कोई ग्राहक नहीं है, कोई बिज़नेस नहीं है, मैं क्या करूँ ?

प्रश्नकर्ता : दुकान में ग्राहक आएँ, इसलिए मैं दुकान जल्दी खोलता हूँ और देर से बंद करता हूँ, यह ठीक है न?

दादाश्री : आप ग्राहक को आकर्षित करनेवाले कौन? आपको तो दुकान जिस समय लोग खोलते हों, उसी समय खोलनी। लोग सात बजे खोलते हों, और हम साढ़े नौ बजे खोलें तो वह गलत कहलाएगा। लोग जब बंद करें तब हमें भी बंद करके घर जाना चाहिए। व्यवहार क्या कहता है कि लोग क्या करते हैं वह देखो। लोग सो जाएँ तब आप भी सो जाओ। रात को दो बजे तक अंदर घमासान मचाया करो, वह किसके जैसी बात! खाना खाने के बाद सोचते हो कि किस तरह पचेगा? उसका फल सुबह मिल ही जाता है न? ऐसा व्यापार में सब जगह है।

प्रश्नकर्ता : दादा, अभी दुकान में ग्राहकी बिलकुल नहीं है तो क्या करूँ?

दादाश्री : यह 'इलेक्ट्रिसिटी' जाए, तब आप 'इलेक्ट्रिसिटी कब आएगी, कब आएगी' ऐसा करो तो जल्दी आती है? वहाँ आप क्या करते एक दिन व्यापारी को क्या चाहिए हो?

प्रश्नकर्ता : एक-दो बार फोन करते हैं या खुद कहने जाते हैं।

दादाश्री : सौ बार फोन नहीं करते?

प्रश्नकर्ता : ना।

दादाश्री : यह लाइट गई तब हम तो चैन से गा रहे थे और फिर अपने आप ही आ गई न?

प्रश्नकर्ता : मतलब हमें निःस्पृह हो जाना है?

दादाश्री : निःस्पृह होना भी गुनाह है और सस्पृह होना भी गुनाह है। लाइट आए तो अच्छा, ऐसा हमें रखना है, सस्पृह-निःस्पृह एक दिन व्यापारी को क्या चाहिए रहने का कहा है। ग्राहक आएँ तो अच्छा ऐसा रखना है, बेकार भाग-दौड़ मत करना। 'रेग्युलारिटी' और भाव नहीं बिगाड़ना, वह 'रिलेटिव' पुरुषार्थ है। ग्राहक नहीं आएँ तो अकुलाना नहीं और एक दिन ग्राहकों के झुँड पर झुंड आएँ तब सबको संतोष देना। यह तो एक दिन ग्राहक नहीं आएँ तो नौकरों को सेठ धमकाते रहता है। तब हम उनकी जगह पर हो तो क्या होगा? वह बेचारा नौकरी करने आता है और आप उसे धमकाते हो, तो वह बैर बाँधकर सहन कर लेगा। नौकर को धमकाना मत, वह भी मनुष्यजाति है। उसे घर पर बेचारे को दुःख और यहाँ आप सेठ होकर धमकाओ तब वह बेचारा कहाँ जाए? बेचारे पर ज़रा दयाभाव तो रखो!

यह तो ग्राहक आए तो शांति से और प्रेम से उसे माल देना। ग्राहक नहीं हों, तब भगवान का नाम लेना। यह तो ग्राहक नहीं हों, तब इधर देखता है और उधर देखता है। अंदर अकुलाया करता है, 'आज खर्च सिर पर पड़ेगा। इतना नुकसान हो गया', ऐसा चक्कर चलाता है, चिढ़ता है और नौकर को धमकाता भी है। ऐसे आर्तध्यान और रौद्रध्यान किया करता है! ग्राहक आते हैं, वह 'व्यवस्थित' के हिसाब से जो ग्राहक आनेवाला हो वही आता है, उसमें अंदर चक्कर मत चलाना। दुकान में ग्राहक आए तो पैसे का लेन-देन करना, पर कषाय मत करना, पटाकर काम करना है। यदि पत्थर के नीचे हाथ आ जाए तो हथौड़ा मारते हो? ना, वहाँ तो दब एक दिन व्यापारी को क्या चाहिए जाए तो पटाकर निकाल लेना चाहिए। उसमें कषाय का उपयोग करें तो बैर बँधता है और एक बैर में से अनंत खड़े होते हैं। यह बैर से ही जगत् खड़ा है, वही मूल कारण है।

Book Name: क्लेश रहित जीवन (Page #132 Last Paragraph & Page #133 & Page 134 Paragraph #1, #2)

A. दादाश्री : दुःख किसे कहते हैं? इस शरीर को भूख लगे, तब फिर खाने का आठ घंटे-बारह घंटे न मिले तब दुःख. Read More

A. प्रश्नकर्ता : दादा, घर में बेटे-बेटियाँ सुनते नहीं हैं, मैं खूब डाँटता हूँ फिर भी कोई असर नहीं. Read More

A. दादाश्री : इस काल में कम बोलना, उसके जैसा कुछ भी नहीं है। इस काल में बोल पत्थर जैसे लगें, ऐसे. Read More

A. प्रश्नकर्ता : सुधरे हुए की परिभाषा क्या है? दादाश्री : सामनेवाले मनुष्य को आप डाँट रहे हों तब भी. Read More

A. प्रश्नकर्ता : कुछ ऐसे होते हैं कि हम चाहे जितना अच्छा व्यवहार करें फिर भी वे समझते नहीं. Read More

A. प्रश्नकर्ता : हमें क्लेश नहीं करना हो, परन्तु सामनेवाला आकर झगड़े तो क्या करें? उसमें एक जाग्रत हो. Read More

A. दादाश्री : यह रोटी और सब्ज़ी के लिए शादी करी। पति समझे कि मैं कमाकर लाऊँ, पर यह खाना कौन बनाकर देगा. Read More

A. दादाश्री : जिसे 'एडजस्ट' होने की कला आ गई, वह दुनिया में से मोक्ष की ओर मुड़ा। 'एडजस्टमेन्ट' हुआ. Read More

A. दादाश्री : हम तो इतना जानते हैं कि झगड़ने के बाद वाइफ के साथ व्यवहार ही नहीं रखना हो तो अलग बात है।. Read More

A. प्रश्नकर्ता : सामनेवाले का समाधान करने का हम प्रयत्न करें, पर उसमें परिणाम अलग ही आनेवाला है, ऐसा. Read More

A. दादाश्री : यह व्यापार किसलिए करते हो? प्रश्नकर्ता : पैसे कमाने के लिए। दादाश्री : पैसा किसके. Read More

A. दादाश्री : व्यापार कौन-सा अच्छा कि जिसमें हिंसा न समाती हो, किसी को अपने व्यापार से दुःख न हो। यह. Read More

A. दादाश्री : हरएक व्यापार उदय-अस्तवाला होता है। मच्छर बहुत हों तब भी सारी रात सोने नहीं देते और दो. Read More

A. प्रश्नकर्ता : आजकल प्रामाणिकता से व्यापार करने जाएँ तो ज़्यादा मुश्किलें आती हैं, वह क्यों. Read More

A. प्रश्नकर्ता : व्यापार की चिंता होती है, बहुत अड़चनें आती हैं। दादाश्री : चिंता होने लगे कि समझना. Read More

A. प्रश्नकर्ता : कुछ लोगों के घर में लक्ष्मी ही उस प्रकार की होगी इसलएि क्लेश होता होगा? दादाश्री . Read More

A. प्रश्नकर्ता : व्यापार में बहुत घाटा हुआ है तो क्या करूँ? व्यापार बंद करूँ या दूसरा करूँ? कज़र् बहुत. Read More

A. यह तो सत्तावाला अपने हाथ नीचेवालों को कुचलता रहता है। जो सत्ता का दुरुपयोग करता है, वह सत्ता जाती. Read More

A. जगत् तो प्यादों को, अन्डरहैन्ड को धमकाए ऐसा है। अरे, साहब को धमका न, वहाँ हम जीतें तो काम का! जगत्. Read More

व्यापार के लिए हर किसी से पैसे नहीं मांगे जाते, जान लीजिए ये 5 खास बातें

अगर आपने अपना स्टार्टअप शुरू किया है या शुरू करने की सोच रहे हैं और इसके लिए आपको किसी निवेशक की तलाश है, तो ये लेख आपके कुछ काम आ सकता है.

अगर उद्यमी को निवेशक की तलाश है, तो ये बात भी उतनी ही सच है कि निवेशकों को भी उद्यमियों की तलाश रहती है.

अगर आपने अपना स्टार्टअप शुरू किया है या शुरू करने की सोच रहे हैं और इसके लिए आपको किसी निवेशक की तलाश है, तो ये लेख आपके कुछ काम आ सकता है. स्टार्टअप या कोई नया व्यापार शुरू करने के लिए उद्यमी को एक दिन व्यापारी को क्या चाहिए निवेशक की जरूरत होती है, लेकिन ये बात भी उतनी ही सच है कि निवेशक को अपना पैसा लगाने के लिए किसी उद्यमी की जरूरत होती है. यानी दोनों को एक दूसरे की जरूरत है. व्यापार के लिए इस बात को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है. निवेशक अपने पैसे से पैसा बनाना चाहता है. आप उसे अपनी जरूरत बताने की जगह अगर उसकी जरूरत पर एक दिन व्यापारी को क्या चाहिए होमवर्क करेंगे, तो फंडिंग मिलने में दिक्कत नहीं आएगी. यहां हम आपको कुछ ऐसी ही जरूरी बातें बता रहे हैं.

1. बैकग्राउंड
निवेशक आपकी कंपनी और आपके व्यापार के बारे में कितना जानते हैं. आम तौर पर निवेशक उसी व्यापार में पैसे लगाते हैं, जिसके बारे में उन्हें जानकारी होती है. जैसे यदि किसी निवेशक ने खेती और बागवानी का काम किया है तो वो किसी टेक्नालॉजी स्टार्टअप में पैसे लगाने के लिए जल्दी तैयार नहीं होगा. तो ऐसे लोगों से मिलिए जो आपके व्यापार और संभावनाओं के बारे में जानते हों. तभी वो आपके प्रस्ताव का सही आकलन कर पाएंगे.

2. पिछला निवेश
आपको ये भी पता होना चाहिए कि इससे पहले उन्होंने किन कंपनियों में निवेश किया है. आमतौर पर वो पहले जैसी कंपनियों में निवेश कर चुके हैं, ज्यादा संभावना रहती है कि वे उससे मिलती जुलती कंपनी में निवेश करेंगे. इसके अलावा सही जगह पर सही व्यक्ति से मिलना भी जरूरी है. यानी आप ऐसी कंपनी में पहुंच गए तो आपके व्यापार में निवेश कर सकी है, लेकिन आपको ये पता करना भी जरूरी है कि यहां वो कौन व्यक्ति है जो आपके प्रस्ताव में रुचि ले सकता है.

3. निवेश की अवस्था
क्या आप जिस निवेशक के पास जा रहे हैं वो नई या छोटी कंपनियों में निवेश करते हैं. क्या उनका कोई ऐसा मापदंड है कि कंपनी की आय कम से कम इतनी हो होनी चाहिए या उनकी कोई और मांग है. निवेश का प्रस्ताव ले जाने से पहले इस बात को जान लेना जरूरी होता है.

4. निवेश का आकार
आपको पता होना चाहिए कि आपको कितना पैसा चाहिए. आपके व्यापार को कितने रुपये की जरूरत है. इसके लिए व्यापार और विस्तार की पक्की योजना आपके पास होनी चाहिए. आपको उन्हें बताना पड़ेगा कि आपको इतने धन की जरूरत क्यों है और इस पैसे का कआप करेंगे क्या?

5. अपेक्षित मुनाफा
कोई भी पैसा यूं ही नहीं दे देता है. आपको पता होना चाहिए कि निवेश के बदले में वो कितना मुनाफा पाने की उम्मीद कर रहे हैं. क्या आप अपने व्यापार से निवेशकों को उनकी उम्मीद के मुताबिक रिटर्न दे पाएंगे. दूसरी बात ये कि वो अपने निवेश पर कब से रिटर्न पाने की उम्मीद कर रहे हैं. आपने क्या सोचा है कि आपका व्यापार कब से मुनाफे में आ जाएगा. इस बारे में पहले दिन ही स्थिति साफ होनी चाहिए.

इन बातों के बारे में अगर आप पहले से तैयारी कर लेंगे, तो किसी संभावित निवेशक के साथ मीटिंग का नतीजा जरूर सकारात्मक होगा. ये याद रखिए आप चाहें जितने काबिल हों, आपका आइडिया कितना भी बढ़िया क्यों न हो, लेकिन पैसे जुटाना आसान नहीं है. लेकिन होमवर्क पूरा करने पर और सही व्यक्ति के साथ मीटिंग करने पर आपको सफलता जरूर मिलेगी. याद रखिए अगर आपको उनकी तलाश है, तो उन्हें भी आपकी तलाश है.

The Beauty and The Beast Story in Hindi | ब्यूटी एंड द बीस्ट

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The Beauty and The Beast Story in Hindi: एक बार एक अमीर व्यापारी अपनी तीन बेटियाँ के साथ रहत था। एक दिन, पिता को एक दूर के स्थान पर जाना था और उन्होंने अपनी बेटियों से पूछा कि वे उनकी वापसी पर क्या चाहते हैं। पहली और दूसरी बेटी ने सुंदर कपड़े माँगे। लेकिन तीसरी बेटी, जिसका नाम ब्यूटी था, ने कहा, पिता, मुझे केवल आपके हाथ से बस एक गुलाब चाहिए।

व्यापारी को वापस लौटते हुए एक घने जंगल को पार करना था। और अंधेरा हो चुका था तब व्यापारी ने सोने के लिए जगह खोजने की कोशिश की। उसने अचानक एक विशाल महल मिला और वह किसी व्यक्ति को खोजने के लिए अंदर चला गया। स्वादिष्ट भोजन के साथ एक बड़ी मेज थी और उसने वह सब खा लिया। फिर व्यापारी बेडरूम में चला गया और एक नरम बिस्तर पर सो गया। अगले दिन, व्यापारी को महल में कोई नहीं मिला। उन्होंने लॉन में एक सुंदर गुलाब की झाड़ी को देखा और ब्यूटी के उपहार को याद किया। उसने झाड़ी से एक लाल गुलाब निकाला।

The Beauty and The Beast Story in Hindi

The Beauty and The Beast Story in Hindi

अचानक, एक क्रूर दिखने वाला बीस्ट झाड़ी से बाहर निकल आया। उसने बढ़िया रेशमी कपड़े पहने और दहाड़ते हुए कहा, “मैंने तुम्हें खाना दिया और सोने के लिए बिस्तर दिया! और अब, तुम मेरे गुलाब चुरा रहे हो! ” एक दिन व्यापारी को क्या चाहिए व्यापारी भयभीत था और उसने बीस्ट को ब्यूटी के उपहार के बारे में बताया। द बीस्ट ने उसे तभी जाने दिए, जब उसने ब्यूटी को इस महल में भेजने का वादा किया। व्यापारी सहमत हो गया और घर वापस चला गया। वह रोया और अपनी बेटियों को के बारे में बताया। लेकिन ब्यूटी ने अपने पिता सेे बहुत प्यार करती थी और वह बीस्ट के साथ रहने के लिए तैयार हो गई।

द बीस्ट ने बहुत ही दयालुता से ब्यूटी के साथ रहना शुरू किया। वह उसके प्रति कभी असभ्य नहीं था। उसने उसे सबसे बड़े कमरे में रहने दिया और उसे सुंदर बगीचे में घूमने दिया। ब्यूटी फायरप्लेस के पास बैठती और सिलाई करती जबकि बीस्ट अपना काम करता था। पहले तो ब्यूटी बीस्ट से डरती थी लेकिन धीरे-धीरे वह उसे पसंद करने लगी।

एक दिन, बीस्ट ने ब्यूटी से उससे शादी करने के लिए कहा, लेकिन उसने इनकार कर दिया। वह अभी भी अपने भयभीत-दिखने वाले चेहरे से डरती थी। बीस्ट अभी भी उसके साथ प्यार से पेश आया और बहुत प्यार से। ब्यूटी ने अपने पिता को बहुत याद किया। द बीस्ट ने उसे एक जादुई दर्पण दिया और कहा, “दर्पण को देखो और तुम अपने परिवार को देख एक दिन व्यापारी को क्या चाहिए सकती हो। अब आप अकेलापन महसूस नहीं करेंगे।

एक दिन, ब्यूटी ने दर्पण में देखा और देखा कि उसके पिता बहुत बीमार और मर रहे थे। वह बीस्ट के पास गई और रोते हुए कहती है, “कृपया मुझे घर जाने दो! मैं केवल मरने से पहले अपने पिता को देखना चाहता हूं! लेकिन बीस्ट ने कहा, नहीं! आपने वादा किया था कि आप इस महल को कभी एक दिन व्यापारी को क्या चाहिए नहीं छोडोगी! ” यह कहते हुए वह कमरे से बाहर चला गया।

लेकिन कुछ समय बाद, वह ब्यूटी के पास आई और कहा, “आप सात दिनों के लिए अपने पिता के साथ रहने जा सकते हैं। लेकिन आपको उसके बाद लौटने का वादा करना चाहिए। ” ब्यूटी बहुत खुश थी और सहमत भी। फिर वह अपने पिता के पास रहने चली गई। ब्यूटी को देखकर उसके पिता बहुत खुश हुए और जल्द ही ठीक हो जाता है। ब्यूटी अपने परिवार के साथ सात दिनों और अधिक समय तक रही। और वह बीस्ट के महल को भूल गई। लेकिन एक रात, वह एक भयानक दुःस्वप्न था जिसमें उसने देखा कि बीस्ट बहुत बीमार था और मरने वाला था। वह रो रहा था, ब्यूटी, कृपया वापस आ जाओ!

ब्यूटी जाग गई और महल में वापस चली गई क्योंकि वह बीस्ट को चोट नही पहुंचाना चाहती थी। उसने रोते हुए कहा, कृपया मरो मत, ब्यूटी! मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा! ” जानवर चमत्कारी रूप से एक सुंदर राजकुमार में बदल गया। उन्होंने कहा, “मैं एक दिन व्यापारी को क्या चाहिए इतने वर्षों से एक अभिशाप के कारण बाीस्ट के रूप में था और मूझे केवल तभी राहत मिल सकती थी जब कोई मुझसे सच्चा प्यार करे। मैं अब शाप से ठीक हो गया हूँ क्योंकि तुम मुझसे सच्चा प्यार करती हो। ” और फिर, ब्यूटी एंड द बीस्ट ने शादी कर लीे और एक साथ वे खुशी खुशी रहने लगें।

Motivational stories in Hindi with moral – भिखारी बना व्यापारी।

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चलो मैं तुम्हें कुछ रुपए दे भी दूंगा लेकिन तुम मुझे क्या दोगे तो भिखारी ने कहा बाबूजी मेरे पास तो कुछ भी नहीं है मैं एक भिखारी हूं मैं आपको क्या दे सकता हूं?

व्यक्ति तो स्टेशन पर उतर कर चला गया लेकिन भिखारी जो है वह स्टेशन के बाहर आकर सोचने लगा कि मैं लोगों को क्या दे सकता हूं?

इसने आसपास नजर दौड़ाई एक दिन व्यापारी को क्या चाहिए तो इससे छोटे-छोटे पौधे नजर आए जिस में फूल लगे हुए थे तो इस ने सोचा कि फूल तोड़ते हैं यदि मुझे कोई भीख देता है तो मैं उसे यह फूल दूंगा।

यह प्रक्रिया चलती रही कुछ दिनों के बाद से फिर से उस भिखारी को वही व्यक्ति नजर आया, भिखारी जल्दी से उस व्यक्ति के पास पहुंचा और बोला कि बाबूजी इस बार मेरे पास आपको देने के लिए कुछ है आप मुझे भीख दो।

वह व्यक्ति खुश हो गया और बोला है कि अब मुझे समझ आ गया है कि तुम एक व्यापारी बन चुके हो तुम्हें समझ आ गया कि लेनदेन क्या होता है।

जिंदगी में जब तक कुछ दे नहीं सकते तब तक लेना नहीं चाहिए यह बोल कर वह व्यक्ति स्टेशन से उतरा और अपने घर को चला गया।

वह जो भिखारी था तो वह सोचने लगा और वह समझ
आ गया कि कुछ तो मामला है,वह ट्रेन से उतरा और जोर से चिल्लाने लगा कि मैं भिखारी नहीं मैं व्यापारी हूं मै भी उस व्यक्ति की तरह बनकर दिखाऊंगा अमीर बनकर दिखाऊंगा। यह देखकर आसपास में जो लोग थे वह सोचने लगे कि यह पागल हो गया है।

6 महीनो के बाद उसी स्टेशन पर दो सभ्य आदमी मिलते है एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को बोल रहा होता है कि पहचाना हम तीसरी बार मिल रहे हैं तो दूसरे व्यक्ति ने बोला नहीं मुझे लगता है कि हम पहली बार मिल रहे हैं।

तो पहला व्यक्ति बोलता है कि नहीं नहीं दो बार हम पहले भी मिल चुके हैं मैं वही भिखारी हूं जिससे पहली बार मिलने पर आप ने सिखाया की लेनदेन कितनी बड़ी एक दिन व्यापारी को क्या चाहिए बात होती है।

दूसरी बार आपने सिखाया कि यदि मैं अपनी सोच को बड़ा करूंगा तो आप की तरह बन सकता हूं आज देखिए आज मैं बिल्कुल आप की तरह ही दिख रहा हूं, आपकी तरह ही बन गया हूँ।

मैंने पहले फूल तोड़ करके देने शुरू किए फिर मैंने फूल खरीदने शुरू किए और आज मेरा फूलों का बहुत बड़ा बिज़नस है।

  • यह छोटी सी कहानी हमें जिन्दगी मे बहुत बड़ी बात सिखाती है कि जबतक आप जिन्दगी मे प्रयास नहीं डालीएगा, जब तक आप अपनी तरफ से ऊर्जा नहीं लगाइएगा आपकी जिन्दगी मे तब तक परिणाम नहीं मिलेगा।
  • दूसरी बात हम हमेशा सोचते है कि मेरी जिन्दगी यही तक है थोड़ा बड़ा सोचिए अपनी चादर को बड़ा किजिये तब आप आराम से पैर फैलाकर सो सकते हैं

यह motivation stories in hindi with moral आपको कैसी लगी हमें कमेंट करके बताए और ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।

2 thoughts on “Motivational stories in Hindi with moral – भिखारी बना व्यापारी।”

bahut hi prernadayak kahani diya hai aapne. dhanyawad

bahut bahut dhnayawad bhai

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व्यापार में लाभ के लिए आजमाएं यह आसान उपाय

totke for business

अगर आपको लगता है कि आप लगन पूर्वक काम करते हैं फिर भी व्यापार में अनुकूल सफलता नहीं मिल रही है तो इसका कारण ग्रहों का विपरीत प्रभाव या वास्तुदोष भी हो सकता है। इन हालातों में व्यवसाय में उन्नति के लिए आप कुछ प्रचलित टोटके आजमा सकते हैं।

बारह गोमती चक्र लेकर उसे लाल रंग के कपड़े में बांधकर दुकान या अपने ऑफिस के बाहर मुख्य दरवाजे पर लटका दें। इससे ग्रहकों की संख्या बढ़ेगी और कारोबार में आने वाली बाधाएं दूर होगी

अगर किसी ने आपके व्यवसाय में टोटका कर दिया है तो उसे दूर करने के लिए रविवार के दिन दोपहर में पांच नींबू काटकर व्यापारिक प्रतिष्ठान में रख दें। इसके साथ एक मुट्ठी काली मिर्च और एक मुट्ठी पीली सरसों रख दें। अगले दिन सुबह दुकान खोलने के बाद इन सभी सामानों को उठाकर किसी सूनसान स्थान पर ले जाकर रख आएं।

पढ़ें, ऐसे पुरुषों से रहें सावधान, पहुंचा सकते हैं आपको नुकसान
एक एकाक्षी नारियल लेकर व्यापारिक प्रतिष्ठान में पूजा स्थान पर रखें। नियमित इस नारियल को धूप-दीप दिखाएं इससे व्यापार में उन्नति होती है।

अगर आपको लगता है कि आप लगन पूर्वक काम करते हैं फिर भी व्यापार में अनुकूल सफलता नहीं मिल रही है तो इसका कारण ग्रहों का विपरीत प्रभाव या वास्तुदोष भी हो सकता है। इन हालातों में व्यवसाय में उन्नति के लिए आप कुछ प्रचलित टोटके आजमा सकते हैं।

बारह गोमती चक्र लेकर उसे लाल रंग के कपड़े में बांधकर दुकान या अपने ऑफिस के बाहर मुख्य दरवाजे पर लटका दें। इससे ग्रहकों की संख्या बढ़ेगी और कारोबार में आने वाली बाधाएं दूर होगी

अगर किसी ने आपके व्यवसाय में टोटका कर दिया है तो उसे दूर करने के लिए रविवार के दिन दोपहर में पांच नींबू काटकर व्यापारिक प्रतिष्ठान में रख दें। इसके साथ एक मुट्ठी काली मिर्च और एक मुट्ठी पीली सरसों रख दें। अगले दिन सुबह दुकान खोलने के बाद इन सभी सामानों को उठाकर किसी सूनसान स्थान पर ले जाकर रख आएं।


पढ़ें, ऐसे पुरुषों से रहें सावधान, पहुंचा सकते हैं आपको नुकसान
एक एकाक्षी नारियल लेकर व्यापारिक प्रतिष्ठान में पूजा स्थान पर रखें। नियमित इस नारियल को धूप-दीप दिखाएं इससे व्यापार में उन्नति होती है।

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