भारतीय बाजार में जारी रहेगी तेजी, क्रूड और दूसरी अहम कमोडिटीज की कीमतों में गिरावट से बड़ा सपोर्ट
क्रूड ऑयल सिर्फ महंगाई से ही संबंधित नहीं है। बल्कि यह देश के व्यापार घाटे, विदेशी मुद्रा भंडार और रुपये की विनिमय दर को भी प्रभावित करता है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से घरेलू इक्विटी मार्केट को काफी बड़ा सपोर्ट मिलेगा
बाजार जानकारों का अनुमान है कि आरबीआई की तरफ से आगे हमें ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर लगाम लगती नजर आ सकती है। अक्टूबर महीने में रिटेल महंगाई में कमी देखने को मिली थी। थोक महंगाई के मोर्चे पर भी राहत मिली है। ऐसे कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतों में गिरावट से महंगाई आगे और घटती नजर आएगी। ऐसे में एनालिस्टों को भारतीय बाजारों की रिकॉर्ड ब्रेकिंग रैली जारी रहने की संभावना दिख रही है। जानकारों का यह भी कहना है कि कच्चे तेल और मेटल की कीमतों में आई भारी गिरावट के साथ ही खरीफ और रवी की फसलों की बंपर बुवाई से इस बात के संकेत हैं कि अगले कुछ महीनों में हमें महंगाई और कम होती दिखेगी।
एफआईआई की खरीदारी से आएगी तेजी
इसके अलावा भारतीय इक्विटी मार्केट में एफआईआई की तरफ से हो रही खरीदारी भी मार्केट सेंटीमेंट में सुधार करेगी। बतातें चलें कि मध्य अक्टूबर से अब तक एफआईआई ने भारतीय बाजार ने 4.64 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार की खरीदारी की है। जबकि ये इस साल के शुरुआत से मध्य अक्टूबर तक भारतीय बाजार में नेट सेलर रहे थे। साल के शुरुआत से अक्टूबर के मध्य तक एफआईआई ने भारतीय बाजारों में 23 अरब डॉलर की बिकवाली की थी।
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क्रूड और दूसरी अहम कमोडिटीज की कीमतों में गिरावट से राहत
पिछले एक हफ्ते में क्रूड ऑयल की कीमतों में 9.38 फीसदी की गिरावट हुई है। यह एक हफ्ते पहले के 94 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 83 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। ये इसका पिछले 10 महीने का सबसे निचला स्तर है। इसी तरह दूसरी बड़ी कमोडिटीज पर नजर डालें तो लंदन मेटल एक्सचेंज पर पिछले एक हफ्ते में एल्यूमिनियम में 3.7 फीसदी की, कॉपर में 7.8 फीसदी की, जिंक में 8.4 फीसदी की और निकिल में 17.7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
जानिए क्या है बाजार दिग्गजों की राय
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के वीके विजय कुमार का कहना है कि भारत की मैक्रो कंडीशन में सुधार के लिए कच्चे तेल और मेटल की कीमतों में गिरावट एक शुभ संकेत है। महगाई में पहले से ही गिरावट के संकेत दिखे हैं। ऐसे में कच्चे तेल और मेटल की कीमतों में गिरावट से महंगाई के मोर्चे पर और राहत मिलेगी। महंगाई पर राहत मिलने से आरबीआई भी ब्याज दरों पर अपने रवैये में नरमी लाता नजर आएगा।
Equinomics Research and Advisory के G Chokkalingam (जी चोक्कालिंगम) का कहना है कि हेल्दी क्रेडिट ग्रोथ, इकोनॉमी में तेजी से आ रही ग्रोथ और टैक्स वसूली में हुई बढ़त 2022 के अंत तक भारतीय इक्विटी बाजार को अपने रिकॉर्ड हाई पर ले जाते नजर आ सकती है। आगे हमें आरबीआई ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर विराम लगाता या इसकी मात्रा कम करता नजर आ सकता है। क्रूड ऑयल सिर्फ महंगाई से ही संबंधित नहीं है। बल्कि यह देश के व्यापार घाटे, विदेशी मुद्रा भंडार और रुपये की विनिमय दर को भी प्रभावित करता है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से घरेलू इक्विटी मार्केट को काफी बड़ा सपोर्ट मिलेगा।
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First Published: Nov 22, 2022 11:17 AM
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रिजर्व बैंक शुरू कर रहा रुपये में ग्लोबल ट्रेड सेटलमेंट, कैसे काम करेगा यह सिस्टम और कितना होगा फायदा?
डॉलर के मुकाबले रुपया 79.60 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर चला गया है.
डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में आ रही गिरावट और विदेशी मुद्रा भंडार पर बढ़ते दबाव से बचने के लिए आरबीआई ने नया ट्रेड . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 14, 2022, 13:17 IST
हाइलाइट्स
दुनिया के बाकी देश डॉलर, येन, यूरो और पाउंड में ही ग्लोबल ट्रेडिंग करते हैं.
रिजर्व बैंक का मकसद रुपये पर डॉलर व अन्य करेंसी का दबाव घटाना है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्लोबल मार्केट में विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार भारत की पहुंच बढ़ाने और ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में कराने की बात कही है. यह सिस्टम किस विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार तरह से काम करेगा और भारत को इसका क्या फायदा मिलेगा. कमोडिटी एक्सपर्ट इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा मूव बता रहे हैं.
कमोडिटी एक्सपर्ट अजय केडिया का कहना है कि अभी नेपाल-भूटान को छोड़कर दुनिया के बाकी देश डॉलर, येन, यूरो और पाउंड में ही ग्लोबल ट्रेडिंग करते हैं. आरबीआई के नई व्यवस्था शुरू करने के बाद रुपये में भी ट्रेडिंग का रास्ता खुल जाएगा. आरबीआई का कहना है कि इस सिस्टम के शुरू होने के बाद भारत के एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि दुनिया ने रुपये में दिलचस्पी दिखाई है.
क्या रूस से व्यापार बढ़ाने की है तैयारी
वैसे तो रिजर्व बैंक का मकसद रुपये पर डॉलर व अन्य करेंसी का दबाव घटाना है, जिसके लिए नया सिस्टम डेवलप किया जा रहा विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि इस कदम से रूस के साथ व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी. दरअसल, यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से रूस पर कई प्रतिबंध लग चुके हैं और वह अपना रिजर्व डॉलर इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है. ऐसे में नया सिस्टम आने के बाद रूस से व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा ईरान सहित व्यापारिक प्रतिबंध झेल रहे अन्य देशों के साथ भी भारत अपना व्यापार बढ़ा सकेगा.
विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ कम होगा
रिजर्व बैंक का सबसे बड़ा मकसद विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ को घटाना है. आरबीआई के पास मौजूद करीब 590 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार वैसे तो 10 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है, लेकिन अभी इसका इस्तेमाल रुपये पर बढ़ते दबाव को घटाने में हो रहा है. नया सिस्टम आने के बाद अगर ग्लोबल मार्केट में कोई देश हमसे भारतीय करेंसी में लेनदेन करता है तो इससे विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम हो जाएगा. इतना ही नहीं ग्लोबल मार्केट में रुपये की स्वीकार्यता भी बढ़ जाएगी. तत्काल तो नहीं लेकिन धीरे-धीरे देश रुपये को स्वीकार कर लेंगे तो ग्लोबल मार्केट में यह डॉलर के मुकाबले खड़ा हो सकता है.
कैसे काम करेगा नया सिस्टम
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के सीईओ अजय सहाय का कहना है कि ग्लोबल मार्केट में रुपये में ट्रेड करने के लिए दूसरे देश को भी रुपये में पेमेंट लेने का सिस्टम बनाना होगा. आरबीआई के लिए कुछ भारतीय बैंकों को वेस्ट्रो अकाउंट खोलने की इजाजत देगा. ये बैंक दूसरे देशों की करेंसी को अपने पास रखेंगे. इसके तहत जब भारतीय कारोबारी निर्यात करेंगे तो वह अपने रेगुलर बैंक के जरिये वेस्ट्रो अकाउंट वाले बैंक को जानकारी भेजेगा. वेस्ट्रो खाते वाले बैंक से पैसा निर्यातक के रेगुलर बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
इसी तरह, जब कोई कारोबार आयात करेगा तो वह इसका भुगतान अपने रेगुलर बैंक को करेगा, जहां से पैसा वेस्ट्रो खाते वाले बैंक में चला जाएगा. मुद्रा की कीमत दोनों देशों के फॉरेक्स के हिसाब से लगाई जाएगी.
ईरान के साथ शुरू किया था ऐसा सिस्टम
भारत ने इससे पहले ईरान के साथ व्यापार के लिए ऐसा ही सिस्टम विकसित किया था. तब ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते डॉलर में कारोबार ठप हो गया था. ईरान से तेल खरीद का भुगतान भी रुपये में किया गया था. हालांकि, 2019 में ईरान से तेल का आयात बंद होने के बाद यह खाता भी ठप हो गया.
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Rupee Vs Dollar : रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 50 पैसे बढ़कर 81.42 पर
अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और वैश्विक स्तर पर निवेशकों के बीच जोखिम लेने की धारणा में सुधार आने से बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 50 पैसे चढ़कर 81.42 रुपये पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी पूंजी का सतत निवेश बढ़ने से भी घरेलू मुद्रा को बल मिला।
गुरुनानक जयंती के अवसर पर बाजार बंद
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 81.43 पर खुला, और फिर बढ़कर 81.42 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 50 पैसे की वृद्धि दर्शाता है। रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81.92 पर बंद हुआ था। मंगलवार को गुरुनानक जयंती के अवसर पर बाजार बंद थे।
सोमवार को 1,948.51 करोड़ रुपये के शेयर
इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01 प्रतिशत बढ़कर 109.64 पर आ गया। वैश्विक तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 95.07 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को शुद्ध रूप से 1,948.51 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
Rupee vs Dollar: दस हफ्ते के उच्चतम स्तर पर पहुंचा रुपया, डॉलर के मुकाबले 53 पैसे का उछाल
Rupee vs Dollar: अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में आज (शुक्रवार) डॉलर के मुकाबले रुपया 53 पैसे के उछाल के साथ 73.69 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह दस हफ्ते के उच्चतम स्तर पर आज बंद हुआ है। इससे पहले 16 जून को रुपए की सबसे अच्छी क्लोजिंग हुई है। मुद्रा विनियम बाजार में व्यापार विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार की शुरुआत में रुपया 74.17 पर खुला था। कारोबार के दौरान 73.69 से 74.69 रुपए तक रहा। फिर 53 पैसे ऊंचा रहकर 73.69 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
16 अप्रैल के बाद अच्छा उछाल
बंबई शेयर मार्केट का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 175.62 अंक की तेजी के साथ 56,124.72 अंक पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार के अनुसार शाम को जैकसन होल सम्मेलन से पहले विदेशी मुद्रा प्रवाह बढ़ने और माह के आखिरी में भारतीय रुपए में 16 अप्रैल के बाद एक दिन का सबसे अच्छा उछाल हुआ है।
डॉलर इंडेक्स में गिरावट
इधर शाम 6 बजे डॉलर इंडेक्स 0.076 फीसद की गिरावट के साथ 93.002 के स्तर पर था। यह इंडेक्स छह प्रमुख मुद्रा के मुकाबले भारतीय करेंसी की मजबूती दिखाता है। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड फ्लैट है। यह गुरुवार को 1.344 फीसद के स्तर पर था।
शेयर मार्केट की रिपोर्ट
शेयर मार्केट के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में बिकवाल रहे हैं। गुरुवार को उन्होंनो 1,974.48 करोड़ रुपए के शेयरों से बिक्री की है। इधर सेंसक्स शुक्रवार को 175 अंकों की तेजी के साथ 56124 के स्तर पर बंद हुआ है। जबकि निफ्टी 68 अंकों की वृद्धि के साथ 16705 के स्तर पर क्लोज हुआ है।
RBI Alert List : इन ऐप्स और वेबसाइट्स से सावधान ! इन पर किया फॉरेन करेंसी ट्रांजैक्शन तो हो सकती है कानूनी कार्रवाई
RBI ने 34 ऐसी एंटिटीज़ की लिस्ट जारी की है, जिन्हें विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या फॉरेक्स ट्रांजैक्शन्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) ऑपरेट करने की कोई इजाजत नहीं दी गई है. लिहाजा उनके जरिए लेनदेन करना गैरकानूनी है.
RBI की अलर्ट लिस्ट में शामिल 34 एंटिटीज़ को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या ETP ऑपरेट करने की इजाजत नहीं दी गई है.
RBI Alert List of entities not authorised to deal in forex: अगर आप किसी ऐसी वेबसाइट के जरिए फॉरेन एक्सचेंज से जुड़ा लेनदेन करते हैं या करने की सोच रहे हैं, जिसके कानूनी तौर पर वैध होने के बारे में आपको पक्के तौर पर कुछ पता नहीं है, तो सावधान हो जाइए. रिजर्व बैंक ने ऐसी 34 एंटिटीज़ और उनकी वेबसाइट्स की अलर्ट लिस्ट जारी की है, जिनके जरिए विदेशी मुद्रा से जुड़ा कोई विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार भी लेनदेन करने पर आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
रिजर्व बैंक की तरफ से जारी इन अनधिकृत एंटिटीज़ की लिस्ट में ओलिंप ट्रेड(Olymp Trade), अल्पारी (Alpari), एनीएफएक्स (AnyFX), बिनोमो (Binomo), फॉरेक्स.कॉम (Forex.com), एफबीएस (FBS), फॉरेक्स4मनी (Forex4money), हॉट फॉरेक्स (HotForex), आईफॉरेक्स (iFOREX) और एक्सटीबी (XTB) जैसी 34 वेबसाइट्स शामिल हैं. इन सभी वेबसाइट्स की पूरी लिस्ट आप रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर यहां जाकर देख सकते हैं: https://rbi.org.in/scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=4183
रिजर्व बैंक की चेतावनी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से बुधवार को जारी एक बयान में बताया गया है कि अलर्ट लिस्ट में शामिल इन 34 एंटिटीज़ या वेबसाइट्स को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या फॉरेक्स ट्रांजैक्शन्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) ऑपरेट करने की कोई इजाजत नहीं दी गई है. लिहाजा इनका इस तरह की गतिविधियां संचालित करना पूरी तरह से गैरकानूनी हैं. रिजर्व बैंक ने यह चेतावनी भी दी है कि इन वेबसाइट्स के जरिए किसी भी तरह का विदेशी मुद्रा से जुड़ा लेनदेन करना न सिर्फ जोखिम भरा है, बल्कि ऐसा करने वाले के खिलाफ 1999 के विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (FEMA) के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
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रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर देखें अलर्ट लिस्ट
रिजर्व बैंक ने इससे पहले 3 फरवरी 2022 को भी अपनी तरफ से बयान जारी करके आम लोगों को हिदायत दी थी कि वे किसी भी अनधिकृत ETP विदेशी मुद्रा के जरिए किसी तरह का लेनदेन न करें. साथ ही लोगों को किसी भी तरह के अनधिकृत फॉरेक्स ट्रांजैक्शन से दूर रहने की चेतावनी भी दी गई थी. लेकिन यह स्पष्टीकरण जारी करने के बावजूद रिजर्व बैंक के पास अब भी ऐसे रेफरेंस आते रहते हैं, जिनमें किसी ETP की कानूनी स्थिति के बारे में जानकारी मांगी जाती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब RBI ने अपनी वेबसाइट पर अनधिकृत एंटिटीज़ और वेबसाइट्स की अलर्ट लिस्ट डालने का फैसला किया है. हालांकि इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई एंटिटी या वेबसाइट इस अलर्ट लिस्ट में शामिल नहीं है, तो इसका ये मतलब नहीं कि वो अधिकृत है. इस लिस्ट में सिर्फ उन्हीं एंटिटीज़ के नाम शामिल हैं, जिनके बारे में रिजर्व बैंक को यह बयान जारी करते समय मालूम था.
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