ये वो मार्केट है जहा पर एक इन्वेस्टर से दूसरे इन्वेस्टर के बीच में लेन स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है? देन होती है यहां पर कंपनी का कोई रोल नहीं होता है और यह पर प्राइमरी मार्केट से कोई लेन देन नही है यहा पर इन्वेस्टर से इन्वेस्टर के बीच में खरीद बिक्री होती है। जितने भी ट्रेड होते है शेयर पर और शेयर के सप्लाई एंड डिमांड सेकेंडरी मार्केट में ही होते है

बॉन्ड इन्वेस्टर चैलेंज: कम ब्याज परिवेश में पैदावार पैदावार | कम दर और उच्च ऋण की वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, 2016 में बॉन्ड पोर्टफोलियो में निवेश के बारे में विशेषज्ञ सलाह के बारे में इन्वेस्टोपेडिया

NSE क्या है – NSE और BSE में अंतर

NSE भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से विकसित स्टॉक एक्सचेंज है। यह शेयर बाजार में इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता हैं। NSE का बेंचमार्क इंडेक्स (सूचकांक) निफ्टी है। NSE में रजिस्टर कंपनियों में से Top 50 कंपनी को निफ्टी में शामिल किया गया है।

अगर निफ्टी में उछाल आता है तो NSE में रजिस्टर कंपनी की शेयर प्राइस में बढ़ोतरी होती है।अगर निफ्टी में गिरावट आती है तो इसका मतलब होता है कि NSE में रजिस्टर कंपनियों के शेयर प्राइस में गिरावट होती है।

NSE और BSE में अंतर (Difference Between NSE and BSE In Hindi)

NSE और BSE दोनों ही भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं जिसके माध्यम से आप शेयर बाजार में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रेडिंग कर सकते है। NSE और BSE का मुख्यालय मुंबई में स्थित है। ये दोनो ही SEBI के नियमों के अंतर्गत काम करते है।

  1. NSE का पूरा नाम National Stock Exchange है और BSE का पूरा नाम Bombay Stock Exchange है।
  2. NSE की स्थापना 1992 में हुई थी लेकिन BSE की स्थापना 1875 में हुई थी।
  3. BSE भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है लेकिन NSE भारत का दूसरा स्टॉक एक्सचेंज है।
  4. NSE में 1600 से भी अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं जबकि BSE में 5500 से भी अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं।
  5. BSE की ग्लोबल रैंक 10 है वही दूसरी तरह NSE की ग्लोबल रैंक 11 है।
  6. NSE को 1993 में स्टॉक एक्सचेंज के रूप में पहचान मिली जबकि BSE को 1957 में ही स्टॉक एक्सचेंज के रूप में पहचान मिली चुकी थी।
  7. इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम को सबसे पहले NSE ने 1992 में शुरू किया था। वही दूसरी तरफ BSE ने 1995 में इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम की शुरुवात की थी।
  8. NSE का इंडेक्स Nifty है जिसमें टॉप 50 कंपनियों को शामिल किया गया है जबकि BSE का इंडेक्स Sensex है और इसमें 30 टॉप कंपनियों शामिल है।

NSE से सम्बंधित सामान्य प्रश्न

NSE का फुल फॉर्म क्या है?
NSE का फुल फॉर्म National Stock Exchange होता है।

NSE की स्थापना कब हुई थी?
NSE की स्थापना 1992 में हुई थी।

NSE का मुख्यालय कहाँ है?
NSE का मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्रा में स्थित है।

NSE का इंडेक्स क्या है?
NSE का इंडेक्स Nifty है जिसमें Top 50 कंपनिया शामिल है।

क्या मैं सीधे NSE में निवेश कर सकता हूँ.
नही, स्टॉक एक्सचेंज में निवेश करने के लिए स्टॉक ब्रोकर की जरूरत पड़ती है।

NSE की मुद्रा क्या है?
इसकी मुद्रा रुपया है

स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है?

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स्टॉक मार्केट के मूल नियम और अवधारणा

इस कोर्स में स्टॉक मार्केट के जरूरी बातों को बताया गया है। इसके अलावा इस कोर्स में स्टॉक मार्केट के अन्य आवश्यक बातों की चर्चा भी की गयी है | स्टॉक मार्किट में प्रवेश करने वाले नए लोगो के लिए यह कोर्स बहुत उपयोगी होगा |

इस कोर्स को करने के बाद शेयर बाजार के बहुत सारी बातों और तकनीको के बारे में पता चलेगा ।

इस कोर्स के जरिए नए निवेशकों को स्टॉक मार्किट के मूल बातों की पूरी तरीके से जानकारी मिलेगी | इस कोर्स में शेयर मार्किट में विशेष रूप से उपयोग किये जाने वाले शब्दों को सरल तथा आसान तरीके से समझाया गया है | यह कोर्स शुरुआती लोगों और स्टॉक मार्केट में रूचि रखने वाले सभी लोगों के लिए बेहद जरूरी है। इस कोर्स के जरिए हमने शेयर मार्केट के मूलभूत तत्वों को सरल शब्दों में समझाया है।

About the Trainer

FinnovationZ India

Prasad Lendwe’s journey has been about learning from experience and dispensing the same to the masses and people around him. He pursued a Diploma in Electrical Engineering from Veermata Jijabai Technological Institute, Mumbai and later on a B.E in Electrical Engineering. He is a self taught person who has learned and is still learning from real life experiences and resources at hand. Talking about the nuances of stock market investment with the tinge of his personal experience his community (स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है? स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है? FinnovationZ India) grew exponentially, and now is a family of 1.5 million subscribers who love him for his simple and effective explanation about the nitty gritty of the finance world. His journey and efforts have been voluntarily covered by “bloomberg” “NDTV” “Quartz” “Startup Info” to name a few.

Objective

शेयर मार्किट में जो नए निवेशक है या फिर व्यापारी है, उनके लिए यह कोर्स बहुत लाभदायक रहेगा | इस कोर्स के द्वारा नए निवेशक को स्टॉक मार्केट के बारे में समझाने का प्रयास किया गया है। साथ ही रोचक ढ़ंग से स्टॉक मार्केट के बातों को बताकर मार्केट को आसान और सरल तरीके से समझाने की कोशिश की गई है।

यह कोर्स स्टॉक मार्किट के मूल बातों को बहुत ही सरल तरीके से समझाता है| इस कोर्स को करने का सबसे बड़ा फ़ायदा होगा शेयर मार्किट के मूल बातों की जानकारी जो सबसे ज्यादा आवश्यक है | इस कोर्स से स्टॉक मार्केट में थोड़ी भी रुचि रखने वाला व्यक्ति,भी अच्छे से मार्केट के बारे में जानकारी पा सकता है।

Demat Account कैसे खोले?

1. किसी भी bank account में Saving account होना चाहिए :_ क्युकी शेयर खरीदने से पहले आपको अपने डीमैट अकाउंट में पैसा डालना पड़ेगा।
2. पासपोर्ट साइज फोटो व्हाइट पेपर सिग्नेचर और आधार कार्ड वेरिफिकेशन विथ otp ये वेरिफाई तब होता है जब डिपोजिटरी में हम लोग का अकाउंट खुलता है यह पर हमारे शेयर पड़े होते है।
3. किसी ब्रोकर के पास Demat account इसलिए होना चाहिए क्युकी इसमें आप किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदते है फिर वो शेयर आपके एक्सचेंज के डिपोजिटरी में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में सेफ रहता हैं।
4. अगर आप स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है? मार्केट में ट्रेडिंग करना चाहते है तो आपको ट्रेडिंग एकाउंट खोलना पड़ेगा किसी भी ब्रोकर के पास जाकर इसके लिए आपका ब्रोकर आपसे एक छोटी सी फीस लेता है जिसमे आप किसी भी शेयर पे सभी प्रकार की ट्रेडिंग कर सकते हो।

भारत के सबसे बड़े और सबसे मुख्य स्टॉक एक्सचेंज कौन से हैं ?

हमारे भारत के शेयर बाजार को चलाने वाले केवल दो मुख्य स्टॉक एक्सचेंज है

1-BSE- BOMBAY STOCK EXCHANGE

इसका पूरा नाम Bombay stock exchange इसकी स्थापना 1875 में प्रेमचंद्र और रॉयचंद ने की थी ये भारत का सबसे पुराना और एशिया का सबसे पहला और बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है BSE एक्सचेंज दुनिया के 10वे rank पर है
• इसमें 5000 कंपनी से भी ज्यादा लिस्टेड है पर इसमें 30 top companies के लिस्ट को छाट करके sensex के लिस्ट में रखा जाता है
• इसके इंडेक्स को सेंसेक्स कहा जाता है
• इसमें equity,debt,currency, derivative और mutual fund इन सभी की ट्रेडिंग कर सकते है

2-NSE-NATIONAL STOCK EXCHANGE

इसका पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है यहां हमारे भारत का स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है? दूसरा सबसे बड़ा leading stock exchange है इसकी स्थापना नवंबर 1992 में मुंबई में हुई इसके आने से पूरा शेयर मार्केट इलेक्ट्रॉनिक के फॉर्म में बदल गया और सारी ट्रेडिंग स्क्रीन के उप्पर चलने लगी।
• ये भारत का दूसरा सबसे बड़ा और ज्यादा मात्रा में ट्रेडिंग होने वाला एक्सचेंज है
• यह एक ऐसा पहला एक्सचेंज है जो की सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक शेयर और screen based share को लाया था।
• ये सेबी के डेटा के हिसाब से दुनिया का 4 नंबर पर सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है
• इसके लिस्ट में 13 सेक्टर की 50 कंपनिया शामिल है इसलिए इसका index NIFTY50 के नाम से जाना जाता है।
• ये दुनिया का सबसे बड़ा derivative स्टॉक एक्सचेंज है
• इसकी market capitalisation 4 trillion का है यानी की चार लाख करोड़।
• इसमें डेरिवेटिव,करेंसी,इक्विटी और डेब्ट को ट्रेडिंग कर सकते है पर म्यूचुअल फंड की नही कर सकते है
• इसमें 1600 से भी ज्यादा कंपनी लिस्टेड है इसमें 5000 कंपनियों में 50 कंपनियों को स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है? छाट के निफ्टी 50 के लिस्ट में रखा जाता है इसीलिए इसका नाम निफ्टी 50 है
• इसका index nifty 50 हैं

NSE और BSE में क्या अंतर है?

BSE के समय में ट्रेडिंग फिजिकल तरीके से होती थी BSE के समय में शेयर की खरीदी बिक्री में 5 या 6 महीने भी लग जाते थे पर इसके बाद NSE की स्थापना होने के बाद सभी शेयर की ट्रेडिंग और investment को online और electronic फॉर्म में कर दिया गया और अब किसी भी शेयर के खरीद बिक्री में 1 से 2 मिनट में हो जाता है फिर इसी के बाद BSE ने भी 1995 में अपने एक्सचेंज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में कर दिया और trading volume और liquidity की बात करे तो nse में सबसे ज्यादा है और bse मे कम।

अगर ट्रेडिंग की बात करे तो इसके लिए NSE सबसे बेहतर है और इसके software बड़े से बड़े transiction को आराम से संभाल लेता है पर अगर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की बात करे तो BSE सबसे ज्यादा अच्छा है

क्यों कुछ सैकड़ों या हजारों डॉलर में कीमतें हैं, जबकि अन्य बस के रूप में सफल कंपनियों अधिक सामान्य शेयर की कीमतें हैं? उदाहरण के लिए, बर्कशायर हैथवे $ 80, 000 / शेयर से अधिक हो सकता है, जब भी बड़ी कंपनियों के शेयर केवल

क्यों कुछ सैकड़ों या हजारों डॉलर में कीमतें हैं, जबकि अन्य बस के रूप में सफल कंपनियों अधिक सामान्य शेयर की कीमतें हैं? उदाहरण के लिए, बर्कशायर हैथवे $ 80, 000 / शेयर से अधिक हो सकता है, जब भी बड़ी कंपनियों के शेयर केवल

जवाब शेयर विभाजन में पाया जा सकता है - या इसके बजाय, इसका अभाव है सार्वजनिक कंपनियों के विशाल बहुमत स्टॉक विभाजन का उपयोग करने के लिए चुनते हैं, एक विशेष कारक (दो से दो हिस्सों में एक कारक के आधार पर) के बराबर शेयरों की संख्या में वृद्धि और एक ही कारक द्वारा उनकी शेयर की कीमत में कमी। ऐसा करने से, एक कंपनी अपने शेयरों की ट्रेडिंग कीमत उचित मूल्य सीमा में रख सकती है।

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