ऑनलाइन ट्रेडिंग करते वक्त इन बातों का जरूर रखें ध्‍यान, जरा सी लापरवाही पड़ेगी भारी

Online Trading करते वक्त कुछ बातें ध्यान में रखने से आपको सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहने में और खुद को तैयार करने में मदद मिलेगी.

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - July 7, 2021 / 01:02 PM IST

ऑनलाइन ट्रेडिंग करते वक्त इन बातों का जरूर रखें ध्‍यान, जरा सी लापरवाही पड़ेगी भारी

आईपीओ से जुटाई राशि और फीस का अनुपात देखें तो सबसे ज्यादा अनुपात अमी ऑर्गेनिक्स का है. लीड मैनेजर्स ने अमी ऑर्गेनिक्स के मामले में जुटाई गई राशि की 7.3% फीस वसूल की

कैपिटल मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग (O nline Trading ) आसान तरीका है. ऑनलाइन ट्रेडिंग के बहुत फायदे है, लेकिन इसमें आपकी जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है, क्योंकि छोटी सी गलती या लापरवाही आपको काफी नुकसान पहुंचा सकती है. चूंकि ऑनलाइन ट्रेडिंग (O nline Trading ) एक क्लिक पर संभव है, इसलिए निवेश करना इतना आसान होता है कि लोग अक्सर निवेश के पहलू और इसमें शामिल जोखिमों को भूल जाते हैं. ऑनलाइन ट्रेडिंग (O nline Trading ) करते वक्त कुछ बातें ध्यान में रखने से आपको सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहने में और सभी संभावित जोखिमों के खिलाफ खुद को तैयार और शिक्षित करने में मदद मिलेगी. ऑनलाइन ट्रेडिंग (O nline Trading ) का आनंद लें, लेकिन सुरक्षित और निर्बाध ट्रेडिंग के लिए क्या करें और क्या न करें, इस पर भी नज़र रखें. यहां हम ऐसी कुछ बातें समजने का प्रयास करेंगे जो ओनलाइन ट्रेडिंग में आपके काम आ सकती है.

ऑनलाइन ट्रेडिंग करते वक्त क्या ध्यान रखना चाहिए

– यदि आप ट्रेडिंग की दुनिया में नए है तो पहला कदम खुद को शिक्षित करने का होना चाहिए. ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए निवेश शुरू करने का निर्णय लेने से पहले यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है. इसके साथ जुडे लोगों से बात करें और प्लस एवं माइनस पॉइन्ट्स को समजने की कोशिश करे.
– अपने ट्रेडिंग अकाउंट को हैकिंग के खतरे से बचाने के लिए नियमित रूप से पासवर्ड बदलते रहे औऱ आपको अपने ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए दोहरे प्रमाणीकरण पर जोर देना चाहिए.
– सुनिश्चित करें कि आपका बैंक खाता, ट्रेडिंग खाता और डीमैट खाता एक निर्बाध श्रृंखला में जुड़ा हुआ है. ऐसा करने से बैंक खाते और डीमैट खाते में डेबिट और क्रेडिट सहजता से होता रहेगा.
– अपने डीमैट खाते से ओटोमेटिक डेबिट के लिए पावर ऑफ एटर्नी करवा ले. इस तरह, आपको हर बार अपने डीमैट खाते से शेयर बेचने पर डेबिट निर्देश पर्ची (DIS) जमा करने से छूटकारा ऑनलाइन ट्रेडिंग के नुकसान मिलेगा.
– जब आपकी ट्रेड बुक अपडेट हो जाती है, तो इसे अपने इलेक्ट्रॉनिक कॉन्ट्रैक्ट नोट से दैनिक आधार पर क्रॉस चेक जरूर करें.
– अपने प्रोफिट स्टेटमेंट को अपने खाता बही से भी जांचें औऱ सुनिश्चित करे कि आपके खाते से जितने भी शुल्क डेबिट किए गए हैं वो किस तरह के चार्जिस के तहत आते है.

ये काम करने से दूर रहे

– केवल आपको ही अपना ट्रेडिंग खाता संचालित करना चाहिए. अपना पासवर्ड या सुरक्षा कोड किसी और के साथ साझा न करें. अपने परिवार के सदस्यों को भी अपने ट्रेडिंग खाते तक पहुंचने और अपनी ओर से ट्रेडों को निष्पादित करने देने से बचें.
– पासवर्ड ऐसा ना हो जो किसी को भी आसानी से पता चल सके. जैसे आपका नाम, जन्मतिथि और शादी की सालगिरह का पासवर्ड में यूज ना करे. सुरक्षा के स्तर को जोड़ने के लिए अपरकेस, लोअरकेस, अक्षर, संख्या और विशेष वर्णों को शामिल करके अपने पासवर्ड को जटिल बनाने का प्रयास करें.
– इंटरनेट ट्रेडिंग हो या ऐप-आधारित ट्रेडिंग, कभी भी अपने ट्रेडिंग खाते को सार्वजनिक स्थान से एक्सेस न करें. साइबर कैफे या असुरक्षित सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करना खतरे से खाली नहीं होगा. इन स्पॉट्स को आसानी से हैक किया जा सकता है.
– कॉन्ट्रैक्ट नोट्स, लेजर, प्रॉफिट स्टेटमेंट और कैपिटल गेन स्टेटमेंट जैसे प्रमुख दस्तावेजों का ऑफलाइन रिकॉर्ड रखना न भूलें. ये किसी भी विवाद या कानूनी प्रश्नों के मामले में उपयोगी हो सकते है.

ट्रेडिंग अकाउंट में लाखों रुपए के नुकसान से बचना है तो गलती से भी न भूलें इन टिप्स को

हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों.

ट्रेडिंग अकाउंट में लाखों रुपए के नुकसान से बचना है तो गलती से भी न भूलें इन टिप्स को

हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों की दिलचस्पी होती है और आप में से बहुत लोग शेयर बाजार में ट्रेडिंग भी करते होंगे, आपके ट्रेडिंग अकाउंट में काफी स्टॉक्स होंगे और उनकी वैल्यू भी काफी होगी। ऐसे में अगर आप सावधानी नहीं रखेंगे तो आपको लाखों रुपए का नुकसान होने की आशंका है। हम आपको बता रहे हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय किन बातों को गलती से भी नहीं भूलना चाहिए-

> केवल रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के साथ ही व्यवहार/अनुबंध करें - जिस ब्रोकर के साथ आप लेन-देन कर रहे हों, उसके रेजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की जाँच कर लें।

> फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रोटेक्शन प्लान्स से सावधान रहें। ब्रोकर या उनके औथोरइज्ड व्यक्ति या उनका कोई भी प्रतिनिधि/कर्मचारी आपके इन्वेस्ट पर फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रिजरवेसन देने के लिए औथोरइज्ड नहीं है या आपके द्वारा दिये गए पैसो पर ब्याज का भुगतान करने के लिए आपके साथ कोई लोन समझौता करने के लिए औथोरइज्ड नहीं है। कृपया ध्यान दें कि आपके खाते में इस प्रकार का कोई व्यवहार पाए जाने पर आपका दिवालिया/निष्कासित ब्रोकर संबंधी दावा निरहन कर दिया जाएगा।

> कृपया आपने 'केवाईसी' (KYC) पेपर में सभी जरूरी जानकारी खुद भरें और ब्रोकर से अपने 'केवाईसी' पेपर की नियम अनुसार साइन की हुई प्रति प्राप्त करें। उन सभी शर्तों की जांच करें जिन्हें आपने सहमति और स्वीकृति दी है।

> सुनिश्चित करें कि आपके स्टॉक ब्रोकर के पास हमेशा आपका नया और सही कांटैक्ट डिटेल हो जैसे ईमेल आईडी/मोबाइल नंबर। ईमेल और मोबाइल नंबर जरूरी है और एक्सचेंज रिकॉर्ड में अपडेट के लिए आपको अपने ब्रोकर को मोबाइल नंबर देना होगा। यदि आपको एक्सचेंज/डिपॉजिटरी से नियमित रूप से संदेश नहीं मिल रहे हैं, तो आपको स्टॉक ब्रोकर/एक्सचेंज के पास इस मामले को उठाना चाहिए।

> इलेक्ट्रॉनिक (ई-मेल) कॉन्ट्रैक्ट नोट्स/फाइनेंशियल डिटेल्स का चयन सिर्फ तभी करें जब आप खुद कंप्यूटर के जानकार हों और आपका अपना ई-मेल अकाउंट हो और आप उसे प्रतिदिन/नियमित देखते हो।

> आपके द्वारा किए गए ट्रेड के लिए एक्सचेंज से प्राप्त हुए किसी भी ईमेल/एसएमएस को अनदेखा न करें। अपने ब्रोकर से मिले कॉन्ट्रैक्ट नोट/अकाउंट के डिटेल से इसे वेरिफ़ाई करें। यदि कोई गड़बड़ी हो, तो अपने ब्रोकर को तुरंत इसके बारे में लिखित रूप से सूचित करें और यदि स्टॉक ब्रोकर जवाब नहीं देता है, तो एक्सचेंज/डिपॉजिटरी को तुरंत रिपोर्ट करें।

> आपके द्वारा निश्चित की गई अकाउंट के सेटलमेंट कि फ्रिक्वेन्सी की जांच करें। यदि आपने करेंट अकाउंट (running account) का ऑप्शन चुना है, तो कृपया कन्फ़र्म करें कि आपका ब्रोकर आपके अकाउंट का नियमित रूप से सेटलमेंट करता है और किसी भी स्थिति में 90 दिनों में एक बार ( यदि आपने 30 दिनों के सेटलमेंट का विकल्प चुना है तो 30 दिन) डिटेल्स भेजता है । कृपया ध्यान दें कि आपके ब्रोकर द्वारा डिफॉल्ट होने की स्थिति में एक्सचेंज द्वारा 90 दिनों से अधिक की अवधि के दावे एक्सैप्ट नहीं किए जाएंगे।

> डिपॉजिटरी से प्राप्त जॉइंट अकाउंट की जानकारी (Consolidated Account Statement- CAS) नियमित रूप से वेरिफ़ाई करते रहें और अपने ट्रेड/लेनदेन के साथ सामंजस्य स्थापित करें।

> कन्फ़र्म करें कि पे-आउट की तारीख से 1 वर्किंग डे के भीतर आपके खाते में धनराशि/सिक्योरिटी (शेयर) का पेमेंट हो गया हो। कन्फ़र्म करें कि आपको अपने ट्रेड के 24 घंटों के भीतर कॉन्ट्रैक्ट नोट मिलते हों।

> एनएसई की वेबसाइट पर ट्रेड वेरिफिकेशन की सुविधा भी उपलब्ध है जिसका उपयोग आप अपने ट्रेड के वेरिफिकेशन के लिए कर सकते हैं।

> ब्रोकर के पास अनावश्यक बैलेंस न रखें। कृपया ध्यान रहे कि ब्रोकर के दिवालिया निष्कासित होने पर उन खानों के दावे स्वीकार नहीं होंगे जिनमें 90 दिन से कोई ट्रेड ना हुआ हो।

> ब्रोकर्स को सिक्यूरिटि के ट्रांसफर को मार्जिन के रूप में स्वीकार करने की अनुमति नहीं है। मार्जिन के रूप में दी जाने वाली सिक्योरिटी ग्राहक के अकाउंट में ही रहनी चाहिए और यह ब्रोकर को गिरवी रखी जा सकती हैं। ग्राहकों को किसी भी कारण से ब्रोकर या ब्रोकर के सहयोगी या ब्रोकर के औथोरइज्ड व्यक्ति के साथ कोई सिक्यूरिटी रखने की अनुमति नहीं है। ब्रोकर केवल कस्टमर द्वारा बेची गई सिक्योरिटी के डिपोजिट करने के लिए ग्राहकों से संबंधित सिक्योरिटी ले सकता है।

> भारी मुनाफे का वादा करने वाले शेयर/सिक्योरिटी में व्यापार करने का लालच देकर ईमेल और एसएमएस भेजने वाले धोखेबाजों के झांसे में न आएं। किसी को अपना यूजर आईडी और पासवर्ड ना दें। आपके सारे शेयर या बैलेंस शून्य हो ऑनलाइन ट्रेडिंग के नुकसान सकता है। यह भी हो सकता है कि आपके खाते में बड़ी राशि की वसूली निकल आए।

> पीओए (पावर ऑफ अटॉर्नी) देते समय सावधान रहें - सभी अधिकार जिनका स्टॉक ब्रोकर प्रयोग कर सकते हैं और समय सीमा जिसके लिए पीओए मान्य है, इसे स्पष्ट रूप से बताएँ। यह ध्यान रहे कि सेबी/एक्सचेंजों के अनुसार पीओए अनिवार्य / आवश्यक नहीं है।

> ब्रोकर द्वारा रिपोर्ट किए गए फंड और सिक्योरिटी बैलेंस के बारे में साप्ताहिक आधार पर एक्सचेंज द्वारा भेजे गए मैसेजों की जांच करें और यदि आप इसमें कोई अंतर पाते हैं, तो तुरंत एक्सचेंज को शिकायत करें।

> किसी के साथ पासवर्ड (इंटरनेट अकाउंट) शेयर न करें। ऐसा करना अपने सुरक्षित पैसे शेयर करने जैसा है।

> कृपया सेबी के रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के अलावा किसी औथोरइज्ड व्यक्ति या ब्रोकर के सहयोगी सहित किसी को भी ट्रेडिंग के उद्देश्य से फंड ट्रांसफर न करें।

डिस्क्लेमर- जानकारी आपको एनएसई से मिली सूचना के आधार पर है।

ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग कैसे करे – Online Trading In Hindi

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ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग कैसे करे – Online Trading In Hindi

Online Trading In Hindi – स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग ( शेयरों की खरीद – फरोख्त ) के कई तरीके मौजूद है ! हालाँकि ट्रेडिंग की एक सुनिश्चित प्रक्रिया होती है ! इस प्रक्रिया में कई सारे लोग भाग लेते है ! जो व्यक्ति शेयर खरीदता है वह अपने ब्रोकर से जुड़ा होता है और ब्रोकर का लिंक स्टॉक एक्सचेंज के साथ होता है ! इसी प्रकार इस ट्रांजेक्शन के दूसरी तरफ बिक्रीकर्ता अपने ब्रोकर के द्वारा एक्सचेंज से जुड़ा होता है !

स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफार्म बन जाता है जहाँ सभी एक साथ इकठे हो जाते है और उस जगह पर डिमांड तथा सप्लाई का मिलान होता है और खरीद – बिक्री होती है ! वर्तमान में आधुनिक तकनीक के आ जाने से स्टॉक मार्केट में होने – वाले लेन – देन ( ट्रेडिंग ) के तरीके में भी बदलाव आया है ! आज इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि शेयरों की ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे होती है तथा ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या है ? तो आइये जानते है Online Share Kaise Kharide In Hindi

ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है ? ( What Is Online Trading In Hindi )

ऑनलाइन ट्रेडिंग में शेयरों की ट्रेडिंग ब्रोकर के माध्यम से ही की जाती है ! यद्यपि ऑनलाइन ट्रेडिंग में ब्रोकर अदृश्य रहता है तथा इसका कोई नाम या पहचान नहीं होती है ! वर्तमान में ऑनलाइन ट्रेडिंग में ब्रोकर की भूमिका इन्टरनेट तथा अन्य सिस्टम , जो वेबसाइट के माध्यम से कार्य करते है , ने ले ली है ! इस प्रकार पारम्परिक तरीके से अलग ऑनलाइन ट्रेडिंग में कुछ बदलाव आ गया है तथा इसमें निवेशक का अनुभव भी पुर्णतः अलग रहता है !

ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए निवेशक को ब्रोकर की वेबसाइट पर निवेशक को Registration करवाना पड़ता है तथा उसके नाम से ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोला जाता है ! जब कभी निवेशक को ट्रेडिंग करनी होती है , वह ब्रोकर की वेबसाइट पर जाकर अपना नाम तथा ऑनलाइन ट्रेडिंग के नुकसान पासवर्ड डालकर ब्रोकर की वेबसाइट के ट्रेडिंग पेज पर अपनी निर्धारित खरीद – बिक्री करते है ! इसमें निवेशक को मार्केट ऑर्डर तथा लिमिट ऑर्डर दोनों सुविधाये उपलब्ध होती है ! निवेशक के खाते में आवश्यक फण्ड रहने पर तथा पासवर्ड सही होने पर उसके द्वारा किया गया लेन – देन मान्य हो जाता है !

निवेशक के खाते में शेयरों का खरीद मूल्य एवं ब्रोकर का कमीशन निकल जाता है तथा उसके डी – मेट खाते में ख़रीदे गए शेयर जमा हो जाते है ! शेयरों की बिक्री ‌‍‌‌‌‌‌‌‌‌‌की अवस्था में निवेशक के डी – मेट खाते से शेयर स्थान्तरित हो जाते है तथा उसके बैंक अकाउंट में शेयरों का बिक्री मूल्य कमीशन घटा कर दर्ज हो जाता है !

ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे ( Online Trading Benefits )

  • ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेशक अपने समय व् सुविधानुसार ट्रेडिंग कर सकता है !
  • निवेशक को फिजिकली उपस्थित होने की जरुरत नहीं होती !
  • फॉर्म आदि भरने की प्रक्रिया का कोई झंझट नहीं होता है !
  • निवेशक के लिए प्राथमिक बाजार व् द्वितीयक बाजार में निवेश बहुत ही आसान व् सरल होता है !
  • इसमें आप मोबाइल से भी कही भी ट्रेडिंग कर सकते है !
  • इसमें गलती की सम्भावना बहुत ही कम होती है !

ऑनलाइन ट्रेडिंग के नुकसान ( Disadvantages of Online Trading )

  • आपका अकाउंट हैकर्स द्वारा हैक किया जा सकता है !
  • जो लोग कंप्यूटर और नेट की जानकारी नहीं रखते है वे ऑनलाइन ट्रेडिंग का लाभ नहीं उठा सकते है !
  • इलेक्ट्रॉनिक गति से transaction होने के कारण निवेशक को अपना निर्णय बदलने की सुविधा नहीं होती है !

दोस्तों उम्मीद करते है Online Trading In Hindi लेख आपको पसंद आया होगा ! अगर Online Share Kaise Kharide In Hindi लेख आपको पसंद आया है तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे !

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ऑनलाइन स्‍टॉक ट्रेडिंग

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ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग कैसे करे – Online Trading In Hindi

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ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग कैसे करे – Online Trading In Hindi

Online Trading In Hindi – स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग ( शेयरों की खरीद – फरोख्त ) के कई तरीके मौजूद है ! हालाँकि ट्रेडिंग की एक सुनिश्चित प्रक्रिया होती है ! इस प्रक्रिया में कई सारे लोग भाग लेते है ! जो व्यक्ति शेयर खरीदता है वह अपने ब्रोकर से जुड़ा होता है और ब्रोकर का लिंक स्टॉक एक्सचेंज के साथ होता है ! इसी प्रकार इस ट्रांजेक्शन के दूसरी तरफ बिक्रीकर्ता अपने ब्रोकर के द्वारा एक्सचेंज से जुड़ा होता है !

स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफार्म बन जाता है जहाँ सभी एक साथ इकठे हो जाते है और उस जगह पर डिमांड तथा सप्लाई का मिलान होता है और खरीद – बिक्री होती है ! वर्तमान में आधुनिक तकनीक के आ जाने से स्टॉक मार्केट में होने – वाले लेन – देन ( ट्रेडिंग ) के तरीके में भी बदलाव आया है ! आज इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि शेयरों की ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे होती है तथा ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या है ? तो आइये जानते है Online Share Kaise Kharide In Hindi

ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है ? ( What Is Online Trading In Hindi )

ऑनलाइन ट्रेडिंग में शेयरों की ट्रेडिंग ब्रोकर के माध्यम से ही की जाती है ! यद्यपि ऑनलाइन ट्रेडिंग में ब्रोकर अदृश्य रहता है तथा इसका कोई नाम या पहचान नहीं होती है ! वर्तमान में ऑनलाइन ट्रेडिंग में ब्रोकर की भूमिका इन्टरनेट तथा अन्य सिस्टम , जो वेबसाइट के माध्यम से कार्य करते है , ने ले ली है ! इस प्रकार पारम्परिक तरीके से अलग ऑनलाइन ट्रेडिंग में कुछ बदलाव आ गया है तथा इसमें निवेशक का अनुभव भी पुर्णतः अलग रहता है !

ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए निवेशक को ब्रोकर की वेबसाइट पर निवेशक को Registration करवाना पड़ता है तथा उसके नाम से ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोला जाता है ! जब कभी निवेशक को ट्रेडिंग करनी होती है , वह ब्रोकर की वेबसाइट पर जाकर अपना नाम तथा पासवर्ड डालकर ब्रोकर की वेबसाइट के ट्रेडिंग पेज पर अपनी निर्धारित खरीद – बिक्री करते है ! इसमें निवेशक को मार्केट ऑर्डर तथा लिमिट ऑर्डर दोनों सुविधाये उपलब्ध होती है ! निवेशक के खाते में आवश्यक फण्ड रहने पर तथा पासवर्ड सही होने पर उसके द्वारा किया गया लेन – देन मान्य हो जाता है !

निवेशक के खाते में शेयरों का खरीद मूल्य एवं ब्रोकर का कमीशन निकल जाता है तथा उसके डी – मेट खाते में ख़रीदे गए शेयर जमा हो जाते है ! शेयरों की बिक्री ‌‍‌‌‌‌‌‌‌‌‌की अवस्था में निवेशक के डी – मेट खाते से शेयर स्थान्तरित हो जाते है तथा उसके ऑनलाइन ट्रेडिंग के नुकसान ऑनलाइन ट्रेडिंग के नुकसान बैंक अकाउंट में शेयरों का बिक्री मूल्य कमीशन घटा कर दर्ज हो जाता है !

ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे ( Online Trading Benefits )

  • ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेशक अपने समय व् सुविधानुसार ट्रेडिंग कर सकता है !
  • निवेशक को फिजिकली उपस्थित होने की जरुरत नहीं होती !
  • फॉर्म आदि भरने की प्रक्रिया का कोई झंझट नहीं होता है !
  • निवेशक के लिए प्राथमिक बाजार व् द्वितीयक बाजार में निवेश बहुत ही आसान व् सरल होता है !
  • इसमें आप मोबाइल से भी कही भी ट्रेडिंग कर सकते है !
  • इसमें गलती की सम्भावना बहुत ही कम होती है !

ऑनलाइन ट्रेडिंग के नुकसान ( Disadvantages of Online Trading )

  • आपका अकाउंट हैकर्स द्वारा हैक किया जा सकता है !
  • जो लोग कंप्यूटर और नेट की जानकारी नहीं रखते है वे ऑनलाइन ट्रेडिंग का लाभ नहीं उठा सकते है !
  • इलेक्ट्रॉनिक गति से transaction होने के कारण निवेशक को अपना निर्णय बदलने की सुविधा नहीं होती है !

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