फिर गिरा शेयर बाजार, सेंसेक्स 350 से ज्यादा टूटा, निफ्टी 90 अंक कमजोर
बृहस्पतिवार को शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही. सेंसेक्स 350 अंक से ज्यादा गिरकर 51,500 से नीचे बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 90 अंक की गिरावट रही. जानें कैसी रही शेयर की चाल
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 18 फरवरी 2021,
- (अपडेटेड 18 फरवरी 2021, 4:08 PM IST)
- ओएनजीसी सबसे अधिक लाभ में
- बाजार में निवेशकों का मिलाजुला रुख
- निवेशकों का रुख सावधानी भरा
शेयर बाजार बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन टूटकर बंद हुआ. सेंसेक्स में 350 अंक से ज्यादा की गिरावट रही जबकि निफ्टी 90 अंक गिर गया. कारोबार की शुरुआत में दोनों सूचकांक में सुधार देखा गया था लेकिन पहले सत्र के कारोबार के बाद दोनों में गिरावट का रुख शुरू हो गया.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स लगभग 200 की बढ़त के साथ 51,903.96 अंक पर तेजी के रुख के साथ खुला. हालांकि थोड़ी देर बाद ही सेंसेक्स पिछले कारोबारी सत्र के स्तर पर पहुंच गया. सवेरे 11.15 बजे के आसपास सेंसेक्स में गिरावट का दौर शुरू हुआ और कारोबार के अंत में यह 379.14 अंक टूटकर 51,324.69 पर बंद हुआ. बुधवार को सेंसेक्स 51,703.शेयर बाजार की धारणा में सुधार 83 अंक पर बंद हुआ था. दिन में कारोबार के दौरान इसने 51,903.96 के उच्चतम स्तर को छुआ.
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी आज मात्र 30 अंक बढ़त के साथ 15,238.70 अंक पर खुला. शुरुआती कारोबार में सुधार का रुख दिखने के बाद सवा 11 बजे इसमें भी गिरावट शुरू हो गई. इसके बाद निफ्टी 89.95 घटकर 15,118.95 अंक पर बंद हुआ. कारोबारी सत्र में इसने 15,250.75 अंक के उच्चतम स्तर को छुआ.
बाजार का मिला जुला रुख
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों पर ही निवेशकों का मिला जुला रुख देखा गया. वैश्विक संकेतों के कमजोर रहने, डॉलर के टूटने से बाजार में निवेशकों की धारणा सावधानी भरी है. सेंसेक्स पर ऊर्जा कंपनियों के शेयर ग्रीन जोन में रहे . वहीं बैकिंग और वित्त क्षेत्र की कंपनियों के शेयर में नरमी रही. निफ्टी पर भी ऊर्जा कंपनियों के शेयर में मजबूती देखी गई.
सबसे अधिक लाभ में ओएनजीसी, गेल
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों पर ही पर सबसे अधिक लाभ में ओएनजीसी का शेयर रहा. इसने क्रमश: 8.32% और 7.58% की बढ़त हासिल की. इसके अजलावा अन्य ऊर्जा कंपनी जैसे कि एनटीपीसी, पावर ग्रिड और गेल के शेयर में भी तेजी रही. सेंसेक्स की 30 में 12 और निफ्टी की 50 में 23 कंपनियां ग्रीन जोन में रहीं.
घटे बैंकिंग शेयर
सप्ताह की शुरुआत से ही शेयर बाजार में बैंकिंग और वित्त कंपनियों के शेयर में बढ़त देखी जा रही थी. लेकिन गुरुवार को इनमें भी गिरावट का रुख रहा. सेंसेक्स पर एक्सिस बैंक, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक बैंक सभी के शेयर रेड जोन में बंद हुए.
Share Market News: कल कैसी रहेगी शेयर बाजार की धारणा में सुधार शेयर बाजार की चाल, यहां जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
विश्लेषकों का कहना है कि वृहद आर्थिक आंकड़ों के अलावा मुद्रास्फीति की चिंता के बीच वैश्विक रुख भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होगा. इसके साथ ही बाजार भागीदारों की निगाह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के रुख पर भी रहेगी.
Share Market News: वृहद आर्थिक आंकड़े इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे. सप्ताह के दौरान घरेलू मोर्चे पर कई बड़े आंकड़े आने हैं, जो बाजार की चाल तय करेंगे. विश्लेषकों ने यह राय जतायी है. विश्लेषकों का कहना है कि वृहद आर्थिक आंकड़ों के अलावा मुद्रास्फीति की चिंता के बीच वैश्विक रुख भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होगा. इसके साथ ही बाजार भागीदारों की निगाह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के रुख पर भी रहेगी.
शेयर बाजार पर विदेशी निवेशकों का भरोसा बरकरार, खरीद डाले 30,385 करोड़ रुपए के शेयर
उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर बात की जाए, तो अमेरिका में महंगाई अनुमान से कम बढ़ी है, जिससे यह संभावना बनी है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से बढ़ोतरी नहीं करेगा. इससे धारणा में सुधार हुआ है और भारतीय बाजार में FPI का निवेश बढ़ा है.
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) का भारतीय शेयर बाजारों में आक्रामक खरीदारी का सिलसिला जारी है. नवंबर में अबतक उन्होंने शेयरों में 30,385 करोड़ रुपए का निवेश किया है. भारतीय रुपए के स्थिर होने और दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत होने की वजह से विदेशी निवेशक एक बार फिर भारत पर दांव लगा रहे हैं.
FPI का रुख बहुत आक्रामक नहीं रहेगा
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा कि आगे चलकर FPI का रुख बहुत आक्रामक नहीं रहेगा, क्योंकि हाई वैल्युएशन की वजह से वे अधिक खरीदारी से बचेंगे. उन्होंने कहा कि इस समय चीन, दक्षिण कोरिया और ताइवान के बाजारों में वैल्युएशन काफी आकर्षक है. साथ ही FPI का पैसा उन बाजारों की ओर जा सकता है.
नवंबर में अबतक ₹30385 करोड़ डाले
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से 18 नवंबर के दौरान FPI ने शेयरों में शुद्ध रूप से 30,385 करोड़ रुपए डाले हैं. इससे पहले पिछले महीने यानी अक्टूबर में उन्होंने भारतीय बाजारों से शुद्ध रूप से आठ करोड़ रुपए निकाले थे. सितंबर में उन्होंने 7,624 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी. सितंबर से पहले अगस्त में FPI ने 51,200 करोड़ रुपए की खरीदारी की थी. वहीं जुलाई में वे 5,000 करोड़ रुपए के खरीदारी रहे थे. इससे पहले पिछले साल अक्टूबर से लगातार नौ माह तक FPI बिकवाली बने रहे थे.
अन्य के मुकाबले भारत की स्थिति बेहतर
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि FPI के हालिया निवेश की वजह भारतीय शेयर बाजारों में तेजी, इकोनॉमी में स्थिरता और अन्य करेंसीज की तुलना में रुपए की स्थिति बेहतर रहना है.
महंगाई से मिली राहत
उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर बात की जाए, तो अमेरिका में महंगाई अनुमान से कम बढ़ी है, जिससे यह संभावना बनी है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से बढ़ोतरी नहीं करेगा. इससे धारणा में सुधार हुआ है और भारतीय बाजार में FPI का निवेश बढ़ा है.
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हालांकि, समीक्षाधीन अवधि में FPI ने डेट या बॉन्ड बाजार से 422 करोड़ रुपए निकाले हैं. इस महीने में भारत के अलावा फिलिपीन, दक्षिण कोरिया, ताइवान और थाइलैंड के बाजारों में भी FPI का फ्लो पॉजिटिव रहा है.
शेयर बाजार : कच्चे तेल के दाम घटने और रुपये में सुधार से सेंसेक्स 187 अंक चढ़ा
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और रुपये में सुधार से बुधवार को बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 187 अंक सुधरकर 34,000 अंक के स्तर को पार कर गया.
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और रुपये में सुधार से बुधवार को बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 187 अंक सुधरकर 34,000 अंक के स्तर को पार कर गया. इससे पिछले चार सत्रों में सेंसेक्स में लगातार गिरावट आई थी. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 78 अंक बढ़कर 10,200 अंक के स्तर के ऊपर बंद हुआ. ब्रोकरों ने कहा कि पिछले कुछ सत्रों के दौरान मंदड़िये बढ़चढ़कर बिकवाली सौदे कर रहे थे. वहीं उन्होंने अक्टूबर महीने के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान से पहले सौदा पूरा की लिवाली की, जिससे बाजार की धारणा मजबूत हुई. बैंकिंग और वित्तीय सेवा कंपनियों के शेयरों में लाभ से बाजार बढ़त में रहे. हालांकि, आईटी और फार्मा कंपनियों के शेयरों में नुकसान से यह लाभ सिमट गया.
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सेंसेक्स की कंपनियों में भारती एयरटेल का शेयर सबसे अधिक 10.79 प्रतिशत लाभ में रहा. वारबर्ग पिन्कस, टेमासेक, सिंगटेल और सॉफ्टबैंक सहित छह वैश्विक निवेशकों ने एयरटेल अफ्रीका में सवा अरब डॉलर के निवेश की सहमति दी है. इससे कंपनी का शेयर चढ़ गया. अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में बुधवार को कारोबार के दौरान रुपया 42 पैसे मजबूत होकर 73.15 प्रति डॉलर पर चल रहा था. बाजार में बिकवाली और लिवाली के बीच सेंसेक्स करीब 575 अंक ऊपर नीचे हुआ.
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स मजबूत रुख के साथ खुलने के बाद 34,000 अंक के स्तर को पार कर 34,300.97 अंक पर पहुंच गया. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट तथा रुपये में सुधार के बीच सकारात्मक एशियाई रुख से बाजार में तेजी आई. हालांकि, निवेशकों की अचानक की गई, बिकवाली से सेंसेक्स नकारात्मक दायरे में आ गया और इसने 33,726.07 अंक का निचला स्तर भी छुआ. अंत में सेंसेक्स 186.73 अंक या 0.55 प्रतिशत के लाभ से 34,033.96 अंक पर बंद हुआ. इससे पिछले चार सत्रों में सेंसेक्स 1,315 अंक टूटा था. निफ्टी भी 77.95 अंक या 0.77 प्रतिशत की बढ़त के साथ 10,224.75 अंक पर बंद हुआ.
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Share Market Updates :यस सिक्योरिटीज के प्रमुख विश्लेषक-अंतरराष्ट्रीय शेयर हितेश जैन ने कहा कि मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर से नीचे आने का स्पष्ट संकेत मिलने के बाद एफपीआई का प्रवाह फिर शुरू होगा। उन्होंने कहा कि यदि ऊंची मुद्रास्फीति को लेकर चीजें दुरुस्त होती हैं, तो ऐसा संभव है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों के मोर्चे पर नरमी बरतें।
भारतीय बाजार से अब कम पैसा निकाल रहे विदेशी निवेशक
नई दिल्ली : भारतीय शेयर बाजारों (Share Market) से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की निकासी का सिलसिला जुलाई में भी जारी है। हालांकि, अब एफपीआई की बिकवाली की रफ्तार कुछ धीमी पड़ी है। डॉलर में मजबूती और अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बीच एफपीआई ने जुलाई में 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे हैं। ट्रेडस्मार्ट के चेयरमैन विजय सिंघानिया ने कहा, ‘‘कच्चे तेल के दाम नीचे आने के बीच महंगाई घटने की उम्मीद के चलते बाजार धारणा में सुधार हुआ है। रिजर्व बैंक के रुपये की गिरावट को थामने के प्रयास से भी धारणा बेहतर हुई है।’’ पिछले लगातार नौ महीने से एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं।
एफपीआई के रुख में नहीं है बड़ा बदलाव
मॉर्निंगस्टार इंडिया (Morningstar India) के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव का हालांकि मानना है कि एफपीआई की शुद्ध निकासी कम रहने का मतलब रुख में कोई बड़ा बदलाव नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन कारणों से एफपीआई निकासी कर शेयर बाजार की धारणा में सुधार रहे थे, उनमें कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं आया है।
महंगाई के कम होने पर बढ़ेगा निवेश
यस सिक्योरिटीज के प्रमुख विश्लेषक-अंतरराष्ट्रीय शेयर हितेश जैन ने कहा कि मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर से नीचे आने का स्पष्ट संकेत मिलने के बाद एफपीआई का प्रवाह फिर शुरू होगा। उन्होंने कहा कि यदि ऊंची मुद्रास्फीति को लेकर चीजें दुरुस्त होती हैं, तो ऐसा संभव है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों के मोर्चे पर नरमी बरतें। इससे एक बार फिर जोखिम वाली परिसंपत्तियों में निवेश बढ़ेगा।
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6 जुलाई को एफपीआई ने की 2,100 करोड़ की लिवाली
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से आठ जुलाई के दौरान एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 4,096 करोड़ रुपये की निकासी की है। हालांकि, पिछले कई सप्ताह में छह जुलाई को पहली बार ऐसा मौका आया, जब एफपीआई शेयर बाजार की धारणा में सुधार द्वारा 2,100 करोड़ रुपये की लिवाली की गई। जून में एफपीआई ने 50,203 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। यह मार्च, 2020 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। उस समय एफपीआई की निकासी 61,973 करोड़ रुपये रही थी।
इस साल में एफपीआई निकाल चुके हैं 2.21 लाख करोड़
इस साल एफपीआई भारतीय शेयरों से 2.21 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। इससे पहले 2008 के पूरे साल में उन्होंने 52,987 करोड़ रुपये की निकासी की थी। एफपीआई की निकासी की वजह से रुपया भी कमजोर हुआ है। हाल में रुपया 79 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया।
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