और अगर तीन साल के बाद बेचता हूं तो 20% का Tax लगाया जाएगा।
निवेश करने के लिए बेहतर विकल्प ETF काम कैसे करता है कौन सा है: ETF या इंडेक्स फंड्स?
इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स और ETF निष्क्रिय निवेश के साधन हैं जो एक अंतर्निहित बेंचमार्क इंडेक्स ETF काम कैसे करता है में निवेश करते हैं। इंडेक्स फंड्स म्यूचुअल फंड्स की तरह काम करते हैं जबकि ETF में शेयरों की तरह कारोबार होता है। इसलिए समान निष्क्रिय निवेश रणनीति के लिए एक के मुकाबले दूसरे ETF काम कैसे करता है को चुनना आपकी निवेश वरीयता पर निर्भर करता है।
ETF इंट्राडे ट्रेड, लिमिट या स्टॉप ऑर्डर्स और शॉर्ट-सेलिंग के लिए उपयुक्त हैं लेकिन अगर आप उन लोगों में से नहीं हैं जो बाज़ार की ETF काम कैसे करता है चाल को भांपना पसंद करते हैं, तो इंडेक्स फंड्स आपके लिए हैं। यद्यपि अक्सर होने वाली ट्रांज़ैक्शन्स कमीशन से जुड़े खर्च को बढ़ा सकती हैं और आपके रिटर्न को घटा सकती हैं, उनमें ETF काम कैसे करता है इंडेक्स फंड्स की तुलना में कम एक्सपेंस रेशो भी होती है। लेकिन इंडेक्स फंड्स आपकी वित्तीय आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त विभिन्न विकल्प प्रदान करते हैं, जैसे लंबी-अवधि के लक्ष्यों के लिए ग्रोथ ऑप्शन बनाम नियमित आमदनी के लिए डिविडेंड ऑप्शन। आप इंडेक्स फंड में SIP के माध्यम से थोड़ी-थोड़ी रकम के साथ नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं। ETF के विपरीत, इंडेक्स फंड्स में निवेश करने के लिए आपको डीमैट अकाउंट की ज़रूरत भी नहीं है।
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में इन्वेस्टमेंट आपको दिला सकता है अधिक प्रॉफिट, जानें इससे जुड़ी खास बातें
स्टॉक मार्केट (Stock Market) और म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में इन्वेस्टमेंट करने वालों सभी लोगों ने अक्सर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF के बारे में सुना ही होगा। आज ETF काम कैसे करता है के दौर में यह काफी ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज के दौर में हर युवा कम समय में ज्यादा से ज्यादा रिटर्न पाना चाहता है, लेकिन कम समय में ज्यादा रिटर्न पाने वाली स्कीम में काफी रिस्क भी हो सकते हैं। ऐसे तो इन्वेस्टर के पास इन्वेस्ट करने के कई ऑप्शन होते हैं। जैसे कि फिक्स डिपॉजिट, म्युचुअल फंड, ईटीएफ, शेयर मार्केट, सेविंग स्कीम आदि। हालांकि, इन्वेस्टमेंट करने से पहले जरूरी है आपको ETF काम कैसे करता है इसकी पूरी जानकारी होना चाहिए। जिससे आप आसानी से निवेश के ऑप्शन का चुनाव कर सकते हैं। स्टॉक मार्केट (Stock Market) और म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में इन्वेस्टमेंट करने वालों सभी लोगों ने अक्सर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF के बारे में सुना ही होगा। आज के दौर में यह काफी ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है और म्यूचुअल फंड कंपनियां भी लगातार नए-नए ETF मार्केट में ला रही हैं। ऐसे में आपके भी मन में यह सवाल उठता होगा कि आखिर ETF क्या होता है और यह कैसे काम करता है।
ETF काम कैसे करता है
Investments in securities are subject to market risks. Read all the documents or product details ETF काम कैसे करता है carefully before investing. WealthDesk Platform facilitates offering of WealthBaskets by SEBI registered entities, termed as "WealthBasket Managers" on this platform. Investments in WealthBaskets are subject to the Terms of Service.
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इसमें कितनी फीस लगती ETF काम कैसे करता है है?
इसमें हर प्रकार के ETF में अलग-अलग फीस ली जाती है।
जैसे Equity में 0.01-0.1% Sectorial में 0.1-0.3%, Debt में 0.1-0.3%, Commodity ETFs में 0.5-1%
अब अगर इसकी तुलना Mutual Fund कि फीस से किया जाये तो ये बोहतो ज्यादा कम है।
ETF में TAX कैसे लगता है?
हर Exchange Traded Fund में Tax का दर भी अलग-अलग होता है। Equity Exchange Traded Fund में अगर आपका मुनाफा ₹100000 या इसे कम होता है तो आपको कोई Tax नहीं देना होता और अगर आपका मुनाफा ₹100000 से ज्यादा है। तो इसमें अगर आपने Exchange Traded Fund को एक साल के अंदर बेचा है तो आपके ऊपर 15% का Tax लगया जाएगा और अगर एक साल के बाद बेचते हैं तो 10% का Tax लगाया जाएगा और ये ETF काम कैसे करता है 10-15% का Tax सिर्फ उस मुनाफे पे लगेगा जो ₹100000 से ज्यादा होगा जैसे – मेरा मुनाफा है ₹110000 तो इसमें सेल्फ ₹10000 पर 10 या 15% का Tax लगया जाएगा।
अब बात करते है Debt और Commodity ETF के बारे इन दोनों में Tax एक-जैसा ही लगया जाता है जो है अगर आपने ETF को तीन साल के आदर बेचा तो जितना प्रतिशत आपका Income Tax लगता होगा उतना ही लगेगा जैसे – मेरा Income Tax 30% लगता है तो मेरे ऊपर तीन साल से कम समय में ETF बेचते समय 30% का ही Tax लगाया जाएगा।
ETF में निवेश क्यों करे?
- इसमें Fees बोहोत कम लगती है Mutual और Index Fund की तुलना में।
- अगर Fees कम लगती है तो मुनाफा भी ज्यादा हो जाता है।
- इसको हम कभी भी ETF काम कैसे करता है खरीद और बेच सकते हैं।
इसमें निवेश करते समय हमे तीन बातो का धियान रखना किया
- Expence Ratio/Fees : ये जितनी कम होगी उतना अच्छा होगा।
- Tracking Error :यह वो Error होता है जो बताता है की ETF जिस Index को फॉलो कर रहा है उसके मुताबिक कितना कितना कम मुनाफा दे रहा है। Tracking Error जितना कम होगा उतना अच्छा होगा।
- Liqudity : जो बोहोत जरुरी है आपको Liqudity देखनी चाहिए मतलब ETF कितने खरीदने वाले हैं और कितने बेचने वाले है।
इसमें निवेश करने के लेया आपको अपने Demat Account में जाने है और Search करना है ETF फिर आपके सामने सारे Etf की लिस्ट खुल के आ जाएगी आप उस लिस्ट में से किसी को भी चुन सटकते है और बताई हुई तीन बातो को देख सकते है।
ETF के प्रकार – Types of ETF
वर्तमान में निवेशकों की जरूरतों एवं लक्ष्यों के हिसाब से बहुत सी ETF Schemes उपलब्ध है। आपको Index, Gold, Currency से सम्बंधित ETF मिल जायेंगे। आप उनमें से अपनी जरूरत के हिसाब से ETF का चुनाव कर सकते हैं।
एक ETF स्टॉक्स, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट, बांड्स, करेंसी और सिक्योरिटीज से मिलकर बना हो सकता हैं।
1. Index Fund ETF
आपने इंडेक्स फंड का नाम तो सुना ही होगा उसी का मिलता-जुलता रूप है Index Fund ETF. इंडेक्स फंड ईटीएफ एक Passively मैनेज फण्ड होता है जो किसी विशेष इंडेक्स को फॉलो करता है। जैसे NIFTY 50 भारत की सबसे बड़ी 50 कंपनियों से मिलकर बना है, अब यदि कोई NIFTY 50 का कोई ETF है तो वह ETF उन्हीं 50 शेयर्स के पूल से मिलकर बना होगा।
Index Fund ETF का मुख्य उद्देश्य किसी विशेष इंडेक्स की परफॉर्मेंस को ट्रैक करना होता है जैसे सेंसेक्स, बैंक निफ़्टी, निफ़्टी 50 . सरल भाषा में समझे तो यदि आप बैंक निफ़्टी ETF काम कैसे करता है का कोई ETF खरीद रहे हो तो इसका मतलब हुआ कि आप बैंक निफ़्टी के Stocks के पूल में निवेश कर रहे हैं।
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