आपको अपना निवेश पोर्टफोलियो बनाते समय पूरी राशी को किसी एक ही सेक्टर में निवेश नहीं करना चाहिए बल्कि इसके लिए कम से कम 4 से 5 सेक्टर चुने और उसमे निवेश करे ! एक सेक्टर में निवेश करने से आपको इसलिए बचना चाहिए ताकि वह सेक्टर गिर भी जाये तो आपको अधिक नुकसान न उठाना पड़े !

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सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान(SIP)क्या है ?

ये आपको एक बार में भारी पैसा निवेश करने की जगह म्यूचुअल फंड में कम अवधि का (मासिक या त्रैमासिक) निवेश करने की आजादी देता है। SIP आपको एक म्युचुअल फंड में एकसाथ 5,000 रूपये के निवेश की बजाय 500 रूपये के 10 बंटे हुये निवेश की सुविधा देता है ।

इससे आप अपनी अन्य वित्तीय जिम्मेदारियों को प्रभावित किये बिना म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। SIP कैसे काम करता है ये बेहतर समझने के लिये आपको Rupee cost averaging और धन के जुङते रहने की शक्ति (power of compounding) को समझना जरूरी है।

SIP एक औसत आदमी की पहुंच के भीतर म्यूचुअल फंड निवेश को ले आया है क्योंकि यह उन तंग बजट लोगों को भी निवेश करने योग्य बनाता है जो एक बार में बङा निवेश करने के बजाय 500 या 1,000 रूपये नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं।

SIP के माध्यम से छोटी छोटी बचत करना शायद पहली बार में आकर्षक न लगे लेकिन ये निवेशकों को बचत की आदत डालता है और बढते वर्षों में ये आपको सुंदर प्रतिलाभ (रिटर्न) देते हैं। 1,000 रूपये महिने का एक SIP का धन 9% की दर से 10 वर्षों में बढकर 6.69 लाख रूपये, 30 साल में 17.38 लाख रूपये और 40 साल में 44.20 लाख तक हो सकता है।

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निवेश गुरू सुझाव देते हैं कि एक व्यक्ति को हमेशा जल्दी निवेश शुरू करना चाहिये इसका एक मुख्य कारण है चक्रवृद्धि ब्याज मिलने का लाभ। चलिये इसे एक उदाहरण से जानें। प्रसून(अ) 30 साल की उम्र से 1,000 रूपये हर साल बचाना शुरू करता है,वहीं प्रसूव (ब) भी इतना ही धन बचाता है लेकिन 35 साल की आयु से। जब 60 साल की उम्र में दोनों अपना निवेश किया हुआ पैसा प्राप्त करते हैं तो (अ) का फंड 12.23 लाख होता है और (ब) का केवल 7.89 लाख। इस उदाहरण में हम 8% की दर से रिटर्न मिलना मान सकते हैं। तो ये साफ है कि शुरू में 50,000 रूपये निवेश का फर्क आखिरी फंड पर 4 लाख से ज्यादा का प्रभाव डालता है। ये रूपये के जुङते रहने की शक्ति (Power of compounding) के निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातों में से एक कारण होता है। जितना लंबा समय आप निवेश करेंगे उतना ज्यादा आपको रिटर्न मिलेगा।

अब मान लीजिये कि (अ) हर साल 10,000 निवेश करने की बजाय 35 वर्ष की उम्र से हर 5 साल बाद 50,000 निवेश करता है इस स्थिति में उसकी निवेश किया धन उतना ही रहेगा (जो कि 3 लाख है) लेकिन उसे 60 साल की उम्र में 10.43 लाख का फंड (कोष) मिलता है। इससे पता चलता है कि देर से निवेश करने में समान धन डालने पर भी व्यक्ति शुरू में मिलने वाले चक्रवृद्धि ब्याज के फायदे को खो देता है।

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First Published: Apr 10, 2010 1:31 PM

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निवेश क्या है

निवेश क्या है, निवेश कितने प्रकार के हो सकते हैं और निवेश का सिद्धांत क्या है। किस प्रकार का निवेश मॉडल आपके लिये सही रहेगा। इस सब की जानकारी लेते हैं हिंदी में विस्तार से। निवेश का अर्थ क्या है और निवेश के साधन कौन से हैं जिनसे सुरक्षित निवेश किया जा सके, अच्छा रिटर्न भी मिले और आसान तथा सुविधाजनक भी हो।

निवेश क्या है

निवेश क्या है

निवेश क्या है

निवेश का अर्थ है अपनी अतिरिक्त पूंजी या धन को ऐसी जगह लगाना जहां से अतिरिक्त धन प्राप्ति या आय की संभावना हो। महान निवेशक वॉरेन बफेट के अनुसार भविष्य में और अधिक धन प्राप्त करने के लिए “पैसा लगाने की निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातों में से एक प्रक्रिया” को निवेश कहते है। निवेश का लक्ष्य आपके पैसे को एक या एक से अधिक प्रकार के निवेश के साधनों में लगाना है जिससे कि समय के साथ साथ आपका पैसा बढ़ सके। बचत और निवेश में अंतर को भी समझें।

हम में से अधिकांश अपने काम में कड़ी मेहनत करते हैं, चाहे वह हमारा जॉब हो या हमारा खुद का बिजनेस हो। हम अक्सर कई घंटों तक काम करते हैं जिसके लिए मेहनात की आवश्यकता होती है और हम अकसर तनाव में रहते हैं। अपनी मेहनत की कमाई में से कुछ बचा लेना और उसे अपनी भविष्य की जरूरतों के लिए निवेश करना ही अपनी कमाई से सबसे अधिक लाभ उठाने का एक तरीका है। निवेश करना वास्तव में होशियारी के साथ कम मेहनत में ज्यादा कमाने का तरीका है।

आज की इच्छायें या भविष्य की जरुरतें

आप अपनी आय के पैसे को कहां और किस तरह प्रयोग करते हैं इसमें आपकी प्राथमिकता निवेश से पता चलती है। पैसे को खर्च करना आसान है और इससे एक क्षणिक सुख भी मिलता है फिर चाहे वो नए कपड़े खरीदना हो, रैस्टॉरेंट में खाना हो या छुट्टियों पर जाना। इस सब से हमें खुशियां मिल सकतीं हैं मगर जब हम निवेश करते हैं तो हम भविष्य की आवश्यक्ताओं को आज की इच्छाओं से अधिक प्राथमिकता देते हैं।

जब आप जीवन की आपाधापी में व्यस्त हों तो निवेश आपके लिये काम करता है और भविष्य की फसल तैयार करता है जिससे की जीवन के सुनहरी वर्षों में भी जिंदगी सुखद रहे। निवेश को समझना उतना कठिन भी नहीं है। यहां पढ़ें कि आप छोटे छोटे निवेश के द्वारा एक करोड़ रुपये कैसे बना सकते हैं।

निवेश के प्रमुख तरीके

प्रत्येक निवेश के साधन की अपनी विशेषताएं और सीमायें हैं। यह समझना बहुत आवश्यक है कि कौन सा निवेश का साधन आपके लिये बेहतर है। उदाहरण के लिये यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातों में से एक तो यह जानना जरूरी है कि जिस म्यूचुअल फंड योजना में आप निवेश कर रहगे हैं निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातों में से एक वह किस तरह की इक्विटी में निवेश करती है? फंड हाउस कौन सा है? चार्जेस कितने हैं? म्यूचुअल फंड निवेश में कितना रिस्क हो सकता है। निवेश करने से पहले इस तरह के सवाल जान लेना आवश्यक है। निवेश में सफलता प्राप्त करने के लिये अपने निवेश को समझना बहुत आवश्यक है। मार्केट से जुड़े निवेश में लाभ की गारंटी नहीं होती मगर अपने निवेश को समझना आपके लिये फायदेमंद हो सकता है।

कोई भी निवेश करने से पहले इन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है

  • क्या यह निवेश का साधन आपके लिए ठीक है?
  • क्या आप जहां निवेश कर रहे हैं उस साधन या उसकी योजना को समझते हैं?
  • कितने पीरियड का निवेश है?
  • निवेश करने कितना आसान है?
  • निवेश से जुड़े सभी रिस्क को समझना।
  • रिटर्न और निवेश की गई रक़म की गारंटी है या नहीं?
  • क्या य़ोजना सरकार द्वारा समर्थित या प्रमाणित है?
  • कुछ समस्या होने पर रेग्युलेटर कौन होगा?

Interval Mutual Fund Kya Hai? क्या आपको इंटरवल फंडों में निवेश करना चाहिए? जानिए

Interval Mutual Fund in Hindi: इस लेख में हम इंटरवल म्यूच्यूअल फंड (Interval Mutual Fund) के बारे में चर्चा करेंगे। यहां आप जनेंगे कि इंटरवल म्यूचुअल फंड क्या है? (What is Interval Mutual Fund in Hindi) और इंटरवल म्यूच्यूअल फंड के निवेश करने से पहले किन चीजों पर ध्यान देना चाहिए।

Interval Mutual Fund in Hindi: भारत में म्यूचुअल फंड अलग अलग प्रकार के निवेशकों के अलग कैटेगरी की आवश्यकताओं के अनुरूप हैं। यहां, इस लेख में हम इंटरवल म्यूच्यूअल फंड (Interval Mutual Fund) के बारे में चर्चा करेंगे। यहां आप जनेंगे कि Interval Mutual Fund Kya Hai? (What is Interval Mutual Fund in Hindi) और इंटरवल म्यूच्यूअल फंड के निवेश करने से पहले किन चीजों पर ध्यान देना चाहिए।

कैसे शेयर बाज़ार (stock market) में निवेश करें

यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Ara Oghoorian, CPA. आरा ओघूरियन एक सर्टिफाइड फिनेंसिअल अकाउंटेंट (CFA), सर्टिफाइड फिनेंसिअल प्लानर (CFP), एक सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट (CPA), और ACap Advisors & Accountants, जो एक बुटीक वेल्थ मैनेजमेंट और लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया में फुल सर्विस एकाउंटिंग फर्म के संस्थापक हैं। वित्तीय उद्योग में 26 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, आरा ने 2009 में ACap Asset Management की स्थापना की। उन्होंने पहले फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ सैन फ्रांसिस्को, निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातों में से एक यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी, और रिपब्लिक ऑफ़ आर्मेनिया में वित्त और अर्थव्यवस्था मंत्रालय के साथ काम किया है। सैन फ्रांसिस्को स्टेट यूनिवर्सिटी से आरा ने एकाउंटिंग और फाइनेंस में BS की डिग्री प्राप्त की है, फेडरल रिजर्व बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के माध्यम से एक कमीशन बैंक परीक्षक है, चार्टर्ड फाइनेंसियल एनालिस्ट डेसिग्नेशन पर कार्यरत है, एक प्रमाणित वित्तीय नियोजक™ प्रैक्टिशनर है, और एक सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट लाइसेंस रखती है, एक नामांकित एजेंट, और 65 लाइसेंस की सीरीज़ रखते हैं।

निवेश पोर्टफोलियो बनाते समय ध्यान देने योग्य बाते

निवेश पोर्टफोलियो बनाते समय हमें निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिए –

1 ) आयु और समय

एक अच्छा निवेश पोर्टफोलियो बनाते समय हमें अपनी आयु का ध्यान रखना चाहिए ! कम आयु वाले व्यक्ति अधिक जोखिम वाले विकल्प को चुन सकते है क्योंकि उनके पास निवेश का समय अधिक रहता है जिससे वे अधिक जोखिम वाले विकल्पों को चुन सकते है और अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते है ! वही यदि आपकी आयु अधिक है तो आपको समय सीमा कम रखते हुए कम रिस्क वाले फंड्स में निवेश करना चाहिए !

2 ) निवेश के उद्देश्य

हमारे निवेश के उद्देश्य स्पष्ट होने चाहिए ! यदि आप बहुत कम समय में अधिक रिटर्न चाहते है तो आपकी निवेश की रणनीति आक्रामक होनी चाहिए ! उद्देश्य स्पष्ट होने से आप उस हिसाब से अपने निवेश पोर्टफोलियो का निर्माण कर सकते है !

3 ) कर छुट का लाभ

यदि आप कर छुट का लाभ लेना चाहते है तो ऐसे कई विकल्प है जो आपको कर छुट का लाभ देते है ! यदि आप कर छुट को अधिक प्राथमिकता देते है तो आपके पोर्टफोलियो में कर बचत निवेश अधिक होना चाहिए !

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