एजेंसी को निवेशकों से भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक रूप से शिकायतें प्राप्त करनी होंगी और उनका वर्गीकरण करना होगा. इसके अलावा, एजेंसी को शिकायतों की स्थिति पर ऑनलाइन नजर रखना होगा. उस पर कार्रवाई रिपोर्ट (ATR) तैयार करने और ' स्कोर्स ' पर शिकायतों की स्थिति को अद्यतन (अपडेट) करने की भी जिम्मेदारी होगी.

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विदेशी निवेशकों ने सितंबर में अब तक पूंजी बाजार से 4,193 करोड़ रुपये निकाले

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने में घरेलू पूंजी बाजार से शुद्ध रूप भारत में पूँजी बाजार से 4,193.18 करोड़ रुपये की निकासी की. इससे पहले, एफपीआई ने अगस्त में पूंजी बाजार से 5,920.02 करोड़ रुपये और जुलाई में 2,985.88 करोड़ रुपये निकाले थे.

नई दिल्ली: विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार से इस महीने में अब तक कुल 4,193 करोड़ रुपये की निकासी की है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार की ओर से किए गए उपायों से इस रुख में बदलाव की उम्मीद है.

केंद्र ने शुक्रवार को कॉरपोरेट कर की दरों में करीब 10 प्रतिशत की कटौती है और कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो भारत में पूँजी बाजार निवेशकों (एफपीआई) के लिये डेरिवेटिव समेत प्रतिभूतियों की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर बढ़ा हुआ अधिभार लागू नहीं होगा.

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 3-20 सितंबर के बीच शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 5,577.99 करोड़ रुपये निकाले जबकि बांड या ऋण बाजार में 1,384.81 करोड़ रुपये का निवेश किया.

निवेश के भारत में पूँजी बाजार माध्यम से देश की संपदा में होगी सामृद्धी

निवेश के माध्यम से देश की संपदा में होगी सामृद्धी

ग्वालियर. नईदुनिया भारत में पूँजी बाजार प्रतिनिधि। निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम), वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्बारा आजादी का 75वां अमृत महोत्सव के तहत पूंजी बाजार के माध्यम से संपदा सृजन पर एक सम्मेलन का आयोजन आज मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एमपीसीसीआई) में किया गया।

राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम का शुभारंभ सभी 75 शहरों में दीप प्रज्जवलन कर, किया गया। 75 शहरों में एक साथ भारत में पूँजी बाजार आयोजित इस कार्यक्रम को केन्द्रीय वित्त मंत्री-निर्मला सीतारमण द्बारा वर्चुअली सम्बोधित किया गया। आपने अपने सम्बोधन में दीपम के विषय में विस्तार से बताया तथा देश के नागरिकों से आव्हान किया कि वह पूंजी बाजार के भारत में पूँजी बाजार माध्यम से संपदा सृजन कर, अपनी संपदा को बढाएं व देश की तरक्की में भी अपना योगदान दें।

शेयर बाजार का 'गुब्बारा'

आदित्य चौपड़ा। भारत के शेयर बाजार की गाथा भी अजब-गजब रही है। इसका उबाल या तेजी प्रायः किसी न किसी स्कैम अर्थात मायाजाल से टूटता रहा है। चाहे वह हर्षद मेहता कांड हो या एमएस शूज घपला, हर मामले में साधारण व आम निवेशक ही माथे पर चोट खाता रहा है। हर्षद मेहता कांड में बही की चालाकी के भारत में पूँजी बाजार साथ बैंकों की हुंडियों का दुरुपयोग किया गया था और बाजार को मांग व सप्लाई के समीकरण से बांध कर ऊंचा चढ़ाया गया था। एमएस शूज मामले में इनसाइडर ट्रेडिंग के नये कारनामें दर-पेश आये थे। मगर ये कांड तब हुए थे जब भारत का पूंजी बाजार अन्तर्राष्ट्रीय पूंजी बाजारों से जुड़ने की प्रक्रिया में था। अब 2021 चल रहा है और ये कांड नब्बे के दशक में हुए थे। पूंजी बाजार में इस समय दुनिया के बड़े वित्त निवेशक मौजूद हैं और वे शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं। लगातार भारत का प्रत्यक्ष विदेशी मुद्रा कोष बढ़ रहा है। इसमें से 80 प्रतिशत से अधिक पूंजी बाजार में ही अधिकाधिक मुनाफे की गरज से निवेशित होता है। इस निवेश के कई कारण होते हैं। इसका एक पक्ष राजनीतिक भी होता है। इसका अर्थ यहां राजनीतिक स्थिरता से होता है। दूसरा पक्ष आर्थिक नीतियों का होता है अर्थात देश की सरकार अधिकाधिक निजीकरण को बढ़ावा देती है या नहीं। भारत इन दोनों ही मोर्चों पर संस्थागत विदेशी वित्तीय निवेशकों की कसौटी पर खरा उतर रहा है।

विदेशी संस्‍थागत निवेशकों का सितम्‍बर में भारतीय पूंजी बाजार में सोलह हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश

विदेशी संस्‍थागत निवेशक सितम्‍बर महीने में अभी तक भारतीय पूंजी बाजार में भारत में पूँजी बाजार 16 हजार करोड रूपये से अधिक का निवेश कर चुके हैं। बाजार के आंकडों के अनुसार विदेशी संस्‍थागत निवेशकों ने ग्‍यारह हजार 287 करोड रूपये इक्विटी और पांच हजार 18 करोड रूपये ऋण सेगमेंट में निवेश किये। इस महीने की 17 तारीख तक कुल मिलाकर 16 हजार 305 करोड रूपये भारतीय पूंजी बाजार में भारत में पूँजी बाजार निवेश किये गए। पिछले महीने भी विदेशी निवेशकों ने 16 हजार 459 करोड रूपये भारतीय पूंजी बाजार में निवेश किये थे।

'भारतीय पूंजी बाजार'

पूंजी बाजार नियामक सेबी के निदेशक मंडल ने कंपनियों की तरफ से शेयर बाजारों के जरिये की जाने वाली शेयर पुनर्खरीद की व्यवस्था धीरे-धीरे खत्म करने का मंगलवार को फैसला किया. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल की यहां हुई बैठक में यह फैसला किया गया.

बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को विदेशी निवेशकों से पूंजी जुटाने के संदर्भ में वैकल्पिक निवेश कोषों (एआईएफ) के लिए एक नियामकीय प्रारूप जारी किया. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने एक परिपत्र में नए दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जा रहा भारत में पूँजी बाजार है. इसके तहत एआईएफ भारतीय, विदेशी या अनिवासी भारतीयों से यूनिट जारी कर कोष जुटा सकते हैं.

रेयर एंटरप्राइजेज समर्थित कॉनकॉर्ड बायोटेक और दक्षिण भारत के एक भारत में पूँजी बाजार प्रमुख क्षेत्रीय आभूषण ब्रांड वैभव जेम्स एन को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये पूंजी जुटाने की मंजूरी मिल गई है. दोनों कंपनियों ने अगस्त और सितंबर के बीच बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आईपीओ के लिए शुरुआती दस्तावेज जमा कराये थे.

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