4. यदि आप पहली बार निवेश कर रहे हैं तो आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
अपने पोर्टफोलियो के लिए एसजीबी पर विचार करने के 5 कारण!
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड या एसजीबी केंद्र सरकार की ओर से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए बॉन्ड हैं। ये बांड भौतिक सोना द्वारा समर्थित हैं और सरकार के लिए राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। RBI इन बांडों को पूरे वर्ष किश्तों में जारी करता है और अंतिम किश्त वर्तमान में सदस्यता के लिए खुला है, जिसकी अंतिम तिथि 23 दिसंबर 2022 है।
ये एसजीबी उन तरीकों में से एक हैं जिनसे निवेशक पीली धातु में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, इन एसजीबी के कई लाभ हैं जो उन्हें सोने में निवेश के अन्य तरीकों से बेहतर विकल्प बनाते हैं। यहां 5 सबसे अच्छे फायदे हैं।
ब्याज दर
एसजीबी अनिवार्य रूप से बांड हैं, जिसका अर्थ है कि यह एक ऋण सुरक्षा है और सरकार इस पर ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है। इसलिए, पूंजी की सराहना के अलावा, जो कि सोने की दरों में बढ़ोतरी के रूप में आनंद ले सकता है, निवेशकों को प्रति वर्ष एक निश्चित 2.5% ब्याज भी मिलता है (अर्ध-वार्षिक जमा) जो एसजीबी की अपील को और बढ़ाता है क्योंकि कोई अन्य विकल्प निश्चित रिटर्न प्रदान नहीं करता है। पैसा जो अनिवार्य रूप से सोने में निवेश किया जाता है।
Digital Gold क्या है और क्या करना चाहिए डिजिटल गोल्ड मे निवेश यहाँ जाने पूरी जानकारी
नयी तकनीक के कारन ऑनलाइन और डिजिटल सेवाओ का लाभ उठाना काफी आसान हो चूका है। एडवांस ऑनलइन प्लेटफार्म के कारन निवेश के नए नए तरीके सामने आ रहे है। सोने मे निवेश भी अब डिजिटल हो चूका है। गोल्ड मे निवेश एक सबसे सुरक्षित और रिटर्न देने वाली इन्वेस्टमेंट मानी जाती है,हर एक बड़े निवेशक अपने निवेश होल्डिंग मे गोल्ड निवेश रखते है। काफी सारे निवेश प्लेटफार्म डिजिटल गोल्ड निवेश का विकल्प देते है हलाकि डिजिटल गोल्ड मे निवेश करने के पहले डिजिटल गोल्ड के बारे मे जानना उसके जरिये होने लाभ और नुकसान हो जानना जरुरी है। अगर आपकी डिजिटल गोल्ड मे निवेश करने की सोच रहे है तो इस आर्टिकल से आपको फायदा होगा।
क्या है डिजिटल गोल्ड ?(What Is Digital Gold)
- डिजिटल गोल्ड मतलब ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिये गोल्ड खरीदकर उसमे निवेश करना।
- इस तरह से डिजिटल गोल्ड खरीदने पर निवेश प्लेटफार्म ग्राहक के ख़रीदे गोल्ड को उनके वॉल्ट मे डिजिटल गोल्ड क्या है? सुरक्षित रखता है।
- निवेश प्लेटफार्म के जरिये गोल्ड खरीदते समय नेट बैंकिंग के जरिये ऑनलाइन पेमेंट करना होता है।
- जिसके बाद ख़रीदे गए यूनिट का गोल्ड आपके नाम पर सुरक्षित किया जाता है।
- आप शेयर जैसे ही इस डिजिटल गोल्ड को अच्छे रिटर्न के लिए होल्ड कर सकते है और कभी भी अच्छे मुनाफे पर बेच सकते है।
- इसी समय अगर आप चाहे तो डिजिटल गोल्ड की सोने के सिक्के मे फिजिकल डिलीवरी भी ले सकते है।
- सबसे विशेष बात आप इसे सिर्फ 100 रुपये से खरीद सकते है।
- इस समय डिजिटल गोल्ड खरीदना काफी आसान है सभी स्टॉक ब्रोकर डिजिटल गोल्ड निवेश विकल्प देते है।
- इसी समय मोबाइल वॉलेट एप्लीकेशन जैसे की फ़ोन पे ,पेटीएम मनी ,गूगल पे के जरिये आसानी से डिजिटल गोल्ड क्या है? डिजिटल गोल्ड निवेश किया जा सकता है।
- यह सभी वॉलेट एप्लीकेशन MMTC- PAMT और सेफ गोल्ड के साथ पार्टनरशिप के जरिये डिजिटल गोल्ड लोन की सेवाएं देती है।
- भारत मे डिजिटल गोल्ड निवश सेवा ऑग्मेंट गोल्ड ,सेफ गोल्ड और MMTC PAMC देती है।
डिजिटल गोल्ड निवेश के फायदे :(Benifits Of Digital Gold Investment)
- सोना खरीदना मतलब आपको कम से कम 10 हजार तैयार रखने पड़ते है लेकिन इस डिजिटल गोल्ड विकल्प के जरिये आप 100 रुपये का सोना खरीदकर गोल्ड निवेश कर सकते है।
- यह डिजीटल गोल्ड आपके तरफ से सुरक्षित लॉकर मे रक्खा जाता है जो की 99.9 फीसदी शुद्धा होता है।
- डिजिटल गोल्ड होने के कारन इसे घर पर सुरक्षित रखने का सवाल ही नहीं उठता।
- डिजिटल गोल्ड के डिजिटल गोल्ड क्या है? लिए फिजिकल गोल्ड जैसे मेकिंग का खर्चा नहीं करना पड़ता है।
- डिजिटल गोल्ड को किसी भी समय तुरंत खरीद सकते है और जब मनचाहे उसे बेचकर राशि आपके बैंक खाते मे वापिस प्राप्त कर सकते है।
- डिजिटल गोल्ड को आप किसी भी समय फिजिकल गोल्ड मे बदलकर उसकी घर पर डिलीवरी प्राप्त कर सकते है।
- डिजिटल गोल्ड को लॉकर मे रखने के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता डिजिटल गोल्ड क्या है? है।
डिजिटल गोल्ड निवेश के नुकसान :(Drawbacks Of Digital Gold)
- डिजिटल गोल्ड निवेश करते समय आपको निवेश की राशि पर 3 फीसदी GST शुल्क देना पड़ता है।
- मतलब 100 रुपये का डिजिटल गोल्ड खरीदने पर आपको सिर्फ 70 रुपये का गोल्ड मिलता है और शुरवात से ही नुकसान मे चले जाते है।
- इसी समय डिजिटल गोल्ड निवेश के लिए शुल्क भी लिया जाता है जिसमे ट्रांजेक्शन चार्ज ,स्टोरेज शुल्क ,कवर होता है।
- डिजिटल गोल्ड लेने के बाद आप उसे हमेशा के लिए नहीं रख सकते तय समय के बाद आपको उसे बेचना या फिर फिजिकल डिलीवरी लेना अनिवार्य होता है।
- अगर आप ज्यादा समय के लिए होल्ड करते है तो आपको और अतरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है।
- डिजिटल गोल्ड के लिए कोई रेगुलेटर संस्था नहीं है जो इसे नियंत्रित करती है।
- आप एक पार्टी से मोबाइल एप्लीकेशन के जरिये डिजिटल गोल्ड खरीदते है जिसे थर्ड पार्टी कंपनी वॉल्ट लॉकर मे रखती है और कंपनी के ट्रस्टी गोल्ड की शुद्धता और क्वांटिटी पर नजर रखते है।
- लेकिन ट्रस्टी के ऊपर RBI NSE BSE या फिर SEBI जैसी कोई रेगुलेटरी नियंत्रण नहीं रखती है।
- कोई नियंत्रण नहीं होने के कारन फ्रॉड या फिर नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है।
Sovereign Gold Bond Scheme: बड़ी काम की है ये सरकारी स्कीम, मिलेगा शानदार फायदा, पढ़े पूरी डिटेल
Sovereign Gold Bond Scheme: जो लोग सोना खरीदना चाहते हैं, उसमें निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए एक बार फिर सॉवरेन गोल्ड बॉऩ्ड स्कीम शुरु हो रही है जिसमें आप एक तरीके से सस्ता सोना खरीद सकते हैं. सोने के लिए अपने बजट के बराबर पैसा लगाकर शानदार मुनाफा हासिल कर सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 सीरीज 3 का सब्सक्रिप्शन शुरू कर दिया है, जो पांच दिनों के लिए ओपन रहेगा. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का इशू प्राइस 999 शुद्ध सोने की कीमत के आधार पर तय होता. इस बार नई किस्त का इशू प्राइस 5409 रुपये प्रतिग्राम रखा गया है.
RBI ने दिया सस्ता गोल्ड खरीदने का आखिरी मौका
Buy sovereign:Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23 की डिजिटल गोल्ड क्या है? अगली किश्त आज पांच दिनों के लिए सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गई है. सोने का इश्यू प्राइस 5,409 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है. भारतीय डिजिटल गोल्ड क्या है? रिजर्व बैंक भारत सरकार की ओर से बांड जारी करता है. खास बात ये है कि आरबीआई की ओर से जारी हुए गोल्ड बांड में निवेश करने का इस साल ये आखिरी मौका है. फिर अगले साल मार्च में ही मौका मिलेगा. अगर आप भी निवेश करना चाहते हैं तो आज से 5 दिनों तक मौका
SGB को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण डिजिटल गोल्ड क्या है? बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), नामित डाकघरों और स्टॉक एक्सचेंजों एनएसई और बीएसई के माध्यम से बेचा जाएगा.
समय से पहले निकालने पर देना होगा टैक्स
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी पीरियड 8 वर्ष रहती है। इसके 5 साल के बाद भी निकाला जाता सकता है किन्तु यदि आप इसे 5 साल निकालते हैं तो उससे होने वाले लाभ पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के रूप में 20.80 प्रतिशत टैक्स लगता है। जबकि मैच्योरिटी पीरियड के बाद निकालने पर इससे होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं अदा करना पड़ता। इसकी शुद्धता की चिंता करने की भी जरूरत नहीं होती है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के मुताबिक गोल्ड बॉन्ड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित 24 कैरेट शुद्धता वाली सोने की कीमत से लिंक रहती है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को आरबीआई की तरफ से जारी किया जाता है। यह एक सरकारी बॉन्ड होता है। इसे डीमैट के रूप में परिवर्तित कराया जा सकता है। इसकी कीमत सोने के वजन में होता है। सूत्रों की मानें तो यदि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पांच ग्राम सोने का है तो पांच ग्राम सोने की जितनी कीमत होगी, उतनी ही बॉन्ड की कीमत होगी। इसे खरीदने के लिए सेबी के अधिकृत ब्रोकर को इश्यू प्राइस का भुगतान करना होता है।
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