2023 में क्या निवेश करना चाहिए
Share Market Strategy Today: हाई से क्यों फिसला बाजार?, कौन रोक रहा है बाजार की रफ्तार?, IT सेक्टर की क्यों हुई पिटाई?, मंदी की आहट या लगेगा तेजी का तड़का? Awaaz Adda में आज Experts से जानें क्यों दिख रही है गिरावट और क्या आगे के लिए है संकेत. देखें वीडियो.
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क्या स्टॉक मार्केट के लिए ब्लॉकबस्टर साबित होगा 2023, जानिए है क्या मार्केट के दिग्गजों की राय
दलाल स्ट्रीट के Big Bear कहे जाने वाले शंकर शर्मा (Shankar Sharma) भी इस बार बुल कैम्प को सपोर्ट करते हुए नजर आ रहे हैं.
मार्केट के कुछ दिग्गजों का मानना है कि अभी शेयर बाजार में काफी दम बाकी है और यह आने वाले समय में और चढ़ सकता है क्योंकि महंगाई दर में नरमी के संकेत मिलने लगे हैं और ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि की संभावनाएं भी अब कमजोर पड़ रही हैं.
बीएसई सेंसेक्स में इस साल में अब तक 5.7 फीसदी का उछाल देखने को मिला. वहीं, S&P 500 इंडेक्स में 17 फीसदी की टूट देखने को मिली. वहीं, निक्केई (Nikkei) में 5.5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. वहीं, एफटीएसई 100 इंडेक्स में 0.22 फीसदी का उछाल देखने को मिला.
दलाल स्ट्रीट के Big Bear कहे जाने वाले शंकर शर्मा (Shankar Sharma) भी इस बार बुल कैम्प को सपोर्ट करते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा, "महंगाई निश्चित रूप से हमारे लिए एक समस्या है जिसकी वजह से मार्केट में काफी अधिक करेक्शन देखने को मिला है."
उन्होंने कहा कि अब जोखिम पीछे रह गया है. शर्मा ने कहा, "मुझे नहीं लगता है कि इस बार हमें क्रूड ऑयल के मोर्चे पर कोई बड़ा झटका लगने वाला है."
हालांकि, शर्मा को ऐसा कोई रिस्क नजर नहीं आ रहा है जो बुल रन को पटरी से उतार दे. कुछ शेयरों में करेक्शन देखने को मिलेगा लेकिन यहां से भारतीय मार्केट में आने वाली हर गिरावट केवल खरीदने का मौका होगा.
Stock Market: नए साल में बाजार से पैसा बनेगा या नहीं? मार्केट एक्सपर्ट से समझिए कमाई के मामले में कैसा रहेगा 2023
Market Outlook in 2023: 'मार्केट आउटलुक 2023' की इस सीरीज में जानिए नए साल में बाजार को लेकर कौन से फैक्टर्स आपको दिमाग में रखने होंगे. Zee Business के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने Kotok MF के सीनियर एक्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट पंकज टिबरेवाल से बात की है.
Market Outlook in 2023: ग्लोबल मंदी और छंटनी के बीच नए साल में शेयर बाजार की चाल (Share Markets in 2023) कैसी रह सकती है? बाजार को कौन से फैक्टर्स प्रभावित कर सकते हैं? और निवेशकों के फायदे की खबर कौन सी रहेगी, कहां कमाई होगी? इन सभी सवालों को लेकर Zee Business के मैनेजिंग एडिटर और मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने Kotok MF के सीनियर एक्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट पंकज टिबरेवाल से बात की. 'मार्केट आउटलुक 2023' की इस सीरीज में जानिए नए साल में बाजार को लेकर कौन से फैक्टर्स आपको दिमाग में रखने होंगे. पंकज टिबरेवाल ने बाजार में कमाई को लेकर भी बहुत अहम सलाह दी है. अगर आप बाजार में निवेश करते हैं या फिर करने का मन बना रहे हैं तो आपको ये जरूर जानना चाहिए कि ऐसे माहौल में किन उम्मीदों के साथ निवेश करना चाहिए.
बाजार को लेकर अगले साल का क्या व्यू बन रहा है? (Share Markets Outlook 2023)
अगले साल के आउटलुक को देखें तो 2-3 चीजें देखनी होंगी. वैश्विक स्तर पर ग्रोथ बड़ा चैलेंज रहेगा. ऐसा अनुमान है कि अगले ग्लोबल जीडीपी 2.1-2.3% के बीच बढ़ोतरी दर्ज करेगा. अगर ऐसा रहा तो ऐसी कमजोर वृद्धि दर्ज करने वाला आठवां साल रहेगा. वहीं, अगर महामारी को हटा दिया जाए तो यह कुछ सबसे खराब सालों में होगा.
🔸ब्याज दरों में एक और बढ़ोतरी 2023 में क्या निवेश करना चाहिए का अनुमान है: पंकज टिबरेवाल, सीनियर EVP, कोटक MF#MarketOutlook में देखिए कोटक MF के सीनियर EVP पंकज टिबरेवाल से @AnilSinghvi_ की खास बातचीत @KotakMF @pankajtibre #StockMarket #Investment
दूसरा ग्लोबल इंफ्लेशन पीक कर गया है, कार सेल्स गिर गया है, रियल एस्टेट सेल गिरा है और फर्टिलाइजर प्राइसेज इस साल मार्च से करीब 40 फीसदी नीचे आए है. एनर्जी 2023 में क्या निवेश करना चाहिए कॉस्ट नीचे आया है. तो इन फैक्टर्स के चलते महंगाई दर पीक पर है औरयहां से इसे नीचे आना चाहिए. दुनिया भर के सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में एक और बढ़ोतरी करके पॉलिसी को स्थिर कर सकते हैं.
भारत में आंत्रप्रेन्योर्स के बीच बहुत उत्साह दिख रहा है. सरकार ने भी पिछले दो-तीन सालों में जो कदम उठाए हैं, उसके चलते अच्छे नतीजे दिख रहे हैं. कल के जो महंगाई के आंकड़े आए हैं, उसे देखकर कह सकते हैं कि देश में महंगाई अब नीचे आ रही है. ऐसा लग रहा है कि रूरल में रिकवरी आ रही है. रोजगारी बढ़ रही है और कंजम्प्शन आने वाले सालों में बढ़ सकता है.
नया पैसा लगाने का मौका कब मिलेगा? (Where to invest in 2023?)
मार्केट में टाइमिंग करना बहुत मुश्किल है. पंकज टिबरेवाल ने कहा कि रिस्क रिवॉर्ड में बैलेंस है. अगर किसी के पोर्टफोलियो में इक्विटी ज्यादा है, तो इसे कम करिए. इक्विटी अगर अंडरवेट है तो इसे बराबर वेट में ला सकते हैं. रिटर्न की उम्मीद थोड़ी नरम रखिए, अर्निंग थोड़ी सबड्यूड रह सकती है. आपके लिए सलाह है कि आप इस बाजार में कम वक्त में जल्दी रिटर्न के साथ पैसा न लगाएं, आपको निराशा हाथ लग सकती है. छह-महीने एक साल में प्रॉफिट की उम्मीद से बेहतर है कि आप 4-5 सालों के रिटर्न के लिए निवेश करें.
Budget 2023: 'आयकर का दायरा' बढ़ेगा या 'जीएसटी का भार', वित्त मंत्री के 'पिटारे' में इस बार क्या होगा खास?
Budget 2023 Expectations Income Tax: बाजार को नए बजट से सुधारों और कर लाभों की उम्मीदें हैं। बाजार को उम्मीद है कि वित्त मंत्री राजकोषीय घाटे और मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखते हुए विकास की रफ्तार को बनाए रखेंगी। सरकार पूरे साल के राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 6.4% के अनुमानित लक्ष्य के भीतर रखने की कोशिश करेगी।
नव वर्ष 2023 के आगाज के साथ ही बाजार व निवेशकों की नजर केंद्रीय बजट 2023-24 और उससे जुड़े संकेतों पर टिक जाएगी। अप्रैल-मई 2023 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पूरे साल का आखिरी बजट होगा।
# एक फरवरी को संसद में पेश किया जा सकता है आम बजट
इक्विटी मार्केट के विशेषज्ञों और विश्लेषकों ने पहले ही बजट से उम्मीदों के मुताबिक अपनी स्थिति का आकलन करना शुरू कर दिया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट 1 फरवरी, 2023 को पेश किए जाए जाने की संभावना है। बाजार को नए बजट से सुधारों और कर लाभों की उम्मीदें हैं। बाजार को उम्मीद है कि वित्त मंत्री राजकोषीय घाटे और मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखते हुए विकास की रफ्तार को बनाए रखेंगी।
# बजट 2023 में किसी बड़ी घोषणा से बच सकती है सरकार
एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा, "हमारी राय है कि सरकार राजकोषीय विवेक को दर्शाएगी और किसी बड़ी कट्टरपंथी घोषणा या सुधारों का सहारा नहीं लेगी। इस बात की उम्मीद है कि केंद्र देश के बुनियादी ढांचा के स्थायी विकास, व्यापक कैपेक्स और विनिर्माण आधारित विकास की मौजूदा रणनीति को जारी रखेगा।"
# निवेश आधारित विकास बना रहेगा सरकार का मूलमंत्र
ब्रोकरेज हाऊस को उम्मीद है कि सरकार पूरे साल के राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 6.4% के अनुमानित लक्ष्य के भीतर रखने की कोशिश करेगी। उम्मीद है कि प्रमुख उपभोग क्षेत्रों के लिए प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता के स्थान पर निवेश आधारित विकास सरकार का मंत्र बना रहेगा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुमानों के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में सकल कर संग्रह अक्टूबर 2022 तक ₹16.1 लाख करोड़ रहा है। इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 18% की वृद्धि दर्ज की गई है जबकि FY23 के बजट अनुमानों का 58.4% है। इस तरह से यह एक मजबूत स्थिति है।
इस बीच, डेलॉइट इंडिया ने भी आयकर संरचना में कुछ बदलावों को अमलीजामा पहनाने का सुझाव दिया है। डेलॉइट इंडिया का मानना है कि आयकर की 30 प्रतिशत की उच्चतम कर दर को घटाकर 25% किया जाना चाहिए और उच्चतम कर दर की सीमा को 10 लाख रुपये की वार्षिक आय से बढ़ाकर 20 लाख रुपये सालाना कर देनी चाहिए ताकि लोगों की क्रय शक्ति बढ़े।
# महंगाई को देखते हुए धारा80 सी के तहत निवेश की सीमा बढ़ाने पर हो विचार
धारा 80 सी के तहत निवेश के लिए 1,50,000 की वर्तमान सीमा भी काफी कम है। रहने की लागत और मुद्रास्फीति में वृद्धि को देखते हुए सरकार को इसकी सीमा बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। इससे दोहरा लाभ होगा। डेलोइट इंडिया के पार्टनर तापती घोष ने एक रिपोर्ट में कहा, "करदाता अधिक बचत करने के इच्छुक होंगे और कम टैक्स लगने से लाभान्वित होंगे, जिससे विभिन्न वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को पूरा करने के लिए जरूरी आय में वृद्धि होगी।"
# वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच आ रहे बजट पर टिकी रहेंगी सबकी निगाहें
बजट 2023 ऐसे समय में आएगा जब दुनिया भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से जूझ रही है। अर्थव्यवस्थाएं धीमी वृद्धि के कारण चिंतित हैं। केंद्रीय बैंकों और सरकारों की ओर से किए गए उपायों के बावजूद मुद्रास्फीति उच्च स्तर पर बनी हुई है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और एक संभावित मंदी को ध्यान में रखते हुए, डेलॉइट इंडिया ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 6.5-7.1% और 2023-24 के लिए 5.5-6.1% की रेंज में जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है।
# बजट 2023 पर परामर्श के लिए कई बैठकें कर चुकी हैं वित्त मंत्री
बजट 2023 के लिए नीतियां बनाते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को राजनीतिक मजबूरियों के अलावा देश की आर्थिक व्यवस्था को भी ध्यान में रखना होगा। बता दें कि वित्त मंत्री ने अपना बजट पूर्व परामर्श के लिए पिछले महीने कई बैठकें 2023 में क्या निवेश करना चाहिए की। इन बैठकों में बड़ी संख्या में उद्योग जगत के विशेषज्ञों और विश्लेषकों ने लिया। इन बैठकों के दौरान जानकारों ने वित्त मंत्री को बजट से जुड़े जरूरी सुझाव दिए। इन्हीं बैठकों के दौरान होटल के कमरों पर अधिकतम GST 12% करने का सुझाव भी वित्त मंत्री को दिया गया था। अब इन सुझावों में से कितने को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए बजट 2023 का हिस्सा बनाती हैं यह जानने के लिए बजट सत्र का इंतजार करना पड़ेगा। तब तक अटकलों का दौर जारी रहेगा।
विस्तार
नव वर्ष 2023 के आगाज के साथ ही बाजार व निवेशकों की नजर केंद्रीय बजट 2023-24 और उससे जुड़े संकेतों पर टिक जाएगी। अप्रैल-मई 2023 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पूरे साल का आखिरी बजट होगा।
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