इन लोगों के लिए भी आईटीआर फाइल करना होगा अनिवार्य (फोटो- iStock)

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वित्त वर्ष में अगर आपका भी TDS या TCS है 25,000 रुपये या इससे अधिक तो ITR होगा अनिवार्य, जानें- नियम और फायदे

वित्त वर्ष में अगर आपका भी TDS या TCS है 25,000 रुपये या इससे अधिक तो ITR होगा अनिवार्य, जानें- नियम और फायदे

इन लोगों के लिए भी आईटीआर फाइल करना होगा अनिवार्य (फोटो- iStock)

सरकार ने नए नियम के तहत इनकम टैक्‍स रिटर्न दाखिल करना उन व्‍यक्तियों के लिए अनिवार्य कर दिया है, जिसका आय वित्तीय वर्ष के दौरान आयकर छूट सीमा से कम होने के बाद भी उसका टीडीएस या टीसीएस 25,000 रुपये या उससे अधिक होगा। यानी ऐसे कर्मचारियों को हर साल आइटीआर दाखिल करना होगा, चाहे वे आयकर दाता की सीमा में आते हों या नहीं।

आकांक्षा गोयल, डायरेक्ट टैक्स पार्टनर, टी आर चड्ढा एंड कंपनी एलएलपी के अनुसार, वरिष्ठ नागरिकों के मामले में यदि व्यक्ति का कुल टीडीएस या टीसीएस अपनी वित्तीय सीमाओं को जानें वर्ष में 50,000 रुपये या उससे अधिक है, तो उसे आईटीआर दाखिल करना होगा। इसके अलावा, जिसकी बचत बैंक खाते में जमा राशि वित्तीय वर्ष में 50 लाख रुपये या उससे अधिक है, तो उसे भी अपनी आय के स्तर के बावजूद अनिवार्य रूप से आईटीआर दाखिल करना होगा।

पहली बार मिला है क्रेडिट कार्ड, तो यहाँ जानें कैसे करना है उसका इस्तेमाल

पहली बार मिला है क्रेडिट कार्ड, तो यहाँ जानें कैसे करना है उसका इस्तेमाल

अपनी अनोखी वित्तीय सुविधाओं की वजह से क्रेडिट कार्ड आज एक आवश्यक वित्तीय उपकरण बन गया है। आज ऑनलाइन/ऑफलाइन शॉपिंग, बिल भुगतान, यात्रा के दौरान शॉपिंग आदि के लिए लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। अगर ज़िम्मेदारी से इसका इस्तेमाल किया जाए तो लोगों को पुरस्कार और पैसे बचाने में मदद मिलती है, जबकि अच्छे से इस्तेमाल न करने पर यह बोझ बन जाता है। यहाँ पहले क्रेडिट कार्ड को इस्तेमाल करने के कुछ सुझाव दिए गए हैं।

कार्डधारकों को समझना चाहिए क्रेडिट कार्ड की शर्तें

अपना पहला क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने के बाद कार्डधारकों को अपने क्रेडिट कार्ड के नियमों और शर्तों को अच्छे से समझना चाहिए। उन्हें कार्ड से जुड़ी ब्याज दर, न्यूनतम शुल्क, रखरखाव शुल्क और अन्य शुल्कों के बारे में पता होना चाहिए। उन्हें यह भी समझना चाहिए कि भुगतान अनुसूची या बिलिंग चक्र कैसे काम करता है। इन सभी विवरणों को जानने और समझने से ग्राहक को अपने क्रेडिट कार्ड का अच्छे तरीके से उपयोग करने में मदद मिलेगी।

क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करना या नियत तारीख़ से पहले इन बिलों का भुगतान करना बहुत ज़रूरी है। क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करने पर हुई चूक की वजह से कार्डधारक का क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है। इसके अलावा, उन्हें यह समझना चाहिए कि मासिक न्यूनतम देय राशि का भुगतान करने से वास्तव में बक़ाया ऋण संतुलन में कमी नहीं होती है। केवल न्यूनतम देय राशि का भुगतान करने की बजाय जितना संभव हो उतना क़र्ज़ उतारें।

ज़्यादा ख़र्च करने से बचें, अपनी क्रेडिट सीमा से ज़्यादा ख़र्च न करें

क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय कार्डधारक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वो अपने कार्ड की क्रेडिट सीमा से अधिक ख़र्च न करे। बहुत ज़्यादा ख़र्च करने से ख़ासतौर पर अनावश्यक चीज़ों पर ख़र्च करने से बचना चाहिए। क्रेडिट सीमा से बाहर जाने पर अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड की सीमा के उच्च उपयोग के परिणामस्वरूप उच्च क्रेडिट अपनी वित्तीय सीमाओं को जानें अनुपात होता है जो कार्ड धारक के क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करता है।

कार्डधारकों को अपने क्रेडिट कार्ड से ATM से कैश निकालने से बचना चाहिए। क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली संस्था इन कैश निकासी को 'कैश एडवांस' के रूप में मानती है, जैसे कम अवधि वाला लोन। इसकी वजह से कार्डधारक को उच्च ब्याज दर का भुगतान भी करना पड़ता है और बैंक लेनदेन शुल्क के रूप में वापस ली गई राशि का 1% चार्ज करता है। इसलिए कैश निकालने के लिए क्रेडिट कार्ड की बजाय डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करें।

वित्तीय स्थिति मजबूत तो 25 से 30 के बीच लें फैसला

आर्थिक क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि घर खरीदने के लिए किसी एक उम्र सीमा को सबसे बेहतर बताना संभव नहीं है। यह किसी भी व्यक्ति के वित्तीय हालात पर निर्भर करता है। अगर, आप 25 साल की उम्र में वित्तीय रूप से मजबूत है तो घर खरीद सकते हैं। वहीं, कोई 30 या 40 साल की उम्र में वित्तीय रूप से मजबूत बनता है तो घर खरीद सकता है। घर खरीदने का फैसला व्यक्ति को वित्तीय हालात को देखते हुए करना चाहिए। वैसे 25 से 30 साल के व्यक्ति अगर घर खरीदता है तो वह घर के साथ होम लोन पर भी मैक्सिमम फायदा उठा सकता है।

मान लीजिए कि आप किराए के मकान में रहते हैं। इसके लिए आप हर महीने 12,000 रुपये किराया देते हैं। यह किराया सालाना 10 फीसदी की दर से बढ़ता है। इस तरह आप 30 वर्षों में करीब 2.4 करोड रुपये के कुल किराए का भुगतान करेंगे। अगर आप 25 से 30 साल की उम्र में 30 वर्षों की ईएमआई पर 40 लाख रुपये का घर खरीदते हैं। इस मामले में आपको लगभग 40,280 की ईएमआई (7.5 फीसदी सालाना ब्याज) 30 साल के लिए देने होंगे। इस तरह आपको करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। यानी 1 करोड़ की बचत आप ऐसे कर सकते है।

होम लोन पर इस तरह अधिकतम बचत

इसके अलावा आप होम लोन की EMI पर 1.5 लाख की कर छूट आयकर की धारा 80सी के तहत प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, धारा 24बी के तहत होम लोन के ब्‍याज पर सालाना 2 लाख रुपये की बचत प्राप्त कर सकते हैं। आप जल्द होम लोन लेकर अधिकतम कर की बचत कर सकते हैं। यानी अगर आप शुरुआती कमाई के साथ घर खरीदने का फैसला करते हैं तो न सिर्फ आप घर की कीमत पर बल्कि होम लोन के जरिये भी बड़ी बचत आसानी से कर सकते हैं। इतना ही नहीं बल्कि बाद में जिम्मेदारी बढ़ने पर आपको EMI चुकाने के लिए परेशान भी नहीं होना होगा।

बैंक भी कम उम्र के व्यक्ति को आसानी से अधिक रकम का लोन दे देते हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि बैंक को पता होता है कि लोन लेने वाले व्यक्ति के पास लोन चुकाने के लिए काफी लंबा वक्त है। वहीं, उम्र अधिक होने पर बैंक बड़ा लोन देने में आनकानी करते हैं।

क्रेडिट स्कोर क्या है और अपना क्रेडिट स्कोर कैसे बढ़ाएं

क्रेडिट स्कोर क्या है और अपना क्रेडिट स्कोर कैसे बढ़ाएं

एक व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर उसके वित्तीय स्वास्थ्य को दर्शाता है। लोन देने वाली वित्तीय संस्थाओं को यह जानने में मदद करता है कि आप अपनी लोन की जिम्मेदारी को कितनी अच्छी तरह निर्वाह कर सकते हैं। क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होता है , आपके लिए लोन की स्वीकृति प्राप्त करना उतना ही आसान हो जाता है। जब आपका CIBIL या CRIF स्कोर अधिक होता है , तो लोन देने वाली संस्थाएं भी आपको आसान और शीघ्र लोन देने के लिए तैयार हो सकती हैं। इसके अलावा , क्रेडिट स्कोर बढ़े होने की स्थिति में आप प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर लोन प्राप्त कर सकते हैं।

नए बजट में वित्त मंत्री कर सकती हैं ये बड़ा ऐलान

साल 2022-23 का बजट (Union Budget 2022-23) 1 फरवरी को पेश होने वाला है, ऐसे में ( ICAI) इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने सिफारिशों की लिस्ट भेजनी शुरू कर दी है, ICAI के अलावा स्टेकहोल्डर्स और अलग अलग राज्यों के वित्त मंत्रियों ने अपने -अपने अपनी वित्तीय सीमाओं को जानें सुझावों की लिस्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) को सौंपनी शुरू कर दी है. इसी बीच इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने भी अपनी सिफारिशें भेजी है और पीपीएफ (PPF) की अधिकतम वार्षिक जमा सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की सिफारिश की है.

ICAI ने की सिफारिश

इंस्टीच्युट ऑफ चार्टड अकाउंटेंट (ICAI) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) को पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) में निवेश की अधिकत्तम सीमा को मौजूदा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का सुझाव दिया है.

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