Stock Market Closing Bell: आज 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 461.22 अंको यानी 0.75% की तेज गिरावट के साथ 61,337.भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं 81 पर बंद हुआ.
NSE और BSE क्या है?
बीएसई का मतलब है ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और एनएसई का मतलब है ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’। हालांकि हर कोई जानता है कि ये दोनों शेयर्स और बॉन्ड्स जैसी सिक्योरिटीज से जुड़े हुये हैं, लेकिन इनका असली मतलब शायद हर किसी को पता नहीं होगा। आइये हम बताते है क्या हैं बीएसई और एनएसई। भारत में दो शेयर बाज़ार हैं: बीएसई यानि ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और एनएसई यानि ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’।
- BSE यानि (Bombay Stock Exchange), की स्थापना सन 1875 में हई थी।
- NSE यानि (National Stock Exchange) की स्थापना सन 1992 में हुई थी।
दोनों एक्सचेंज के सूचकांक(INDEX) :
- NSE का सूचकांक NIFTY (‘N’=NSE तथा ‘IFTY’=fifty यानि NSE-50)| “NIFTY INDEX” NSE में सूचीबद्ध शेयरों का प्रतिनिधित्व करती है। और
- BSE का सूचकांक “SENSEX” (“सेंसिटिव इंडेक्स”) । “SENSEX INDEX” BSE में सूचीबद्ध शेयरों का प्रतिनिधित्व(represent) करती है।
SENSEX और NIFTY INDEX की गणना “free float market capitalization” विधि से की जाती है। यानी सेन्सेक्स की गणना “मार्केट कैपिटलाइजेशन-वेटेज मेथेडोलॉजी” के आधार पर की जाती है।
National भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं Stock Exchange क्या है ?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मुंबई में स्थित भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं है, यह भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। यह 1992 से अस्तित्व में आया और यहीं से इलेक्ट्रोनिक एक्सचेंज सिस्टम की शुरुआत हुई और पेपर सिस्टम खत्म हुआ।
एनएसई ने 1996 से निफ्टी की शुरुआत की, जो टॉप 50 स्टॉक इंडेक्स दे रहा था और यह तेजी से भारतीय पूंजी बाज़ार की रीड बना। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को 1992 को कंपनी के रूप में पहचान मिली और 1992 में इसे सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट, 1956 के तहत कर भुगतान कंपनी के रूप में स्थापित किया गया।
National stock exchange दुनिया भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं का 11 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसका बजार पूंजीकरण (market capitalization) अप्रैल 2018 तक 2.27 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुच गया था ।
'शेयर बाजार में गिरावट'
वैश्विक बाजारों में मिले-जुले रुख और आईटी शेयरों में लिवाली के बीच बुधवार को शुरुआती कारोबार में भले ही सेंसेक्स और निफ्टी में कुछ बढ़त दिखी लेकिन शाम होते तक बाजार गिरावट के साथ बंद हुए. बीएसई का 30 शेयरों में संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 635 अंक नीचे 61067 पर बंद हुआ वहीं निफ्टी 186 अंक नीचे 18199 पर बंद हुआ. बता दें कि आज सुबह शेयर बाजार में सप्ताह के दोनों कारोबारी दिन की गिरावट के बाद आज कुछ लिवाली का रुख दिखाई दिया था.
देश के शेयर बाजार में दो दिन की गिरावट के बाद आज कुछ तेजी देखी जा रही है. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही सुबह हरे निशान के साथ कारोबार कर रहे हैं. सेंसेक्स में सुबह 9.40 बजे करीब 157 अंक की तेजी है और ये 61859 पर कारोबार कर रहा है जबकि निफ्टी इसी समय 30 अंक की तेजी के साथ 18409 पर कारोबार कर रहा है.
Stock भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं Market Closing Bell: आज सभी सेक्टोरल इंडेक्स में एफएमसीजी, ऑटो, रियल्टी 0.5- 1 प्रतिशत की गिरावट के साथ लाल निशान पर बंद हुए हैं.
भारत का शेयर बाजार मार्केट वैल्यू के मामले में ब्रिटेन से आगे निकलने के करीब, Top-5 में हो सकता है शामिल
शेयर बाजार (Stock Market Today) आज सुबह गिरकर जरूर खुला, लेकिन अब इसमें तेजी कस रुख है.
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, भारत का मार्केट कैप इस साल 37% बढ़कर 3.46 ट्रिलियन डॉलर हो गया है. वहीं, ब्रिटेन का मार्केट कैप इ . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 12, 2021, 08:25 IST
मुंबई . भारत का शेयर बाजार मार्केट वैल्यू के मामले में ब्रिटेन को पीछे छोड़ने के करीब आ गया है. जल्द ही इंडियन इक्विटी मार्केट दुनिया के टॉप-5 मार्केट वैल्यू वाले क्लब में शामिल हो सकता है. रिकॉर्ड लो इंट्रेस्ट रेट और रिटेल निवेश भारत के स्टॉक मार्केट को भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं रिकॉर्ड हाई पर ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण रोल निभा रहे हैं.
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, भारत का मार्केट कैपिटलाइजेशन इस साल 37% बढ़कर 3.46 ट्रिलियन डॉलर हो गया है. वहीं, ब्रिटेन का मार्केट कैप इस साल 9% बढ़कर 3.59 ट्रिलियन डालर तक पहुंचा गया है. यदि secondary listings और depositary receipts देखें तो यह आकंड़ा भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं काफी महत्वपूर्ण है.
कोरोना का बढ़ता प्रकोप डरा रहा है
मार्च 2020 का वह दौर कोई कैसे भूल सकता है, जब भारत में कोरोना के मामले बढ़ना शुरू हुए थे. देखते ही देखते शेयर बाजार क्रैश हो गया था. निवेशकों के लाखों करोड़ों रुपये डूब गए. अब कोरोना एक बार फिर से भयावह रूप लेता दिख रहा है. चीन की नाक में यह पहले ही दम कर चुका है, जैसा पिछली बार किया था. धीरे-धीरे यह बाकी देशों में फैल रहा है, जैसा पिछली बार हुआ था. बाजार भी धीर-धीरे गिर और चढ़ रहा है, जैसा पिछली बार हो रहा था. अब डर ये है कि कहीं मार्केट क्रैश ना कर जाए, क्योंकि पिछली बार के नुकसान की ही अभी तक ठीक से भरपाई नहीं हो पाई है तो फिर ये नया नुकसान कैसे सहा जाएगा. बुधवार को ही सेंसेक्स करीब 635 अंक गिरा है. गुरुवार को भी बाजार लाल निशान में कारोबार कर रहा है. यहां से हर निवेशक को संभल कर कदम बढ़ाने की जरूरत है.
कोरोना काल में जब वैक्सीन बनना शुरू हुई भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं थीं तो शेयर बाजार में सबसे तगड़ी तेजी फार्मा कंपनियों के शेयरों में देखी गई थी. सहमे हुए बाजार में एक बार फिर से फार्मा स्टॉक्स सरपट भागते हुए दिख रहे हैं. बुधवार को डॉ. लाल पैथलैब्स के शेयर 6 फीसदी चढ़े, मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड में भी 3 फीसदी की तेजी आई. वहीं विजया डायग्नोस्टिक के शेयर 3.16 फीसदी तक चढ़ गए. अपोलो हॉस्पिटल्स और फोर्टिस हेल्थकेयर के शेयरों में भी तेजी का रुख देखने को मिला. दरअसल, मामले बढ़ने का मतलब है कि फार्मा कंपनियों की सेल्स बढ़ेगी, जिसके चलते उनकी कमाई बढ़ेगी. इसी वजह से निवेशक अब फार्मा कंपनियों पर दाव लगा रहे हैं.
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