रॉब हॉब्सन ने कहा, एक दिन में एक गिलास अनार का जूस पीना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. इसके अलावा हॉब्सन ने यह भी बताया कि, अगर आप इसका पूरा फायदा पाना चाहते हैं तो मार्केट से इस जूस को लाते समय ख्याल रखें कि उसमें किसी भी चीज की मिलावट नहीं होनी चाहिए और वह बिल्कुल शुद्ध होना चाहिए. मार्केट में आजकल अनार के जूस में भी कई तरह के फ्लेवर्स उपलब्ध होते हैं. इनमें पानी और चीनी की मात्रा काफी अधिक होती है. एक बात के बारे में उन्होंने चेतावनी भी दी कि अध्ययनों में इस बात का पता नहीं लग पाया है कि क्या आप इस जूस को डायबिटीज की दवाई मेटफॉर्मिन के साथ पी सकते हैं या नहीं. ऐसे में इसे पीने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.

Diabetes: सिर्फ 3 घंटे में डायबिटीज मरीजों का ब्लड शुगर कंट्रोल करेगा ये जूस, एक्सपर्ट का दावा

Diabetes: डायबिटीज के मरीज रोजाना करें इस ड्रिंक का सेवन, कम होगा ब्लड शुगर लेवल (Photo Credit: Pixabay)

Diabetes: डायबिटीज के मरीज रोजाना करें इस ड्रिंक का सेवन, कम होगा ब्लड शुगर लेवल (Photo Credit: Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2022,
  • (अपडेटेड 14 फरवरी 2022, 10:09 AM IST)
  • डायबिटीज होने पर ब्लड शुगर का लेवल काफी ज्यादा बढ़ने लगता है
  • डायबिटीज में हमारे खानपान का अहम रोल होता है

Diabetes: आजकल के समय में डायबिटीज एक आम समस्या बन चुकी है. गलत खानपान और लाइफस्टाइल के चलते यह समस्या काफी बढ़ने लगी है. डायबिटीज होने पर शरीर में ब्लड शुगर का लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है. हम जब खाना खाते हैं तो शरीर को ग्लूकोज प्राप्त होता है. इस ग्लूकोज का इस्तेमाल कोशिकाएं शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए करती हैं. शरीर में इंसुलिन ना होने से ये अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाती हैं, जिससे कोशिकाओं को ग्लूकोज नहीं मिल पाता. यह ग्लूकोज हमारे ब्लड में जमा होने लगता है. डायबिटीज होने पर शरीर के लिए भोजन से एनर्जी को बनाना काफी मुश्किल हो जाता है. इससे शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है. अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं तो हम आपको एक ऐसी ड्रिंक के बार में बताने जा रहे हैं जिसे पीने से आपके शरीर में ग्लूकोज के स्तर के बढ़ने से रोका जा सकता है.

why charcoal and salt used for earthing | अर्थिंग में नमक, चारकोल क्यों डालते हैं

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जब भी आप अर्थिंग के बारे में पढ़ते हैं तो एक सवाल आपके मन में जरूर आता होगा कि जब हम अर्थिंग पिट बनाते हैं तो उसमें चारकॉल और नमक क्यों डाला जाता है। अगर आप इलेक्ट्रिकल से जुड़े हैं या इलेक्ट्रिकल की पढ़ाई कर रहे हैं तो आपके लिए ये बहुत ही जरूरी प्रशन है, और इससे भी जरूरी इसका उत्तर जानना जरूरी है।

चारकोल और नमक डालने की जरूरत क्यों

इसको जानने से पहले हमको ये समझने की जरुरत पड़ेगी कि इसमें चारकोल और नमक डालने की जरूरत ही क्यों पड़ती है, जैसा कि आपको पता है जहां भी इलेक्ट्रिकल सिस्टम लगाया जाता है वहां समय समय पर अर्थिंग का प्रतिरोध (Resistance) चेक करने की जरूरत होती है, यानी अर्थिंग का प्रतिरोध (Resistance) कम है के नहीं यह हमें बार-बार देखने की जरूरत होती है

क्योंकि इसको हमे कम से कम लेवल पे बनाये रखने की जरूरत होती है। हालांकि इसका लेवल जीरो नही हो सकता फिर भी इसका लेवल ज्यादा से ज्यादा 5 रेज़िस्टेंस लेवल क्या होता है ohm से ऊपर नही होना चाहिए। 0 से 5 के बीच इसका लेवल हमारे इलेक्ट्रिकल सिस्टम की सक्रियता पे निर्भर करता है।

अगर आप ये सोच रहे हैं के ये प्रतिरोध (Resistance) अर्थिंग के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले अर्थिंग इलेक्ट्रोड जैसे पाइप अर्थिंग और प्लेट अर्थिंग में इस्तेमाल होने वाले पाइप और प्लेट का होता है तो आप गलत हैं। ये जो लेवल 5 ohm तक होता है वो अर्थिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इलेक्ट्रोड और जहां पर अर्थिंग कि जाती रेज़िस्टेंस लेवल क्या होता है है उस जमीन की मिट्टी का दोनों का मिला के कंबाइन प्रतिरोध होता है, इसी को अर्थिंग रेजिस्टेंस कहते हैं।

चारकोल और नमक ही क्यों

अब चारकोल और नमक का ही क्यों इस्तेमाल करते हैं, इसके लिए चारकोल और नमक दोनो के स्वभावके बारे में समझना होगा। जब नमक मिट्टी की नमी के साथ मिलता है तो ये एक इलेक्ट्रोलाइट की तरह काम करता है जोकि मिट्टी की चालकता (Conductivity) को बढ़ाता है, जिस से मिट्टी में ज्यादा करंट बहने लगता है।

तो नामक के कारण चालकता (Conductivity) बढ़ जाती है तो चारकोल का क्या काम होता है, तो देखिए हमें सिर्फ मिट्टी की चालकता को बढ़ाना ही नहीं होता है हमें मिट्टी की चालकता को आगे तक मेंटेन यानी बना के भी रखना होता है जिसके लिए हमें चारकोल की जरूरत होती है।

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चारकोल का ज्यादातर हिस्सा कार्बन से बना होता है और कार्बन इलेक्ट्रिसिटी का बहुत ही अच्छा चालक होता है। तो ऐसे में नमक रेज़िस्टेंस लेवल क्या होता है इलेक्ट्रोलाइट का काम करता है और चारकोल एक कंडक्टर की तरह काम करता है, जिस से मिट्टी की चालकता बढ़ जाती है। इस तरह से नामक और चारकोल दोनों मिलके अर्थ रेजिस्टेंस को एक लेवल पर मेंटेन करने में हमारी सहायता करते हैं।

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