Reasons for boom in stock market : विदेशी निवेशकों और चीन के चलते आ रही शेयर बाजार में तेजी
भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है?
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FPI Investment: विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार पर जताया भरोसा, दिसंबर में अब तक ₹10,555 करोड़ का निवेश
By: ABP Live | Updated at : 18 Dec 2022 10:33 PM (IST)
एफपीआई निवेश (Pic : Twitter)
FPI Investment December 2022 India Stock Market : एक बार फिर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investor) का रुझान भारतीय इक्विटी बाजार (Equity Markets) की तरफ दिख रहा है. एफपीआई (FPI) ने दिसंबर में अब तक भारतीय शेयर बाजारों में 10,555 करोड़ रुपये का निवेश किया है. वही नवंबर में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 36,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था. मालूम हो कि अमेरिका में महंगाई में नरमी और तेल के दामों में काफी स्थिरता देखी जा रही है.
इंडेक्स में डॉलर हुआ कमजोर
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने भारत में 1 से 16 दिसंबर 2022 के बीच 10,555 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. इसके पीछे वजह डॉलर इंडेक्स का कमजोर पड़ना और काफी हद तक पॉजिटिव व्यापक भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है? आर्थिक रूझान हैं.
वही नवंबर माह में विदेशी निवेशकों ने 36,239 करोड़ रुपये की लिवाली की थी. अक्टूबर माह में शेयरों से 8 करोड़ रुपये निकाले थे. सितंबर में भी उन्होंने 7,624 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे.
अब तक इतना पैसा निकाला
विदेशी निवेशकों द्वारा फाइनेंशियल में जमकर दांव लगाया जा रहा है. निवेशक ज्यादतर कैपिटल गुड्स और टेलीकॉम सेक्टर में पैसा लगा रहे हैं. वही दूसरी ओर 2022 में अब तक विदेशी निवेशकों की ओर से भारतीय बाजारों से 1.22 लाख करोड़ रुपये निकाला जा चुका हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए लंबे समय तक ब्याज दरों को ऊंचा रखने पर जोर दिया है. भारत को छोड़कर फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, ताइवान, थाईलैंड और इंडोनेशिया समते सभी उभरते बाजारों में दिसंबर में अब तक एफपीआई प्रवाह नकारात्मक रहा है. विदेशी पूंजी का फ्लोज ग्लोबल घटनाक्रमों पर निर्भर करेगा. डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बांड का प्रतिफल अमेरिका में महंगाई के स्तर पर निर्भर करेगा.
Published at : भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है? 18 Dec 2022 10:33 PM (IST) Tags: Equity Capital sensex nifty Foreign Portfolio investor भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है? Stock Market FPI US Inflation Fed Geojit Geojit Financial Services FPI Invest Moderating हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है?
10 लाख रूपये तक अर्जित किए गए ब्याज पर टीडीएस दर- 30.90%
10 लाख रूपये से अधिक अर्जित किए गए ब्याज पर टीडीएस दर- 33.99% अधिभार शुल्क सहित
- दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियों (धारक प्रतिभूतियों के अतिरिक्त), कोषागार बिलों, घरेलू म्यूचुअल फंडों में
- पीएसयू (PSUs) द्वारा जारी बॉन्डों में
- भारत सरकार द्वारा विनिवेशित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के शेयरों में ऐसे निवेशों के लिए निधि विदेशी प्रेषण अथवा एनआरआई/एफसीएनआर खातों के माध्यम से प्राप्त होनी चाहिए.
- निवेशी कंपनी, भारतीय रिर्ज़व बैंक के स्वचालित माध्यम के अतिरिक्त किसी अन्य गतिविधि में संलग्न न हो
- निवेश भारतीय रिर्ज़व बैंक के विनिर्दिष्टानुसार सेक्टरवार सीमाओं के अंतर्गत हो
- निवेशों के लिए निधियां, विदेशी आंतरिक प्रेषण के माध्यम से या एनआरई/एफसीएनआर खातों के माध्यम से प्राप्त हुई हो.
- विनिवेश राशि के आगम किसी शेयर दलाल के माध्यम से प्रचलित बाजार मूल्य पर किसी मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा भारतीय करों को काटकर भेजी जानी हो.
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Mutual Funds Investment Rules: म्यूचुअल फंड्स में निवेश के बदले नियम, जानें- आपके निवेश पर क्या होगा इसका असर?
Updated: July 1, 2022 4:26 PM IST
Mutual Funds Investment Rules Changed From 1 July 2022: अभी तक म्यूचुअल फंड्स में जो निवेश किए जाते थे, उसके लिए पैसे आपके खाते से ठीक उसी तरह से काटे जाते थे, जिस तरह से स्टॉक्स में निवेश करने पर डीमैट भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है? खाते से पैसे काटे जाते हैं. लेकिन, आज से, म्यूचुअल फंड लेनदेन के लिए स्टॉक ब्रोकरों द्वारा किसी भी रूप या तरीके से फंड और/या यूनिट्स की पूलिंग बंद कर दी जाएगी.
निवेशकों पर क्या होगा इसका असर?
नए नियमों के तहत अब निवेशकों के ट्रेडिंग अकाउंट का इस्तेमाल म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए नहीं किया जा सकेगा. पैसा सीधे निवेशक के बैंक खाते से फंड हाउस के बैंक खाते में जाएगा. इसलिए, यदि कोई म्यूचुअल फंड (MF) खरीदना चाहता है, तो उन्हें एएमसी को सीधे बैंक खाते से भुगतान करना होगा. इसी तरह, म्यूचुअल फंड को भुनाने के बाद, क्रेडिट निवेशक के डीमैट खाते से जुड़े बैंक खाते में आ जाएगा.
निवेशकों को अपनी सभी व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIP) के लिए सीधे अपने बैंक खाते से एक जनादेश स्थापित करने की आवश्यकता होगी, क्योंकि प्लेटफार्मों को सभी एसआईपी के लिए निवेश के एएमसी एसआईपी मोड में स्थानांतरित करना होगा.
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में, सेबी ने एक सर्कुलर जारी किया था जो 1 अप्रैल, 2022 से म्यूचुअल फंड के लिए फंड की पूलिंग की अनुमति नहीं देता है, और समय सीमा को बाद में 1 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था. समय सीमा में विस्तार कुशल प्रौद्योगिकी ओवरहाल और सेवा के लिए इसके सुचारू संक्रमण की सुविधा के लिए था. एसआईपी लेनदेन में विफल होने की कई शिकायतों के बाद निवेशक की जरूरत भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है? है.
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Reasons for boom in stock market : विदेशी निवेशकों और चीन के चलते आ रही शेयर बाजार में तेजी
अब 19,000 का लेवल छुएगा निफ्टी
शेयरखान के तकनीकी अनुसंधान प्रमुख गौरव रत्नापारखी ने कहा, 'पिछले कुछ सत्रों से 18600 से 18700 के बीच कंसोलिडेट रहने का बाद निफ्टी ने आज 18700 अंक के अवरोध को पार कर लिया है। 18700 के इस अवरोध को पार करते ही इंडेक्स में ताजा मोमेंटम बनता दिख रहा है।' उन्होंने आगे कहा, 'हावरली और डेली अपर बोलिंगर बैंड प्राइस एक्शन के साथ एक्सपेंड हुआ है। इसने आज बुल्स की मदद की। इस तरह निफ्टी ऊपर की ओर 19,000 का लेवल (Nifty Target) छूने को तैयार है। वहीं नीचे का स्तर देखें, तो 18700 से 18600 अब निफ्टी के लिए शॉर्ट टर्म बेस बन गया है। इस शॉर्ट टर्म बुलिश स्थिति के लिए रिवर्सल इस सपोर्ट जोन के नीचे देखा जा सकता है।'
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विदेशी निवेशकों की खरीदारी जारी
इस बीच, विदेशी निवेशकों ने घरेलू बाजारों में खरीदारी का सिलसिला जारी रखा है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई (FII) ने मंगलवार को 1,241.57 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की। विदेशी बाजारों की बात करें, तो एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त के साथ बंद हुआ। जबकि जापान के निक्की में गिरावट रही। यूरोप के शेयर बाजारों में दोपहर के सत्र में बढ़त दर्ज की गई। अमेरिकी बाजारों में मंगलवार को मिला-जुला रुख रहा था।
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