Diabetes Control: डायबिटीज में मूंगफली खाना चाहिए या नहीं? इसका सेवन करने से ब्लड शुगर पर कैसा असर बिटकॉइन की वैल्यू क्या है पड़ता है एक्सपर्ट से जानिए
Cryptocurrency crash: बिटक्वाइन, Ethereum में आई बड़ी गिरावट, जानें कारण और आगे क्या रहने वाला है हाल
बिटक्वाइन (Bitcoin) की कीमतों में 13 अक्टूबर के बाद से रिकॉर्ड गिरावट आई है। कल शाम क्रिप्टोकरेंसी में रिकॉर्ड गिरावट आई। न्यूयॉर्क बेस्ड साइट क्वाइन डेस्क के मुताबिक कई कारणों की वजह से क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में गिरावट आई। वेबसाइट के अनुसार बिटकॉइन का मूल्य कल शाम 55,460.96 डॉलर तक गिर गया। जो कि नवंबर में पीक पर पहुंचने वाले लेवल 69,000 डॉलर के मुकाबले 20 फीसदी कम है। हालांकि, फोर्ब्स के मुताबिक इस सप्ताह क्रिप्टोकरेंसी को चलाने के लिए इस हफ्ते कोई बड़ा कारण नजर नहीं आ रहा है। क्रिप्टोकरेंसी पर बढ़ते सेल प्रेशर, साल के आखिर प्रॉफिट बुकिंग जैसे कई कारण हैं।
क्रिप्टोकरेंसी बाजार रहने वाला है रेड लाइट जोन में
क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स के मुताबिक डिजिटल करेंसी का बाजार अभी लाल निशान पर ही रहने वाला है। सभी बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन, यूथियरम, सोलाना और Binance में गिरावट रहने वाली है। जहां इथेरियम 0.86 प्रतिशत गिरकर 4,167 डॉलर पर कारोबार कर रहा था, वहीं सोलाना भी 1.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,167 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। memecoins, Doge और SHIB में बढ़ोतरी हुई लेकिन बहुत ही मामूली बढ़ोतरी हुई। उनकी बढ़ोतरी क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा क्रमशः 0.30 प्रतिशत और 1.64 प्रतिशत पर आंकी गई।
बिटकॉइन के बारे में: What is bitcoin?
यह एक virtual currency होता है जिसका कोई फिजिकल रूप नहीं होता. यानी Bitcoin (BTC) को आप छू नहीं सकते. कंप्यूटर के अंदर ही ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से इस का आदान प्रदान किया जा सकता है. यह बिटकॉइन की वैल्यू क्या है कंप्यूटर के माध्यम से आदान प्रदान करने के लिए बनाई गई एक virtual currency (cryptocurrency) है.
हालांकि आप डिजिटल शब्द से Bitcoin को Banking का एक रूप नहीं कह सकते. दरअसल यह एक ऐसी करेंसी है जिस पर किसी भी बैंक की कोई पकड़ नहीं है. बैंक के साथ ही किसी भी राज्य या देश की इस करेंसी पर किसी प्रकार की पकड़ मौजूद नहीं है. इस करेंसी के माध्यम से आदान-प्रदान करते समय देशों के बीच में लगने वाला Tax भी नहीं दिया जाता. इस प्रकार बड़े व्यापार करने वाले लोग कई बार इस virtual currency का प्रयोग करते हैं.
बिटकॉइन कैसे काम करता है: how does bitcoin work?
यह एक electronic currency है जिसे coding के माध्यम से बहुत जटिल तरीके से बनाया गया है. हालांकि इसकी शुरुआत साल 2009 में सातोशी नाकामोतो द्वारा की गई थी. लेकिन अब पूरे विश्व में यह प्रचलित हो गई है. बिटकॉइन खरीदने पर आपको इसे Bitcoin Digital Wallet में रखना होता है. इसके बाद जब भी आप बिटकॉइन का आदान प्रदान करते हैं तो आप की मुद्रा इसी Bitcoin Wallet से खर्च की जाती है.
इस को एक्सेस करने के लिए आपको बिटकॉइन की वैल्यू क्या है Bitcoin Online Password दिया जाता है. हालांकि यह पासवर्ड रीसेट नहीं किया जा सकता. यानी एक बार आप पासवर्ड भूल गए तो आपका पैसा खत्म. आपका Bitcoin Wallet (virtual wallet) हमेशा के लिए बंद हो जाएगा. Bitcoin के माध्यम से बड़ी-बड़ी कंपनियां मुद्रा का आदान प्रदान करती हैं. इसका प्रयोग यह कंपनियां इसलिए करती हैं क्योंकि ऐसा करने से उन्हें देश को बड़ी मात्रा में Tax नहीं देना पड़ेगा. इसका प्रयोग करने से टैक्स नहीं कटता. ना ही किसी बैंक द्वारा इसको संचालित किया जाता है. इसलिए बैंक में दिया जाने वाला खर्चा भी नहीं होता. यह बस Online Network के माध्यम से काम करता है. जहां एक व्यक्ति अपने Wallet से दूसरे व्यक्ति बिटकॉइन की वैल्यू क्या है के Wallet में Amount Transfer करता रहता है.
Bitcoin Account के लाभ
- bitcoin की वैल्यू हमेशा बढ़ती रहती है. ज्यादातर बिटकॉइन की वैल्यू क्या है यह देखा जाता है कि bitcoin value बहुत कम ही गिरती है. यह हमेशा बढ़ती रहती है. जिस वक्त बिटकॉइन लांच (bitcoin launch) किया गया था. भारत में इसकी कीमत 5 से ₹10 के बीच थी. अब इसकी कीमत 1500000 रुपए तक होती है. इस प्रकार हम देखते हैं कि Bitcoin Price कई गुना तक बढ़ जाती है.
- बिटकॉइन के माध्यम से लेनदेन (bitcoin transactions) करते समय किसी भी प्रकार का कर या सुविधा शुल्क नहीं देना होता. ना ही कोई बैंक आपसे Bitcoin के माध्यम से भुगतान करने के लिए सुविधा बिटकॉइन की वैल्यू क्या है शुल्क मांगता है ना ही कोई सरकार आपसे बिटकॉइन पर Tax मांगती है.
- इसका प्रयोग करने से सरकार के निशाने में नहीं आया जा सकता. हालांकि यह इसका एक नकारात्मक पहलू है. लेकिन कई बड़े व्यापारी इसका प्रयोग करके अपना बिजनेस आगे बढ़ा रहे हैं.
- किसी भी समय बिटकॉइन को बेचा (Sell Bitcoin Online) जा सकता है और खरीदा (Buy Bitcoin Online) भी जा सकता है.
- बिटकॉइन को बेचने के पश्चात आपको उस समय की बिटकॉइन की कीमत के अनुसार पैसा मिल जाता है. यह पैसा आप अपने देश की करेंसी के रूप में बैंक के माध्यम से ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके पश्चात आप इस पैसे का प्रयोग अपने बैंक के लिए आम करेंसी की तरह कर सकते हैं.
Bitcoin में निवेश करना: How Bitcoin work?
इंटरनेट के माध्यम से बहुत सारे मोबाइल एप्लीकेशन Bitcoin में निवेश करने के लिए आपको आमंत्रित कर रहे हैं. आप किसी भी एप्लीकेशन का प्रयोग करके वहां अपनी आईडी बनाएं और Bitcoin में निवेश करें. जरूरी नहीं है कि आप 15, 20 लाख रुपए देकर बिटकॉइन खरीदें. आप ₹100 से शुरू करके बिटकॉइन में अपना निवेश भी कर सकते हैं. इस प्रकार आप बिटकॉइन को बेचते समय संबंधित लाभ भी कमा लेंगे.
यह इंटरनेट के माध्यम से संचालित होने वाली एक मुद्रा का प्रकार है, जिस पर सरकार या किसी देश का कोई नियंत्रण नहीं होता. इसके माध्यम से आप बिना किसी टैक्स या बाधाओं के लेन देन कर सकते हैं.
बिटकॉइन में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसमें अधिकतर समय निवेश होता है. लेकिन कई बार ग्राहकों को घाटा भी हो जाता है. इस लिए आपको चौकन्ना रहने की जरूरत है.
बिटकॉइन का ट्रेंड पुराना, अब ऑल्टकॉइंस खरीद रहे लोग, जानिए तेजी के पीछे क्या है कारण
Altcoins में पिछले 24 घंटे में बिटकॉइन से अच्छा प्रदर्शन किया है। (फोटो: रॉयटर्स)
क्रिप्टोकरेंसी बाजार में आज मंगलवार को बड़ी तेजी देखने को मिली। इस तेजी में बिटकॉइन की रफ्तार काफी सुस्त रही, लेकिन बाजार में क्रिप्टो निवेशकों के बीच पिछले कुछ समय से पॉपुलर हुए ऑल्टकॉइंस जैसे मेटिक (MATIC), अवक्स (AVAX), डॉट (DOT), सोलाना (Solana) और कई अन्य बड़े ऑल्टकॉइंस में दमदार तेजी हुईं, जिसने पूरे क्रिप्टोकरेंसी मार्किट की वैल्यू को एक बार फिर से एक ट्रिलियन के पार पहुंचा दिया।
ऑल्टकॉइंस (Altcoins) क्या होता है?
बिटकॉइन के अलावा सभी क्रिप्टोकरेंसी को ऑल्टकॉइंस कहा जाता है। बिटकॉइन में लेनदेन को मान्य करने के लिए प्रूफ ऑफ वर्क प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है, बिटकॉइन की वैल्यू क्या है वहीं ऑल्टकॉइंस में लेनदेन को मान्य करने के एक नया ब्लॉक बनाया जाता है। उदाहरण के लिए सोलाना में प्रूफ ऑफ हिस्ट्री प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है, जबकि कार्डानो प्रूफ ऑफ स्टेक प्रोटोकॉल का उपयोग करता है।
क्रिप्टो करेंसी मार्केट पर निगाह रखने वाली वेबसाइट कॉइन मार्केट कैप के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कई ऑल्टकॉइंस ने दोहरे अंकों में रिटर्न दिया है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो एथेरियम 13.52 फीसदी बढ़कर 1,538 डॉलर पर पहुंच गया है, जबकि सोलाना की कीमत में 10.24 फीसदी का इजाफा हुआ है। मैटिक में 20.55 फीसदी और Avax में 10.23 फीसदी का इजाफा हुआ है।
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ऑल्टकॉइंस में तेजी की वजह
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के बाद धीमी बढ़त को विशेषज्ञ ऑल्टकॉइंस में तेजी की वजह मान रहे हैं। हालांकि बिटकॉइन मंदी के बाद 22 हजार के स्तर से ऊपर आ गया है, लेकिन ऑल्टकॉइंस ने बिटकॉइन के मुकाबले कहीं अधिक रिटर्न निवेशकों को दिया है।
- ऑल्टकॉइंस में तेजी की दूसरी सबसे बड़ी वजह निवेशकों द्वारा कॉइंस को लेकर तेजी का नजरिया होना है, जिसके कारण इनमें तेजी बनी हुई है।
- ऑल्टकॉइंस के लिए विशेषज्ञ और ट्रेडर्स लगातार पॉजिटिव आउटलुक बता रहे हैं। बिटकॉइन की वैल्यू क्या है उनका मानना है कि मौजूदा समय में ऑल्टकॉइंस, बिटकॉइन के मुकाबले टेक्निकल स्तर पर अधिक मजबूत है।
बिटकॉइन का इस्तेमाल कैसे किया जाता है
बिटकॉइन का इस्तेमाल करने के लिए पहले बिटकॉइन वॉलेट की आवश्यक्ता होती है। वालेट सेंडर और रिसीवर यानी भेजने वाले और पाने वाले दोनों के पास होना चाहिए। उसके बाद रिसीवर यानी बिटकॉइन पाने वाला सेंडर को अपना बिटकॉइन एड्रेस देता है।
सेंडर अपने वॉलेट में उस एड्रेस को डालता है और कितना बिटकॉइन भेजना है यह लिख कर सेंड कर देता है। इस प्रोसेस को पूरा करते ही सेंडर के वॉलेट में पड़े बिटकाइन कट जाते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि बिटकॉइन तुरंत ही पहुंच जाता है।
वह कई कंप्यूटरों से जुड़ा होता है। वहां से वेरीफाई होने के बाद वह रिसीवर को मिलता है। इस प्रक्रिया में 5-6 मिनट लग जाते हैं। कई बार यह समय आधे घंटे तक हो जाता है। अब सवाल यह आता है कि जब कोई सेंट्रल सिस्सटम नहीं होता तो आखिर बिटकॉइन वेरीफाई किस कंप्यूटर से होता है?
बिटकॉइन कैसे प्रचलित हुआ
बैंकों से पैसे के ट्रांसफर में समय और धन ज्यादा लगता है। साथ ही यह खर्च और बढ़ जाता है जब आप विदेशों से पैसा भेज रहे हों। फॉरेन एक्सचेंज में लोगों का ज्यादा खर्च लगता था। जबकि यही दाम बिटकॉइन ट्रांसफर में बहुत ही कम हो गया।
कहा जाए तो भेजी जाने वाली राशि के 1 प्रतिशत से भी कम दाम में। जिसके बाद लोगों ने बिटकॉइन का इस्तेमाल शुरू कर दिया। इसकी एक खास बात और थी कि इसे ट्रैक नहीं किया जा सकता था। जिसके कारण सरकारें चिंतित हो गईं।
कई देशों की सरकारों का मानना था कि बिटकॉइन का इस्तेमाल करके अवैध व्यापार जैसे स्म्गलिंग, हथियारों का धंधा किया जा सकता है। इस लिए कई देशों ने इसे बैन कर दिया। बिटकॉइन से पैसा भेजने का फायदा यह भी था कि बिटकॉइन वॉलेट का अकाउंट ब्लॉक नहीं होता है।
बिटकॉइन का दाम (Bitcoin Price) क्यों सर्च किया गया
साल 2017 में जिस समय गुजरात में चुनाव थे उस समय बिटकॉइन का दाम तेजी से बढ़ने लगा। जिससे बिटकॉइन खबरों में आ गया। लगातार खबरों में उसके दाम के बढ़ने का सिलसिला देखने को मिल रहा था। कभी जनवरी 2017 में 1 लाख रुपये बिटकॉइन की वैल्यू क्या है का बिटकॉइन दिसंबर 2017 तक 14 लाख रुपये पहुंच गया।
जिसके कारण बिटकॉइन की ओर लोग आकर्षित हुए और बंपर इन्वेस्ट भी किया। लेकिन दिसंबर के बाद दाम गिरने लगा। आज बिटकॉइन का दाम 3 लाख रुपये से भी कम बिटकॉइन की वैल्यू क्या है है। बिटकॉइन के लगातार घटते बढ़ते दामों को देखने के लिए लोगों ने बिटकॉइन प्राइस (Bitcoin Price) सर्च किया।
Bitcoin से 10 गुना ज्यादा महंगा हुआ यह Crypto Token, 24 घंटे में 93 करोड़ रुपए से ज्यादा हुई कीमत
कॉइन मार्केट कैप डॉट कॉम के आंकड़ों के अनुसार कंपाउंड रैप्ड बीटीसी (Wrapped BTC) में 57 हजार फीसदी से ज्यादा तेजी देखने को मिल रही है। जिसकी वजह से उसकी कीमत दोबर 12 बजकर 34 मिनट पर 5.41 लाख डॉलर यानी 4.12 करोड़ रुपए देखने को मिल रही है।
बिजनेस डेस्क। क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) में कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी हैं, जो निवेशकों को मालामाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं। लेकिन इनमें से सभी करेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) से छोटी ही थी। दुनिया की सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी को पछाड़ने का माद्दा किसी ने नहीं दिखाया था। अब ऐसी क्रिप्टोकरेंसी सामने आई है जिसने बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin Price) को कोसों दूर छोड़ दिया है। मौजूदा बिटकॉइन की वैल्यू क्या है बिटकॉइन की वैल्यू क्या है समय में वो बिटकॉइन के मुकाबले 10 गुना महंगी है। जबकि कारोबारी स्तर के दौरान वो 250 गुना ज्यादा महंगी थी। इस करेंसी का नाम है रैप्ड बीटीसी (Wrapped BTC) । आइए आपको बताते हैं इस करेंसी के बारे में।
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