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हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजे तो सभी दिखाएंगे,लेकिन हिमाचल अभी अभी आपको जो दिखाएगा भी और समझाएगा भी,यही नहीं खबरे भी पढाएगां सिलसिला यही नहीं रुकेगा,टैली भी बताएगाकौन कहां आगे कौन पीछे,कौन जीता कौन हारा। किसकी बन रही सरकार,कौन बडा लुढ़क गया,कौन हल्का जीत गया,सब कुछ एक ही जगह पर आपको मिलेगा बस हिमाचल अभी अभी पर। सुबह से लेकर शाम तक ये सिलसिला दिनभर चलता रहेगा। बस आप साथ बने रहिएगा,अपनी बात भी काॅमेंट बॉक्स में लिखते रहगिया तो कोई वीडियो क्लिप हटकर हो तो उसे भी हम तक भेजते रहिएगा। हम खबरों को फटाफट भी दिखाएंगे उनका विश्लेषण भी करेंगे,आपके हिसाब से तत्पर रहेंगे। तो फिर मिलते हैं कल सुबह हिमाचल अभी अभी पर।
How Exit Poll is Calculated: कैसे तैयार होता है एक्जिट पोल? जानें
एग्जिट पोल से यह पता चलता है कि चुनाव नतीजों का रुझान क्या है.
एग्जिट पोल का प्रसारण मतदान खत्म होने के बाद किया जाता है
एग्जिट पोल नतीजे बिल्कुल सही और सटीक हों, ऐसा जरूरी नहीं है
Exit Poll In Hindi: जब-जब चुनाव (Election Exit poll) आते हैं, तो इस दौरान एक शब्द बहुत ही ज्यादा ट्रेंड तकनीकी विश्लेषण को कैसे समझे? में आ जाता है, वो है एग्जिट पोल (Exit Poll). राजनीति से जुड़े लोगों से लेकर आम आदमी तक सभी एग्जिट पोल पर नजर टिका लेते हैं. आपको बता दें कि एग्जिट पोल एक तरह का अनुमान (Exit Poll Mean) होता है.
राजनीति में चुनाव के दौरान कौन सी पार्टी, कहां से, इंडिविजुअल प्रत्याशी, सीट प्रदर्शन से लेकर ओवरऑल चुनाव के नतीजों के रुझानों का अनुमान लगाना एग्जिट पोल की ही प्रक्रिया है. वोटिंग खत्म होने के बाद तमाम न्यूज चैनलों पर एग्जिट पोल्स आना शुरू हो जाते हैं. बता दें कि न्यूज़ चैनल सर्वे एजेंसियों के साथ मिलकर एग्जिट पोल कराते हैं.
सरल भाषा में अगर समझें तो एग्जिट पोल मतगणना से पहले आने वाले चुनावी नतीजों का अनुमान होता है. जिससे ये तय होता है कि किस प्रत्याशी, किस पार्टी और किस सीट पर किसका बोलबाला रहा है और चुनाव का नतीजा क्या हो सकता है. एग्जिट पोल 100 फीसदी सटीक बैठे जरूरी नहीं है. कई बार ऐसा होता है कि नतीजे बिल्कुल अलग आते हैं. सर्वे के अनुसार लिए गए आकड़ों से ही एग्जिट पोल तैयार होता है. बता तकनीकी विश्लेषण को कैसे समझे? ेदें कि एग्जिट पोल का प्रसारण वोटिंग खत्म होने के बाद ही किया जाता है.
कैसे तैयार होता है एग्जिट पोल?
आपको बता दें कि एग्जिट पोल के दौरान संस्था द्वारा एक फॉर्मैट तैयार किया जाता है, जिसमें कई सवाल शामिल होते हैं. लेकिन उसमें भी एक सबसे अहम सवाल शामिल होता है कि आपने किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट दिया है. निश्चित क्षेत्र में सैंपल के तौर पर चुनी गई जनता से इस फॉर्मैट के तहत प्रश्न पूछे जाते हैं और फिर इन्हीं की मदद लेकर एग्जिट पोल को तैयार किया जाता है.
गौरतलब है कि भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन के प्रमुख एरिक डी कोस्टा ने की थी. बता दें कि भारत में सन् 1998 में पहली बार टीवी पर एग्जिट पोल का प्रसारण किया गया था.
मंगलवार, 06 तकनीकी विश्लेषण को कैसे समझे? दिसंबर के लिए राजेश अग्रवाल (Rajesh Agarwal) के चुनिंदा शेयर
एयूएम कैपिटल के रिसर्च प्रमुख राजेश अग्रवाल (Rajesh Agarwal) ने मंगलवार (06 दिसंबर) के एकदिनी कारोबार (intraday trade) के लिए शोभा (Sobha), टीगा इंडस्ट्रीज (Tega Industries), हिंडालको इंडस्ट्रीज (Hindalco Industries), करूर वैश्य बैंक (Karur Vysya Bank) और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस (LIC Housing Finance) के शेयर खरीदने की सलाह दी है।
इन सौदों के लिए राजेश अग्रवाल की सलाह इस प्रकार है :
Scrip Close Call Stop Loss Target
Sobha 669.85 BUY 648.00 695.00
Tega Industries 629.20 BUY 597.00 670.00
Hindalco Industries 481.20 BUY 464.00 500.00
Karur Vysya Bank 99.35 BUY 94.00 106.00
LIC Housing Finance 402.70 BUY 393.00 414.00
ध्यान रखें कि यह सलाह एकदिनी कारोबार के लिए है।
स्पष्टीकरण : इन शेयरों में विश्लेषक या उनके ग्राहकों के हित जुड़े हो सकते हैं।
From Meaning in Hindi | From शब्द का मतलब क्या है?
From Meaning in Hindi : दोस्तों आजकल इंग्लिश के वर्ड का हमारे जीवन में सुबह से लेकर शाम तक होता रहता हैं। लेकिन कई बार हम उस वाक्य को बोल तो देते है क्या हमे उसके बारे में जानकारी होती हैं। शायद बहुत से लोगों को उसके बारे में पता नही होता हैं। आज की इस पोस्ट में भी एक ऐसे ही वर्ड के बारे में जानने की कोशिश करेंगे की उसका तकनीकी विश्लेषण को कैसे समझे? फुल फॉर्म क्या होता हैं और उसका अर्थ क्या हैं। इस वर्ड का नाम है
FROM. आप में से बहुत से लोग इस शब्द से परिचित होगे। लेकिन इसका आपको इसका हिंदी में मतलब पता हैं। यदि नही पता है तो कोई परेशानी की बात नही हैं। आज की इस पोस्ट में हम आपको From शब्द की हिंदी में मीनिंग From Meaning in Hindi बताने वाले हैं। इसके लिए आपको लेख को अंत तक पढ़ना होगा।
From Meaning in Hindi
From Meaning in Hindi
यदि का वर्ड के मीनिंग की बात करे तो इसका सीधा अर्थ द्वारा से होता हैं। वही इंग्लिश के सेंटेंस में इसका प्रयोग प्रिपोजिशन के आधार पर किया जाता हैं। इसके लिए आपको कुछ उदाहरण के माध्यम से आप इसको आसानी से समझ सकते हैं। जैसे की वह मुंबई से आ रहा हैं यहां पर हिंदी में अर्थ निकालने तो पता चलेगा की वह मुंबई से आ रहा है लेकिन किस साधन के द्वारा आ रहा हैं। हिंदी में इसका तकनीकी विश्लेषण को कैसे समझे? अर्थ छुपा रहता हैं।
हिंदी वाक्य में द्वारा कही कही पर छिपा रहता है जबकि इंग्लिश के वाक्य में ऐसा नही होता हैं। इसलिए जब आप हिंदी के वाक्य को पढ़े तो उसके अर्थ को पहले समझ लें। क्योंकि इस तरह के वाक्य में से, के, ओर से, आदि वाक्य में फ्रॉम का ही इस्तेमाल होता हैं।
From Meaning in Hindi [Video]
From शब्द का हिंदी में क्या अर्थ होता है?
इस शब्द का हिंदी में अर्थ की जानकारी के लिए आप इस पोस्ट को पूरा पढे।
हिंदी वाक्य में फ्रॉम को कैसे पहचाने ?
हिंदी वाक्य में इसको पहचाने के लिए आपको वाक्य को ध्यान से पढ़ना होगा। क्योंकि यहां पर से, के, ओर से आदि वाक्य में यह छिपा रहता हैं।
क्या form का शार्ट कट भी होता हैं ?
हां आजकल लोग सोशल मीडिया पर शॉर्ट कट का प्रयोग करते हैं। इसके लिए कभी कभी तकनीकी विश्लेषण को कैसे समझे? वह Form का इस्तेमाल Frm करके कर देते हैं। ठीक इसी प्रकार सोशल मीडिया की प्रोफाइल को लोग DP बोलते हैं।
मोबाइल पर रह रहकर आने वाली फिजूल सूचनाएं वास्तव में आपके दिमाग पर जोर डालती हैं
हालांकि अनुमान अलग-अलग होते हैं, लेकिन औसत व्यक्ति दिन में करीब 85 बार अपना फोन चेक करता है, मोटे तौर पर हर 15 मिनट में एक बार।
पिज्जा कंपनी से एक पिंग। आपके जान पहचान के लोगों से कुछ पिंग्स। आपके परिवार के व्हाट्सएप ग्रुप से पिंग, पिंग, पिंग क्योंकि सप्ताहांत में एक बारबेक्यू आयोजित होने जा रहा है।
मतलब यह कि स्मार्टफोन पर पिंग के साथ जब इस तरह की तमाम सूचनाएं आती हैं तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि आप जो काम करने की तकनीकी विश्लेषण को कैसे समझे? कोशिश तकनीकी विश्लेषण को कैसे समझे? कर रहे हैं उस पर से आपका ध्यान हट जाता है।
वैसे आपका ध्यान भटकाने के लिए आपके फोन को पिंग करने की भी जरूरत नहीं है। इस बात के बहुत अच्छे सबूत हैं कि आपके फोन की उपस्थिति, भले उसमें से कोई आवाज आ रही हो या नहीं, आपका ध्यान भटकाने के लिए पर्याप्त है।
तो क्या चल रहा है? इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि महत्वपूर्ण चीजों को छोड़े बिना आप अपना ध्यान अपने काम की चीजों में वापस कैसे लगा सकते हैं?
हालांकि अनुमान अलग-अलग होते हैं, लेकिन औसत व्यक्ति दिन में करीब 85 बार अपना फोन चेक करता है, मोटे तौर पर हर 15 मिनट में एक बार।
दूसरे शब्दों में, हर 15 मिनट में आपका ध्यान आप जो कर रहे हैं, उससे भटकने की संभावना है। समस्या यह है कि आपके फ़ोन द्वारा बाधित किए जाने के बाद आपकी एकाग्रता को पूरी तरह से पुनः प्राप्त करने में कई मिनट लग सकते हैं।
यदि आप केवल टीवी देख रहे हैं, तो ध्यान भटकाना (और फिर से ध्यान केंद्रित करना) कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन अगर आप कार चला रहे हैं, पढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, काम पर जा रहे हैं, या अपने प्रियजनों के साथ समय बिता रहे हैं, तो इससे कुछ गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
आपके फोन से आने वाले पिंग एक बाहर से आने वाली रुकावट हैं। दूसरे शब्दों में, आपके आस-पास, किसी बाहरी चीज ने रुकावट पैदा की है।
जब हम अपने फोन की तकनीकी विश्लेषण को कैसे समझे? पिंग सुनते हैं तो उत्साहित हो जाते हैं। यह वही सुखद अहसास है जैसे जुआ खेलने वाले लोग पोकर मशीन को देखकर या उसकी आवाज सुनकर उत्साहित होते हैं।
क्या होगा अगर आपका फोन साइलेंट पर है? क्या तब भी यह पिंग समस्या का समाधान नहीं करता है? शायद, नहीं।
यह एक अन्य प्रकार का व्यवधान है, एक आंतरिक व्यवधान।
सोचिए कि काम करते हुए आपका ध्यान कितनी बार खामोश पड़े फोन पर चला जाता है और आप खुद को उसे उठाने से रोकते हैं, लेकिन फिर उसे उठा लेते हैं यह देखने के लिए कि ऑनलाइन क्या हो रहा है।
इस स्थिति में, हम हर बार जब हम अपने फोन को देखते हैं तो हमें लगता है कि हमें कुछ अच्छा देखने को मिलने वाला है और हम फोन को उठाने के लिए पिंग का इंतजार नहीं करते हैं।
ये आवेग प्रबल होते हैं। अपने फ़ोन की जाँच करने के बारे में इस लेख को पढ़कर बहुत से लोगों को ऐसा सकता है . अपना तकनीकी विश्लेषण को कैसे समझे? फ़ोन उठा कर देख लें।
संज्ञान और स्वास्थ्य के लिए इन सभी रुकावटों का क्या मतलब है?
इस बात के प्रमाण तकनीकी विश्लेषण को कैसे समझे? बढ़ रहे हैं कि मोबाइल पर आने वाली सूचनाएँ उत्पादकता कम करती हैं, एकाग्रता घटाती हैं और काम और स्कूल में ध्यान भटकाने में वृद्धि से जुड़ी हैं।
लेकिन क्या कोई सबूत है कि हमारा मस्तिष्क बार-बार किसी काम से हटने वाले ध्यान को फिर से काम पर लगाने में कड़ी मेहनत कर रहा है? लोगों की मस्तिष्क तरंगों के एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग बहुत देर तक मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, वे उन लोगों की तुलना में सूचनाओं को देखने के प्रति अधिक संवेदनशील थे, जिन्होंने कहा कि वे मोबाइल का कम इस्तेमाल करते हैं।
एक पुश सूचना सुनने के बाद, हल्के उपयोगकर्ताओं की तुलना में भारी उपयोगकर्ता किसी कार्य पर अपनी एकाग्रता को ठीक करने में काफी खराब थे। हालाँकि पुश सूचना ने दोनों समूहों के लिए एकाग्रता को बाधित किया, भारी उपयोगकर्ताओं को ध्यान केंद्रित करने में अधिक समय लगा।
निश्चित रूप से इस बात के प्रमाण हैं कि आप अपने फोन का उपयोग अनुत्पादक तरीकों से करने में जितना अधिक समय व्यतीत करते हैं, आप अपनी भलाई पर उतना ही कम ध्यान देते हैं।
हम जानते हैं कि अपने फोन को साइलेंट पर स्विच करने से समस्या जादुई रूप से ठीक नहीं होने वाली है, खासकर यदि आप फोन को बार-बार देखते रहने के आदी हैं।
ऐसे में आपको अपने व्यवहार में बदलाव की आवश्यकता है, और यह कठिन है। स्थायी परिवर्तन देखने के लिए कई प्रयास किए जा सकते हैं। अगर आपने कभी धूम्रपान छोड़ने, वजन कम करने, या व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने की कोशिश की है, तो आप समझ जाएंगे कि मेरा क्या मतलब है।
सभी गैर-आवश्यक सूचनाओं को बंद करके प्रारंभ करें। यदि आप अपने फ़ोन को बार-बार जाँचने की संख्या कम करना चाहते हैं, तो यहाँ कुछ चीज़ें आज़माई जा सकती हैं:
अपने फ़ोन को अपने बेडरूम के बजाय किसी दूसरे कमरे में रात भर के लिए चार्ज करें। सूचनाएं आपको सोते रहने से रोक सकती हैं और बार-बार आपको नींद से जगा सकती हैं।
फोन को बार बार जांचने की अपनी इच्छा पर लगाम लगाएं और अपने आप से पूछें क्या यह आपको लाभ पहुंचाने वाला है। उदाहरण के लिए, जैसे ही आप अपने फ़ोन तक पहुँचने के लिए मुड़ते हैं, रुकें और अपने आप से पूछें कि क्या यह क्रिया आपका ध्यान बंटाने के अलावा किसी अन्य उद्देश्य की पूर्ति करती है।
काम के दौरान फोन को नहीं देखने के समय की अवधि धीरे-धीरे बढ़ाएं। यदि आप फोन को ज्यादा इस्तेमाल करने वाले लोगों में से हैं तो किसी भी कार्य पर अपना ध्यान बनाए रखने की प्रक्रिया को अपनाने में कुछ समय लग सकता है ।
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