जब कुंडली का गहन अध्ययन किया जाता गहन विश्लेषण और विस्तृत व्याख्या है, तो यह किसी व्यक्ति के जीवन में अच्छी और बुरी घटनाओं की संभावनाओं को उजागर कर सकता है। इस जानकारी का उपयोग आपको बुरी घटनाओं के लिए आगे की योजना बनाकर खतरे से बाहर रख सकता है।

गहन निर्वाह कृषि के दो प्रकार

(1) चावल प्रधान गहन निर्वाह कृषि -इसमें चावल सबसे महत्त्वपूर्ण फसल होती है। इसके मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:

1. उच्च जनसंख्या घनत्व के कारण खेतों का आकार छोटा होता है।

2. भूमि का गहन उपयोग किया जाता है।

3. कृषि का समस्त कार्य कृषक तथा उसके परिवार के सदस्य करते हैं।

4. मशीनों का प्रयोग बहुत कम होता है।

5. मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने के लिए पशुओं के गोबर की खाद तथा हरी खाद का उपयोग किया जाता है।

6. प्रति इकाई उत्पादन अधिक परंतु प्रति कृषक उत्पादन कम होता है।

(ii) चावल रहित गहन निर्वाह कृषि -इस कृषि में चावल मुख्य फसल नहीं होती है और इसके स्थान पर गेहूँ, सोयाबीन, जौ तथा सोरघम आदि फसलें बोई जाती हैं।

यह कृषि उन क्षेत्रों में की जाती है, जहाँ पर चावल की फसल के लिए पर्याप्त वर्षा नहीं होती। उच्चावच तथा मृदा जैसे अन्य कारक भी चावल की कृषि के लिए उपयुक्त नहीं होते।

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आपके जन्म समय और जन्म तिथि के समय आकाश में स्थित ग्रहों का संयोजन एक विशेष चक्र के रुप में करना कुंडली चक्र या लग्न चक्र कहलाता है। कुंडली, विशेष रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित रहता है। व्यापक अर्थ में, ग्रहो की स्थिति, दशा विश्लेषण, कुंडली में बनने वाले दोष एवं उनके उपाय, पत्रिका में विशेष योगों का संयोजन, ग्रहों का शुभाशुभ विचार इत्यादि का समावेश सम्पूर्ण जन्म कुंडली में किया जाता है। कुंडली को जन्म कुंडली या जन्मपत्रिका भी कहते हैं।

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anusandhaan

परिमाणात्मक शोध आंकडो पर आधारित होता है और इसका निष्कर्ष भी आंकडो द्वारा निर्धारित होता है।…आंकडो के आधार पर एक नए आंकड़े को निकालना ही परिमाणात्मक शोध का उद्देश्य होता है। परिमाणात्मक शोध किसी भी प्रकार के पक्ष या फिर भाव से रहित होता है।

यह अपेक्षाकृत घटना और उसके परिणाम या प्रभाव के बीच संबंधों पर केन्द्रित होता है और क्रिया और प्रतिक्रिया, घटना और उसके परिणाम या प्रयोजन और प्रभाव से जुड़ा हुआ होता है।

गुणात्मक शोध, मात्रात्मकता के स्थान पर व्यक्तिगत अनुभवों और विश्लेषण पर जोर देता है गुणात्मक शोध शोध के निष्कर्ष में भाव एवं पक्ष को स्थान दिया जाता है.. अनुसंधान की यह विधि कारण के विश्लेषण और सत्यापन से सम्बद्ध है।

शोध विधि: परिमाणात्मक शोध और गुणात्मक शोध

परिमाणात्मक या मात्रात्मक शोध

दुर्गाचार्य

सूची दुर्गाचार्य

इनका जाने माने ग्रन्थ। दुर्गाचार्य यास्क (ल. ईसा पूर्व सप्तम शताब्दी) द्वारा प्रणीत वेदांत ग्रंथ निरुक्त के वृत्तिकार हैं। इनका समय लगभग १३वीं शताब्दी ई. माना गया है। वेद एवं वेदांगों के व्याख्याकारों में दुर्गाचार्य का प्रमुख स्थान है। यदि इनकी वृत्ति उपलब्ध न होती तो निरुक्त जैस गहन वेदांग का समझना कठिन हो जाता। इन्होंने निरुक्त की विषद एवं विस्तृत व्याख्या की है। इससे उसकी तत्कालीन स्थिति का पता चलता है। वृत्तिकार ने अपनी वृत्ति में प्राचीन टीकाकारों की व्याख्या की ओर संकेत किया है। वृत्ति में स्थान पर नूतन पाठ प्रस्तुत करने तथा विविध पाठांतरों पर समालोचनात्मक प्रकाश डालने में दुर्गाचार्य ने अपनी विश्लेषणात्मक बुद्धि का परिचय दिया है। इस प्रकार इनकी वृत्ति इनके समय में प्राप्त निरुक्त ग्रंथ के समालोचनात्मक संस्करण के रूप को भी प्रस्तुत करती है। दुर्गाचार्य वेदों के महान मर्मज्ञ थे। इनके प्रगाढ़ पांडित्य का परिचय हमें निरुक्त में उद्धृत वेदमंत्रों की विशद व्याख्या से प्राप्त होता है। मंत्र में आए हुए एक एक शब्द का इन्होंने विद्वत्तापूर्ण विश्लेषण किया है। कहीं कहीं गहन गहन विश्लेषण और विस्तृत व्याख्या मंत्रों की व्याख्या में इन्हें कठिनाई का भी सामना करना पड़ा। .

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भारतीय प्राचीन संस्कृती में ज्योतिष शास्त्र का बड़ा महत्व रहा है, प्राचीन समय से ही लोग धार्मिक क्रिया कलाप, खेती पशुपालन, व आम दिनचर्या में ज्योतिष को बहुत मान्यता देते रहे है। कुंडली के बिना जातक का जीवन एसे बताया जाता है जैसे बिना बाती के दिया। एस्ट्रोस्वामीजी संस्थान के विद्वान आचार्यो एवं कंप्यूटर अभियंताओं द्वारा ज्योतिष गणित को कमप्यूटर कुंडली सॉफ्टवेयर में परवर्तित कर लिया गया है। अब आप अपनी कुछ आसान सी जानकारियाँ साझा करके जीवन के अनजान पहलुओं को जान सकते है व ज्योतिषीय परामर्श प्राप्त कर सकते है। हालांकि, यदि आप मुफ्त ऑनलाइन कुंडली बनाने वाले सॉफ्टवेयर के साथ अपने विवरण को सही ढंग से इनपुट करते हैं, तो सटीक आंकलन में होने वाली गलतियां प्राचीन 0.0001% तक कम हो जाती है। हमारा मुफ्त कुंडली सॉफ्टवेयर आपको आपकी जन्मतिथि के अनुसार 100% सटीक जन्मपत्रिका प्रदान करता है। एक डिजिटल या ऑनलाइन जनमपत्री का लाभ यह है कि यह भारत में सैकड़ों और हजारों विश्व-प्रसिद्ध सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषियों के संयुक्त ज्ञान द्वारा आपकी कुंडली बनाई जाती है।
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