सप्ताह के आखिरी ट्रेडिंग-डे पर बाजार में सकारात्मक कारोबार, निफ्टी 18,640 के ऊपर

मुंबई, : वैश्विक बाजारों में मजबूती के रुख के बीच ऑटो, मेटल और एफएमसीजी शेयरों में लिवाली से शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 115 अंक चढ़ गया। कारोबारियों ने कहा कि प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले रुपये में मजबूती से भी घरेलू शेयर बाजारों को समर्थन मिला। शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों वाला बीएसई सूचकांक 115.09 अंक या 0.18 प्रतिशत बढ़कर 62,685.77 पर कारोबार कर रहा था। एनएसई निफ्टी 33.25 अंक या 0.18 प्रतिशत बढ़कर 18,642.60 पर पहुंच गया।

गुरुवार को पिछले सत्र में 30 शेयर बीएसई बेंचमार्क 160 अंक बढ़कर 62,570.68 पर बंद हुआ था। एनएसई निफ्टी 48.85 अंक बढ़कर 18,609.35 पर बंद हुआ।

टॉप गेनर्स और लूजर्स

सेंसेक्स पैक में इंडसइंड बैंक 1.10 प्रतिशत की बढ़त के साथ शीर्ष पर रहा, इसके बाद एचयूएल, टाटा स्टील, एनटीपीसी, एसबीआई, आईटीसी, नेस्ले इंडिया और मारुति का स्थान रहा। दूसरी ओर एचसीएल टेक, इंफोसिस, टेक महिंद्रा और एक्सिस बैंक नुकसान में चल रहे हैं।

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दुनिया के बाजारों का हाल

एशियाई बाजारों में, टोक्यो, शंघाई, सियोल और हांगकांग के शेयर सत्र के मध्य सौदों में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। गुरुवार को वॉल स्ट्रीट पर इक्विटी उच्च स्तर पर बंद हुए। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने गुरुवार को 1,131.67 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

मजबूत हुआ रुपया

घरेलू शेयर बाजार में मजबूती के रुख और डॉलर में कमजोरी के बीच शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे की तेजी के साथ 82.19 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, घरेलू इकाई डॉलर के मुकाबले 82.30 पर खुली, फिर पिछले बंद के मुकाबले 19 पैसे की वृद्धि दर्ज करते हुए 82.19 पर पहुंच गई। गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे की तेजी के साथ 82.38 पर बंद हुआ।

इस बीच, छह मुद्राओं के बास्केट के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत का अनुमान लगाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.23 प्रतिशत गिरकर 104.53 पर आ गया। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.89 प्रतिशत बढ़कर 76.83 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

करना चाहते हैं विदेशी शेयर बाजारों में निवेश तो जान लीजिए ये Tax Rules, बड़े काम की है ये जानकारी

भारतीयों का विदेशी शेयर बाजारों (Foreign Equity Investmet) में निवेश करने का रूझान बढ़ता जा रहा है. विदेशी बाजारों में भी अमेरिकी बाजार भारतीयों की पहली पसंद है.

भारतीयों का विदेशी शेयर बाजारों (Foreign Equity Investmet) में निवेश करने का रूझान बढ़ता जा रहा है. विदेशी बाजारों में भी अमेरिकी बाजार भारतीयों की पहली पसंद है.

Tax Rules: विदेशी शेयर बाजारों (Foreign Equity Investment) में निवेश करने का रूझान बढ़ता जा रहा है. अमेरिकी बाजार भारती . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : February 22, 2022, 10:39 IST

नई दिल्‍ली. अपने निवेश पोर्टफोलियो (Investment Portfolio) में विविधता लाने का एक तरीका विदेशी बाजारों में निवेश (Investing In Foreign Markets) करना है. विदेशी बाजारों में निवेश से निवेशकों को अस्थिरता से निपटने में मदद मिलती है. ऐसा इसलिए, क्योंकि जरूरी नहीं कि जब घरेलू बाजार में गिरावट हो तो विदेशी बाजार भी गिर रहे होंगे. इसका एक अन्य फायदा यह है कि इसमें मुद्रा में उतार-चढ़ाव के जोखिम से राहत मिलती है. निवेशक को निवेश पर रिटर्न डॉलर में मिलता है. रुपये में गिरावट होने पर विदेशी मुद्रा में निवेश का मूल्य बढ़ जाता है. इसका आपको दोहरा फायदा होता है.

भारतीय कई देशों के शेयर बाजारों में निवेश कर सकते हैं. परंतु ज्‍यादातर भारतीयों के लिए न्‍यूयार्क स्‍टॉक एक्‍सचेंज (New York Stock Exchange) और नेस्‍डेक (NASDAQ) में ही निवेश करना पसंद करते हैं. ऐसा इसलिए है क्‍योंकि ये सबसे बड़े स्‍टॉक मार्केट हैं. किसी घरेलू या विदेशी ब्रोकरेज के माध्‍यम से एक ब्रोकरेज अकाउंट (Brokerage Account) खोलकर कोई भी भारतीय एप्‍पल (Apple), टेस्‍ला (Tesla), स्‍टारबक्‍स और मेटा (Meta) जैसी कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकता है. कोई भी भारतीय निवेशक विदेशी शेयर बाजार में स्‍वयं 2.5 लाख डॉलर प्रति वर्ष निवेश कर सकता है. म्‍यूंचुअल फंड (Mutual Fund) के माध्‍यम से निवेश की कोई सीमा नहीं है.

कैसे करें निवेश (How To Invest in Foreign Markets)

कोई भी निवेशक घरेलू शेयर बाजारों की तरह विदेशी शेयर बाजारों में भी निवेश कर सकता है. विदेशी बाजारों में भी निवेश 2 तरीके से किया जा सकता है. निवेशक म्यूचुअल फंड के जरिए इनमें निवेश कर सकता है. कोई व्‍यक्ति सीधे ही विदेशी शेयर बाजारों से खरीदारी कर सकता है. म्यूचुअल फंड में कई प्रकार के फंड हैं, जो विदेश में निवेश का प्रस्ताव देते हैं. भारत में कई अंतरराष्‍ट्रीय म्‍यूचुअल फंड हैं. इन म्‍यूचुअल फंडों की खास बात यह है कि इनमें भारतीय करेंसी में ही निवेश कर सकते हैं और आपको फॉरेक्‍स एक्‍सचेंज के झंझट में भी नहीं पड़ना होता है और न ही फॉरेक्‍स एक्‍सचेंज चार्जेज देने होते हैं. म्यूचुअल फंड के जरिए एक निवेशक कितना भी निवेश कर सकता है.

कितना लगता है टैक्‍स (Tax on Foreign Equity Investment )

विदेशी बाजारों में निवेश करने से पहले टैक्‍स नियमों को जान लेना जरूरी है. यह समझना जरूरी है कि वहां की कमाई पर कितना और कैसे टैक्‍स लगेगा. यूएस सिक्‍योरिटीज और एक्‍सचेंज कमीशन (US Securities and Exchange Commission -SEC) के साथ पंजीकृत निवेश सलाहाकार वेस्‍टेड फाइनेंस (Vested Finance) का कहना है कि अगर 24 महीनों से ज्‍यादा स्‍टॉक को अपने पास रखकर बेचा जाता है तो उस पर 20 फीसदी की दर से लॉंग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स लगेगा और कुछ सरचार्ज और फीस भी देनी होगी.

ईटीएफ के लिए यह सीमा 36 महीने हैं. अगर 24 महीने से पहले ही बिकवाली कर दी जाती है तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्‍स आपके इनकम टैक्‍स स्‍लैब के हिसाब से वसूला जाएगा. यही नहीं, अमेरिका में डिविडेंड्स पर 25 फीसदी की दर से टैक्‍स लगता है. इनवेस्‍टर को ब्रोकरेज काटकर ही बाकी 75 फीसदी रकम देता है. हालांकि, भारत में टैक्स फाइल करते समय चुकाए गए डिविडेंड टैक्स का क्रेडिट ले सकते हैं.

स्‍पेशल टैक्‍स नहीं

ऑनलाइन पोर्टल टैक्‍सबडी डॉट कॉम (Taxbuddy.com) के फाउंडर सुजीत बांगड़ का कहना है कि अमेरिका या किसी अन्‍य देश में इक्विटी में निवेश के लिए कोई निर्धारित टैक्‍स रेट आदि नहीं हैं. विदेशी होल्डिंग्‍स भी सोने की तरह ही एक एसेट है जिस पर नियमानुसार टैक्‍स लगता है. हम यहां विदेशी एसेट अपने पास रखते हैं तो यह जरूरी है कि वो ऐसे फंड से खरीदे गए हों, जिसकी जानकारी इनकम टैक्‍स रिटर्न में हमने दी हो.

विरासत में मिले हों शेयर तो क्या?

अगर किसी को विदेशी शेयर विरासत (Inherits Foreign Shares) में मिले हों तो फिर क्‍या होता है? इस सवाल के जवाब में बांगड़ का कहना है कि अगर कोई भारतीय विदेशी एसेट्स में निवेश ग्‍लोबल फंड्स आदि के माध्‍यम से निवेश करता है तो इस तरह के निवेश पर विरासत कर या एस्‍टेट ड्यूटी नहीं देनी होती है. अगर कोई व्‍यक्ति अपनी व्‍यक्तिगत हैसियत से अमेरिका में शेयर खरीदता है तो उसकी मौत के बाद विरासत टैक्‍स (Inherits Tax) देना पड़ता है. लेकिन, ऐसे मामलों में भी अमेरिका में चुकाए टैक्‍स पर वह भारत में क्रेडिट ले सकता है क्‍यों भारत और अमेरिका इस को लेकर समझौता है.

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अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 3 पैसे की मजबूती के शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा साथ 82.47 पर बंद हुआ

विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भी घरेलू इकाई को समर्थन मिला है।इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, स्थानीय इकाई 82.74 पर खुली और ग्रीनबैक के मुकाबले 82.40 के इंट्रा-डे हाई और 82.75 के निचले स्तर को छुआ।स्थानीय इकाई अंत में 82.50 के अपने पिछले बंद के मुकाबले 3 पैसे की वृद्धि दर्ज करते हुए 82.47 पर बंद हुई।

गौरांग सोमैया, फॉरेक्स एंड बुलियन एनालिस्ट, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा, "उम्मीद के अनुरूप, आरबीआई ने अन्य 35 बीपीएस की दरों में वृद्धि की। इसने वित्त वर्ष 2023 के सकल घरेलू उत्पाद के पूर्वानुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया।"

आरबीआई ने कहा कि अगले 12 महीनों में महंगाई दर 4 फीसदी से ऊपर रह सकती है।

सोमैया ने कहा, "आरबीआई गवर्नर की टिप्पणी कम आक्रामक थी और मुद्रा पर प्रभाव अपेक्षाकृत कम रहा है क्योंकि यह कमोबेश बाजार की उम्मीद के अनुरूप था।" "हमें उम्मीद है कि USD-INR (स्पॉट) साइडवेज ट्रेड करेगा और 82.20 और 82.80 की रेंज में कोट करेगा।" इस बीच, डॉलर इंडेक्स, जो छह मुद्राओं की एक टोकरी के खिलाफ ग्रीनबैक की ताकत का अनुमान लगाता है, 1.10 प्रतिशत बढ़कर 105.68 पर पहुंच गया।

ग्लोबल ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 1.79 फीसदी गिरकर 77.93 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

घरेलू इक्विटी बाजार के मोर्चे पर, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 215.68 अंक या 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 62,410.68 पर बंद हुआ, जबकि व्यापक एनएसई निफ्टी 82.25 अंक या 0.44 प्रतिशत गिरकर 18,560.50 पर बंद हुआ। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने मंगलवार को 635.35 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

Share Market: विदेशी बाजारों में गिरावट, RBI का फैसला डालेगा शेयर बाजार पर असर

Stocks To Watch: अंबूजा सीमेंट, अल्ट्रटेक सीमेंट, बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे शेयरों पर रखे नजर.

Share Market: विदेशी बाजारों में गिरावट, RBI का फैसला डालेगा शेयर बाजार पर असर

आरबीआई (RBI) की नीति से पहले इस हफ्ते अब तक निवेशक सतर्कता से बाजारों (Share Bazar) में पैसा डाल रहे हैं, लेकिन अब आरबीआई के फैसले का इंतजार आज खत्म हो जाएगा जिसका बाद में बाजार पर जरूर असर पड़ेगा. फिलहाल भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में हैं.

एक दिन पहले 6 दिसंबर को बीएसई का सेंसेक्स (BSE Sensex) 208.24 अंक या 0.33% गिरकर 62,626.36 पर बंद हुआ. वहीं एनएसई का निफ्टी 50 (Nifty 50) 58.30 अंक या 0.31% की गिरावट के साथ 18,642.75 पर बंद हुआ.

गिरावट आईटी और मेटल शेयरों में ज्यादा देखी क्योंकि इनमें भारी बिकवाली देखी गई थी, जबकि बैंकिंग, एफएमसीजी और हेल्थकेयर शेयरों में भी गिरावट देखी गई थी. 558.67

कैसा है विदेशी बाजारों का हाल?

प्रमुख अमेरिकी बाजारों ने कैसा किया प्रदर्शन-

S&P 500 1.44 फीसदी गिरा

NASDAQ में 2.00 फीसदी की गिरावट

Dow Jones 1.03 फिसदी फिसला

एशियाई बाजार कर रहे अच्छा प्रदर्शन-

सिंगापुर स्‍टॉक एक्‍सचेंज सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर 26.5 अंक या 0.14 फीसदी ऊपर है

जापान के निक्केई में 0.48 फीसदी गिरा

ताइवान का शेयर बाजार 0.26 फीसदी गिरा

साउथ कोरिया के कॉस्पी में 0.14 फीसदी की गिरावट

एनएसई पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 6 दिसंबर को, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 558.67 करोड़ रुपये के शेयर्स बेचे वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने भी 635.35 करोड़ रुपये के शेयर्स बेचे हैं.

खबरों में हैं ये स्टॉक्स

आज शेयर बाजार शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा में इन स्टॉक्स पर नजर रख सकते हैं जो खबरों में बने हुए हैं-

अंबूजा सीमेंट (Ambuja Cement), अल्ट्रटेक सीमेंट (Ultratech Cement), बैंक शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा ऑफ बड़ौदा (BoB).

डिस्क्लेमर: यहां दिए गए किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट टिप्स या सलाह एक्सपर्ट्स और एनालिस्टस के खुद के हैं. और इसका क्विंट हिंदी से कोई लेना-देना नहीं है. कृपया कर किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट डिसिजन लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य ले.

Index Fund: क्या है इंडेक्स फंड, इसमें क्यों करें निवेश, कैसे मिलेगा बड़ा रिटर्न

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Share Market: विदेशी बाजारों का क्या हाल, कैसा रहेगा आज भारतीय शेयर मार्केट?

Stock To Watch: वन 97 कम्युनिकेशन, मैक्स फाइनेंशियल सर्विस, लुपिन, हिंदुस्तान यूनिलिवर, अडानी एंटरप्राइस.

Share Market: विदेशी बाजारों का क्या हाल, कैसा रहेगा आज भारतीय शेयर मार्केट?

टोक्यो में गिरावट और शंघाई के सपाट बंद होने से ज्यादातर एशियाई बाजार 8 दिसंबर को दबाव में रहे. हांगकांग में सख्त कोविड नीति में ढील देने के कारण बाजार गुलजार रहे.

भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) एक दिन पहले मामूली बढ़त के साथ बंद हुए. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 160 अंक या 0.26% बढ़कर 62,570 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 50 (NSE Nifty 50) 48 अंक या 0.26% चढ़कर 18,609 पर बंद हुआ.

विदेशी बाजारों का क्या हाल?

प्रमुख अमेरिकी बाजारों ने कैसा किया प्रदर्शन-

S&P 500 0.75 फीसदी चढ़ा

NASDAQ में 1.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई

Dow Jones 0.55 फिसदी चढ़ा

एशियाई बाजार कर रहे अच्छा प्रदर्शन-

सिंगापुर स्‍टॉक एक्‍सचेंज सुबह 7 बजकर 40 मिनट पर 69 अंक या 0.37 फीसदी ऊपर है

जापान के निक्केई में 1.19 फीसदी चढ़ा

ताइवान का शेयर बाजार 0.80 फीसदी चढ़ा

साउथ कोरिया के कॉस्पी में 0.48 फीसदी चढ़ा

एनएसई पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 6 दिसंबर को, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 1,132 करोड़ रुपये के शेयर्स बेचे, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने भी 772 करोड़ रुपये के शेयर्स खरीदे हैं.

खबरों में हैं ये स्टॉक्स

आज शेयर बाजार में इन स्टॉक्स पर नजर रख सकते हैं जो खबरों में बने हुए हैं-

वन 97 कम्युनिकेशन (पेटीएम), मैक्स फाइनेंशियल सर्विस, लुपिन, हिंदुस्तान यूनिलिवर, सन फार्मास्युटिकल, अडानी एंटरप्राइस.

डिस्क्लेमर: यहां दिए गए किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट टिप्स या सलाह एक्सपर्ट्स और एनालिस्टस के खुद के हैं. और इसका क्विंट हिंदी से कोई लेना-देना नहीं है. कृपया कर किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट डिसिजन लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य ले.

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