दरअसल, ब्याज दर बढ़ने की वजह से ज्यादा मुनाफे के लिए विदेशी निवेशक विदेशी मुद्रा शिक्षा अमेरिकी बाजार की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इस वजह से डॉलर को मजबूती मिल रही है। इसके उलट भारतीय बाजार में बिकवाली का माहौल लौट आया है। बाजार से विदेशी मुद्रा शिक्षा निवेशक पैसे निकाल रहे हैं, इस वजह से भी रुपया कमजोर हुआ है।

भारत की संसद द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम ( FEMA ) कब पारित किया गया था?

प्रमुख बिंदु

  • विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम ( FEMA )
    • यह विनियमों का एक समूह है जो भारतीय रिजर्व बैंक को विनियम पारित करने विदेशी मुद्रा शिक्षा का अधिकार देता है और भारत सरकार को भारत की विदेश व्यापार नीति के संबंध में विदेशी मुद्रा से संबंधित नियमों को पारित करने में सक्षम बनाता है।
    • 1973 के विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (FERA) की जगह विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) भारत सरकार द्वारा 1999 में पेश किया गया था।
    • इसे 29 दिसंबर 1999 को पारित किया गया था।
    • FEMA 1 जून 2000 को एक अधिनियम बन गया।
    • FEMA ने विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (FERA) नामक एक अधिनियम को प्रतिस्थापित किया। FERA (विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम) कानून 1973 में पारित किया गया था।
    • मुख्य उद्देश्य जिसके लिए FEMA पेश किया गया था, वह बाहरी व्यापार और भुगतान की सुविधा प्रदान करना था।
    • यह केंद्र सरकार को देश के बाहर स्थित किसी व्यक्ति को भुगतान के प्रवाह को विनियमित करने की शक्ति देता है।
    • यह अधिनियम विश्व व्यापार संगठन (विश्व व्यापार संगठन) के ढांचे के अनुरूप है।
    • विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के अनुमोदन के बिना विदेशी प्रतिभूतियों या विनिमय से संबंधित कोई भी विदेशी मुद्रा शिक्षा वित्तीय लेनदेन नहीं किया जा सकता है।
    • फेमा को भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार के व्यवस्थित विकास और रखरखाव में सहायता के लिए भी तैयार किया गया था ।
    • FEMA अधिनियम के तहत, भुगतान संतुलन विभिन्न देशों के विदेशी मुद्रा शिक्षा नागरिकों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और परिसंपत्तियों विदेशी मुद्रा शिक्षा के लेन-देन का रिकॉर्ड है।
    • इसे मुख्य रूप से दो कैटेगरी में बांटा गया है, यानी पूंजी खाता और चालू खाता।

    2 साल के निचले स्तर पर विदेशी मुद्रा भंडार, डॉलर के आगे रेंग रहा रुपया, आप पर क्या असर?

    2 साल के निचले स्तर पर विदेशी मुद्रा भंडार, डॉलर के आगे रेंग रहा रुपया, आप पर क्या असर?

    अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाए जाने के बाद भारतीय करेंसी रुपया एक बार फिर रेंगने लगा है। इस बीच, विदेशी मुद्रा भंडार ने भी चिंता बढ़ा दी है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवें सप्ताह गिरा है विदेशी मुद्रा शिक्षा और अब यह 2 साल के निचले विदेशी मुद्रा शिक्षा स्तर पर आ चुका है।

    रुपया की स्थिति: विदेशी मुद्रा शिक्षा डॉलर के मुकाबले रुपया ने पहली बार 81 के स्तर को पार किया है। विदेशी मुद्रा शिक्षा शुक्रवार को कारोबार के दौरान गिरावट ऐसी रही कि रुपया 81.23 के स्तर तक जा पहुंचा था। हालांकि, कारोबार के अंत में मामूली रिकवरी हुई। इसके बावजूद रुपया 19 पैसे गिरकर 80.98 रुपये प्रति डॉलर के लेवल पर बंद हुआ। यह पहली बार है जब भारतीय करेंसी की क्लोजिंग इतने निचले स्तर पर हुई है।

    वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने जोर देकर कहा-रुपया हर दूसरी मुद्रा के मुकाबले मजबूत

    वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में विदेशी मुद्रा शिक्षा कहा कि भारतीय रूपया अन्‍य मुद्राओं के मुकाबले मजबूत स्थिति में है। उन्‍होंने कहा कि डॉलर और रूपये में उतार-चढाव का असर अर्थव्‍यवस्‍था पर न पडे इसके लिए रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भण्‍डार का इस्‍तेमाल किया है। वित्‍तमंत्री ने प्रश्‍नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि दुनिया की उभरती अर्थव्‍यवस्‍था वाले देशों में सबसे अधिक प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश भारत में हुआ है। उन्‍होंने कहा कि भारत सबसे तेज गति से बढती अर्थव्‍यवस्‍था वाला देश है।

    विदेशी मुद्रा भंडार 14 महीनों के सबसे कम स्तर पर

    पिछले कुछ महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आ रही है। अगस्त 2021 के अंत में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के पास 640.70 अरब डालर विदेशी मुद्रा भंडार था जो कि जून 2022 के अंत में घटकर कर 588.31 अरब डॉलर हो गया है।

    Foreign Exchange

    देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। रुपये की कीमत में गिरावट आ रही है। साथ ही देश का व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। यह सभी बातें आपस में कैसे जुडी हुई हैं? इनमें परिवर्तन होने पर हमारी अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है? चलिए इस पूरे मुद्दे को समझते हैं।

    विदेशी मुद्रा भंडार

    दरअसल विदेशी मुद्रा भंडार में केंद्रीय बैंक, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं। इनमें विदेशी मुद्रा शिक्षा विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ(FCA), स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ रिज़र्व ट्रेंच शामिल होती हैं। जरूरत पड़ने पर विदेशी मुद्रा भंडार से विदेशी ऋण का भुगतान आसानी से किया जा सकता है।

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