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Types of Mutual Funds: अगर आपको भी Mutual Funds के बारे है कंफ्यूजन तो जान लीजिए ये जरूरी बातें
Types of Mutual Funds Mutual Funds को समझने से पहले ये ये जानना जरूरी है कि यह काम कैसे करता है? Mutual Funds बहुत से लोगों के लिए छोटी इन्वेस्टमेंट में बड़े फायदे की तरह होता है। इसे अच्छे से समझ लें।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आज हम बात करेंगे Mutual Funds के बारे में। बहुत से लोग सोचते हैं कि सभी Mutual Funds एक जैसे ही होते हैं पर ऐसा बिलकुल भी नहीं है। Mutual Funds में भी बहुत सी कैटेगरी होती हैं जि्नके बारे में बहुत कम लोगों को ही जानकारी करेंसी में कंफ्यूजन होती है। लेकिन इस बात से परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार से जानकारी साझा करने जा रहे हैं।
आपको करेंसी में कंफ्यूजन जानकार हैरानी होगी कि Mutual Funds मुख्यत दो प्रकार के होते हैं। जिसमें इक्विटी और डेट फंड की। अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है कि इक्विटी फंड और डेट फंड क्या होता है? जिसे लेकर लोग इक्विटी फंड और डेट फंड के बारे में असमंजस में रहते हैं। दोनों में से कौन-सा अच्छा होता है? इस पर अधिकतर बहस छिड़ी रहती है। दोनों के बीच में अंतर पता होने पर निवेशक यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि उनके लिए कहां पर निवेश करना फायदेमंद हो सकता है। तो आइए सबसे पहले यह जानते हैं कि इक्विटी और डेट क्या होते हैं।
Mutual Funds काम कैसे करता है
Mutual Funds को समझने से पहले ये ये जानना जरूरी है कि यह काम कैसे करता है? Mutual Funds बहुत से लोगों के लिए छोटी इन्वेस्टमेंट में बड़े फायदे की तरह होता है। Mutual Funds आपके उन पैसों को अलग-अलग जगह पर इन्वेस्ट करता है। आपको अपने पैसों पर अच्छा रिटर्न मिलता है। Mutual Funds उन पैसों को शेयर मार्केट, डेट में इन्वेस्ट करता है।
इक्विटी फंड क्या होता है
यह एक Mutual Funds करेंसी में कंफ्यूजन है जिसका निवेश शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट में किया जाता है। इसे स्टॉक फंड भी कहते हैं। एक अच्छे फंड को खरीदना किसी व्यवसाय में बिना निवेश करने का सर्वोत्तम तरीका होता है। इक्विटी फंड को पैसिव फंड के रूप में भी जानते हैं। एक्टिव फंड में फंड मैनेजर मार्केट को स्कैन करता है, कंपनियों की जानकारी लेता है, उसके प्रदर्शन की जांच करता है और निवेश के लिए एक अच्छे स्टॉक की खोज करता है। जबकि पैसिव फण्ड में फण्ड मैनेजर एक पोर्टफोलियो को टीयर करता है, जो एक मार्केट इंडेक्स को दिखाता है।
इक्विटी फंंड को कैपिटल मार्केट कंपनी के इक्विटी को कितनी महत्ता देता है। इसके अनुसार भी इक्विटी फंड को विभाजित किया जाता है। इक्विटी फंड में इन्वेस्ट करने पर रिटर्न ज्यादा मिल सकता है पर इसमें जोखिम भी ज्यादा होता है।
सिर्फ एक नंबर से दूर होगी रेलवे से संबंधित आपकी सभी परेशानी और कंफ्यूजन
आपको रेलवे की सुविधाओं करेंसी में कंफ्यूजन का लाभ उठाने या किसी जानकारी के लिए सिर्फ एक नंबर की जरूरत होगी. भारतीय करेंसी में कंफ्यूजन रेल की हेल्पलाइन नंबर 139 पर 12 भाषाओं में जानकारी मिल सकती है.
- ट्रेन संबंधी जानकारी/शिकायत
- जनरल इंक्वायरी
- सिक्योरिटी से संबंधित मुद्दे
- पार्सल संबंधी पूछताछ
- अपने शिकायत पर हुई कार्रवाई
- सतर्कता से संबंधित जानकारी
- दुर्घटना से संबंधित सूचना
- मेडिकल असिस्टेंट
- स्टेशन से संबंधित शिकायत
- 1 नंबर दबाने पर सुरक्षा और मेडिकल इमरजेंसी
- 2 नंबर पूछताछः पीएनआर, किराया और टिकट बुकिंग से जुड़ी जानकारी
- 3 नंबर पर केटरिंग संबंधी शिकायत करें
- 4 नंबर के जरिए आम शिकायत
- 5 नंबर के जरिये सतर्कता और भ्रष्टाचार की शिकायत
- 6 नंबर दबाकर ट्रेन दुर्घटना से जुड़ी सूचना मिलेगी
- 9 नंबर की मदद से पुराने शिकायत की स्थिति की जानकारी
- * दबाकर आप कॉल सेंटर अधिकारी से बात कर सकते हैं.
दुकानदार और व्यापारियों के लिए जरूरी जानकारी, अगर आपने की ये गलती तो पछताने के अलावा कुछ नहीं बचेगा
Zee Business हिंदी 09-12-2022 ज़ीबिज़ वेब टीम
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) देश में चलने वाली करेंसी को जारी करता है. हमारे देश में अभी 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये की करेंसी चलन में हैं. इनमें 1, 2, 5, 10 और 20 रुपये करेंसी नोट के साथ ही सिक्के के रूप में भी चलन में हैं. हमारे देश में सिक्कों को स्वीकार करने को लेकर कई तरह की कंफ्यूजन देखने को मिलती है. छोटे-मोटे दुकानदार ही नहीं पेट्रोल पंप ऑपरेटर भी सिक्कों को स्वीकार करने में काफी आना-कानी करते हैं. इन सिक्कों में 1 रुपये का छोटा सिक्का और 10 रुपये का सिक्का शामिल है, जिनके असली-नकली होने को करेंसी में कंफ्यूजन लेकर काफी कंफ्यूजन रहता है.
दुकानदार के खिलाफ दर्ज कराई जा सकती है FIR
अगर आप कभी किसी दुकानदार के पास जाएं और वो ये कहकर 1 रुपये या 10 रुपये का सिक्का लेने से इंकार कर दे कि ये सिक्का नहीं चलता है या ये सिक्का नकली है तो आप उस दुकानदार के खिलाफ शिकायत करेंसी में कंफ्यूजन कर सकते हैं. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ही इन सभी सिक्कों को जारी करता है जो कानूनन वैध हैं और अगर कोई भी दुकानदार इन वैध सिक्कों को लेने से इंकार करता है तो ऐसी स्थिति में उसके खिलाफ शिकायत की जा सकती है, जिसके जरिए उस दुकानदार को सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
NCIB (नेशनल क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) के मुताबिक जो दुकानदार लीगल टेंडर को स्वीकार नहीं करता है तो उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम और आइपीसी की धारा 489(A) से 489(E) के तहत FIR दर्ज कराई जा सकती है. जिसमें दोषी पाए जाने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. NCIB ने ट्वीट कर बताया कि वैध सिक्के स्वीकार न करने की स्थिति में आप तत्काल सहायता के लिए पुलिस को भी कॉल कर सकते हैं.
केंद्र सरकार ने दूर किया कंफ्यूजन, बताया- 10 रुपए का सिक्का वैलिड है या इनवैलिड
नेशनल डेस्क: आजकल कई दुकानदार 10 रुपए का सिक्का लेने से मना कर रहे हैं। इतना ही नहीं कई तो रिक्शावाले भी बोल देते हैं कि 10 रुपए का सिक्का नहीं लेंगे, क्योंकि यह सिक्का नहीं चलता या फिर यह नकली है आदि। दरअसल इसे पीछे वजह है कि बाजार में 10 रुपए के कई तरह के सिक्के मौजूद हैं। ऐसे में लोगों के दिलों में भ्रम है कि यह नकली हैं। इसी आशंका को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि 10 रुपए के सिक्के पूरी तरह मान्य हैं करेंसी में कंफ्यूजन और ये नकली नहीं हैं। सरकार की ओर से कहा गया कि 10 रुपए के सिक्कों को सभी प्रकार के लेन-देन के लिए लीगल टेंडर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दिया जवाब करेंसी में कंफ्यूजन
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 8 फरवरी को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 10 रुपए के सभी प्रकार के सिक्के लीगल टेंडर हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न आकार, थीम और डिजाइन में भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र के तहत मिंटेड और RBI (Reserve Bank of India) द्वारा सर्कुलेट किए गए 10 रुपए के सिक्के लीगल टेंडर हैं। इन्हें सभी प्रकार के ट्रांजेक्शन में लीगल टेंडर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। पंकज चौधरी राज्यसभा करेंसी में कंफ्यूजन में ए विजयकुमार के प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।
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आपके जेब में रखी नोट फिट है या अनफिट? कैसे करें पहचान? जानिए क्या कहता है RBI
कई बार लोगों को कंफ्यूजन होती है कि उनकी जेब में रखी नोट फिट है या अनफिट? असली है या नकली? इसकी पहचान करने में बहुत परेशानी होती है। इसीलिए आरबीआई ने निर्देश दिया है कि अब बैंकों को समय-समय पर नोटों की प्रामाणिकता की जांच करनी होगी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों से कहा है कि वे हर तिमाही में मशीनों से नोटों की जांच करें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि करेंसी नोट निर्धारित करेंसी में कंफ्यूजन करेंसी में कंफ्यूजन पैरामीटर के अनुरूप हैं या नहीं। आरबीआई ने नोटों की स्थिति के लिए 11 मानक निर्धारित किए हैं और इसलिए बैंकों को नोट सॉर्टिंग मशीनों के बजाय नोट फिट सॉर्टिंग मशीनों का उपयोग करने का निर्देश दिया है।
एक फिट नोट के लिए कंडीशन
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