंग्रेज़ी भाषा का पुट ऑप्शन कब खरीदें? शब्द है जिसका अर्थ है, विकल्प. हर ऑप्शन की एक आखिरी तारीख होती है, इसे एक्सपायरी या मेचुरिटी डेट (expiry or maturity date) भी कहते है. इस दिन के बाद वह ऑप्शन अर्थात कॉल या पुट ख़त्म हो जाती है. भारतीय शेयर बाजारों (NSE और BSE) में महीने के आखिरी गुरुवार को उस महीने के फ्यूचर और ऑप्शन (F&O) की एक्सपायरी (expiry) होती है. यदि आखिरी गुरुवार को छुट्टी हो तो एक दिन पहले एक्सपायरी की तारीख होती है. लेकिन करेंसी फ्यूचर और ऑप्शन की एक्सपायरी तारीख अलग होती है. ऑप्शन एक प्रकार का कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमे खरीदने वाले के पास यह विकल्प होता है की वह उस कॉन्ट्रैक्ट की अंतिम तारीख या मेचुरिटी पर वह कॉन्ट्रैक्ट खरीदना चाहता है या नहीं. इसमें खरीदने वाले व्यक्ति पर यह बाध्यता नहीं होती है की उसे कॉन्ट्रैक्ट खरीदना या बेचना ही है. इसे आगे उदाहरण से समझाया गया है. निफ़्टी की पुट और कॉल यानि इंडेक्स (Index) के ऑप्शन यूरोपियन ऑप्शन होते है. (Nifty Put and Calls are European Options). स्टॉक्स यानि शेयर्स के पुट और कॉल के ऑप्शन अमेरिकन ऑप्शन होते है. (Stock Put and Calls are American Options). यूरोपियन ऑप्शन में कॉन्ट्रैक्ट के आखिरी दिन यानि एक्सपायरी के दिन खरीदने वाला व्यक्ति अपने विकल्प का उपयोग कर सकता है, जबकि अमेरिकन ऑप्शन में खरीदने वाला व्यक्ति कभी भी अपने विकल्प का उपयोग कर सकता है. लेकिन इन दोनों में आप अपनी खरीदी हुई कॉल या पुट को कभी भी बेच सकते है.

निफ़्टी की कॉल या पुट ऑप्शन खरीदने का अर्थ है कि आपके पास निफ़्टी के कॉन्ट्रैक्ट खरीदने या बेचने का विकल्प है. निफ़्टी की कॉल आपको निफ़्टी खरीदने का विकल्प देती है. निफ़्टी की पुट आपको निफ़्टी बेचने का विकल्प देती है. विकल्प का अर्थ यह है की आप चाहे तो वह कॉन्ट्रैक्ट ख़रीदे या बेचे, या फिर कुछ न करे. इसे आगे उदाहरण के द्वारा समझाया गया है. निफ़्टी के कुछ शेयर्स में भी फ्यूचर, कॉल और पुट की ट्रेडिंग होती है. इनको स्टॉक ऑप्शन (stock options) भी कहते है. फ्यूचर, कॉल और पुट हमेशा लॉट (Lot) में ख़रीदे बेचे जाते है. हर लॉट में एक निश्चित संख्या के शेयर्स होते है. यह लॉट निफ़्टी और शेयर्स के लिए अलग-अलग होते है. इनके लॉट का साइज़ इनके शेयर्स के भाव के अनुसार होता है. किसी भी लॉट की संख्या शेयर्स के मार्किट भाव के अनुसार पहले पुट ऑप्शन कब खरीदें? से तय होती है. यदि शेयर का भाव ज्यादा है तो लॉट का साइज़ कम होगा, और यदि शेयर का भाव कम है तो लॉट का साइज़ ज्यादा होगा.

आजकल निफ़्टी के फ्यूचर, कॉल और पुट के एक लॉट में 50 शेयर्स होते है. जैसे किसी ने निफ़्टी 7800 की कॉल का एक लॉट 20 रूपये में ख़रीदा है तो यह बीस रूपये उस ऑप्शन के एक शेयर का प्रीमियम (Option premium) कहलाता है. उस व्यक्ति ने कुल प्रीमियम ₹20 * 50 = ₹1,000 दिया. उस व्यक्ति ने 1000 रूपये दे कर 7800 की निफ़्टी का एक लॉट खरीद लिया है. हम एक निवेशक के उदाहरण से इसको समझते है. मान लीजिए की निफ़्टी आज 8500 पर है और आपको लगता को लगता है कि महीने के आखिरी गुरुवार या ऑप्शन की आखिरी तारीख तक निफ़्टी गिर कर 8300 पर पहुँच जायेगा, तो ऐसी स्तिथि में वह व्यक्ति 8300 की पुट खरीदेगा. अब जैसे जैसे बाजार में गिरावट आती जायेगी, और निफ्टी गिरता जायेगा और 8300 के पास पहुंचता जायेगा, उसी प्रकार से 8300 की पुट का भाव भी बढ़ता जायेगा. और यदि बाजार ऊपर चढ़ता जायेगा, और निफ्टी 8500 के ऊपर जाते जायेगा, उसी प्रकार से 8300 की पुट का भाव भी गिरता जायेगा या कम होने लगेगा. ऐसा इसलिए होता है की यदि निफ्टी 8700 पर चला गया तो उसे 8300 तक आने के लिए 400 पॉइंट की गिरावट चाहिए और चूंकि इसकी संभावना कम है, इसलिए 8300 की पुट का भाव भी कम होते जायेगा.

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