Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 07, 2022 12:41 IST

ऑनलाइन विदेशी मुद्रा का विक्रय

विशेषकर विदेशी यात्रा का एक अलग ही रोमांच होता है। यह रोमांच चाहे भ्रमण के लिए हो या व्यापार के लिए हो, विदेशी मुद्रा का विनिमय और उससे जुड़ी परेशानियाँ एक जैसी ही होती हैं। लेकिन जब आप इस ट्रिप से वापस आ जाते हैं तब बची हुई विदेशी मुद्रा को आप बेचने का प्रयास करते हैं।

अधितर स्थितियों में विदेश यात्रा पर जाने वाले अपने साथ किसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए थोड़ी एक्स्ट्रा विदेशी मुद्रा ले कर जाते हैं। क्यूंकी वे जानते हैं कि विदेशी मुद्रा को विदेशी धरती पर खरीदना महंगा और समय लगाने वाला होता है। इसलिए देर से सुरक्षा भली वाला नियम यहाँ भी लागू होता है और जरूरत से थोड़ी अधिक विदेशी करेंसी अपने साथ लेकर जाएँ और किसी भी अनदेखी परेशानी से बचें। ट्रिप से वापस आने के बाद अगर आप अपनी बची हुई विदेशी मुद्रा का विक्रय नहीं करते हैं तो वह आपके लिए मृत धन के समान है। कुछ लोग यह काम इसलिए भी नहीं कर पाते हैं कि वे ऑनलाइन विक्रय या एजेंट के माध्यम से विक्रय में से उपयुक्त माध्यम का चयन नहीं कर पाते हैं। थॉमस कुक के पास आपकी हर समस्या का हल है। फिर भी यदि आप अपनी अनुपयोगी विदेशी मुद्रा को ट्रिप कि यादगार बना कर, किसी डर के कारण या ठीक जानकारी न होने के कारण अपने पास रखना चाहते हैं तो इस्क्में कोई समझदारी नहीं है।

थॉमस कुक में विशेष क्या है ?

थॉमस कुक के माध्यम से न केवल आप अच्छे रेट पर विदेशी मुद्रा का क्रय कर सकते हैं बल्कि लाभकारी रेट पर बेच भी सकते हैं। हमें विश्व के सबसे अधिक भरोसेमंद ट्रेवल कंपनीयों के सहयोगी होने का सौभाग्य प्राप्त है और इसी कारण हम आपको विदेशी मुद्रा के लिए सबसे अच्छी कीमत प्रदान करते हैं। बात चाहे होटल की हो, या फ्लाइट की हो, हम आपकी हर जगह विदेशी मुद्रा विनिमय की ज़रूरत का ख्याल रखते हैं। हमारे विशेषज्ञ आपकी हर प्रकार की ज़रूरत को अच्छी तरह न केवल समझते हैं बल्कि उनके अनुसार विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार सेवाएँ और सुविधाएं प्लान करके आपके ट्रिप को खुशगवार और यादगार बना देते हैं।

ऑनलाइन विदेशी मुद्रा का विक्रय कैसे हो ?

सबकी जिंदगी में घूमना-फिरना वो सपना होता है जिसे सब अपनी विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार जिंदगी में बार-बार पूरा करना चाहते हैं। चाहे वो कोई मनोरंजक यात्रा हो या कोई बोरिंग बिजनेस ट्रिप, सफल यात्रा के लिए सफल प्लानिंग की बहुत ज़रूरत होती है। इसके लिए बहुत ज़रूरी है कि आपके पास एक अच्छा ट्रेवल पार्टनर हो वो हर काम करे जिससे आपकी किसी भी ट्रिप को सरल और खुशगवार बनाया जा सके। इसी प्रकार कि एक ज़िम्मेदारी होती है विदेशी करेंसी का खरीदना और बेचना। हो सकता है आपके लिए विदेशी मुद्रा को बेचने का काम अच्छीखासी कठिनाई का काम हो सकता है लेकिन थॉमस कुक का अनेक वर्षों का अनुभव इस परेशानी को सरलता से हल कर सकता है। तो चिंता किस बात की, अब विदेशी मुद्रा को बेचने का काम अब बीते दिनों की बात है क्यूंकी थॉमस कुक आपकी विदेशी मुद्रा संबंधी सभी परेशानियों का एक ही हल है।

थॉमस कुक के माध्यम से आप विदेशी मुद्रा को ऑनलाइन खरीदने और बेचने का कार्य बड़ी सरलता से कर सकते हैं। इसके लिए बस आपको थॉमस कुक की वेबसाइट पर लॉगिन करें, विदेशी मुद्रा विक्रय के पेज पर सभी ज़रूरी जानकारी भरें और बस आपका काम हो गया। थॉमस कुक के विदेशी मुद्रा के रेट ऑनलाइन विधि में सबसे अच्छे रेट माने जाते हैं। आप ऑनलाइन विधि से विदेशी मुद्रा का विक्रय करेंसी, ट्रेवलर चेक या फोरेक्स कार्ड, किसी भी रूप में हो, आसानी से कर सकते हैं। आपके विदेशी मुद्रा विक्रय के काम को सुविधाजनक बनाने के लिए हमारा एक अनुभवी कर्मचारी आपके घर जाकर करेंसी ले भी सकता है। थॉमस कुक में हमारी कोशिश रहती है कि हर यात्री को हमारी सेवाओं का सबसे अच्छा अनुभव हो सके। यहाँ तक कि अपनी वेबसाइट के माध्यम से हम आपकी एप्लिकेशन को बिना किसी परेशानी के आगे बढ़ाने का काम भी करते हैं जिससे आप अपना बहुमूल्य समय और एनर्जी को दूसरे ज़रूरी कामों में लगा सकें। इसलिए जब अगली बार आप विदेशी मुद्रा को बेचने का काम करने का निर्णय लें तो बेहिचक थॉमस कुक से संपर्क करें।

हमारी दूसरी सेवाओं में अनेक सेवाओं के अतिरिक्त ऑनलाइन वीज़ा एप्लिकेशन सेवा, ट्रिप प्लानिंग, आवश्यकतानुसार एडजस्टिड हॉलिडे टूर और पैकेज़ आदि शामिल हैं। थॉमस कुक के सहयोगी आपके विदेश यात्रा को खुशगवार बनाने में कोई कसर नहीं रखते हैं!

Forex Reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर, स्वर्ण भंडार भी घटा, एसडीआर बढ़ा

Forex Reserves: 14 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 528.367 बिलियन डॉलर था। आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 465.075 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।

फॉरेक्स

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बीते 21 अक्तूबर को घटकर दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है 524.520 बिलियन डॉलर हो गया है। उससे एक हफ्ते पहले की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार में 3.85 बिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले 14 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 528.367 बिलियन डॉलर था। बता दें कि विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार दो वर्ष पहले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 577.00 बिलियन डॉलर था।

आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 465.075 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।

देश का स्वर्ण भंडार (गाेल्ड रिजर्व) इस दौरान 247 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 37.206 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights, एसडीआर) का मूल्य 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.440 अरब डॉलर हो गया।

बता दें कि बीते कुछ महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दिख रही है क्योंकि आरबीआई के बाजार में बढ़ते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट को थामने के लिए संभवतः हस्तक्षेप करता है। वहीं दूसरी ओर, आयातित वस्तुओं की बढ़ती लागत ने भी व्यापार निपटान के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की उच्च आवश्यकता को जरूरी बना दिया है, इससे इसमें कमी आ रही है।

प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से भारतीय रुपया पिछले कुछ हफ्तों में कमजोर होकर नए सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले हफ्ते रुपया इतिहास में पहली बार डॉलर के मुकाबले 83 रुपये के स्तर को पार कर गया था। इस साल अब तक रुपये में करीब 10-12 फीसदी तक की गिरावट आई है।

आमतौर पर रुपये में भारी गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई डॉलर की बिक्री सहित तरलता प्रबंधन के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करता है। फरवरी के अंत में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 100 बिलियन अमरीकी डालर की गिरावट आ गई थी। ऐसा वैश्विक स्तर पर ऊर्जा और अन्य वस्तुओं का आयात महंगा होने के कारण हुआ था। पिछले 12 महीनों के दौरान संचयी आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 115 बिलियन अमेरीकी डालर की गिरावट आ चुकी है।

विस्तार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बीते 21 अक्तूबर को घटकर दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है 524.520 बिलियन डॉलर हो गया है। उससे एक हफ्ते पहले की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार में 3.85 बिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले 14 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 528.367 बिलियन डॉलर था। बता दें कि दो वर्ष पहले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 577.00 बिलियन डॉलर था।

आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 465.075 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।

देश का स्वर्ण भंडार (गाेल्ड रिजर्व) इस दौरान 247 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 37.206 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights, एसडीआर) का मूल्य 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.440 अरब डॉलर हो गया।

बता दें कि बीते कुछ महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दिख रही है क्योंकि आरबीआई के बाजार में बढ़ते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट को थामने के लिए संभवतः हस्तक्षेप करता है। वहीं दूसरी ओर, आयातित वस्तुओं की बढ़ती लागत ने भी व्यापार निपटान के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की उच्च आवश्यकता को जरूरी बना दिया है, इससे इसमें कमी आ रही है।

प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से भारतीय रुपया पिछले कुछ हफ्तों में कमजोर होकर नए सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले हफ्ते रुपया इतिहास में पहली बार डॉलर के मुकाबले 83 रुपये के स्तर को पार कर गया था। इस साल अब तक रुपये में करीब 10-12 फीसदी तक की गिरावट आई है।

आमतौर पर रुपये में भारी गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई डॉलर की बिक्री सहित तरलता प्रबंधन के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करता है। फरवरी के अंत में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 100 बिलियन अमरीकी डालर की गिरावट आ गई थी। ऐसा वैश्विक स्तर पर ऊर्जा और अन्य वस्तुओं का आयात महंगा होने के कारण हुआ विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार था। पिछले 12 महीनों के दौरान संचयी आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 115 बिलियन अमेरीकी डालर की गिरावट आ चुकी है।

US dollar का टूटेगा दबदबा! रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देगी सरकार, कारोबारियों को मिलेंगे ये सारे फायदे

कई देश दिवालिया हो गए हैं तो कई फॉरेन एक्‍सचेंज रिजर्व की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इन देशों के साथ भारत का व्‍यापार प्रभावित हो रहा है।

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 07, 2022 12:41 IST

US dollar vs rupee- India TV Hindi

Photo:FILE US dollar vs rupee

Highlights

  • घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी
  • आयात के लिए डॉलर की मांग कम हो जाएगी

US dollar का दबदबा आने वाले दिनों में टूट सकता है। दरअसल, भारत सरकार विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार विदेशी व्यापार में रुपये के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए आज अहम बैठक करने जा रही है। इसमें वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रतिनिधि समेत सभी प्रमुख बैंकों के अधिकारी शामिल होंगे। वित्तीय सेवा सचिव संजय मल्होत्रा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार लेनदेन की अनुमति देने से व्यापार सौदों के निपटान के लिए विदेशी मुद्रा की मांग घटने के साथ घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी। इससे रुपये को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेनदेन के लिए अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी। इस समय भारत और रूस के बीच हो रहे व्यापार के बड़े हिस्से का लेनदेन रुपये में ही हो रहा है। आइए, जानते हैं कि रुपये में विदेशी व्यापार बढ़ने से कारोबारियों को क्या फायदे मिलेंगे।

भारत को क्‍या लाभ मिलेगा

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद वैश्विक हालात बदले हैं। कई देश दिवालिया हो गए हैं तो कई फॉरेन एक्‍सचेंज विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार रिजर्व की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इन देशों के साथ भारत का व्‍यापार प्रभावित हो रहा है। रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने से इन देशों के साथ कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारतीय कारोबारी को बड़ा बाजार मिलेगा। इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार में बैलेंस बनाने में इस प्रक्रिया से मदद मिल सकती है। रुपये में इनवॉयस और पेमेंट से ट्रांजैक्‍शन कॉस्‍ट और फॉरेन करेंसी में ट्रांजैक्‍शन से जुड़े मार्केट रिस्‍क भी कम होंगे। एक्सपोर्टर्स को रुपये की कीमत में मिले इनवॉयस के बदले एडवांस भी मिल सकेगा। वहीं, कारोबारी लेनदेन के बदले बैंक गारंटी के नियम भी FEMA (Foreign Exchange Management Act) के तहत कवर होंगे।

Rupee

Image Source : INDIA TV

रुपये पर दबाव कम होगा

आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने से रुपये पर दबाव कम होगा क्योंकि आयात के लिए डॉलर की मांग कम हो जाएगी। रुपये की मौजूदा कमजोरी के बीच यह कदम से व्यापार सौदों के रुपये में निपटान को बढ़ावा देकर विदेशी मुद्रा की मांग घटाने में मदद मिलेगी। रिजर्व बैंक ने गत जुलाई में एक विस्तृत परिपत्र जारी करते हुए कहा था कि बैंकों को भारतीय रुपये में निर्यात एवं आयात संबंधी लेनदेन करने के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने चाहिए। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के द्वारा दरों में बढ़ोतरी को लेकर आक्रामक रुख से डॉलर में मजबूती देखने को मिल रही है और दुनिया भर की अन्य करंसी में कमजोरी है। इसे घरेलू आयातकों पर बोझ बढ़ गया है। इससे भारत की आर्थिक स्थिति पर भी इसका नुकसान देखने को मिल रहा है। रुपये में विदेशी व्यापार बढ़ने से देश की आर्थिक मजबूती बढ़ेगी।

विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार

23 जून को, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के प्रचार विभाग ने "चीन के दशक" के विषय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद से वित्तीय क्षेत्र के सुधार और विकास के बारे में जानकारी दी गयी। विदेशी मुद्रा के राज्य प्रशासन की उप निदेशक और प्रवक्ता वांग छ्वनयिंग ने बैठक में कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था का उच्च गुणवत्ता वाला विकास हुआ है, जिसने विदेशी मुद्रा बाजार के स्थिर संचालन की नींव को मजबूत किया। चीन के विदेशी मुद्रा क्षेत्र में सुधार, विकास और स्थिरता में प्रमुख उपलब्धियां हासिल की गई हैं। भुगतान संतुलन मूल रूप से संतुलित और अधिक स्थिर है, और चालू खाता अधिशेष का जीडीपी से अनुपात एक उचित सीमा के भीतर है; सीमा पार व्यापार, निवेश और वित्तपोषण अधिक सक्रिय हैं, सीमा पार से भुगतान और प्राप्ति का पैमाना तेजी से बढ़ रहा है, और आरएमबी विनिमय दर अधिक लचीली है। इसने भुगतान संतुलन को समायोजित करने के लिए एक स्वचालित स्टेबलाइजर की भूमिका निभाई है।

वर्तमान में चीन के विदेशी मुद्रा बाजार में 40 से अधिक व्यापार योग्य मुद्राएं हैं, और व्यापारिक किस्में अंतरराष्ट्रीय मुख्यधारा के विदेशी मुद्रा व्यापार उत्पादों को कवर करती हैं। पिछले दस वर्षों में व्यापार की मात्रा तीन गुना हो गई है, और 2021 में व्यापार की मात्रा 369 खरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंची। हाल के वर्षों में, चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 30 खरब अमेरिकी डॉलर से ऊपर बना हुआ है।

विदेशी मुद्रा दरों को समझना

जब एक निर्यातक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शुरू करने की योजना बनाता है, तो यह समझना विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा विनिमय दरों में अंतर कैसे आता है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा विनिमय दर (विदेशी मुद्रा दर) दुनिया भर में होने वाली विभिन्न घटनाओं से प्रभावित है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा विनिमय दरें प्रकृति में बेहद अप्रत्याशित हैं और तेजी से बदलती रहती हैं।

विनिमय दर जिस पर दो देशों के बीच एक मुद्रा का विनिमय दूसरे देश में किया जा सकता है, विदेशी विनिमय दर के रूप में जाना जाता है। विदेशी विनिमय दर को एफएक्स दर या विदेशी मुद्रा दर के रूप में भी जाना जाता है। उदाहरण के लिए अमेरिका और भारत के बीच मुद्रा की विनिमय दर 1 USD = 62.3849 INR है। बाद में हम विदेशी विनिमय दरों से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं।

स्पॉट एक्सचेंज रेट

जिस दर पर विदेशी मुद्रा उपलब्ध है उसे स्पॉट एक्सचेंज रेट कहा जाता है। विदेशी मुद्रा का स्पॉट रेट वर्तमान लेनदेन के लिए बहुत उपयोगी है लेकिन यह पता लगाना भी आवश्यक है कि स्पॉट रेट क्या है।

आगे विनिमय दर

विदेशी मुद्रा की खरीद या बिक्री के लिए एक आगे के अनुबंध में प्रबल होने वाली विनिमय दर को फॉरवर्ड रेट कहा जाता है। यह दर अभी तय की गई है लेकिन विदेशी मुद्रा का वास्तविक लेन-देन भविष्य में होता है।

विनिमय दरों के उद्धरण की विधि

मुद्रा बाजार में नए लोगों के लिए मुख्य भ्रम मुद्राओं के उद्धरण के लिए मानक है। इस खंड में, हम मुद्रा उद्धरणों पर जाएँगे और वे मुद्रा जोड़ी ट्रेडों में कैसे काम करेंगे। विनिमय दर उद्धृत करने की दो विधियाँ हैं:

1. प्रत्यक्ष मुद्रा उद्धरण

2. अप्रत्यक्ष मुद्रा भाव

प्रत्यक्ष मुद्रा उद्धरण: इस पद्धति में, घरेलू मुद्रा की परिवर्तनीय मात्रा के खिलाफ विदेशी मुद्रा की निश्चित इकाइयां उद्धृत की जाती हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिका में, कनाडाई डॉलर के लिए एक सीधा उद्धरण $ 0.85 = C $ 1 होगा। अब एक बैंक केवल प्रत्यक्ष आधार पर दरों को उद्धृत कर रहा है।

अप्रत्यक्ष मुद्रा उद्धरण: इस पद्धति में, विदेशी मुद्रा की परिवर्तनीय इकाइयों के खिलाफ घरेलू मुद्रा की निश्चित इकाइयों को उद्धृत किया जाता है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में कनाडाई डॉलर के लिए एक अप्रत्यक्ष उद्धरण यूएस $ 1 = सी $ 1.17 होगा।

जापानी येन (जेपीएन) के अपवाद के साथ, दशमलव स्थान के बाद अधिकांश मुद्रा विनिमय दरों को चार अंकों में उद्धृत किया जाता है, जिसे दो दशमलव स्थानों के लिए उद्धृत किया जाता है।

एक मुद्रा या तो चल या तय हो सकती है

क्रॉस करेंसी

यदि अमेरिकी मुद्रा को उसके एक घटक के रूप में मुद्रा के बिना दिया जाता है, तो इसे क्रॉस मुद्रा कहा जाता है। सबसे आम क्रॉस करेंसी जोड़े EUR हैं

बोली और पूछो

वित्तीय बाजारों में ट्रेडिंग, जब आप एक मुद्रा जोड़ी का व्यापार कर रहे हैं तो एक बोली मूल्य (खरीदें) और एक पूछ मूल्य (बेचना) है। ये आधार मुद्रा के संबंध में हैं। बोली मूल्य आधार मुद्रा के संबंध में उद्धृत मुद्रा के लिए बाजार कितना भुगतान करेगा। पूछें मूल्य उद्धृत मुद्रा की राशि को संदर्भित करता है जिसे आधार मुद्रा की एक इकाई खरीदने के लिए भुगतान करना पड़ता है। उदाहरण के लिए: USD

फैलता है और पिप्स

स्प्रेड बोली की कीमतों और पूछ मूल्य के बीच का अंतर है। उदाहरण के लिए EUR

फ़ॉरवर्ड या फ़्यूचर्स मार्केट्स में मुद्रा जोड़े

वायदा बाजार में विदेशी मुद्रा को हमेशा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले उद्धृत किया जाता है। अन्य मुद्रा की एक इकाई को खरीदने के लिए कितने अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता होती है जो मूल्य निर्धारण पर प्रभाव डालती है।

विनिमय दर को प्रभावित करने वाले कारक निम्नानुसार हैं:

उच्च ब्याज दरें

विदेशों में मुद्रा में उच्च ब्याज दर होने से यह अधिक आकर्षक हो जाती है। निवेशक इस मुद्रा को खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि वे उस देश में लोगों को पैसा उधार दे सकते हैं और उच्च दरों द्वारा पेश किए गए अतिरिक्त मार्जिन से लाभ कमा सकते हैं। नतीजतन, उच्च दर मांग को बढ़ाती है, जो एक मुद्रा के मूल्य को बढ़ाती है और इसके विपरीत।

मुद्रास्फीति किसी मुद्रा के मूल्य को प्रभावित करती है। कम मुद्रास्फीति आपको अधिक खरीदने की सुविधा देती है। वास्तव में निवेशक इसे पसंद करते हैं क्योंकि वे उस मुद्रा को खरीदना चाहते हैं जो इसके मूल्य को बढ़ाती है और इसके विपरीत।

अर्थव्यवस्था की ताकत

सरकारी ऋण का स्तर

उच्च सरकारी ऋण, मुद्रा का मूल्य कम करें।

व्यापार की शर्तें

व्यापार की शर्तें एक अनुपात है जो निर्यात कीमतों की तुलना आयात कीमतों से करता है। यदि व्यापार की शर्तों में वृद्धि होती है, तो उस देश की निर्यात वृद्धि की मांग का मतलब है कि इसकी मुद्रा की अधिक मांग है, जिससे इसके मूल्य में वृद्धि होती है और इसके विपरीत।

रेटिंग: 4.65
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 490