Nykaa Share Price: नायका चला जोमैटो की चाल हिट किया ऑल टाइम लो, क्या करें निवेशक!
Nykaa Share Price: अधिकांश एनालिस्ट का मानना है कि नायका में आई हाल की बिक्री तात्कालिक प्रतिक्रिया है। क्या स्टॉक का 1 शेयर खरीदना इसके लायक है Nykaa की लॉन्ग टर्म स्टोरी मजबूती बनी हुई है। आगे चलकर यह स्टॉक हमें शानदार रिटर्न देता नजर आएगा
Nykaa Share Price:जेएम फाइनेंशियल ने इस स्टॉक को Buy ऱेटिंग देते हुए 1,780 रुपये का लक्ष्य दिया है। ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि यह लक्ष्य सितंबर 2023 तक हासिल हो जाएगा।
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Nykaa Share Price: Nykaa के नाम से कारोबार करने वाली FSN E-Commerce Ventures के शेयर आज (28 अक्टूबर) पहली बार 1,000 रुपये के नीचे फिसल गई। बताते चलें कि कंपनी का प्री -आईपीओ इन्वेस्टर का लॉक इन पीरियड जल्द ही खत्म होने वाला है। पिछले कुछ हफ्तों से इस स्टॉक में भारी बिकवाली देखने को मिल रही है। खासकर विदेशी निवेशक इस स्टॉक में भारी बिकवाली कर रहे है।
गौरतलब है कि नायका के प्री-आईपीओ इन्वेस्टर का लॉक इन पीरियड 10 नवंबर को खत्म होने वाला है। आज के कारोबार में यह शेयर एनएसई पर 65.85 रुपये यानी 6.28 फीसदी टूटकर 983.55 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
जेएम फाइनेंशियल की Nykaa पर राय
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जेएम फाइनेंशियल का कहना है कि Nykaa के करीब 67 फीसदी या 31.9 करोड़ शेयर लॉक इन एक्सपायरी के दिन खुलेंगे। Steadview Capital Mauritius Ltd, TPG Growth IV SF Pte. Ltd, Lighthouse India Fund III के साथ ही हरिंदरपाल सिंह बंगा, नरोत्तम सेखसरिया और सुनील कांत मुंजाला जैसे निवेशक 10 नवंबर को लॉक इन पीरियड खत्म होने के बाद अपने शेयर बेच सकेंगे।
शुरुआती दौर में निवेश के बाद से Nykaa की 12 फीसदी से ज्यादा शेयर होल्डिंग 100 गुना रिटर्न पर बैठी है। ऐसे में कुछ एनालिस्ट का मानना है कि ऐसे निवेशक अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड करने के लिए नायका में अपनी पोजिशन कुछ हल्की कर सकते है।
Nykaa के शेयरों में आई बिकवाली काफी हद तक कुछ महीने पहले Zomato में आई बिकवाली की तरह लग रही है। जुलाई तक Zomato के शेयर अपने ऑल टाइम हाई से 25 फीसदी से ज्यादा टूट गए थे। हालांकि उसके बाद से इस स्टॉक में करीब 50 फीसदी की रिकवरी आई है।
क्या Nykaa दोहराएगा Zomato की कहानी
अधिकांश एनालिस्ट का मानना है कि नायका में आई हाल की बिक्री तात्कालिक प्रतिक्रिया है। Nykaa की लॉन्ग टर्म स्टोरी मजबूती बनी हुई है। आगे चलकर यह स्टॉक हमें शानदार रिटर्न देता नजर आएगा। ऐसे में जो लोग सस्ते में अच्छे शेयर खरीदना चाहते है उनको Nykaa में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खरीदारी शुरु कर देनी चाहिए।
नोमुरा के एनालिस्ट कपिल सिंह का कहना है कि Nykaa में आगे अच्छी ग्रोथ की संभावनाएं दिख रही है। भारत को एक बहुत बड़ा डेमोग्रॉफिक बढ़त हासिल है। देश में समृद्धि बढ़ने के साथ-साथ ही महिलाओं में सोशल मीडिया की पैठ बढ़ रही है और उनकी खर्च करने की क्षमता में भी बढ़त हो रही है जिसके चलते Nykaa में आगे काफी ग्रोथ की संभावना नजर आ रही है। अपने इस विश्लेषण के आधार पर नोमुरा ने Nykaa में 1365 रुपये का लक्ष्य दिया है। उसका कहना है कि इस स्ट़ॉक में वर्तमान लेवल से 40 फीसदी की बढ़त देखने को मिल सकती है।
इसी तरह जेएम फाइनेंशियल ने इस स्टॉक को Buy ऱेटिंग देते हुए 1,780 रुपये का लक्ष्य दिया है। ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि यह लक्ष्य सितंबर 2023 तक हासिल हो जाएगा। जेएम फाइनेंशियल का यह भी कहना है कि शॉर्ट टर्म में आने वाली किसी भी गिरावट में इस स्टॉक में लंबी अवधि के नजरिए के साथ खरीदारी करनी चाहिए।
(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।
Sujata Yadav
Tags: # share markets
First Published: Oct 28, 2022 4:28 PM
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Best Stocks to Invest: साल 2022 में इन 10 शेयरों पर लगा सकते हैं दांव, ब्रोकरेज हाउस ने दी निवेश की टॉप पिक
Stock Market Outlook: ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक, साल 2022 के लिए मिडकैप और स्मालकैप शेयरों में दांव लगाना चाहिए. मिडकैप और स्मालकैप कंपनियों की अर्निंग में सुधार है.
Stock Market Outlook: साल 2022 शेयर बाजार (Share Market) के लिए बढ़िया रहने वाला है. एक्सपर्ट्स से लेकर ब्रोकरेज फर्म (Brokerage firm) तक इस बात का जिक्र कर चुकी हैं. शेयर बाजार के दिग्गजों का भी मानना है कि बाजार के लिए बजट (Budget 2022) के बाद का सफर अच्छा हो सकता है. हल्की रिकवरी आएगी लेकिन बाजार फिर दौड़ लगाएंगे. निफ्टी (Nifty 50) इस साल 20 हजार का आंकड़ा छू सकता है. वहीं, सेंसेक्स (BSE Sensex) में भी 66000 के ऊपर के लेवल देखने को मिल सकते हैं. ब्रोकरेज हाउस ICICI Direct ने साल 2022 के लिए कुछ सेक्टर्स और स्टॉक्स दिए हैं, जिनमें निवेश पर बढ़िया रिटर्न मिल सकता है.
इन सेक्टर्स में आ सकती है बहार
ब्रोकरेज हाउस ICICI Direct के मुताबिक, साल 2022 में बाजार के लिए कई सेंटीमेंट मौजूद हैं. ब्रोकरेज हाउस बाजार को लेकर पॉजिटिव है और निफ्टी के लिए साल 2022 में फेयर वैल्यू 20 हजार रखी है. वहीं, सेंसेक्स के लिए 66,600 का टारगेट दिया गया है. साल 2022 में IT सेक्टर, कैपिटल गुड्स (Capital goods), आटो एंसिलियरीज (EV exposure), रिटेल और रीयल एस्टेट (Real Estate) सेक्टर अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं. ब्रोकरेज हाउस ICICI Direct के मुताबिक, कोविड के बाद से लगातार ग्रोथ की बात हो रही है. इकोनॉमिक रिकवरी को लेकर काफी उम्मीदें हैं. एसेट क्वालिटी को लेकर चिंता अब दूर हो रही है. FY21E-23E में निफ्टी अर्निंग CAGR 25.7 फीसदी पर प्लेस्ड है.
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केमिकल, स्टील, टेक्सटाइल से जुड़े शेयर कराएंगे कमाई
ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक, साल 2022 के लिए मिडकैप और स्मालकैप शेयरों में दांव लगाना चाहिए. मिडकैप और स्मालकैप कंपनियों की अर्निंग में सुधार है. दिसंबर तिमाही में भी अच्छे नतीजे आ रहे हैं. FY22-23E के दौरान मिडकैप और स्मालकैप की अर्निंग CAGR 39% और 28% रहने की उम्मीद है. स्पेशिएलिटी केमिकल, स्टील और होम टेक्सटाइल से जुड़ी कंपनियां बेहतर कर सकती हैं.
2022 में कहां रखना चाहिए फोकस?
टेक्नोलॉजी सेक्टर में वर्चुअलाइजेशन ऑफ बिजनेस, प्राइवेट सेक्टर कैपेक्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल, फर्मा एंड केमिकल, क्रेडिट ग्रोथ, रिटेल सेक्टर, मेटल, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, रीयल एस्टेट, टेलिकॅम सेक्टर में 5G.
साल 2022 के लिए बेस्ट 10 स्टॉक
Stock TGT
Bharti Airtel 860 रु
The Phoenix Mills 1200 रु
Minda Corp 220 रु
Radico Khaitan 1450 रु
eClerx Services 2900 रु
Tech Mahindra 2150 रु
Orient Cement 250 रु
Dwarikesh Sugar 110 रु
NRB Bearings 220 रु
Aster DM Healthcare 250 रु
(Disclaimer: यहां शेयर में निवेश को लेकर सलाह ब्रोकरेज हाउस की है. ज़ी बिज़नेस की तरफ से सिर्फ जानकारी दी गई है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब
Share Market Guide: शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा, किस कंपनी का शेयर खरीदे?
महंगाई (Inflation) बढ़ रही है और रुपये (Rupee) का मूल्य घट रहा है. यानी सिर्फ पैसा बचाने से काम नहीं चलेगा, पैसा बढ़ाना भी पड़ेगा. ऐसे में शेयर बाजार (Share Market) में निवेश अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन शेयर मार्केट (Stock Market) में पहली बार निवेश करने वालों के लिए क्या जानना जरूरी है? शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है?
कब कर सकते हैं? किस शेयर में पैसा लगाएं? ये सारी बातें यहां हम आपको बता रहे हैं.
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब
1. शेयर क्या है?
किसी कंपनी को चलाने के लिए पूंजी यानी कैपिटल की जरूरत पड़ती है. अब कंपनी को चलाने के लिए मालिक बाजार से पैसा उठाना चाहता है तो वह कैपिटल को हिस्सों में बांट देता है यही हिस्से कहलाते हैं शेयर. जैसे किसी कंपनी की कैपिटल 100 रुपये है. अब कंपनी इसे 100 हिस्सों में बांट दें तो वे 100 हिस्से शेयर्स कहलाएंगे और एक शेयर एक रुपये का होगा. अब इसी कैपिटल को दो या 5 हिस्सों में भी बांटा जा सकता है. यानी कंपनी की एक यूनिट एक शेयर के बराबर होती है.
अब आप किसी कंपनी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उसके शेयर खरीद सकते हैं. इन्हीं शेयर्स की जब आप खरीदी बिक्री करने जिस बाजार में जाएंगे उसे कहते हैं शेयर बाजार.
2. शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा?
शेयर बाजार में पांव रखने से पहले आपको चाहिए डिमैट अकाउंट. जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक अकाउंट चाहिए वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट के जरिए ही शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है.
3. डीमैट अकाउंट क्या है
डीमैट अकाउंट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना. डिमैट अकाउंट आप चंद सैकेंड में खोल सकते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट लगती हैं. इसके लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं.
4. किस कंपनी का शेयर खरीदें?
जवाब है किसी अच्छी कंपनी है, क्योंकि अच्छी कंपनी के शेयर्स अच्छा रिटर्न देते हैं. अच्छी कंपनी मतलब जिसका प्रॉफिट, प्रोडक्ट, भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स यानी बुनियादी बातें कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. यानी कंपनी कितना कमा रही है, कितना कर्ज है, कितना मुनाफा हो रहा है? कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है. ये सब देखना होता है. कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती हैं. जैसे कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ईलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई. लेकिन निवेशक केवल कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें तो भी काम बन सकता है. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी हैं, प्रॉफिट में रहती है और आगे भी रहेंगी. इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखें, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखें.
5. प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट क्या है?
जब आप कोई शेयर सीधे कंपनी से खरीदते हैं जैसे की आईपीओ के जरिए.. यह प्राइमरी मार्केट है. यानी कंपनियां जो शेयर्स बाजार में इश्यू करती है. लेकिन जब सीधे कंपनी से खरीदे हुए शेयर्स को आप अन्य खरीदारों में बेचने जाते हैं तो वो सेकेंड्री मार्केट है. यानी इश्यू किए हुए शेयर्स की जब खरीद बिक्री होती है.
6. ट्रेडिंग या निवेश?
एक्सपर्ट कहते हैं कि 5 साल, 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने वाले फायदे में रहते हैं. यानी लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट. अब शेयर बाजार को गहनता से समझने वाले और रिस्क उठा सकने वाले ही शॉर्ट टर्म या हर रोज शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. कितना और कितने समय के लिए निवेश? अब सबसे पहले आप ये तय करें कि निवेश कितना करना है और कितने समय के लिए. फिर तय करें कि आप निवेश करना क्यों चाहते हैं यानी कि आपका उद्देश्य क्या है. जैसे, शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसे गोल्स. इसी अनुसार आप आगे बढ़ते हैं और तभी आप फैसला ले पाएंगे कि आपको किस शेयर में निवेश करना है. शेयर मार्केट में शुरुआत धीमी रखें.
7. शेयर बाजार नहीं समझते हैं तो कैसे निवेश करें?
अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह लें, एक्सपर्ट को बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं और कितने समय के लिए. आपका निवेश का उद्दश्य क्या है और आप निवेश से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं. एक उपाय म्यूचुअल फंड भी हैं. जिसमें कुछ एक्सपर्ट आपके जैसे कई निवशकों के पैसे को कहां लगाना है ये तय करते हैं.
Share Market: किसी ने कमाए करोड़ों- इसपर न जाएं, अपनी अक्ल लगाएं
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जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित
Share market: जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. आइए इसका जवाब बताते हैं.
- शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
- अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
- राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर
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नई दिल्ली: आपने शेयर मार्केट (Share Market) से जुड़ी तमाम खबरें सुनी होंगी. जिसमें शेयर मार्केट में गिरावट और बढ़त जैसी खबरें आम हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. इस सवाल का जवाब है नहीं. आपको बता दें कि शेयर मार्केट में डूबा हुआ पैसा गायब हो जाता है. आइए इसको समझाते हैं.
कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश
आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.
डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर
शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्थितियों में शेयरों का मूल्य घटता या बढ़ता जाता है. इस क्या स्टॉक का 1 शेयर खरीदना इसके लायक है बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.
कैसे काम करता है शेयर बाजार
मान लीजिए किसी के पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है. लेकिन उसे जमीन पर उतारने के लिए पैसा नहीं है. वो किसी निवेशक के पास गया लेकिन बात नहीं बनी और ज्यादा पैसे की जरूरत है. ऐसे में एक कंपनी बनाई जाएगी. वो कंपनी सेबी से संपर्क कर शेयर बाजार में उतरने की बात करती है. कागजी कार्रवाई पूरा करती है और फिर शेयर बाजार का खेल शुरू होता है. शेयर बाजार में आने के लिए नई कंपनी होना जरूरी नहीं है. पुरानी कंपनियां भी शेयर बाजार में आ सकती हैं.
शेयर का मतलब हिस्सा है. इसका मतलब जो कंपनियां शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती हैं उनकी हिस्सेदारी बंटी रहती है. स्टॉक मार्केट में आने के लिए सेबी, बीएसई और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) में रजिस्टर करवाना होता है. जिस कंपनी में कोई भी निवेशक शेयर खरीदता है वो उस कंपनी में हिस्सेदार हो जाता है. ये हिस्सेदारी खरीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करती है. शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर्स यानी दलाल करते हैं. कंपनी और शेयरधारकों के बीच सबसे जरूरी कड़ी का काम ब्रोकर्स ही करते हैं.
निफ्टी और सेंसेक्स कैसे तय होते हैं?
इन दोनों सूचकाकों को तय करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर है कंपनी का प्रदर्शन. अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो लोग उसके शेयर खरीदना चाहेंगे और शेयर की मांग बढ़ने से उसके दाम बढ़ेंगे. अगर कंपनी का प्रदर्शन खराब रहेगा तो लोग शेयर बेचना शुरू कर देंगे और शेयर की कीमतें गिरने लगती हैं.
इसके अलावा कई दूसरी चीजें हैं जिनसे निफ्टी और सेंसेक्स पर असर पड़ता है. मसलन भारत जैसे कृषि प्रधान देश में बारिश अच्छी या खराब होने का असर भी शेयर मार्केट पर पड़ता है. खराब बारिश से बाजार में पैसा कम आएगा और मांग घटेगी. ऐसे में शेयर बाजार भी गिरता है. हर राजनीतिक घटना का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. चीन और अमेरिका के कारोबारी युद्ध से लेकर ईरान-अमेरिका क्या स्टॉक का 1 शेयर खरीदना इसके लायक है तनाव का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. इन सब चीजों से व्यापार प्रभावित होते हैं.
जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित
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नई दिल्ली: आपने शेयर मार्केट (Share Market) से जुड़ी तमाम खबरें सुनी होंगी. जिसमें शेयर मार्केट में गिरावट और बढ़त जैसी खबरें आम हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. इस सवाल का जवाब है नहीं. आपको बता दें कि शेयर मार्केट में डूबा हुआ पैसा गायब हो जाता है. आइए इसको समझाते हैं.
कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश
आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.
डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर
शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्थितियों में शेयरों का मूल्य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.
कैसे काम करता है शेयर बाजार
मान लीजिए किसी के पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है. लेकिन उसे जमीन पर उतारने के लिए पैसा नहीं है. वो किसी निवेशक के पास गया लेकिन बात नहीं बनी और ज्यादा पैसे की जरूरत है. ऐसे में एक कंपनी बनाई जाएगी. वो कंपनी सेबी से संपर्क कर शेयर बाजार में उतरने की बात करती है. कागजी कार्रवाई पूरा करती है और फिर शेयर बाजार का खेल शुरू होता है. शेयर बाजार में आने के लिए नई कंपनी होना जरूरी नहीं है. पुरानी कंपनियां भी शेयर बाजार में आ सकती हैं.
शेयर का मतलब हिस्सा है. इसका मतलब जो कंपनियां शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती हैं उनकी हिस्सेदारी बंटी रहती है. स्टॉक मार्केट में आने के लिए सेबी, बीएसई और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) में रजिस्टर करवाना होता है. जिस कंपनी में कोई भी निवेशक शेयर खरीदता है वो उस कंपनी में हिस्सेदार हो जाता है. ये हिस्सेदारी खरीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करती है. शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर्स यानी दलाल करते हैं. कंपनी और शेयरधारकों के बीच सबसे जरूरी कड़ी का काम ब्रोकर्स ही करते हैं.
निफ्टी और सेंसेक्स कैसे तय होते हैं?
इन दोनों सूचकाकों को तय करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर है कंपनी का प्रदर्शन. अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो लोग उसके शेयर खरीदना चाहेंगे और शेयर की मांग बढ़ने से उसके दाम बढ़ेंगे. अगर कंपनी का प्रदर्शन खराब रहेगा तो लोग शेयर बेचना शुरू कर देंगे और शेयर की कीमतें गिरने लगती हैं.
इसके अलावा कई दूसरी चीजें हैं जिनसे निफ्टी और सेंसेक्स पर असर पड़ता है. मसलन भारत जैसे कृषि प्रधान देश में बारिश अच्छी या खराब होने का असर भी शेयर मार्केट पर पड़ता है. खराब बारिश से बाजार में पैसा कम आएगा और मांग घटेगी. ऐसे में शेयर बाजार भी गिरता है. हर राजनीतिक घटना का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. चीन और अमेरिका के कारोबारी युद्ध से लेकर ईरान-अमेरिका तनाव का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. इन सब चीजों से व्यापार प्रभावित होते हैं.
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