कॉइन स्विच कुबेर को मिले निवेश के चलते यह कंपनी भारत की सबसे कीमती क्रिप्टो कंपनी हो गयी है। कंपनी नए निवेश का इस्तेमाल नए भारतीय यूजर्स को अपने साथ जोड़ने, नए क्रिप्टो प्रोडक्ट लांच करने, अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और अलग क्षेत्रों में बिजनेस फैलाने के लिए करेगी। कॉइन स्विच कुबेर क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति के सीईओ आशीष सिंघल हैं जो इसके सह संस्थापक भी हैं। क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति उन्होंने 2017 में ये कंपनी शुरू की थी और भारत में इसने जून 2020 में कारोबार शुरू किया। आज इसके पास एक करोड़ से ज्यादा यूजर हैं।

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CNBC आवाज़ Exclusive: दुनिया के 20 क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति बड़े देशों को भारत बताएगा क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशन के बारे में.

क्रिप्टो करेंसी के रेगुलेशन के लिए भारत दुनिया के सामने कानून का मसौदा रखने की तैयारी में है. CNBC आवाज को इस बारे में एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अगले महीने शुरू होने वाली G20 बैठक में इस मुद्दे पर सहमति बनाने की कोशिश होगी. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर अब आगे सरकार की रणनीति क्या होगी.

भारत अगले महीने होने वाली G20 देशों की बैठक में रेगुलेशन पर सहमति बनाने की कोशिश करेगा. बता दें कि भारत में ही अगले महीने G20 देशों की बैठक होने वाली है. इस बैठक में अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप, जापान, चीन और कनाडा समेत 20 देशों के सदस्य हिस्सा लेंगे. इस बैठक में भारत कोशिश करेगा कि मोनेटरी सिस्टम में क्रिप्टो एसेट की भूमिका तय हो.क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति

भारत इसपर प्रस्ताव भी पेश करेगा ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिप्टो करेंसी के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तय हो सके. साथ ही अलग-अलग देशों के बीच तालमेल के लिए मैनेनिज्म पर भी विचार होगा. इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) के स्तर पर भी रेगुलेशन की तैयारी की जा रही है.

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क्रिप्टोकरेंसी के लिए फिलहाल भारत में कोई कानून नहीं है।

महब कुरैशी. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिसकी सबसे बड़ी वजह है कि, इसमें शेयर बाजार के विपरीत तेजी से उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। ऐसे में बहुत से लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करके बड़ा लाभ कमाया है। वहीं जिन लोगों ने अभी तक इसमें कभी निवेश नहीं किया है। अब वह भी बिटकॉइन, डॉगकोइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं। आपको बता दें क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत हुए अभी केवल 10 साल ही पूरे हुए है। लेकिन इसके बावजूद इसमें लोगों की रूचि दिन दूनी रात चौगनी बढ़ रही है। ऐसे में अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं। तो आपको इस खबर को पूरा पढ़ना चाहिए। क्योंकि इसके बिना आपको तकड़ा नुकसान हो सकता है।

सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले विधेयक में क्या होगा?

द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 की प्रस्तावना में लिखा है कि इसका मकसद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी के निर्माण के लिए फ्रेमवर्क तैयार करना है। इसका मकसद भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना भी है, हालांकि कुछ अपवादों को मंजूरी दी जाएगी ताकि क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक और इसके उपयोगों को भविष्य में बढ़ावा दिया जा सके।

क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम कसने के मामले में सबसे कड़ा रुख चीन का रहा है। चीन ने क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति 2019 से क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाया था, लेकिन यह विदेशी एक्सचेंजों के माध्यम से ऑनलाइन जारी रहा। इस साल की शुरुआत में चीन ने क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले लेनदेन को पूरी तरह से गैर-कानूनी बना दिया। सितंबर में सरकार ने स्पष्ट किया कि क्रिप्टोकरेंसी व्यवसाय में शामिल लोगों इससे होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार होंगे और उन पर मुकदमे भी दर्ज किए जाएंगे।

नेपाल में प्रतिबंध तो वियतनाम में लगता है भारी जुर्माना

नेपाल के केंद्रीय बैंक 'नेपाल राष्ट्र बैंक' ने अगस्त 2017 में ही क्रिप्टोकरेंसी को अवैध घोषित कर दिया था। इसी तरह वियतनाम के स्टेट बैंक ऑफ वियतनाम ने बिटकॉइन और बाकी अन्य क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल, जारी करने क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति और आपूर्ति को अवैध करार दिया है। भुगतान में इसके इस्तेमाल पर वहां 1.5 करोड़ वियतनामी डोंग (करीब 50,000 रुपये) से लेकर 2 करोड़ वियतनामी डोंग (करीब 65,668 रुपये) क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति तक का जुर्माना लगाया जाता है।

रूस की व्लादिमिर पुतिन सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को एक एसेट के रूप में मान्यता दे रखी है। ऐसे में इसे रखने वालों को रूस के कानून के हिसाब से कर चुकाना पड़ता है। इसी तरह फ्रांस सरकार ने साल 2019 में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करना शुरू कर दिया था। फ्रांस में क्रिप्टोकरेंसी पर चल संपत्ति की तरह ही नियमानुसार कर लगाया जाता है। इसके चलते वहां इसमें निवेश करने वालों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है।

इंडोनेशिया ने क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी के लिए 2018 में बनाया था कानून

इंडोनेशिया सरकार ने भी क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम कसने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। वहां की सरकार ने साल 2018 में ही क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी के लिए एक कानून बना दिया था। उसके बाद से यहां इस करेंसी का इस्तेमाल नहीं होता है।

तुर्की सरकार ने अप्रैल में वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया। देश के केंद्रीय बैंक के नियमानुसार वितरित लेजर तकनीक पर आधारित क्रिप्टोकरेंसी और ऐसी अन्य डिजिटल संपत्ति का उपयोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भुगतान के रूप में नहीं किया जा सकता है। अमेरिका में इसको लेकर सभी राज्यों में अलग-अलग नियम है। हालांकि, अमेरिका शुरू से ही इसे मंजूरी देने के पक्ष में रहा है।

Crypto Currency News: भारत में तगड़ा चल रहा है क्रिप्टोकरेंसी का खेल, बना सबसे बड़ा बाजार

Neel Mani Lal

क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेंसी (फोटो साभार सोशल मीडिया)

Crypto Currency News। क्रिप्टोकरेंसी के बारे में भारत में पहले तो ज्यादातर लोगों को बहुत कुछ पता नहीं है और इनमें में क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति बहुत से लोग क्रिप्टोकरेंसी को किसी तरह का स्कैम मानते हैं। सरकार ने भी क्रिप्टोकरेंसी को न वैधानिक दर्जा दिया है और न इसके लेनदेन पर बैन लगाया है। इन हालातों के बावजूद भारत में क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन बहुत तेजी से बहुत बड़ी तादाद में चल रहा है।

दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टो बाजारों में एशिया के तीन देश टॉप पर हैं जिनमें क्रमश: वियतनाम, भारत और पाकिस्तान का नाम आता है। यही नहीं, दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। अब तो भारत की एक क्रिप्टो कंपनी को बिजनेस बढाने के लिए 260 अरब डालर का भारी भरकम निवेश भी मिला है।

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