आवेदन फॉर्म प्राप्त करने के लिए आपको सबसे पहले अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर जाना होता है । केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 3.25 लाख कॉमन सर्विस व्यापारी टिप्पणी सेंटर का चयन किया है । सीएससी सेंटर से फॉर्म प्राप्त करने के बाद इसे सही सही से भरे और उसके बाद इसके साथ मांगे गए सारे डॉकयुमेंट की फोटोकोपी अटेच करे और इस फॉर्म को कॉमन सर्विस सेंटर मे जमा करवा दे ।
PM Laghu Vyapari mandhan Yojana 2022: पीएम लघु व्यापारी पेंशन योजना
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प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जब से कार्य भार संभाला है तब से देश की जनता के लिए अनेक प्रकार की योजनाए ला रहे है । देश के लघु व्यापारियो के लिए पीएम मोदी जी ने प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना की शुरुवात की है इस योजना के तहत इन व्यापारियो को मदिक पेंशन के रूप मे आर्थिक मदद दी जाएगी । दोस्तो इस आर्टिकल मे हम Pradhanmantri Laghu Vyaparik Mandhan Yojana 2022 के बारे मे डिटेल्स मे जानेगे तो आप बने रहिए हमारे साथ ।
PM Laghu Vyapari Mandhan Yojana 2022
जैसा की दोस्तो आप जानते है की मोदी जी ने समाज के प्रतेक वर्ग के लोगो के लिए योजना व्यापारी टिप्पणी चलाई है । उसी प्रकार यह योजना लघु व्यापारियो के लिए है । पीएम लघु व्यापारी योजना के तहत सरकार व्यापरिओ को 3000 रुपए की मासिक पेंशन देती है । सरकार का व्यापारी टिप्पणी उद्देश्य 2023-24 तक 2 करोड़ लोगो को इस योजना मे जोड़ना है । 2022 तक 50 लाख लोगो को इस योजना मे जोड़ना सरकार का उद्देश्य है । अगर आपने अभी तक इस योजना के लिए आवेदन नहीं किया है तो आप इस योजना के लिए आवेदन कर सकते है और इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है ।
प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना (PMLVMY) का लाभ जीतने भी छोटे व्यापारी है ओ ले सकते है । इस योजना की शुरवात 9 अगस्त 2019 को की गयी थी । 20 लाख किसान इस योजना से अब तक जुड़ चुके है ।
PMLVMY मे नहीं ले रहे लोग रुचि
दोस्तो केंद्र सरकार ने इस योजना को लोगो के भले के लिए भले ही स्टार्ट किया हो व्यापारी टिप्पणी लेकिन लोगो की रुचि इस योजना के लिए बहुत ही कम देखि जा रही है । योजना के लिए बहुत कम आवेदन हो रहे है । अब तक इस योजना के लिए लगभग 41336 लोगो ने ही इस योजना के लिए आवेदन किया है । और अगर हरियाणा ,उत्तर प्रदेश ,चंडीगढ़ ,आन्ध्रप्रदेश ,गुजरात को छोडकर बाकी सभी राज्य मे इस योजना मे आवेदन करने वालों का आंकड़ा बहुत ही कम है । दादर और नगर हवेली मे अभी तक 7 आवेदन हुये है । प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद आपको 3000 रुपए की मासिक पेंशन मिलती है ।
पीएम लघु व्यापारी मानधन योजना का लाभ नहीं ले सकते –
निम्न प्रकार के लोग इस योजना के तहत आवेदन नहीं कर सकते है :-
- केंद्र सरकार या ईपीएफओ / एनपीएस / ईएसआईसी के सदस्य द्वारा किसी राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत कवर किया गया
- एक आयकर दाता
- प्रधान मंत्री श्रम योगी व्यापारी टिप्पणी जनधन योजना या प्रधान मंत्री किसान योजना के तहत संचालित, क्रमशः श्रम और रोजगार मंत्रालय या कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रशासित
Pm Laghu Vyaparik Mandhan Yojana 2022 highlights
- वैबसाइट के राइट साइड मे आपको Click Here to apply nowका ऑप्शन दिखाई देगा इस पर आपको क्लिक करना है । क्लिक करने पर आप एक न्यू पेज पर आ जाते है ।
शीट बेल्ट से बने फंदे में लटकता मिला कबाड़ व्यापारी का शव
वाराणसी। राजा तालाब कस्बे में बुधवार को युवा कबाड़ व्यापारी का खून से लथपथ शव कार की सीट बेल्ट में दुकान से लटकता मिला। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम को बुलाकर छानबीन किया। इस दौरान परिजन हत्या किये जाने का आरोप लगाते रहे। राजा तालाब कस्बे के निवासी राजेंद्र गुप्ता के तीन बेटों में सबसे छोटा दिलीप गुप्ता (25) व्यापारी टिप्पणी अपने चाचा संतोष गुप्ता के साथ मिलकर कबाड़ का धंधा करता था। सुबह संतोष गुप्ता कबाड़ वाहन में लदवाने के लिए दुकान में पहुंचे तो दिलीप को कार के बेल्ट के फंदे में लटका देख शोर मचाया।
आवाज सुनकर दिलीप के परिजन और पड़ोसी भी वहां पहुंच गये। दिलीप के सिर से खून निकलता देख परिजनों ने आशंका जताई कि मारने पीटने के बाद उसे फंदे पर लटका कर हत्या कर दी गई। परिजनों ने पूछताछ में पुलिस अफसरों को बताया कि दिलीप अपने काम से मतलब रखता था। उसकी किसी से कोई नहीं रंजिश थी। व्यापारी टिप्पणी परिजनों से पूछताछ के बाद राजा तालाब पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। पुलिस ने बताया कि मोबाइल की कॉल डिटेल भी खंगाली जाएगी। परिजनों की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
व्यापार खाता क्या है। (What is Trading Account)
दोस्तों इस पोस्ट मे हम व्यापार खाता (Trading Account) के बारे में बात करेगे। की व्यापार खाता (Trading Account) क्या होता है। और व्यापार खाता (Trading Account) खाता क्यों बनाया जाता है। तथा व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से किसी व्यवसायी को क्या लाभ होता है।
पर दोस्तों व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से पहले हमे इसके पहले बनने वाले खातों को समझना होगा। तभी हम व्यापार खाता (Trading Account) बना सकते हैं।
जैसा कि मेने पहले भी कहा था कि लेखांकन (Accounting) की शुरुआत रोजनामचा (journal) से की जाती है। रोजनामचा (journal) से प्रत्येक पक्ष के खाता बही (Ledger) मे खतौनी (Posting) की जाती है तथा इस खाता बही (Ledger) के आधार पर तलपट (Trial Balance) बनाया जाता है। और य़ह तलपट (Trial Balance) अंतिम खाते का आधार होता है। अतः इस तलपट (Trial Balance) के आधार पर ही व्यापार खाता (Trading Account) बनाया जाता है।
ई-कॉमर्स क्या होता है
आज के समय में इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन व्यवसाय करना तथा ख़रीदारी करना बहुत पसंद किया जा रहा है, अब हमे मोबाइल, फर्नीचर, कपडे एवं इलेक्ट्रानिक का सामान व्यापारी टिप्पणी आदि खरीदने के लिए बाजार नहीं जाना पड़ता है घर बैठे ही इंटरनेट ऑनलाइन शॉपिंग के द्वारा एक क्लिक से आप घर पर ही सामान मंगवा सकते है | ऑनलाइन शॉपिंग का व्यवसाय आज के समय में बहुत लोकप्रिय बन चुका है |
इंटरनेट के माध्यम से खरीदारी को ही ई-कॉमर्स कहते है Amazon, Flip-kart, shopcluse आदि वेबसाइट ई-कॉमर्स की ही साइट है | इन वेबसाइट के द्वारा ऑनलाइन व्यवसाय किया जा रहा है बहुत से लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते है लेकिन उन्हें ई-कॉमर्स क्या है, इसका क्या मतलब होता है यह कितने प्रकार का है इस सम्बन्ध में पूरी जानकारी नहीं होती है, इसलिए इस पेज पर आपको “ई-कॉमर्स क्या होता है? लाभ और विशेषताओं” के विषय में सम्पूर्ण जानकारी दी जा रही है |
ई-कॉमर्स (E-COMMERCE) क्या है?
Table of Contents
ई-कॉमर्स को इंटरनेट या इलेक्ट्रानिक कॉमर्स भी कहते है, इंटरनेट के माध्यम से अपने व्यवसाय को संचालित करने को ई-कॉमर्स कहा जाता है | सामान और सेवाएं खरीदने, बेचने तथा ग्राहकों के साथ व्यवसाय करना एवं भागीदारी देना भी शामिल है साथ ही पैसो के स्थानांतरण तथा डाटा के साँझा करने की भी प्रक्रिया है, जिसमे इलेक्ट्रानिक रूप में दो या दो से अधिक सहयोगियों के बीच डाटा अथवा धन स्थानांतरित होता व्यापारी टिप्पणी रहता है |
ई-कॉमर्स के द्वारा व्यापार करने में समय और दूरी रूकावट नहीं बनते है, ई-कॉमर्स को आप ऑनलाइन शॉपिंग भी कह सकते है | टीवी रिचार्ज, नेट बैंकिंग, पेटीएम आदि मोबाइल एप्लीकेशन के द्वारा भी इलेक्ट्रानिक व्यवसाय किया जा रहा है | मिंत्रा, स्नेपडील, शॉपक्लूज, बिगबास्केट, अमेजन, फ्लिपकार्ट, अलिबाबा आदि ई-कॉमर्स व्यापारियों की वेबसाइट है |
ई-कॉमर्स के प्रकार
व्यवसाय से व्यवसाय (Business to Business E-commerce)
दो व्यवसायिक कंपनियों के बीच आपसी लेंन-देंन से सम्बंधित है जिसमे कोई कंपनी अपना खुद का उत्पाद ना बना कर दूसरी कंपनी से खरीद कर बेचता है उसे व्यवसाय से व्यवसाय ई-कॉमर्स या Business to Business E-commerce भी कहते है |
व्यापार से उपभोक्ता (Business to Consumer E-commerce)
कंपनी अपने बनाये उत्पाद एवं सेवाएं सीधे उपभोक्ता को वेबसाइट के माध्यम से बेचता है, जिसमे उपभोक्ता उत्पाद के विषय में जानकारी लेकर उत्पाद का आर्डर करके घर में सामान प्राप्त करता है इस इलेक्ट्रानिक लेंन-देंन को व्यापार से उपभोक्ता ई-कॉमर्स या Business to Consumer E-commerce भी कहते है, जैसे Flipkart, Amazon आदि |
3.उपभोक्ता से उपभोक्ता (Consumer to Consumer E-commerce )
दो उपभोक्ताओं के बीच सेवाओं और सुविधाएं का इलेक्ट्रानिक लेंन-देंन किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से किया जाता है, जिसमे एक उपभोक्ता सामान बेचता है और दूसरा खरीदता है जैसे olx ,Quicker, eBay आदि, इसे उपभोक्ता से उपभोक्ता ई-कॉमर्स या Consumer to Consumer E-commerce भी कहते है |
मध्यकालीन भारत में आन्तरिक व्यापार
मध्यकालीन भारत में व्यापार एवं वाणिज्य के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ थीं। राजमार्गों द्वारा गाँवों, कस्बों एवं शहरों को राजधानी से जोड़ा गया जिससे देश में मार्गो का जाल सा फैल गया। सल्तनत काल में अधिकतर दिल्ली ही राजधानी रही तथा सुल्तान सिंकदर लोदी ने अपने शासनकाल में राजधानी आगरा स्थानान्तरित कर दी। शाहजहाँ के शासनकाल के उत्तरार्ध में राजधानी पुनः दिल्ली स्थानान्तरित की गई। अतः दिल्ली एवं आगरा दोनों शहरों को राजमार्गो द्वारा प्रान्तीय राजधानियों से जोड़ा गया। इसी भाँति नदियाँ भी जल-मार्गों द्वारा अनेक प्रान्तों एवं शहरों को जोड़ती थीं। यद्यपि थल मार्ग पूर्णतः सुरक्षित नहीं थे परन्तु प्रशासन की ओर से सुरक्षा प्रदान करने की चेष्टा की गई। थल यातायात के साधनों में घोड़े, बैल, खच्चर, ऊंट, हाथी, बैलगाड़ियों आदि का प्रयोग किया जाता था तथा जल-यातायात के लिए बड़ी एवं छोटी नौकायें उपलब्ध थीं।
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