जानिए क्या है स्टॉक मार्केट सेंटिमेंट? क्यों निवेशकों को इसकी चिंता करनी चाहिए

इकनॉमी या किसी खास शेयर के बारे में लोगों की एक विशेष धारणा ही सेंटिमेंट को तय करने में अहम भूमिका निभाती है. इस धारणा को ही मार्केट सेंटिमेंट या बाजार की धारणा कहते हैं.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 11 Sep 2020 01:27 PM (IST)

शेयर बाजार के बारे में बात करते हुए अक्सर हम इस का जिक्र करते हैं कि मार्केट सेंटिमेंट खराब है इसमें सुधार आ रहा है. निवेशकों के बीच यह आम चर्चा का विषय होता है कि कारोबारी धारणा बेहतर है या बाजार का सेंटिमेंट बिगड़ा हुआ है. दरअसल निवेश की दुनिया में कारोबारी सेंटिमेंट का क्या है मार्केट सेंटीमेंट काफी ज्यादा असर होता है. इसका असर डेट हो या इक्विटी मार्केट, दोनों पर पड़ता है. इस सेंटिमेंट के आधार पर निवेशक पैसा लगाते हैं. ई-ट्रेडर्स और विश्लेषक शेयरों बॉन्ड्स से पैसा कमाते हैं.

इकनॉमी या शेयरों के बारे में निवेशकों की राय से बनता है सेंटिमेंट

इकनॉमी या किसी खास शेयर के बारे में लोगों की एक विशेष धारणा ही सेंटिमेंट को तय करने क्या है मार्केट सेंटीमेंट में अहम भूमिका निभाती है. इस धारणा को ही मार्केट सेंटिमेंट या बाजार की धारणा कहते हैं. बाजार की चाल मार्केट सेंटिमेंट से ही तय होती क्या है मार्केट सेंटीमेंट है.जब बाजार में उछाल दर्ज होती है तो मार्केट सेंटिमेंट मजबूत होता है. यानी लोग अपने निवेश पर ज्यादा जोखिम लेना पसंद करते हैं और लेकिन बाजार गिरने से सेंटिमेंट कमजोर होता है और निवेशक दूर हटते हैं. निवेशक सतर्क हो जाते हैं और जोखिम नहीं लेते हैं.

सिर्फ बाजार के फंडामेंटल से तय नहीं होते सेंटिमेंट

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बाजार की दिशा हमेशा फंडामेंटल ही तय नहीं करते. कई ऐसी चीजें होती हैं जो बाजार पर असर करती हैं. कई बार बाजार में भावनात्मक मुद्दे भी हावी रहते हैं और निवेशक बगैर ज्यादा सोचे-समझे निवेश करता है. शेयरों और सिक्योरिटी को लेकर निवेशकों की धारणा से उसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. डे-ट्रेडर्स और टेक्निकल क्या है मार्केट सेंटीमेंट एनालिस्ट इसका फायदा उठाते हैं. छोटी अवधि में कीमतों में जो उतार-चढ़ाव होते हैं, उससे निवेशकों की निवेश भावनाएं प्रभावित होती हैं. मार्केट सेंटिमेंट के आकलन के लिए अलग-अलग तरह के इंडेकेटर्स हैं. इनमें वोलेटिलिटी इंडेक्स भी शामिल है. वोलेटिलिटी इंडेक्स बाजार की अनिश्चितता के बारे में बताता है. इससे पता चलता है कि मार्केट सेंटिमेंट क्या हैं.

Published at : 11 Sep 2020 01:27 PM (IST) Tags: Market sentiment stock investing investment tips Share Market हिंदी समाचार, क्या है मार्केट सेंटीमेंट ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Market Sentiment- मार्केट सेंटीमेंट

क्या होता है मार्केट सेंटीमेंट?
मार्केट सेंटीमेंट (Market Sentiment) यानी बाजार धारणा किसी विशेष सिक्योरिटी या वित्तीय बाजार के प्रति निवेशकों के समग्र रवैये को संदर्भित करती है। यह बाजार की भावना या टोन या भीड़ मानसिकता है जैसाकि उस बाजार में ट्रेड की जा रही सिक्योरिटियों की गतिविधि या प्राइस मूवमेंट के जरिये पता लगता है। व्यापक अर्थों में, बढ़ती कीमतें बुलिश मार्केट सेंटीमेंट का संकेत देती हैं जबकि गिरती कीमत मंदी अर्थात बियरिश मार्केट सेंटीमेंट का संकेत देती हैं।

मुख्य बातें
- मार्केट सेंटीमेंट से तात्पर्य किसी स्टॉक या कुल मिलाकर स्टॉक मार्केट के बारे में समग्र आम सहमति से है।
- मार्केट सेंटीमेंट बुलिश होता है जब कीमतें बढ़ रही होती हैं।
- मार्केट सेंटीमेंट बियरिश होता है जब कीमतें घट रही होती हैं।
- तकनीकी संकेतक निवेशकों को मार्केट सेंटीमेंट की माप करने में सहायता कर सकते हैं।

मार्केट सेंटीमेंट को समझना
मार्केट सेंटीमेंट को ‘निवेशक धारणा' भी कहा जाता है और यह हमेशा फंडामेंटल्स यानी बुनियादी कारकों पर ही अधारित नहीं होता है। डे ट्रेडर और तकनीकी विश्लेषक मार्केट सेंटीमेंट पर भरोसा करते हैं क्योंकि यह उन तकनीकी संकेतकों को प्रभावित करता है जिनका उपयोग क्या है मार्केट सेंटीमेंट वे किसी सिक्योरिटी के प्रति निवेशकों के रवैये द्वारा अक्सर उत्पन्न अल्प अवधि प्राइस मूवमेंट की माप करने और लाभ उठाने के लिए करते हैं।

मार्केट सेंटीमेंट उन विपरीत निवेशकों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो व्याप्त सहमतियों की विपरीत दिशा में ट्रेड करना पसंद करते हैं। निवेशक आम तौर पर मार्केट सेंटीमेंट को बियरिश या बुलिश के रूप में देखते हैं। जब बियर्स यानी मंदडियों का नियंत्रण होता है तो स्टॉक की कीमतें नीचे जाती हैं। जब बुल्स यानी तेजड़ियों का नियंत्रण होता है तो स्टॉक की कीमतें ऊपर जाती हैं। भावनाएं अक्सर स्टॉक मार्केट को प्रेरित करती हैं इसलिए मार्केट सेंटीमेंट हमेशा फंडामेंटल वैल्यू का पर्याय नहीं होते। अर्थात मार्केट सेंटीमेंट भावनाओं और संवदेनशीलता का मसला है जबकि फंडामेंटल वैल्यू का संबंध कंपनियों के प्रदर्शन से है। कुछ निवेशक क्या है मार्केट सेंटीमेंट मार्केट सेंटीमेंट की माप करने के लिए विभिन्न संकेतकों का उपयोग करते हैं जो उन्हें यह निर्धारित करने में मदद करता है कि ट्रेड करने के लिए कौन सर्वश्रेष्ठ स्टॉक है।

स्‍टॉक मार्केट सेंटिमेंट क्‍या होता है?

जब बाजार चढ़ता है तो मार्केट सेंटिमेंट में मजबूती आती है वहीं, बाजार के गिरने पर मार्केट सेंटिमेंट में कमजोरी आती है.

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2. जब बाजार चढ़ता है तो मार्केट क्या है मार्केट सेंटीमेंट सेंटिमेंट में मजबूती आती है. दूसरे शब्‍दों में कहें तो लोग ज्‍यादा जोखिम क्या है मार्केट सेंटीमेंट लेने के लिए तैयार होते हैं. वहीं, बाजार के गिरने पर मार्केट सेंटिमेंट में कमजोरी आती है. ऐसी स्थितियों में निवेशक सतर्क रुख अपनाते हैं या फिर जोखिम लेने से कतराते हैं.

3. मार्केट सेंटिमेंट हमेशा बुनियादी बातों पर आधारित नहीं होते हैं. कई बार बाजार में भावनाओं में बहकर निवेशक दांव लगाते हैं. यही कारण है कि मार्केट सेंटिमेंट को देखकर दांव लगाने से नफा-नुकसान दोनों हो सकते हैं.

4. प्रतिभूतियों को लेकर निवेशकों की धारणा से उसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव आता है. इस उतार-चढ़ाव का डे-ट्रेडर्स और टेक्निकल एनालिस्‍ट्स फायदा उठाते हैं. वे छोटी अवधि में कीमतों में उठापटक से लाभ उठाने की कोशिश करते हैं.

5. मार्केट सेंटिमेंट को नापने के लिए विभिन्‍न तरह के इंडिकेटर्स हैं. इनमें वोलेटिलिटी इंडेक्‍स शामिल है. इसकी मदद से निवेशकों को पता लगता है कि मार्केट सेंटिमेंट किस तरह के हैं.

इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.

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Stock Market Closing: सेंसेक्‍स 420 अंक टूटकर बंद, निफ्टी 18,100 के नीचे सेटल; बैंक शेयरों में तेज क्या है मार्केट सेंटीमेंट बिकवाली

Stock Market Closing: ग्‍लोबल सेंटीमेंट के चलते घरेलू बाजार गुरुवार को लाल निशान में बंद हुए. बीएसई का सेंसेक्‍स करीब 419.85 अंक टूटकर 60,613.70 पर बंद हुआ. निफ्टी 128.80 अंक नीचे 18028.20 पर बंद हुआ. बाजार में चौतरफा बिकवाली. वीकली एक्‍सपायरी के दिन बैंकिंग शेयरों में बिकवाली तेजी रही. इससे पहले, अमेरिकी बाजार लगातार तीन दिन दौड़ने के बाद 2 से 2.5 फीसदी टूट गए. डाओ जोन्‍स 650 अंक और नैस्डैक 260 अंक टूटकर दिन के निचले स्तरों पर बंद हुए. वहीं, SGX निफ्टी में भी कमजोरी देखने को मिली. यह करीब 50 अंकों की गिरावट के साथ 18150 के आसपास है. इसका असर गुरुवार (10 नवंबर 2022) के कारोबार में क्या है मार्केट सेंटीमेंट घरेलू बाजारों पर देखने को मिल सकता है. इससे पहले, बुधवार को भी भारतीय बाजार गिरावट के साथ बंद हुए थे. सेंसेक्‍स करीब 150 अंक और निफ्टी 46 अंक टूटकर बंद हुआ था.

निफ्टी के सभी सेक्‍टोरल इंडेक्‍स लाल निशान में रहे. सबसे ज्‍यादा गिरावट कंज्‍यूमर ड्यूरेबल्‍स में 1.18 फीसदी रही. इसके क्या है मार्केट सेंटीमेंट अलावा, पीएसयू बैंक और ऑटो इंडेक्‍स में भी एक फीसदी से ज्‍यादा की गिरावट रही.

टॉप 5 गेनर

सेंसेक्‍स में HDFC बैंक, भारती एयरटेल, कोटक बैंक, डॉ. रेड्डीज और हिंदुस्‍तान यूनिलीवर टॉप गेनर रहे.

टॉप 5 लूजर

सेंसेक्‍स पर एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, टाइटन, महिंद्रा एंड महिंद्रा और बजाज फाइनेंस टॉप लूजर रहे.

गिरावट के साथ बाजार बंद

गुरुवार को वीकली एक्‍सपायरी के दिन बाजार गिरावट के साथ बंद हुए. सेंसेक्‍स 420 अंक नीचे 60,613.70 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 128.80 अंक गिरकर 18028 पर बंद हुआ.

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