दरअसल, लेन बदलने या वाहन को मोड़ने के लिए इंडिकेटर देना जरूरी होता है ताकि पीछे से आने वाले वाहनों को संदेश मिल सके कि आगे चल रहा वाहन अपनी लेन बदलने वाला है या फिर मुड़ने वाला है. नोएडा के डीसीपी ट्रैफिक गणेश प्रसाद शाह ने बताया कि जिन हाईवे परे लेन निर्धारित है, वहां अगर कोई व्यक्ति गलत लेन में जाता है या फिर बिना इंडिकेटर दिए असुरक्षित तरीके से लेन बदलता है तो उनका चालान किया जाता है. उन्होंने कहा कि अचानक लेन न बदलें. अगर लेन बदलना जरूरी हो तो पहले सुनिश्चित कर लें कि पीछे से आने वाला कोई अन्य वाहन करीब नहीं है. उन्होंने कहा कि नोएडा ट्रैफिक पुलिस ऐसे लोगों के चालान काट रही है, जो गलत ढंग से लेन बदलते (उन सड़कों पर जहां, लेन निर्धारित है) हैं. इसके साथ ही, लोगों को इस संदर्भ में जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है.
सूचक किसे कहते हैं , indicator in hindi , परिभाषा क्या है
सूचक किसे कहते हैं , indicator in hindi , परिभाषा क्या है , अर्थ मतलब ?
प्रश्न : जीव विज्ञान में सूचक को परिभाषित कीजिये ?
उत्तर : बायोलॉजी में सूचक (indicator) की परिभाषा निम्नलिखित है –
वह पदार्थ जिसका रंग परिस्थितियों के परिवर्तन के अनुसार बदलता है। उदा. चभ् मान जो अम्लीयता और क्षारीयता में हुए परिवर्तनों को दिखलाते हैं। को सूचक कहा इंडिकेटर क्या है? जाता है |
question : what is indicator in hindi in biology ?
answer : indicator definition इंडिकेटर क्या है? / meaning in hindi –
वह पदार्थ जिसका रंग परिस्थितियों के परिवर्तन के अनुसार इंडिकेटर क्या है? बदलता है। उदा. चभ् मान जो अम्लीयता और क्षारीयता में हुए परिवर्तनों को दिखलाते हैं। को indicator (सूचक) कहते हैं |
प्रश्न : सूचक को अंग्रेजी में क्या कहते हैं ?
उत्तर : सूचक को इंग्लिश में “indicator” कहा जाता है | it means indicator meaning in hindi is “सूचक” and definition of सूचक is given above.
Traffic Challan: बिना इंडिकेटर दिए मुड़ने और लेन बदलने पर भी कटेगा भारी चालान, इतना लगेगा जुर्माना
Challan Rules: नोएडा के डीसीपी ट्रैफिक गणेश प्रसाद शाह ने बताया कि जिन हाईवे परे लेन निर्धारित है, वहां अगर कोई व्यक्ति गलत लेन में जाता है या फिर बिना इंडिकेटर दिए असुरक्षित तरीके से लेन बदलता है तो उनका चालान किया जाता है.
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वाहन में दिए गए इंडिकेटर्स का सही से करें इस्तेमाल, दुर्घटना से बचने में मिलेगी मदद
सभी वाहनों में इंडिकेटर्स लगे होते हैं। राइट साइड में मुड़ने पर राइट और लेफ्ट में मुड़ने पर लेफ्ट इंडिकेटर का उपयोग किया जाता है। इससे आपके पीछे या आगे आ रहे वाहनों को पता चलता है कि आप किस तरफ मुड़ने वाले हैं। ज्यादातर लोग इसे इस्तेमाल तो करते हैं लेकिन इसका सही उपयोग करना नहीं जानते हैं। जिस कारण इंडिकेटर्स का उपयोग करने के बाद भी दुर्घटना हो जाती है। जानें इसके उपयोग के सही तरीके।
समय से करें इसका उपयोग
सही समय पर इंडिकेटर्स का उपयोग करना जरूरी है। अन्यथा इसके इस्तेमाल का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। कई लोग ड्राइविंग करते समय इंडिकेटर क्या है? म्यूजिक या बातों के कारण इसे इस्तेमाल करना भूल जाते हैं और जब मोड़ बहुत नजदीक आ जाता है तब सिग्नल देते हैं। इससे पीछे और आगे वाले वाहन का ड्राइवर उनकी योजना समझ नहीं पाता और उस साइड ही मुड़ जाता है, जिस तरफ उन्हें मुड़ना होता है। ऐसे में दुर्घटना होने का डर रहता है।
इंडिकेटर्स का उपयोग करना अच्छे ड्राइवर की आदत में आ जाता है। उन्हें इसका ध्यान रखने की जरूरत नहीं पड़ती है। मोड़ आने पर उनका हाथ तुरंत इंडिकेटर पर चला जाता है। वहीं कई लोगों को लगता है कि इसका उपयोग तभी करना चाहिए, जब कोई अन्य वाहन उनके आसपास हो। इंडिकेटर सिर्फ वाहनों के लिए नहीं होता। सड़क पर पैदल चलने वालों को भी इसका सिग्नल दिया जाता है ताकि उन्हें वाहन की स्थिति को समझने में मदद मिले।
बिना जरूरत के न करें इस्तेमाल
कुछ लोग ऐसे होते हैं जो जरूरत न होने पर भी इंडिकेटर का उपयोग करते हैं या फिर ड्राइविंग करते दौरान बोर होने पर बार-बार इंडिकेटर का इस्तेमाल करने लगते हैं। वो कई बार मजाक-मजाक में यह गलती कर जाते हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बिना कारण इसका इस्तेमाल करने से आपके आगे और पीछे आने वाले वाहनों को कंफ्यूजन हो सकता है। इससे एक बड़ी सड़क दुर्घटना होने का खतरा होता है।
कुछ लोग सोच नहीं पाते हैं कि उन्हें लेफ्ट जाना है या राइट। जिस कारण वे सही साइड का इंडिकेटर इस्तेमाल नहीं करते हैं। उन्हें जाना राइट में होता है और वे लेफ्ट इंडिकेटर का उपयोग करते हैं। इसलिए सोच लें फिर इसका इस्तेमाल करें।
Buffett Indicator ने भारतीय शेयर मार्केट के बारे में दिए चिंताजनक संकेत, जानिए बाज़ार का अनुमान लगाने में कितना कारगर है ये इंडिकेटर
बफेट इंडिकेटर मार्केट कैप और जीडीपी रेशियो का अनुपात है. इसे फीसदी में व्यक्त किया जाता है. (Image- Reuters)
Buffett Indicator: कोरोना महामारी के दौरान दुनिया भर के बाजारों में भगदड़ की स्थिति आ गई थी और बाजार औंधे मुंह गिरे थे. इससे इंडिकेटर क्या है? उबरने के बाद स्टॉक मार्केट नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए. हालांकि कुछ जानकार इस तेजी को लेकर सशंकित हैं कि मार्केट में जिस हिसाब से तेजी आई है, उसी हिसाब से करेक्शन देखने को मिल सकता है. स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले बाजार के जानकार कुछ तरीकों का इस्तेमाल करते हैं जिससे बाजार की चाल का अनुमान लगाया जाता है. ऐसा ही एक तरीका बफेट इंडिकेटर है जिससे बाजार के ओवरवैल्यू, फेयरवैल्यू या अंडरवैल्यू होने का संकेत मिलता है.
Buffett Indicator दे रहा खतरनाक संकेत
बफेट इंडिकेटर मार्केट कैप और जीडीपी रेशियो का अनुपात है. इसे फीसदी में व्यक्त किया जाता है. इस समय यह 118.24 फीसदी पर है जो ओवरवैल्यूड है. बफेट इंडिकेटर को एक इंडिकेटर क्या है? और तरीके से व्यक्त किया जाता है. इसमें मार्केट कैप और जीडीपी व केंद्रीय बैंक के कुल एसेट्स का अनुपात निकाला जाता है. हालांकि इस तरीके से भी भारतीय शेयर मार्केट के लिए बफेट इंडिकेटर 102.86 फीसदी जो कि ओवरवैल्यूड है.
वॉरेन बफेट इंडिटेकर के अधिक होने का मतलब है भारतीय शेयरों की वैल्यू अधिक हो गई है और इसकी तुलना में जीडीपी ग्रोथ इंडिकेटर क्या है? व कंपनियों की कमाई धीमी है. बफेट ने एक बिजनेस पत्रिका ‘फॉर्च्यून’ में इंडिकेटर क्या है? 10 सितंबर 2001 को लिए एक आर्टिकल में जब इसका जिक्र किया था तो कहा था कि यह बाजार की चाल को मापने का सबसे बेहतर इंडिकेटर क्या है? तरीका है. बफेट के मुताबिक अगर मार्केट कैप और जीडीपी का फीसदी रेशियो 70-80% के बीच है तो शेयरों की खरीदारी का बेहतर मौका है लेकिन जब यही रेशियो 200 फीसदी से अधिक पहुंच जाता है तो ऐसे समय में शेयरों में निवेश करना आग से खेलने जैसा है.
इस इंडिकेटर की वजह से बढ़ता है बिजली का बिल, इसकी जगह लगाएं ये चीज
आज के समय में लोग बिजली के बिल को लेके काफी परेशान रहते हैं, सभी यह सोचते हैं कि बिजली का बिल कैसे कम किया जाए। आज हम आपको बिजली का बिल करने का एक काफी आसान तरीका बताने वाले हैं। दोस्तों आपने देखा होगा कि हमारे घर में स्विच बोर्ड्स होते हैं और इंडिकेटर क्या है? उनपे इंडीकेटर्स लगे होते हैं।
ये इंडिकेटर हमे लाइट के होने या न होने के बारे में बताते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये आपके बिल को बढ़ाने का एक कारण हैं। जी हाँ, हम अक्सर इसके बारे में नहीं सोचते और ये इंडिकेटस 24 घंटे चलते रहते हैं जिसके कारण बिजली की खपत होती है। लेकिन आपको बता दें कि आप इन इंडीकेटर्स को बिना हटाए इनका एक हल कर सकते हैं।
ये हल करने के बाद ये इंडीकेटर्स भी चलते रहेंगे और आपकी बिजली की खपत भी कम होगी। आपको सिर्फ एक या रुपए का खर्चा करके इस इंडिकेटर को बदल देना है। ऐसे करीब 8 से 10 इंडिकेटर हमारे घर में लगाए गए होते हैं। यानि कि जितने स्विच बोर्ड होंगे उतने ही इंडीकेटर्स होंगे। इस इंडिकेटर क्या है? इंडिकेटर को बदलने के लिए सबसे पहले आपको अपने घर की बिजली बंद कर देनी है यानि कि MCB डाउन कर दें। इन्वर्ट वगेरा भी बंद कर दें।
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