जोखिम उठाने की क्षमता है तो कमोडिटी मार्केट में निवेश कर कम पूंजी में भी आप ज्यादा पैसा कमा सकते हैं.

Commodity Market से घटेगा जोखिम, बढ़ेगी आय

Commodity उन महत्वपूर्ण पदार्थों और स्रोतों को कहा जाता है जिनसे या जिनकी मदद से इस्तेमाल के लायक उत्पाद तैयार किए जा सकें। कमोडिटी मार्केट में उत्पाद की खपत और उत्पादन भी मांग और आपूर्ति की तरह कीमतों पर लगातार असर डालते रहते हैं।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। बाजार में निवेश के लिए पहला कदम रखने वालों को सबसे पहले शेयर बाजार दिखता है और वो उसी में पैसा लगाते है, हालांकि निवेशकों के लिए एक नहीं कई ऐसे बाजार मौजूद हैं, जहां कमाई उतनी ही आकर्षक है जितना शेयर बाजार से मिलने वाला रिटर्न। इन बाजारों में एक प्रमुख बाजार है commodity market। ऐसे निवेशकों की भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें? कोई कमी नहीं है जो बेहतर रिटर्न के लिए अपने निवेश का मुख्य हिस्सा कमोडिटी मार्केट में लगाते हैं। कमोडिटी मार्केट में कारोबार के अपने कई फायदे होते हैं। अगर आप भी commodity market में निवेश करना चाहते हैं तो पढ़े निवेश से जुड़ी सभी प्रमुख बातें

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क्या होती है कमोडिटी ट्रेडिंग?

Commodity उन महत्वपूर्ण पदार्थों और स्रोतों को कहा जाता है जिससे या जिसकी मदद से इस्तेमाल के लायक उत्पाद तैयार किए जा सकें। इनका अपना आकार या वजन होता है या फिर इन्हें मापा जा सकता है। इन पदार्थों और स्रोतों का कारोबार ही कमोडिटी ट्रेडिंग कहलाता है और जिस जगह ये कारोबार होता है उसे कमोडिटी मार्केट कहते हैं।

Share market और commodity market ट्रेडिंग का मुख्य अंतर ये होता है कि कमोडिटी मार्केट में उत्पाद की खपत और उत्पादन भी मांग और आपूर्ति की तरह कीमतों पर लगातार असर डालते रहते हैं। यानी commodity market में किसी उत्पाद की कीमतें इस बात पर भी निर्भर करती हैं उसका उत्पादन और खपत किस स्तर पर है। यहां मांग न होने पर भी कमोडिटी का उत्पादन घटने पर कीमतें बदलना आम है। कच्चे तेल में अक्सर ऐसा देखने को मिलता है। हालांकि शेयर बाजार में कारोबार का प्रमुख हिस्सा एक ही शेयर की बार बार बिक्री और खरीद पर आधारित होता है। शेयरों की संख्या बढ़ना या घटना एक तय प्रक्रिया का हिस्सा होता है और ये आम घटना नहीं होती। ऐसे में कई बार ऐसे स्टॉक जिनकी बाजार में मांग नहीं होती वो निचले स्तरों पर ही लंबे समय तक बने रहते हैं। कहा जा सकता है कि commodity market कई मायने में शेयर बाजार के मुकाबले ज्यादा एक्शन वाला बाजार साबित होता है जिससे यहां कारोबारियों के लिए लगातार मौके बने रहते हैं।

Commodity को 4 वर्गों में बांटा जाता है. इसमें पहला मेटल कमोडिटी होती है जिसमें लोहा, स्टील, कॉपर, सोना और चांदी आदि आते हैं। वहीं दूसरा एनर्जी कमोडिटी होती है जिसमें तेल, गैस, कोयला आदि आते हैं। तीसरी कैटेगरी में एग्री प्रोडक्ट आते हैं जिसमें अनाज आदि आते हैं वहीं चौथा कार्बन क्रेडिट, कार्बन एनर्जी सर्टिफिकेट आते हैं जो कि पर्यावरण से जुड़े हैं।

क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग का फायदा?

Commodity कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव आम है इससे एक कारोबारी के लिए इसमें कई मौके बनते रहते हैं। वहीं अगर आपको कमोडिटी मार्केट की अच्छी जानकारी है तो आप छोटी रकम लगाकर ऊंचे फायदे कमा सकते हैं। कमोडिटी में निवेश करने से किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियों में विविधता आती है। इससे न केवल लोगों को आय बढ़ाने के मौके मिलते हैं साथ ही अनिश्चतता की स्थिति में जोखिम से सुरक्षा मिलती है। भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें? हालांकि ये भी सच है कि कमोडिटी मार्केट में लोगों को काफी नुकसान भी हो सकता है ऐसे में आपको बाजार के जानकार की मदद से commodity market में निवेश करना चाहिए। 5paisa के एप की मदद से आप कमोडिटी मार्केट से ऊंचा मुनाफा भी उठा सकते हैं।

कैसे करें कमोडिटी में ट्रेडिंग?

Commodity market में आप एक डीमैट खाते की मदद से ट्रेड कर सकते हैं। इसके लिए भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें? आपको किसी जानकार शेयर ब्रोकर के साथ डीमैट खाता खुलवाना होगा। इसके साथ ही commodity market की जानकारी भी रखनी होगी। आप शुरुआती रकम के साथ commodity market में अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं। आप 5paisa के साथ अपने पोर्टफोलियों मे विविधता ला सकते हैं और जोखिम घटाने के साथ रिटर्न भी बढ़ा सकते हैं। 5paisa के साथ आप बिना कोई शुल्क दिए डीमैट अकाउंट खोलकर कमोडिटी मार्केट में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।

भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने से पहले यहां पढ़ें जरुरी जानकारी

अगर आप अपनी गाढ़ी कमाई को भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो अपनी धन राशि इन्वेस्ट करने से पहले भारत की कमोडिटी मार्केट के सभी विवरणों के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को ध्यान से जरुर पढ़ें.

Know about Commodity Market and tips to invest in it

हमारे देश में कमोडिटी स्टॉक एक्सचेंजों पर कमोडिटी कारोबार में इन्वेस्टमेंट की जा सकती है. कमोडिटी एक्सचेंज के नाम से ही यह पता चलता है कि, यह माल/ कमोडिटी के व्यापार को संदर्भित करता है. वित्तीय बाजार के संदर्भ में इसका सीधा-सा मतलब यह है कि, कमोडिटी एक्सचेंज पर होने वाली अनेक किस्म की वस्तुओं का औपचारिक आदान-प्रदान अर्थात कारोबार करना. इन्वेस्टर्स अपना पैसा कमोडिटी मार्केट में कई अलग-अलग तरीकों से भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें? इन्वेस्ट कर सकते हैं. कमोडिटी कंपनियों, म्यूचुअल फंड, या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) द्वारा जारी किए गए शेयर हैं जिन्हें इन्वेस्टर्स द्वारा भविष्य में खुद को मुद्रास्फीति (इन्फ्लेशन) के जोखिम से बचाने के लिए खरीदा जा सकता है. अगर आप भी ऐसे ही कुछ इन्वेस्टर्स में से एक हैं जो भारत की कमोडिटी मार्केट में अपना धन इन्वेस्ट करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं तो, कमोडिटी मार्केट के बारे में हम आपको इस आर्टिकल में सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं.

कमोडिटी क्या है?

आसान शब्दों में अगर हम बात करें तो, मूल रूप से कोई भी 'वस्तु' रोजमर्रा की प्रासंगिकता/ जरुरत के सभी सामान जैसेकि भोजन, ऊर्जा, फर्नीचर या धातु का एक समूह या संपत्ति है. हालांकि, इसे प्रकृति से विनिमेय अर्थात (लेने-देने में सुलभ) होना चाहिए ताकि इसका व्यापार किया जा सके. कार्रवाई योग्य दावों और धन को छोड़कर, किसी भी वस्तु अर्थात कमोडिटी को सभी किस्म की चल वस्तुओं के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है. आपके कपड़े, जूते, फर्नीचर, खाने-पीने का सारा सामान और दवाइयां, साबुन, तेल आदि सभी ऐसी कमोडिटीज़ हैं जिनका देश-दुनिया में निरंतर लेन-देन या कारोबार होता रहता है.

वस्तुओं/ कमोडिटीज़ में इन्वेस्टमेंट कहां करें?

भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंजों पर सभी किस्म की कमोडिटीज़ का कारोबार होता है. यहां कुछ लोकप्रिय कमोडिटी ट्रेड एक्सचेंजों की सूची आपकी सुविधा के लिए दी गई है: -

  1. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज - MCX
  2. नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज - NCDEX
  3. नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज - NMCE
  4. इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज - ICEX

भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट के लाभ

हमारे देश की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने पर आपको कई फायदे मिलते हैं जैसेकि:

  1. मुद्रास्फीति के खिलाफ संरक्षण - कमोडिटी एक्सचेंज में कारोबार की जाने वाली कमोडिटीज़ इन्वेस्टर्स को मुद्रास्फीति/ इन्फ्लेशन के कुप्रभावों से बचाती हैं.
  2. मूल्य में उतार-चढ़ाव के खिलाफ बचाव-व्यवस्था - आयात और निर्यात के साथ-साथ उत्पाद मूल्य में उतार-चढ़ाव कमोडिटी बाजार को प्रभावित कर सकता है. कमोडिटी फ्यूचर्स में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टर्स को वास्तविक लेनदेन से महीनों पहले तय की गई कीमत पर कमोडिटी खरीदने या बेचने में मदद मिलती है. इस तकनीक को कमोडिटी बाजार में हेजिंग अर्थात बचाव-व्यवस्था के रूप में जाना जाता है.
  3. विविधीकरण - वस्तुओं में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टर्स वित्तीय प्रतिभूतियों (फाइनेंशिल सिक्यूरिटीज़) के संबंध में अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में विविधता ला सकता है.

कमोडिटी कैसे खरीदें अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. कमोडिटी बाजार में कारोबार करने के लिए, एक इन्वेस्टर को सबसे पहले अपना एक DMAT खाता खोलना होगा.
  2. कमोडिटीज का कारोबार वैसे ही होता है जैसे भारत के स्टॉक एक्सचेंजों में विभिन्न शेयरों का कारोबार होता है.
  3. कमोडिटीज में इन्वेस्टमेंट करने के लिए, कमोडिटी फ्यूचर्स और ऑप्शंस, कमोडिटी ETF जैसे कई तरीके हैं, जो सीधे भौतिक वस्तुओं (फिजिकल कमोडिटीज़) में इन्वेस्टमेंट करते हैं.
  4. सभी इन्वेस्टर्स के लिए इस पॉइंट पर पहले ही ध्यान देना बहुत जरुरी है कि, इन्वेस्टमेंट का कौन-सा तरीका उनकी जेब के लिए सबसे उपयुक्त रहेगा और यह तरीका उनकी कारोबारी जरूरतों से मेल खाता है.
  5. कमोडिटी ETFs ट्रेडिंग को काफी आसानी बनाते हैं क्योंकि उन्हें स्टॉक की तरह खरीदा जाता है. हालांकि, स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर की कीमतों की तरह ही विभिन्न कमोडिटीज़ की भविष्य की कीमतों में भी अक्सर उतार-चढ़ाव होता रहता है.

*अस्वीकरण - यह सारी जानकारी केवल आपके वित्तीय ज्ञान और समझ बढ़ाने के लिए इस आर्टिकल में प्रस्तुत की गई है. इसे किसी भी व्यक्ति के द्वारा वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए.

कमोडिटी मार्केट से भी कर सकते हैं कमाई; कैसे शुरू करें निवेश, समझिए जोखिम और रिटर्न का गणित

रिस्क लेने की क्षमता है तो कमोडिटी मार्केट से अधिक रिटर्न कहीं और मिलना बहुत मुश्किल है.

कमोडिटी मार्केट से भी कर सकते हैं कमाई; कैसे शुरू करें निवेश, समझिए जोखिम और रिटर्न का गणित

जोखिम उठाने की क्षमता है तो कमोडिटी मार्केट में निवेश कर कम पूंजी में भी आप ज्यादा पैसा कमा सकते हैं.

पैसे कमाने की चाह हर किसी की होती है लेकिन कई लोगों के पास इतनी अधिक पूंजी नहीं होती है कि वे कहीं निवेश कर अधिक पैसे कमा सकें. इसके अलावा एक परिस्थिति ऐसी भी होती है जिसमें आपके पास पैसे होते हैं लेकिन समझ नहीं आता है कि निवेश कहां करें. अगर आपको रिस्क लेने में डर नहीं लगता है तो आप कमोडिटी मार्केट में निवेश कर कम पूंजी में भी अधिक से अधिक पैसा कमा सकते हैं. रिस्क भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें? लेने की क्षमता है तो कमोडिटी मार्केट की भी इतनी क्षमता है कि आपको इस मार्केट के अलावा कहीं और इतना अधिक रिटर्न नहीं मिल सकता है. हालांकि कमोडिटी मार्केट में निवेश का सबसे बड़ा रिस्क मूल पूंजी का गंवाना भी है. आइए समझते हैं कि कमोडिटी मार्केट में निवेश कर आप कितना मुनाफा कमा सकते हैं और इसके खतरे क्या-क्या हैं.

कमोडिटी मार्केट में निवेश भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें? के तुलनात्मक फायदे

केडिया कमोडिटी के निदेशक अजय केडिया ने कमोडिटी मार्केट में निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह बताया कि आप इसमें छोटी सी पूंजी में बहुत अधिक निवेश कर सकते हैं. इसे समझने के लिए गोल्ड में निवेश का उदाहरण लेते हैं. इस समय (28 जून 2019) सोना करीब 34,212 रुपये प्रति 10 ग्राम पर एमसीएक्स कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेड हो रहा है. अब सोने में निवेश के लिए आपके पास मुख्य रूप से तीन तरीके हैं.

  • अगर आपको 1 किग्रा फिजिकल गोल्ड में निवेश करना है तो आपको करीब 34.21 लाख रुपये लगाने होंगे.
  • दूसरा रास्ता आप फ्यूचर ट्रेड के जरिए गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. फ्यूचर ट्रेडिंग का मतलब है कि आपको एक निश्चित रकम देकर अपना ऑर्डर बुक कराना है और आपके ऑर्डर का एक्सपायरी पीरियड अधिकतम 1 महीने का होगा. एक्सपायरी पीरियड का मतलब यह हुआ कि इस पीरियड के भीतर आप कभी भी अपने निवेश पर मुनाफा कमा सकते हैं. वर्तमान दर पर गोल्ड में निवेश के लिए आपको पूरे ऑर्डर मूल्य का 5 फीसदी मार्जिन देना होगा जो करीब 1.8 लाख रुपये बैठेगा. इसका अर्थ यह हुआ है कि 34.21 लाख रुपये के फिजिकल गोल्ड का ऑर्डर आपने महज 1.8 लाख रुपये में ही कर दिया.
  • निवेश का तीसरा रास्ता ऑप्शंस है. ऑप्शंस ट्रेड में आपको एक प्रीमियम राशि देनी होती है और इसके ऑर्डर की एक्सपायरी दो महीने की होती है. मान लेते हैं कि प्रीमियम भाव (एलटीपी) 500 रुपये है तो एक लॉट (इसका मूल्य एक किग्रा गोल्ड के बराबर होता है) के ट्रेड के हिसाब से ऑप्शंस के जरिए गोल्ड में निवेश करने पर आपको करीब 50 हजार रुपये (500*100) देने होंगे. इस तरह आप देख सकते हैं कि 34.21 लाख रुपये के जरिए फिजिकल गोल्ड में और 1.8 लाख रुपये के जरिए फ्यूचर गोल्ड में निवेश की तुलना में ऑप्शंस के जरिए गोल्ड में निवेश सिर्फ 50 हजार रुपये में हो जाएगा.

फ्यूचर और ऑप्शंस में ऐसे होता है प्रॉफिट कैलकुलेशन

  • फिजिकल गोल्ड में निवेश का फायदा-नुकसान कैलकुलेट करना एकदम आसान है. मान लीजिए कि आपने गोल्ड एक किग्रा गोल्ड 34 हजार प्रति दस ग्राम के भाव से निवेश किया है तो उसके भाव में 2 हजार प्रति दस ग्राम की गिरावट आने पर आपको करीब 2 लाख रुपये का नुकसान होगा जबकि उसके भाव में 2 हजार रुपये प्रति दस ग्राम की तेजी आने पर आपको 2 लाख रुपये के करीब मुनाफा होगा.
  • फ्यूचर की बात करें तो आपको ऑर्डर बुक करने के लिए करीब 1.8 लाख रुपये की मार्जिन मनी (पूरे ऑर्डर मूल्य का 5 फीसदी) आपको देना होता है. अगर इसके भाव में 2 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आती है तो आपको 2 लाख रुपये का नुकसान होगा लेकिन 2 हजार की तेजी आई तो आपको 2 लाख का मुनाफा होगा. यहां एक सलाह यह दी जाती है कि अगर आपको फ्यूचर ट्रेडिंग में नुकसान हो रहा है तो आप 100 फीसदी मार्जिन मनी देकर गोल्ड की डिलीवरी करा सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो एग्जिट करें.
  • ऑप्शंस में आपको प्रीमियम राशि ही देनी होती है और आपको अधिकतम नुकसान प्रीमियम का ही झेलना पड़ेगा. अगर आपको लग रहा है कि गोल्ड के भाव में तेजी आ सकती है तो आप कॉल ऑप्शंस खरीदें और अगर आपको लगता है कि आगे गोल्ड के भाव में गिरावट आ सकती है तो आप पुट ऑप्शंस खरीदें. इसमें मान लेते हैं कि आपने 500 रुपये एलटीपी के आधार पर 50 हजार प्रीमियम मनी देकर ऑर्डर बुक किया है. अगर इसके एलटीपी में 200 रुपये की तेजी आती है तो आपका यही मुनाफा हुआ. इसके विपरीत अगर इसके एलटीपी में 200 रुपये की गिरावट आए तो यह आपका नुकसान है.

कमोडिटी ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें?

  • कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सेबी के पास रजिस्टर्ड ब्रोकर के यहां एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है.
  • अगर आप डिलीवरी नहीं लेते हैं तो डीमैट अकाउंट खुलवाने की जरूरत नहीं है और सेबी ने भी इसे अभी अनिवार्य नहीं किया है.
  • कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपको पहचान के तौर पर अपना पैन कार्ड या आधार दे सकते हैं और एड्रेस प्रूफ के लिए आधार या बैंक पासबुक दे सकते हैं. फोटो देनी होगी.
  • भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें?
  • इसके अलावा आय प्रमाण के लिए 6 महीने का बैंक पासबुक स्टेटमेंट देना होगा. एकाउंट खुलने के बाद आप कमोडिटी ट्रेडिंग करने के लिए तैयार हैं और आपको जिस कमोडिटी में अनुमान है कि इसमें आप मुनाफा कमा सकते हैं और आप कितना रिस्क उठा सकते हैं, उसके आधार पर अपना फ्यूचर या ऑप्शंस में ट्रेडिंग करें.

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(डिस्क्लेमर: फाइनेंशियल एक्सप्रेस किसी भी रूप में निवेश की सलाह नहीं देता है. निवेश संबंधी कोई भी निर्णय करने से भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें? पहले आप स्वयं पड़ताल करें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें.)

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Commodity Market में निवेश से कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा, जानें क्या है तरीका

Commodity Market शेयर मार्केट की तरह ही एक मार्केट होती है जिसमें आप शेयर की जगह पर विभिन्न कमोडिटी में निवेश करते हैं। इन कमोडिटी को दो भागों में बांटा जा सकता है पहला है हार्ड कमोडिटी और दूसरा होता है सॉफ्ट कमोडिटी।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर मार्केट में निवेश आज के समय में हर युवा को आकर्षित कर रहा है। शेयर मार्केट में हम विभिन्न कम्पनियों के स्टॉक्स में निवेश करते हैं। लेकिन इसी तरह की एक और मार्केट होती है जिसमें विभिन्न कमोडिटी में निवेश किया जाता है। ये कमोडिटी विभिन्न प्रकार के रॉ मैटेरियल जैसे गोल्ड, सिल्वर, स्टील, भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें? पेट्रोलियम आदि होते हैं। इनमें निवेश करना भी शेयर मार्केट में निवेश करने जितना ही आसान होता है। आइए जानते हैं कि कमोडिटी मार्केट में आप कैसे निवेश कर सकते हैं।

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क्या है Commodity

Commodity Market, शेयर मार्केट की तरह ही एक मार्केट होती है, जिसमें आप शेयर की जगह पर विभिन्न कमोडिटी में निवेश करते हैं। इन कमोडिटी को दो भागों में बांटा जा सकता है, पहला है हार्ड कमोडिटी और दूसरा होता है सॉफ्ट कमोडिटी।

हार्ड कमोडिटी में नॉन-एग्री कमोडिटी आती हैं। ऐसी कमोडिटी जो कृषि से जुड़े न हों जैसे कॉपर, गोल्ड, सिल्वर व ऑयल आदि। तो वहीं सॉफ्ट कमोडिटी में कृषि उत्पाद आते हैं, जैसे- गेहूं, कॉफी, गन्ना आदि।

कैसे करें Commodity Market में निवेश?

आपको बता दें कि इसमें निवेश करना भी Share Market में निवेश करने जितना ही आसान है। बस आपको Commodity Trading Account खोलना होगा। जिसके लिए आप 5paisa ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। ऐप डाउनलोड करने के बाद कुछ जरूरी फॉर्मेल्टीज कर आप आसानी से अपना Commodity Trading Account खोल सकते हैं और कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।

कमोडिटी में निवेश के लिए क्या हैं जरूरी एक्सचेंज

जिस तरह शेयर मार्केट में निवेश के लिए आप NSE या BSE जैसे एक्सचेंज का इस्तेमाल करते हैं, उसी तरह Commodity में Invest या Trade करने के लिए MCX यानी Multi Commodity Exchange of India Ltd. का इस्तेमाल करते हैं। MCX देश के अग्रणी कमोडिटी एक्सचेंज में से एक है, जहां पर आप कई तरह की Commodities में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा National Commodity and Derivatives Exchange (NCDEX) और Indian Commodity Exchange (ICEX) भी Commodity Trading Exchange हैं जिसके जरिये आप Commodities में ट्रेड या निवेश कर सकते हैं।

कैसे करें इसमें निवेश?

अब बात आती है Commodities में निवेश करने की, तो इसमें आप दो तरीके से निवेश कर सकते हैं- पहला है Futures Contract और दूसरा है Options। इसके अतिरिक्त आप ETF यानी Extended Traded Funds के जरिये भी निवेश कर सकते हैं।

कमोडिटी मार्केट के बारे में जानकारी


आज हम बात करेंगे इंडियन कमोडिटी मार्केट के विषय में कमोडिटी मार्केट का अर्थ भारतीय वस्तु बाजार या भारतीय वायदा बाजार होता है! दोस्तों यह पोस्ट उन लोगों के लिए जो कमोडिटी मार्केट में नए निवेशक है या जो कमोडिटी मार्केट में निवेश करने की इच्छा रखते हैं

दोस्तों जैसे शेयर बाजार में शेयर की खरीदी और बिकवाली होती है उसी प्रकार कमोडिटी बाजार में भी खरीद और बिक्री होती लेकिन कमोडिटी बाजार में शेयर की खरीदी या बिकवाली नहीं होती कमोडिटी मार्केट में प्राथमिक अर्थव्यवस्था की वस्तुएं खरीदी और बेंची जाती है जैसे कि गेंहू, सोयाबीन, मक्का, जैसे कृषि उत्पाद और खनन से प्राप्त वस्तुएं जैसे सोना, चांदी, कच्चा तेल, गैस आदि का व्यापार होता है .

भारत में कमोडिटी की सॉफ्टवेयर बेस्ट ट्रेडिंग की शुरुआत MCX में नवंबर 2003 और NCDX 15 दिसंबर 2003 में हुई थी दोस्तों MCX में खनन से उत्पन्न वस्तुओं का व्यापार होता है इसमें मुख्य रूप से शामिल हैं सोना, चांदी, कोपर, कच्चा तेल और नेचुरल गैस और NCDX में कृषि उत्पादों का व्यापार होता है जैसे कि सोयाबीन, मक्का, गेहूं, चना, चीनी सोयाबीन तेल, सरसों, जीरा आदि

अभी जो 2021 में MCX का जो मार्केट ट्रेडिंग टाइम सोमवार से शुक्रवार सुबह 9:00 बजे से रात 11:30 से 11:55 तक का टोटल 14:30 से 15:00 घंटे और NCDX का ट्रेडिंग है सोमवार से शुक्रवार सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे का टोटल 8 घंटे MCX और NCDX में एक समानता है कि यह दोनों फ्यूचर मार्केट है इसमें ज्यादातर ट्रेडिंग कुछ प्रतिशत के मार्जिन पर की जाती है यदि कमोडिटी मार्केट के बारे में अनुभव हैं तो इस मार्केट से भी कमाई की जा सकती हैं

जैसे कि आपको सोना खरीदना है जो सोने का कॉन्ट्रैक्ट है छोटे वाला वह 10 ग्राम का उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं कि सोना 30,000 पर ट्रेड कर रहा है और आज का मार्जिन 15% तो आपको अपने अकाउंट में ट्रेड लेने से ट्रेड क्लोज करने तक कम से कम 4500 रुपए रखने होंगे

जहां इक्विटी में हम शेयर बाजार में लिस्टेड बड़ी-बड़ी कंपनियों में ट्रेड करते हैं मुख्य रूप से यहां दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं एनएससी और बीएससी जिसे सेबी रेगुलेट करती है। इक्विटी बाजार में किसी भी कंपनी का 1 शेयर या उससे अधिक शेयर खरीदा और बेचा जाता है वही शेयर का ऑप्शन और फ्यूचर की खरीदारी और बिकवाली होती है!

वहीं दूसरी तरफ कमोडिटी बाजार में दो बड़े एक्सचेंज उपलब्ध है MCX और NCDX यहां पर हम प्राथमिक अर्थव्यवस्था की वस्तुएं खरीदारी और बिकवाली करते है जैसे कि गेंहू, सोयाबीन, मक्का, जैसे कृषि उत्पाद और खनन से प्राप्त वस्तुएं जैसे सोना, चांदी, कच्चा तेल, गैस आदि का व्यापार होता है।

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